गैस, एसिडिटी, कब्ज और अपच से परेशान हैं तो भोजन में शामिल करेंं ये कंद.....
जिमीकंद या सूरन की सब्जी छत्तीसगढ़ में भी खूब चाव से खाई जाती है। इसका अचार और चटनी भी काफी स्वादिष्ट होती है। यह एक ऐसा कंद है जिसे साल भर तक स्टोर करके रखा जा सकता है। आइये आज हम जानते हैं कि फाइबर से भरपूर जिमीकंद में और क्या- क्या पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
जिमीकंद में मौजूद पोषक तत्व -फाइबर, विटामिन सी, विटामिन बी6 , विटामिन बी1 , फोलिक एसिड, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम , कैल्शियम, फॉस्फोरस, एंटीऑक्सीडेंट, बीटा कैरोटीन, प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट , जिंक, वसा।
जिमीकंद के फायदे
जिमीकंद खाने से सेहत को कई फायदे मिल सकते हैं। इसके सेवन से आप अपनी मेमोरी पावर बढ़ा सकते हैं। साथ ही जिमीकंद के सेवन से खून की कमी भी दूर होती है।
इम्यूनिटी बढ़ाए
जिमीकंद का सेवन अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी पाया जाता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार होता है।
पेट के रोगों में लाभकारी
अगर आप पेट में गैस, एसिडिटी, कब्ज और अपच से परेशान हैं, तो ऐसे में जिमीकंद का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। इसके उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पेट के सभी रोगों को दूर करने में लाभकारी होता है। पेट के रोगों में इसके जड़ का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है।
कैंसर से करे बचाव
जिमीकंद में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और बीटा कैरोटीन पाया जाता है। यह कैंसर पैदा करने वाले फ्री रैडिकल्स से लडऩे में सहायक होता है।
हीमोग्लोबिन बढ़ाए
अगर आपके शरीर में खून की कमी है तो जिमीकंद का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसमें काफी अधिक मात्रा में आयरन पाया जाता है, जो शरीर से खून की कमी को दूर करता है।
जिमीकंद के अन्य फायदे
- जिमीकंद में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, तो गठिया और अस्थमा के रोगियों के लिए लाभकारी हो सकता है।
- यह शरीर में ब्लड फ्लो को तंदुरुस्त रखता है। ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में भी जिमीकंद मदद करता है।
- जिमीकंद में विटामिन बी6 काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- यह ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखता है।
- इसमें फाइबर पाया जाता है, जो वजन कम करने या कंट्रोल करने में मदद करता है।
- पाचन क्रिया को दुरुस्त करने के लिए जिमीकंद का सेवन किया जा सकता है।
(नोट-गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही जिन लोगों को स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम होती है, वे भी इसका सेवन करने से बचें। इसका सेवन हमेशा सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, ज्यादा मात्रा में इसे खाने से नुकसान भी हो सकता है।)
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