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 बेंगलुरु ट्रैफिक से राहत के लिए बुधवार को वर्क फ्रॉम होम का सुझाव

बेंगलुरु।  बेंगलुरु में ट्रैफिक की समस्या खासकर आउटर रिंग रोड (ORR) पर हर दिन जाम जैसी स्थिति बन जाती है। इसी को देखते हुए बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस ने हफ्ते के बीच यानी हर बुधवार को वर्क फ्रॉम होम (WFH) का सुझाव दिया है। इस प्रस्ताव का मकसद खासकर आईटी कंपनियों के कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि सुबह-शाम के व्यस्त समय में ट्रैफिक कुछ कम हो सके।
यह योजना सिर्फ ट्रैफिक पुलिस की नहीं है, बल्कि इसे BBMP (बृहत्तर बेंगलुरु महानगर पालिका), BMTC (बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन) और आईटी सेक्टर से जुड़े प्रतिनिधियों ने मिलकर तैयार किया है।
क्या-क्या उपाय सुझाए गए हैं?
– ऑफिस की टाइमिंग को बदला जाए ताकि सभी कर्मचारी एक ही समय पर बाहर न निकलें
– कंपनियों को 7:30 बजे से शिफ्ट शुरू करने के लिए कहा गया है
– कर्मचारियों के आने-जाने के लिए शटल सर्विस और BMTC की बसों का बेहतर उपयोग किया जाए
– कंपनियों को कहा गया है कि वे मीटिंग का समय तय करते समय कर्मचारियों के ट्रैवल टाइम का ध्यान रखें
 ट्रैफिक ज्वाइंट कमिश्नर कार्तिक रेड्डी ने बताया कि सुबह 9 से 10 बजे के बीच ORR पर सबसे ज्यादा भीड़ होती है। इसे कम करने के लिए कंपनियों से सहयोग की अपील की गई है। साथ ही, BMTC ने एयर-कंडीशंड बसों की संख्या बढ़ाने की बात कही है, जिससे आईटी कॉरिडोर में सफर आसान हो सके।
 बेंगलुरु का टेक कॉरिडोर दबाव में, सड़क निर्माण और अवैध पार्किंग बनीं मुसीबत
 बेंगलुरु में लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव के बीच कई जगहों पर सड़क मरम्मत का काम अब भी अधूरा है, खासकर आउटर रिंग रोड (ORR) के कई हिस्सों में। संकरे चौराहों पर अवैध पार्किंग और गलत लेन में गाड़ियों के चलने से जाम की स्थिति और बिगड़ रही है।
इस समस्या से निपटने के लिए पुलिस ने टेक पार्क और अहम चौराहों के पास पार्किंग नियमों के उल्लंघन पर जीरो टॉलरेंस नीति लागू कर दी है। अब नियम तोड़ने पर तुरंत गाड़ी उठाने की कार्रवाई की जा रही है। कंपनियों से कहा गया है कि वे ट्रैफिक कंट्रोल में मदद करें और अपने स्तर पर ट्रैफिक मार्शल या वॉलंटियर्स तैनात करें।
आईटी सेक्टर का सुझाव
बेंगलुरु की आईटी कंपनियों और ग्रेटर बेंगलुरु आईटी एंड कंपनीज़ एसोसिएशन ने वर्क फ्रॉम होम (WFH) की योजना का समर्थन किया है, लेकिन शर्त रखी है कि इसे ठीक से लागू किया जाए और पहले से जानकारी दी जाए।
आईटी सेक्टर की ओर से कुछ और सुझाव भी दिए गए:
-सभी कंपनियों में अलग-अलग समय पर काम शुरू करने की व्यवस्था हो
-कार पूलिंग को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन
-भीड़भाड़ के समय भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक
 बेंगलुरु में क्यों बढ़ रहे हैं ट्रैफिक जाम?
 बेंगलुरु में ट्रैफिक की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है।   रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2025 के पहले छह महीनों में शहर में तीन लाख से ज्यादा नए प्राइवेट वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। सिर्फ जून महीने में ही करीब 49,620 नए वाहन जुड़े। पहले से ही यहां 1.23 करोड़ से ज्यादा गाड़ियां पंजीकृत हैं।
 ट्रैफिक की परेशानी तब और बढ़ गई जब जून 2025 में कर्नाटक सरकार ने पूरे राज्य में बाइक टैक्सी पर रोक लगा दी। यह सुविधा हजारों लोगों के लिए आखिरी मील की यात्रा का आसान विकल्प थी। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट बताती है कि बाइक टैक्सी बंद होने के एक हफ्ते के भीतर ही पीक ऑवर के दौरान ट्रैफिक जाम में 18 से 22 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। लगभग छह लाख लोग इस फैसले से प्रभावित हुए हैं और अब ऑटो और टैक्सी का इस्तेमाल बढ़ गया है, जिससे सड़कों पर भीड़ और बढ़ गई है।
सरकार को उम्मीद है कि हफ्ते के बीच में वर्क फ्रॉम होम (WFH) का मॉडल अपनाने, ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन कराने और कंपनियों के साथ बेहतर तालमेल से कुछ राहत मिल सकती है। फिलहाल कोशिश यही है कि जब तक मेट्रो विस्तार और सड़क चौड़ीकरण जैसे दीर्घकालिक समाधान पूरे नहीं होते, तब तक ट्रैफिक को कुछ हद तक संभाला जा सके।

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