मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का निधन-पीएम सहित सीएम भूपेश बघेल और अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि दी
भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर का सुबह निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
श्री गौर को सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से कुछ दिन पहले भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। मंगलवार देर रात से ही उनकी हालत और बिगड़ती गई। उनका ब्लड प्रेशर कम होता गया और पल्स रेट भी गिरता गया। उन्हें लगातार लाइफ सपॉर्ट सिस्टम पर रखा गया था। उनकी किडनियों ने भी काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टरों के अनुसार वे वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे । बताया जा रहा है कि जब से श्री गौर ऐंजिओप्लास्टी कराकर लौटे तभी से उन्हें काफी कमजोरी हो गई थी। उनकी तीन नसें ब्लॉक बताई गई थीं इसलिए अधिक उम्र के बावजूद उनका ऑपरेशन करना पड़ा।
वर्ष 2004 में उमा भारती के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद मध्यप्रदेश की कमान बाबूलाल गौर को मिली थी। 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक वे मप्र के मुख्यमंत्री रहे थे। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा फिर सत्ता में आई और उन्हें मंत्री बनाया गया। वे 1974 से 2013 तक दक्षिण भोपाल और गोविंदपुरा सीट से लगातार 10 बार विधायक रहे थे, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। जून 2016 में भाजपा आलाकमान ने उम्र का हवाला देकर गौर को मंत्री पद छोडऩे के लिए कहा था। पार्टी के इस निर्णय से वे स्तब्ध और दुखी थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा न तो उन्हें टिकट देना चाहती थी न उनकी पुत्रबधू कृष्णा को। गौर ने बगावती तेवर अपना लिए और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी। आखिरकार भाजपा ने कृष्णा गौर को टिकट दिया और कृष्णा को इस सीट पर जीत मिली।
2 जून 1930 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में बाबूलाल गौर का जन्म हुआ था। राजनीति में आने से पहले श्री गौर ने भोपाल की पु_ा मिल में मजदूरी करते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की। भेल में नौकरी करने के दौरान वे कई श्रमिक आंदोलनों से जुड़े। वे भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक सदस्य भी रहे। स्कूली दिनों से ही बाबूलाल गौर संघ की शाखा जाया करते थे। वे गोआ मुक्ति आंदोलन में भी शामिल हुए थे जिसके कारण मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का सम्मान प्रदान किया गया था।
नेताओं ने ट्विटर पर भी दी श्रद्धाजंलि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबूलाल गौर को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- बाबूलाल गौरजी का लम्बा राजनीतिक जीवन जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित था। जनसंघ के समय से ही उन्होंने पार्टी को मजबूत और लोकप्रिय बनाने के लिए मेहनत की। मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में मध्य प्रदेश के विकास के लिए किए गए उनके कार्य हमेशा याद रखे जाएंगे। बाबूलाल गौरजी के निधन से गहरा दुख हुआ। ईश्वर शोक संतप्त परिवार को दुख की इस घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने गौर साहब के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन की ख़बर सुनकर दुख हुआ. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति औऱ परिवार को दुख सहने की शक्ति दे।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने श्री गौर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा-पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का निधन मध्य प्रदेश की राजनीति से एक ऐसे व्यक्ति का चले जाना है जो दलीय राजनीति से ऊपर प्रदेश के एक सर्वमान्य नेता थे। प्रदेश विशेषकर भोपाल के विकास के लिए उनकी चिंता हमेशा रहती थी. ईश्वर उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति दे।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने ट्वीट संदेश में कहा-मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर जी के निधन का समाचार दु:खद है। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। साथ ही शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, मध्यप्रदेश की राजनीति में एक युग की समाप्ति। बीजेपी के आधार स्तंभ, पूर्व मुख्यमंत्री, हमारे मार्गदर्शक व जन-जन के नेता श्री बाबूलाल गौर के निधन से दुखी हूं। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें व परिजनों को इस गहन दुख को सहने की क्षमता प्रदान करें।
शिवराज ने दूसरे ट्वीट में लिखा, आदरणीय बाबूलाल गौर को सत्य के लिए लडऩे वाले सिपाही और मजदूरों, गरीबों व कमजोर वर्ग के हितों के रक्षक के रूप में सदैव याद किया जायेगा। गोवा मुक्ति आंदोलन से लेकर आपातकाल तक में पुलिस की लाठियों का निडरता से सामना करने वाले नायक युगों-युगों तक हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, बाबूलाल गौरजी के देहांत से मुझे गहरा दुख हुआ। राजनीतिक जीवन में हम दो ध्रुवों पर रहे लेकिन व्यावहारिक रूप से वह मेरे दिल के बेहद करीब थे। जब भी मिले पूरी गर्मजोशी के साथ मिले। जो भी किया पूरी ईमानदारी से किया। गौर साहब के जाने से मैंने एक राजनीतिक साथी खो दिया। श्रद्धांजलि !
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने ट्वीट में कहा-भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सदस्य व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर जी के देहांत से हृदय को गहरा दु:ख पहुंचा है। संगठन को सशक्त करने में उनका योगदान अतुलनीय रहा है, मैं ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिजनों को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।
छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने भी ट्वीट कर बाबूलाल गौर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा-म.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता आ. बाबूलाल गौर जी का अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। मुख्यमंत्री के रूप में म.प्र.के विकास के लिए किये गए कार्य सदैव याद रहेगा।ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करे एवं शोक संतप्त परिवार को यह दु:ख सहन करने की शक्ति दे।
वहीं नेता प्रतिपक्ष धर्मलाल कौशिक ने एक बयान जारी कर श्री गौर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा- हमने एक कर्मयोगी कार्यकर्ता के रूप में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल गौर खोया है। उनका समूचा जीवन समाज में अन्त्योदय के स्थापना के लिये समर्पित रहा है। मंत्री के तौर पर उनका कार्य सबके लिये अनुकरणीय रहा है। हर युग में स्व. गौर कुशल संगठक के रूप में याद किये जायेंगे। उनके निधन से हम सब को अपूरणीय क्षति हुई है।
मध्यप्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के निधन पर राज्य में 3 दिन का राजकीय शोक और आज आधे दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
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