ब्रेकिंग न्यूज़

मानसूत्र सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित, लोस में मात्र 48 प्रतिशत कामकाज व रास में 47 घंटे बर्बाद
 नयी दिल्ली । संसद का मानसून सत्र सोमवार को अपने निश्चित समय से चार दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया। इस दौरान लोकसभा में मात्र 48 प्रतिशत कामकाज हुआ वहीं राज्यसभा में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण 47 घंटे का कामकाज बाधित हुआ। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने का कार्यक्रम था।
 लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किये जाने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि इस सत्र में सदन में 16 बैठकें हुईं जिनमें 44 घंटे 29 मिनट कामकाज हुआ। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में उपस्थित थे।
 लोकसभा सचिवालय के एक वक्तव्य के अनुसार, मानसून सत्र में सभा की कार्य उत्पादकता 48 प्रतिशत रही।
 बिरला ने कहा कि सत्र के पहले दिन सदन के चार नये सदस्यों ने शपथ ग्रहण किया जिसके बाद अब सदन में एक भी स्थान रिक्त नहीं है। बिरला ने बताया कि इस सत्र में सदन में छह सरकारी विधेयक पेश किये गये और कुल मिलाकर सात विधेयक पारित किये गये जिनमें राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2022, वन्यजीव संरक्षण संशोधन विधेयक 2022, केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2022 और ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2022 शामिल हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि सदन में नियम 377 के तहत 318 विषय उठाये गये और शून्यकाल में लोक महत्व के 98 मामले उठाये गये। उन्होंने कहा कि संसद की स्थायी समितियों की 41 रिपोर्ट पेश की गयीं और मंत्रियों ने विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर 47 वक्तव्य दिये। बिरला ने कहा कि 46 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर मंत्रियों ने दिये।
उन्होंने बताया कि सदन में ‘मूल्य वृद्धि' और ‘खेलों को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता तथा इस संबंध में सरकार के कदमों' के विषय पर नियम 193 के तहत दो अल्पकालिक चर्चाएं भी हुईं। महंगाई पर चर्चा में 31 सदस्यों ने भाग लिया जो छह घंटे 25 मिनट तक चली और संबंधित मंत्री के उत्तर के साथ चर्चा संपन्न हुई। बिरला ने कहा कि गैर-सरकारी सदस्यों द्वारा 91 विधेयक पेश किये गये और भारतीय जनता पार्टी सांसद जनार्दन सिग्रीवाल के ‘अनिवार्य मतदान विधेयक' को सभा की सहमति से वापस ले लिया गया। मानसून सत्र में लोकसभा की कार्यवाही अधिकतर समय विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बाधित रही।
 कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई, खाद्य पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने और प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को लेकर सदन में हंगामा किया। हंगामे के दौरान सदन में तख्तियां दिखाने और आसन की अवमानना के मामले में कांग्रेस के चार सदस्यों को निलंबित भी किया गया जिनका निलंबन बाद में वापस लेने के साथ ही सदन में महंगाई पर चर्चा प्रारंभ हुई। राज्यसभा में मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू होने के बाद महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण अधिकतर समय कामकाज बाधित रहा। सत्र के दौरान सदन में अमर्यादित आचरण के कारण विपक्ष के 23 सदस्यों को निलंबित किया गया। इन सदस्यों को 26, 27 और 28 जुलाई को उस सप्ताह के शेष दिनों के लिए निलंबित किया गया। सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि 18 जुलाई को शुरू हुए इस सत्र में कुल 16 बैठकें हुईं। उन्होंने कहा कि इस दौरान 38 घंटे से अधिक काम हुआ किंतु व्यवधान के कारण 47 घंटे कामकाज बाधित रहा। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान नियमित रूप से कामकाज बाधित होता रहा जिससे सदस्यों ने लोक महत्व के अत्यावश्यक विषयों को सदन में उठाने का अवसर गंवा दिया। उन्होंने कहा कि साथ ही सदस्यों द्वारा पूरक प्रश्न पूछकर कार्यपालिका को जवाबदेह बनाने का अवसर भी गंवा दिया गया। सभापति ने कहा कि स्वीकृत किए गए 235 तारांकित प्रश्नों में से मात्र 61 का ही मौखिक रूप से उत्तर दिया जा सका। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान केवल पांच सरकारी विधेयकों को चर्चा कर पारित किया जा सका। इससे पहले, सोमवार को उच्च सदन में सभापति नायडू को विदाई दी गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सदन के नेता पीयूष गोयल, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित विभिन्न दलों के नेताओं और कई सदस्यों ने नायडू के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने निष्पक्षता के साथ सदन की कार्यवाही का संचालन किया। सभापति के रूप में नायडू का कार्यकाल दस अगस्त को समाप्त होने जा रहा है।
 मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन में जो विधेयक पारित किए गये उनमें राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान को गतिशक्ति विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने के प्रावधान वाला केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, 2022, राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी विधेयक, 2022 और भारतीय अंटार्कटिक विधेयक 2022 शामिल हैं। उच्च सदन में दो अगस्त को महंगाई के मुद्दे पर करीब चार घंटे तक चर्चा हुई जिसका वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया। file photo

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english