मन की बात कार्यक्रम में श्री मोदी ने कहा- देश के युवा स्टार्टअप से लेकर खेल जगत में नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं
नई दिल्ली |प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में अंतरिक्ष के क्षेत्र में देश ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। इनमें से एक उपलब्धि इन-स्पेस नाम की एजेंसी का निर्माण है। यह एजेंसी भारत के निजी क्षेत्र के लिए नए अवसरों को प्रोत्साहन दे रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस शुरूआत ने विशेष रूप से देश के युवाओं को आकर्षित किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कुछ वर्ष पहले तक अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप की संख्या बहुत कम थी जो अब सौ से भी ज्यादा हो गई है जो गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में स्टार्टअप के बारे में तो पहले किसी ने सोचा भी नहीं था। उन्होंने कहा कि ये सब स्टार्टअप नए-नए विचारों पर काम कर रहे हैं जिनके बारे में पहले नहीं सोचा गया या निजी क्षेत्र के लिए असंभव माने जाते थे। प्रधानमंत्री ने चेन्नई के अग्निकुल और हैदराबाद के स्काईरूट स्टार्टअप का जिक्र किया। ये स्टार्टअप ऐसे रॉकेट विकसित कर रहे हैं जो छोटे-छोटे उपग्रह को अंतरिक्ष में ले जाएंगे। इनके माध्यम से अंतरिक्ष में प्रक्षेपण की लागत में अत्यधिक कमी आने का अनुमान है। प्रधानमंत्री ने हैदराबाद के स्टार्टअप ध्रुव स्पेस का भी जिक्र किया। यह उपग्रह डेप्लॉयर और उपग्रहों के लिए उच्च तकनीक युक्त सोलर पैनल पर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप दिगंतर: के तनवीर अहमद का भी उदाहरण दिया जो अंतरिक्ष में कचरे का अनुमान लगाने का प्रयास कर रहे हैं। दिगंतर: और ध्रुव स्पेस तीस जून को इसरो के रॉकेट से प्रक्षेपण करने वाले हैं।
प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप एस्ट्रोम की संस्थापक बेंगलूरू की नेहा का जिक्र किया जो अनूठे विचार पर काम कर रही हैं। इस स्टार्टअप से ऐसे चपटे एंटीने बनाए जा रहे हैं जो छोटे होंगे और उनकी लागत भी बहुत कम होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रौद्योगिकी की मांग दुनियाभर में हो सकती है। श्री मोदी ने तन्वी पटेल का उदाहरण भी दिया जो मेहसाणा के स्कूल में पढ़ती है। तन्वी अत्यधिक छोटे उपग्रहों पर काम कर रही हैं जो अगले कुछ महीनों में अंतरिक्ष में छोड़े जाएंगे। तन्वी की ही तरह देश में लगभग 75 स्कूली विद्यार्थी अमृत महोत्सव में 75 उपग्रहों पर कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि ऐसे सभी विद्यार्थी देश के छोटे कस्बों से हैं।
प्रधानमंत्री ने ओलिम्पिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा का भी उदाहरण दिया जो हाल ही में चर्चा में रहें। ओलिम्पिक के बाद भी नीरज चोपड़ा एक के बाद एक सफलता के नए कीर्तिमान बना रहे हैं। नीरज ने फिनलैंड में पावो नुर्मी खेलों में रजत पदक जीता। उन्होंने भाला फेंक स्पर्धा का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि नीरज ने कुओरताने खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर एक बार फिर देश का गौरव बढ़ाया। उन्होंने कहा कि यही हौसला आज के युवा की पहचान है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के युवा स्टार्टअप से लेकर खेल जगत तक नए-नए कीर्तिमान बना रहे हैं। हाल ही में खेलो इंडिया युवा खेलों में देश के खिलाडि़यों ने कई नए रिकॉर्ड बनाए। श्री मोदी ने कहा कि इन खेलों में कुल 12 रिकॉर्ड टूटे। यही नहीं महिला खिलाडि़यों ने 11 रिकॉर्ड बनाए। मणिपुर की मॉर्टिना डे ने भारत्तोलन में आठ कीर्तिमान बनाए। संजना, सोनाक्षी और भावना ने भी नए कीर्तिमान स्थापित किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि कड़े परिश्रम से इन खिलाडि़यों ने यह सिद्ध किया कि आने वाले समय में अंतर्राष्ट्रीय खेल परिदृश्य में भारत की साख कितनी बढ़ने वाली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलो इंडिया युवा खेलों की एक ओर खास बात यह है कि इनमें से कई प्रतिभाएं बहुत साधारण परिवारों से हैं। इन खिलाडि़यों की सफलता में उनके परिवार और माता-पिता की बड़ी भूमिका रही।
प्रधानमंत्री ने श्रीनगर के आदिल अलताफ का उदाहरण दिया जिनके पिता दर्जी हैं। उन्होंने चेन्नई के स्वर्ण पदक विजेता एल धनुष का जिक्र भी किया, जिनके पिता साधारण बढ़ई है। काजोल सरगार के पिता चाय विक्रेता है। काजोल भी अपने पिता के कार्य में हाथ बटांती थी और भारोत्तोलन का अभ्यास करती थी।
