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सिविल सेवा परीक्षा : आदित्य श्रीवास्तव को मिला पहला स्थान

नयी दिल्ली। आदित्य श्रीवास्तव ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 में पहला स्थान हासिल किया है जबकि अनिमेष प्रधान और डोनुरु अनन्या रेड्डी क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को यह घोषणा की। श्रीवास्तव ने अपने वैकल्पिक विषय के रूप में 'इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग' को चुना था।
यूपीएससी द्वारा मंगलवार को घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2023 के परिणामों के अनुसार, श्रीवास्तव ने कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक (बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी) किया है। यूपीएससी के मुताबिक, राउरकेला स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक (बीटेक) अनिमेष प्रधान ने अपने वैकल्पिक विषय के रूप में समाजशास्त्र को चुना था और उन्होंने परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से भूगोल में स्नातक (ऑनर्स) की पढ़ाई करने वाली डोनुरु अनन्या रेड्डी परीक्षा में तीसरे स्थान पर रहीं। उन्होंने अपने वैकल्पिक विषय के रूप में मानव विज्ञान को चुना था। कुल 1,016 अभ्यर्थियों ने (664 पुरुष और 352 महिलाओं) ने परीक्षा उत्तीर्ण की और आयोग ने विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए उनके नामों की सिफारिश की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिविल सेवा परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि उनके प्रयास आने वाले समय में हमारे राष्ट्र के भविष्य को आकार देंगे। सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में असफल रहे अभ्यर्थियों के लिए भी अपने संदेश में कहा कि उन्हें भविष्य में सफल होने के मौके मिलेंगे और भारत में अवसरों की कमी नहीं है जहां उनकी प्रतिभा सच्चे अर्थों में चमक सकती है। उन्होंने कहा, मैं सिविल सेवा परीक्षा, 2023 को सफलता पूर्वक उत्तीर्ण करने वाले सभी अभ्यर्थियों को बधाई देता हूं। उनकी कड़ी मेहनत, दृढ़ता और समर्पण रंग लाया है, जिससे सार्वजनिक सेवा में उनके आशाजनक कॅरियर की शुरुआत होगी। उनके प्रयास आने वाले समय में हमारे देश के भविष्य को आकार देंगे। उन्हें मेरी शुभकामनाएं।
 प्रधानमंत्री ने कहा, जो लोग सिविल सेवा परीक्षा में अपेक्षित सफलता अर्जित नहीं कर पाए हैं, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि विफलताएं मुश्किल हो सकती हैं, लेकिन याद रखिए कि यह आपकी यात्रा का अंत नहीं है। भविष्य में परीक्षाओं में सफलता के अवसर मिलेंगे। लेकिन भारत उससे भी परे अवसरों का देश है जहां आपकी प्रतिभा सच्चे अर्थों में चमक सकती है। परिश्रम करते रहिए और अपार संभावनाएं तलाशते रहिए। आप सभी को शुभकामनाएं।'' यूपीएससी ने बताया कि शीर्ष पांच स्थानों पर तीन पुरुष और दो महिलाएं हैं जिन्हें कामयाबी मिली। पी. के. सिद्धार्थ रामकुमार और रुहानी ने सिविल सेवा परीक्षा में क्रमशः चौथा और पांचवा स्थान हासिल किया। शीर्ष 25 अभ्यर्थियों में 10 महिलाएं और 15 पुरुष हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करने के लिए यूपीएससी हर वर्ष तीन चरणों में - प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार -- में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है। सफल अभ्यर्थियों में 30 दिव्यांग (16 अस्थिबाधित, छह दृष्टिबाधित, पांच श्रवणबाधित और तीन बहुदिव्यांग) भी शामिल हैं।

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