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ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलिकॉप्टर क्रैश में हुई मौत, कुल 9 लोग थे सवार

 अजरबैजान। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी  और देश के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन का आज  निधन हो गया है। हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुए राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और अन्य लोगों के शव दुर्घटनास्थल से मिल गए हैं। बता दें कि दोनों नेता ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत में यात्रा कर रहे थे और उस दौरान काफी घने कोहरे की वजह से विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।  विमान में कुल 9 लोग सवार थे ।
 आज सुबह ही रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही टीम ने बताया था कि ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को ले जाने वाला क्रैश्ड हेलीकॉप्टर का मलबा मिल गया है मगर वहां ‘जीवन का कोई संकेत नहीं दिखाई देता है’। सरकारी मीडिया ने कहा कि ईरानी आपातकालीन दल ने पहले दुर्घटनास्थल का पता लगाया और  यह स्थान उत्तर पश्चिमी ईरान में ताविल गांव के पास है।
 बता दें कि कल यानी 19 मई को राष्ट्रपति रईसी देश के विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी के साथ पूर्वी अजरबैजान प्रांत में यात्रा कर रहे थे। वे तीन हेलीकॉप्टरों के एक दल में अजरबैजान की सीमा पर एक कार्यक्रम से लौट रहे थे जब उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दौरान कोहरा काफी घना था।  क्रैश की सूचना मिलने के बाद से ही रेस्क्यू टीम जोरों-शोरों से सर्च ऑपरेशन चलाने लगी लेकिन घरे कोहरे की वजह से ही बचाव टीमों के लिए हालात मुश्किल हो गए थे। मगर आज सुबह बचावकर्मियों को हेलीकॉप्टर का मलबा मिला और इसके कुछ ही देर बाद अब खबर आ गई कि 63 वर्ष की उम्र में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री का निधन हो गया है।
 रईसी का निधन ऐसे समय हुआ है जब इजराइल के साथ देश का विवाद चल रहा है। ईरान ने पिछले महीने अप्रैल में इजराइल पर एक करीब 300 ड्रोन और 100 के करीब मिसाइलों से हमला किया था। ईरान को आशंका थी कि इजरायल ने उनके दूतावास पर हमला किया है। बता दें कि ईरान समर्थित हमास के साथ इजराइल का युद्ध भी अब सातवें महीने में पहुंच चुका है।
  ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी अपनी 60 साल की उम्र के दौरान एक कट्टर मौलवी थे। उन्होंने 2021 में राष्ट्रपति चुनाव जीता था और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) के उत्तराधिकारी के रूप में पसंदीदा के रूप में देखा गया था। 1988 में खूनी ईरान-इराक युद्ध के अंत में हजारों राजनीतिक कैदियों की सामूहिक फांसी में शामिल होने के कारण रईसी पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है।
 इसके अलावा ईरान का यूरेनियम संवर्धन भी हथियार बनाने के लिए आवश्यक स्तर के करीब पहुंच गया है। इसकी वजह से देश और पश्चिमी देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। तेहरान ने यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को बम ले जाने वाले ड्रोन की आपूर्ति भी की और पूरे क्षेत्र में सशस्त्र मिलीशिया समूहों को भी भेजा।
 ईरान को खराब अर्थव्यवस्था और महिला अधिकारियों को लेकर उसके शिया धर्मतंत्र के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन का सामना भी करना पड़ा है जिससे मद्देनजर इस हादसे के परिणाम तेहरान और देश के भविष्य के लिए कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं।

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