क्या व्हाइट फंगस , ब्लैक फंगस से ज्यादा खतरनाक है? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर्स
देशभर में ब्लैक फंगस का कहर लगातार बढ़ रहा है। इस बीच एक और खतरे ने भारत में दस्तक दे दी है। यह हमारे फेफड़ों के साथ-साथ दिमाग, अमाशय, स्किन, नाखून, मुंह का अंदरुनी हिस्सा, आंत, किडनी और गुप्तांग जैसे अंग पर बुरा असर डाल सकता है। अब सवाल यह है कि क्या वाकई में ब्लैक फंगस से खतरनाक होता है व्हाइट फंगस ? चलिए इस बारे में जानते हैं एक्सपर्ट की क्या है राय?
व्हाइट फंगस पर क्या है डॉक्टर्स की राय?
चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अभिनव सिंह के अनुसार व्हाइट फंगस को मेडिकल भाषा में Candidiasis कहते हैं। यह फंगस हम सभी के शरीर में सामान्यतौर पर रहता ही है। लेकिन जब बॉडी की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, तो हमारे शरीर को प्रभावित करने लग जाता है। डॉक्टर अभिनव का कहना है कि यह ब्लैक फंगस से अधिक खतरनाक नहीं है। ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस की तुलना में हमारे शरीर में काफी तेजी से ग्रो करता है।
मेदांता हॉस्पिटल के चेस्ट सर्जन डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि व्हाइट फंगस लंग्स पर भी इफेक्ट करता है। हर तरह का फंगस लंग्स पर इफेक्ट करता है। पहले भी करता था और आज के समय भी करता है। ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस की तुलना में अधिक खतरनाक होता है। क्योंकि ब्लैक फंगस तेजी से शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित करता है। लेकिन व्हाइट फंगस इस तरह का प्रभाव नहीं करता। ऐसे में ब्लैक फंगस ही ज्यादा घातक है। क्योंकि ब्लैक फंगस ज्यादा अग्रेसिव किस्म का फंगस है और बहुत ही तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेता है और अधिकतर दवाइयां इसपर काम नहीं करती हैं। केवल एंफोटेरेसिन इसपर काम करती हैं। डॉक्टर अभिनव का कहना है कि स्किन की बात की जाए, तो मुंह के हिस्से पर इसका ज्यादा असर दिखता है। वहीं, शरीर के जिस हिस्से पर नमी रहती है वहां पर इसका ज्यादा असर दिखता है।
व्हाइट फंगस लंग्स पर कैसे डालता है असर?
डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि व्हाइट फंगस सांस के जरिए लंग्स में जाकर फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है। इससे मरीज को निमोनिया हो सकता है। लंग्स में फंगल बॉल्ब बन सकते हैं। इस तरह से फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है। डॉक्टर अभिनव का कहना है कि व्हाइट फंगस को लोग इसलिए ज्यादा खतरनाक बोल रहे हैं क्योंकि इससे डिटेक्ट करना थोड़ा मुश्किल होता है। अन्य फंगस इंफेक्शन होने पर तेजी से बुखार आने लगता है, जिसे इटेक्ट करना आसान है। लेकिन व्हाइट फंगस में इस तरह के लक्षण नहीं दिखते हैं। इसलिए इसका इलाज थोड़ा लेट शुरू हो पाता है। इसलिए इलाज में थोड़ी परेशानी आती है।
व्हाइट फंगस के लक्षण
डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि व्हाइट फंगस के लक्षण काफी देर से सामने आते हैं। जब इस फंगस से फेफड़े संक्रमित होते हैं, तो आपके शरीर में निम्न तरह के लक्षण दिख सकते हैं-
मरीज को खांसी होना।
हल्का बुखार होना।
सांस फूलना
निमोनिया के सभी लक्षण मरीज में दिख सकते हैं।
व्हाइट फंगस होने के कारण
डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि सभी फंगस हवा में मौजूद होते हैं, ऐसे में जब हम सांस लेते हैं तो यह सभी फंगस हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। लेकिन शरीर की इम्यूनिटी इन फंगस को पैर जमाने से रोकती है। इन दिनों लोगों को कई तरह की समस्याएं हो रही हैं, इसलिए यह फंगस लोगों के सामने उभरकर आ रहे हैं। इसके अलावा कुछ अन्य कारण निम्न हैं- शरीर पर नमी, इम्यूनिटी कमजोर होना, स्टेरॉयड का अधिक इस्तेमाल, डायटीबिटज होना, लंबे समय तक एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करना
कितना है गंभीर व्हाइट फंगस?
समय पर हैवी एंटीफंगल डोज नहीं दिया गया, तो यह घातक भी हो सकता है। शरीर में व्हाइट फंगस ज्यादा बढऩे से खाने की नली पर असर पड़ता है। डॉक्टर अभिनव सिंह बताते हैं कि जब यह हमारे ब्लड में इन्वॉल्व होता है, तो इसका असर दिमाग और किडनी पर भी दिखता है। इतना ही नहीं, इससे लंग्स भी संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन ब्लैक फंगस की तरह जल्दी ग्रो नहीं करता है।
डॉक्टर अरविंद कुमार का व्हाइट फंगस के बारे में कहना है कि ब्लैक फंगस का अगर सही समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह बहुत सारे मरीजों की जान ले सकता है। लेकिन व्हाइट फंगस अन्य फंगस के मुकाबले कम घातक है। किसी भी इंफेक्शन का अगर आप समय पर इलाज नहीं कराते हैं, तो यह आपके लिए घातक हो सकता है।
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