राई का इस समय करें सेवन, सांस की तकलीफ से मिलेगी राहत
अचार से लेकर साउथ इंडियन खाने में राई का काफी इस्तेमाल किया जाता रहा है. इसे आमतौर पर खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए व्यंजनों में डाला जाता है. लेकिन आयुर्वेद के मुताबिक, राई के प्रयोग से कफ-पित्त दोष को संतुलित किया जा सकता है. राई में कई औषधीय गुण होते हैं, जो त्वचा के रोग, पेट के रोग, बवासीर व गठिया जैसी कई समस्याओं में लाभदायक होते हैं. आइए राई के चमत्कारिक फायदे जानते हैं.
राई के इस्तेमाल से होने वाले फायदे
काली राई का पौधा होता है, जिसपर पीले रंग के फूल आते हैं. इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों की भरमार होती है. आइए इसके फायदे जानते हैं.
अगर आप सिरदर्द से परेशान रहते हैं, तो राई को पीसकर माथे पर लगाएं. इससे सिरदर्द में लाभ मिलता है.
आप राई का काढ़ा बनाकर उससे बाल धो सकते हैं. जिससे सिर में जूं, फुंसी व खाज-खुजली आदि से राहत मिलती है.
अगर आपको उल्टी आ रही है, तो आप राई और कपूर को पीसकर थोड़ा गर्म कर लें. इसके बाद इसे पेट पर लगाएं, उल्टी से आराम मिल जाएगा.
राई का प्रयोग आपका पाचन सही करता है. आप 1-2 ग्राम राई के साथ शक्कर मिलाकर खा लें. इसके बाद आधा कप पानी पी लें. अपच या पेट दर्द से राहत मिल जाएगी.
गठिया या अन्य कारण से होने वाली सूजन को कम करने के लिए आप राई और कपूर का लेप लगाएं. इससे दर्द और सूजन में राहत मिलेगी.
अगर आपको त्वचा पर खुजली, दाद या फिर अन्य स्किन प्रॉब्लम्स हैं, तो आप राई के आटे को गाय के घी में मिलाकर त्वचा पर लगाएं. इससे राहत प्राप्त होगी.
अगर शरीर में किसी जगह खून जम गया है, तो आप राई के तेल से मालिश करें. ऐसा करने से खून का जमाव खत्म हो जाएगा.
अगर आपके बच्चे को खांसी परेशान कर रही है, तो आप उनकी छाती पर राई के तेल से मालिश कर सकते हैं.
अगर आप जुकाम या नाक बहने से परेशान हो रहे हैं, तो राई का फायदा उठाएं. आप राई के तेल से पैरों और तलवों की मालिश करें. इससे जुकाम व नाक बहने की समस्या कम होती है.
सांस की तकलीफ में आप 500 मिलीग्राम राई के चूर्ण में घी और शहद मिलाकर सुबह-शाम खाएं. इससे आपको सांस और फेफड़ों के रोगों में आराम मिलता है.
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