श्री मोदी ने कहा कि रोहतक की तनु ने भी इसी तरह का करिश्मा किया। तनु के पिता राजबीर सिंह रोहतक में स्कूल बस चलाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब खेल जगत में भारतीय खिलाडि़यों का दबदबा तो बढ़ ही रहा है साथ ही खेलों की नई पहचान भी बन रही है। श्री मोदी ने कहा कि इस बार खेलो इंडिया युवा खेलों में पांच स्वदेशी खेल भी शामिल किए गए। ये हैं - गतका, थांग ता, योगासन, कलरीपायट्टू और मल्लखम्ब।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत में ऐसे खेल की अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता होने जा रही है जिसका जन्म सदियों पहले भारत में हुआ था। यह है शतंरज ओलिम्पियाड जो 28 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस बार इस प्रतियोगिता में 180 से अधिक देशों के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि खेल और फिटनेस की चर्चा तेलंगाना की पूर्णा मालावत के बिना पूरी नहीं हो सकती। पूर्णा ने सेवेन समिट्स चैलेंज को पूरा कर कामयाबी का एक और परचम लहराया है। पूर्णा ने दुनिया की सात सबसे कठिन और ऊंची पहाडि़यों पर चढ़ने की चुनौती पूरी की हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्णा ने बुलंद हौसलों के साथ उत्तरी अमरीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट देनाली पर जीत हासिल कर देश को गौरवान्वित किया। पूर्णा ने मात्र 13 वर्ष की उम्र में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का अद्भुत कारनामा किया था।
प्रधानमंत्री ने मिताली राज का भी उदाहरण दिया जो भारत की सर्वाधिक प्रतिभावान क्रिकेट खिलाडि़यों में शामिल है। मिताली ने हाल ही क्रिकेट से संन्यास ले लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मिताली न सिर्फ असाधारण खिलाड़ी हैं बल्कि उन्होंने अनेक खिलाडि़यों को प्रेरणा भी दी है।
प्रधानमंत्री ने मिजोरम की राजधानी आइजोल का उदाहरण दिया जहां खूबसूरत नदी चिटे लुई बरसों की उपेक्षा के कारण गंदगी और कचरे के ढेर में बदल गई थी। पिछले कुछ वर्षों से इस नदी को बचाने के प्रयास शुरू हुए। इसके लिए स्थानीय एजेंसियां, स्वयं सेवी संस्थाएं और स्थानीय लोग मिलकर सेव चिटे लुई अभियान चला रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि नदी को स्वच्छ बनाने के इस अभियान ने कचरे से संपदा बनाने का अवसर भी उपलब्ध कराया है।
प्रधानमंत्री ने पुद्दुचेरी का भी उदाहरण दिया जहां लोगों ने जीवन के लिए पुनर्चक्रण अभियान शुरू किया है। इसके तहत हजारों किलो कचरा प्रतिदिन एकत्र किया जाता है और उसमें से जैविक कचरा छांटकर खाद बनाई जाती है। बाकी चीजों को अलग करके उनका पुनर्चक्रण किया जाता है। इस तरह के प्रयास प्रेरणादायी तो हैं ही, सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त भारत के अभियान को भी गति देते हैं।
प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में अनोखी साइकिल रैली का भी उदाहरण दिया जहां कुछ लोगों ने स्वच्छता का संदेश देने के लिए साइकिल के माध्यम से शिमला से मंडी जाने का अभियान शुरू किया। ये लोग पहाड़ी सड़कों पर लगभग 175 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय करेंगे। इस समूह में बच्चों के साथ बुजुर्ग भी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में मॉनसून लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने लोगों से जल संरक्षण की दिशा में विशेष प्रयास करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने राजस्थान के उदयपुर में सैकड़ों वर्ष पुरानी सुल्तान की बावड़ी का उदाहरण दिया है जो निरंतर अनदेखी के कारण वीरान हो गई थी और कचरे में तबदील हो गई थी। कुछ युवाओं की जागरूकता और प्रयासों के कारण इस बावड़ी का कायाकल्प किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली जुलाई को चार्टर्ड एकाउंटेंट दिवस मनाया जाता है। उन्होंने इस अवसर पर देश के सभी चार्टर्ड एकाउंटेंट को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जा रहे हैं। पहली जुलाई को प्रसिद्ध जग्गनाथ यात्रा भी शुरू हो रही है। श्री मोदी ने गुजरात में कच्छ के लोगों को नववर्ष की शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने महाराष्ट्र में पंढरपुर यात्रा का भी जिक्र किया। श्री मोदी ने अमरनाथ यात्रा का भी जिक्र किया जो 30 जून से शुरू हो रही है। उन्होंने कहा कि शबरीमला सहित इन सभी यात्राओं के दौरान श्रद्धालुओं को कोविड से बचाव के नियमों का पालन करना चाहिए।
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