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 सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण में क्या होता है अंतर, जानिए क्या कहता है विज्ञान

साल का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च (होली के दिन) लगने जा रहा है, तो 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का काफी महत्व है, तो वहीं खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वाले लोगों के लिए यह बेहद खास होता है। चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों भारत में दिखाई नहीं देंगे। हम आपको ग्रहण को लेकर विज्ञान से जुड़ी बातें बताएंगे। चंद्र ग्रहण क्यों लगता है? सू्र्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण में क्या अंतर है? सबसे पहले जानते हैं कि चंद्र क्यों लगता है...
सूर्य का धरती परिक्रमा करती है, तो चंद्रमा सूर्य और धरती दोनों का चक्कर लगाता है। इस दौरान कई बार चंद्रमा और सूर्य के बीच धरती आ जाती है। इसकी वजह से सूर्य की सीधी रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है और पृथ्वी की परछाई चंद्रमा पर पड़ती है। इसकी घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं। हालांकि पूरी तरह आसमान में चंद्रमा गायब नहीं होता है, बल्कि लाल रंग का नजर आता है।
क्यों लाल हो जाता है चंद्रमा?
धरती के वायुमंडल से टकराकर रोशनी चंद्रमा तक पहुंचती, जिसकी वजह से चंद्रमा लाल नजर आता है। इस दौरान धरती की परछाई भी दो तरह की होती है। पहला उम्ब्रा और दूसरी पेनुंब्रा। उम्ब्रा परछाई काफी गहरी होती है, जबकि पेनुंब्रा हल्की होती है। 25 मार्च को चंद्र ग्रहण के बाद 8 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगेगा। यह सूर्य ग्रहण पूर्ण ग्रहण होगा, जो अमेरिका में दिखाई देगा।
क्या होता है सूर्य ग्रहण?
जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं यानी सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है, तो ऐसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। अमावस्या को ही सूर्य ग्रहण लगता है।  सूर्य और पृथ्वी के बीच जब चंद्रमा आता है, तो पृथ्वी पर उसकी छाया पड़ती है। इस दौरान वह सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है। बता दें कि एक साल में चार या पांच ग्रहण लग सकते हैं। इनमें सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों होते हैं।
50 साल बाद लगेगा ऐसा सूर्य ग्रहण
8 अप्रैल 2024 को पहली बार सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगेगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण का ऐसा अद्भुद नजारा 50 साल पहले दिखाई दिया था। 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण करीब 7.5 मिनट तक रहेगा। इस दौरान सूर्य नजर नहीं आएगा, सिर्फ उसका कोरोना दिखाई देगा। इससे पहले साल 1973 में इतना लंबा सूर्य ग्रहण दिखाई दिया था।
100 साल बाद होली के दिन होगा ऐसा
गणना के मुताबिक, 100 साल बाद होली और चंद्र ग्रहण एक ही दिन होंगे। खगोलविदों के मुताबिक, अगर आसमान साफ हो तो चंद्र ग्रहण को धरती से रात के समय देखा जा सकता है। कुछ स्थानों पर चंद्र ग्रहण नजर आएगा, तो वहीं अन्य इलाकों में ग्रहण के दौरान चंद्रमा उदय या अस्त होगा। भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। चंद्र ग्रहण सुबह 10.23 मिनट से शुरू होगा और दोपहर बाद 3.02 बजे समाप्त होगा। यह चंद्र गहण उपछाया ग्रहण होगा।
इन देशों में नजर आएगा चंद्र ग्रहण
यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं नजर आएगा। इस खगोलीय घटना को आयरलैंड, बेल्जियम, स्पेन, इंग्लैंड, दक्षिण नॉर्वे, इटली, पुर्तगाल, रूस, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड और फ्रांस के कुछ इलाकों में देखा जा सकेगा। भारतीय उपमहाद्वीप में यह ग्रहण नहीं दिखेगा, जिसकी वजह से होली के त्योहार पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
जानिए कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण
साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका, कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में नजर आएगा।

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