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त्वचा को बेदाग और झुर्रियों रहित बनाना चाहते हैं, तो करें इस तेल का इस्तेमाल.....
आयुर्वेद में काफी लंबे समय से कुमकुमादि तेल का इस्तेमाल किया जाता है। यह हमारी त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद है। कुमकुमादि तैलम को कुमकुमादि तेल कहते हैं। यह एक आयुर्वेदिक औषधि में से एक है।  कुंकुमादि प्राचीन औषधीय है, जिसका वर्षों से इस्तेमाल किया जा रहा है। यह 26 तरह के हर्बल से तैयार औषधीय तेल है।  कुंकुमादि तेल का इस्तेमाल चेहरे को गोरा बनाने, झुर्रियों को हटाने और दाग-धब्बों को दूर करने के लिए किया जाता है। 
 किस तरह से तैयार होता है कुमकुमादि तेल 
कुंकुमादि तेल को तैयार करने के लिए लगभग 26 तरह के जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं इसमें इस्तेमाल करने वाली जड़ी-बूटियां- चंदन, लाक्षा, केसर, मंजिष्ठा, लीकोरिस , मधुका, कालियाका-बर्बेरिस एरिस्टाटा  , गोक्षुरा, शलपरनी, पाताल, गांभरी, प्रिंशनपर्णी, इंडियन लोटस, जावा अंजीर, इंडियन लैम्पस, बरगद और तिल का तेल, बकरी का दूध आदि। 
 कैसे करें कुंकुमादि तेल का उपयोग  
कुंकुमादि तेल में पोषक तत्व और औषधीय गुण भरपूर होता है। इसलिए इसका इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करें। कुंकुमादि तेल का इस्तेमाल करने के लिए कुछ विशेष निर्देश दिए जाते हैं। 
-इसका इस्तेमाल सिर्फ बाहरी हिस्से में किया जाता है।  तेल का इस्तेमाल करने से पहले अपने हाथों और चेहरे को अच्छी तरह धोएं।  अपनी उंगलियों में तेल को लगभग 10-15 मिनट के लिए गोलाकार मालिश करें।  अच्छे रिजल्ट के लिए रात के समय तेल से मालिश करें।  नियमित रूप से दिन में 2 बार इस तेल का इस्तेमाल करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।  तेल को कम से कम 1 से 2 घंटा अपने फेस पर लगाएं।  अगर आपको इस तेल से एलर्जी है, तो तेल का इस्तेमाल ना करें। 
 सूजन के लिए कुमकुमादि तेलम के लाभ   
कुमकुमादि तेल में अधिकतर ऐसी जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें एंटी-इंफ्लामेटरी का गुण पाया जाता है। अगर आप इस तेल के साथ बकरी के दूध का इस्तेमाल करके लगाते हैं, तो इससे आपको सूजन की समस्या दूर होगी है।  इसके इस्तेमाल से गठिया का दर्द और सूजन की समस्या से भी राहत मिलता है। 
 प्रतिरक्षा को बढ़ाए कुंकुमादि तेल 
कुंकुमादि तेल में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भरपूर रूप से होता है। इसमें  गांभरी  नामक तत्व होता है। इसके इस्तेमाल से आपके शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति बेहतर होती है। कुमकुमादि तेल में ल्यूटोलिन और बेंजोइक एसिड नामक तत्व होता है। कुमकुमादि तेल में तिल का तेल मिलाया जाता है, जिसमें फैटी एसिड और विटामिन ई भरपूर रूप से होता है, जो हानिकारक फ्री रेडिकल्स से स्किन की कोशिकाओं का बचाव करते हैं। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करने से आपकी कोशिकाओं को पुनर्जीवित होने में मदद मिल सकता है। 
 हाइपरपिग्मेंटेशन दूर करे कुमकुमादि  
नियमित रूप से कुमकुमादि तेल का इस्तेमाल करने से हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या से राहत मिलता है। इससे स्किन की गहराई से सफाई होती है। इसके इस्तेमाल से अन्य क्रीम और तेलों की तुलना में चेहरे की सफाई गहराई से साफ होती है। यह आपके स्किन के छोटे और बड़े हिस्से को प्रभावित करता है। 
  प्राकृतिक सनस्क्रीन  
यह हमारी स्किन के लिए नैचुरल सनस्क्रीम की तरह काम करता है। इसमें विटामिन ई सहित कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, तो हमारी स्किन के लिए अच्छे होते हैं।  एंटीऑक्सीडेंट भी इसमें उच्च मात्रा में होते हैं, सूर्य की हानिकारक किरणों से आपकी स्किन का बचाव करते हैं। 
 कुमकुमादि तेल के नुकसान  
कुमकुमादि तेल के इस्तेमाल से आपके स्किन का दाग-धब्बा दूर हो सकता है। लेकिन ऑयली स्किन वालों के लिए ठीक नहीं होता है। इसके इस्तेमाल से त्वचा तैलीय हो सकती है और इसका इस्तेमाल त्वचा पर ज्यादा देर तक ना करें। 
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