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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- मजबूत और आत्‍मविश्‍वास से भरपूर नया भारत किसी को भी कड़ा जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार

 जम्मू । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि ‘हम पर बुरी नजर डालने वाला कोई भी हो' भारत मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने विश्वास जताया कि यदि कोई युद्ध हुआ तो भारत विजेता बनकर उभरेगा। पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) के हिस्से को फिर से हासिल करने की वकालत करते हुए सिंह ने कहा कि यह भारत का हिस्सा है और इस देश का हिस्सा बना रहेगा। सिंह ने यहां ‘कारगिल विजय दिवस' के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘मैं आपको विश्वास के साथ बताना चाहता हूं कि अगर किसी विदेशी ताकत ने हम पर बुरी नजर डाली और युद्ध हुआ तो हम विजयी होंगे।''उन्होंने कहा कि भारत ने 1947 के बाद से सभी युद्धों में पाकिस्तान को हराया और कड़वी हार के बाद उसने छद्म युद्धों को अंजाम दिया। उन्होंने कहा, “ वर्ष 1965 और 1971 के प्रत्यक्ष युद्धों में हार का स्वाद चखने के बाद पाकिस्तान ने छद्म युद्ध का रास्ता अपनाया। दो दशकों से अधिक समय तक इसने ‘ हजारों घावों के साथ भारत को लहूलुहान' करने की कोशिश की, लेकिन हर बार हमारे बहादुर सैनिकों ने दिखाया है कि कोई भी भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को भंग नहीं कर सकता है।'' सिंह ने राष्ट्र को आश्वस्त करते हुए कहा कि सशस्त्र बल भविष्य की सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के साथ युद्ध के दौरान जम्मू-कश्मीर के लोग अपनी सेना के साथ खड़े रहे। उन्होंने कहा, ‘‘ कोई हिंदू हो या मुस्लिम, सभी अपनी सेना के साथ खड़े हैं और इसे हम भूल नहीं सकते।''

स्वतंत्रता के बाद से राष्ट्र की सेवा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और सशस्त्र बलों के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए सिंह ने कहा कि यह उनके मूल्यों के मूल में राष्ट्रीय गौरव की भावना थी, जिसने भारत की एकता और अखंडता की रक्षा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का एकमात्र उद्देश्य राष्ट्र के हितों की रक्षा करना है और इसने एक आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए कई कदम उठाए, जो भविष्य के सभी प्रकार के युद्धों से लड़ने के लिए सशस्त्र बलों को रणनीतिक रूप से अहम स्वदेशी हथियार और उपकरण प्रदान करता है। आजादी के बाद की चुनौतियों का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर (जम्मू-कश्मीर) और लद्दाख का पूरा क्षेत्र 1948, 1962, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों के दौरान जंग का मैदान बन गया था। रक्षा मंत्री ने 1948 में ब्रिगेडियर उस्मान और मेजर सोमनाथ शर्मा के वीरतापूर्ण कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने वर्ष 1962 में मेजर शैतान सिंह की वीरता, 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत और कारगिल युद्ध में परम वीरता दिखाने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा और कैप्टन मनोज पांडेय के योगदान का जिक्र किया। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत का हिस्सा बताते हुए उन्होंने शारदा पीठ, जिसमें हिंदू देवी सरस्वती के मंदिर के अवशेष हैं और जिन्हें शारदा भी कहा जाता है, का जिक्र किया। सिंह ने कहा कि शिव स्वरूप (अमरनाथ) जम्मू-कश्मीर के इस तरफ रहें और पीओजेके की तरफ शक्ति स्वरूप (शारदा) रहें, यह कैसे हो सकता है।

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