भूकंपीय नेटवर्क विस्तृत करने के लिए 100 वेधशालाएं स्थापित करने की योजना
नयी दिल्ली। सरकार भूगर्भीय हलचलों की निगरानी क्षमताओं को और विस्तृत करने के लिए अगले दो से तीन वर्षों में 100 और वेधशालाएं स्थापित करने की योजना बना रही है। पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) देश में और आसपास भूकंपीय गतिविधि की निगरानी कर रहीं 152 वेधशालाओं के एक नेटवर्क का प्रबंधन करता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय भूकंपीय नेटवर्क (नेशनल सिस्मोलॉजिकल नेटवर्क) में देश के अधिकतर हिस्सों में 3.0 तीव्रता के भूकंप का पता लगाने की क्षमता है। सिंह ने कहा कि प्राकृतिक आपदाएं प्राकृतिक प्रक्रियाओं की वजह से आती हैं और हमेशा वे मानवीय प्रभाव का परिणाम नहीं होती हैं। हालांकि, किसी भी क्षेत्र की संवेदनशीलता हमेशा गैर-अभियांत्रिकी संरचनाओं से प्रभावित होती है।
मंत्री ने कहा, ‘‘इस प्रकार, संबंधित जोखिमों को कम करने के लिए वैज्ञानिक और अभियांत्रिकी समाधान अपनाकर उचित शमन रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है।'' उन्होंने कहा कि ‘‘सिस्मिक माइक्रोजोनेशन'' अध्ययन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भूकंप-रोधी इमारतों/बुनियादी ढांचे/आवासों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां देने में मदद करता है ताकि भूकंप के झटकों के प्रभावों को कम किया जा सके और सुरक्षित शहरी नियोजन के लिए संरचनाओं और जीवन के नुकसान को कम किया जा सके।
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