एक दिन में पांच करोड़ से अधिक मतदाताओं को नामांकन फॉर्म वितरित
नई दिल्ली। एसआईआर के दूसरे चरण में नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में एक ही दिन में पांच करोड़ से अधिक नामांकन फॉर्म वितरित किए गए। अब तक 42 करोड़ फॉर्म वितरित हो चुके हैं, जो कुल मतदाताओं का 82.71 फीसदी है। एसआईआर अभ्यास चार नवंबर से चार दिसंबर तक चलेगा।
मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण के तहत नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में एक ही दिन में पांच करोड़ से अधिक नामांकन फॉर्म वितरित किए गए। चुनाव आयोग की ओर से गुरुवार को साझा किए गए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
चुनाव आयोग की ओर से जारी एक दैनिक बुलेटिन में कहा गया कि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक 42 करोड़ से अधिक एसआईआर नामांकन फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। बुधवार को जारी बुलेटिन में कहा गया था कि 12 नवंबर की दोपहर तीन बजे तक 37 करोड़ से अधिक फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। यानी 42 करोड़ फॉर्म का मतलब है कि इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 50.99 करोड़ मतदाताओं में से 82.71 फीसदी को अब तक कवर किया गया है।
इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप शामिल हैं। इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होंगे। असम में भी 2026 में चुनाव होने हैं, वहां मतदाता सूची सुधार (एसआईआर) के लिए अलग से तारीख घोषित की जाएगी।
एसआईआर अभ्यास के दूसरा चरण चार नवंबर को नामांकन चरण के साथ शुरू हुआ और यह चार दिसंबर तक जारी रहेगा। चुनाव आयोग नौ दिसंबर को प्रारूप मतदाता सूची जारी करेगा और अंतिम सूची सात फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।
पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु की द्रमुक ने यह दावा करते हुए एसआईआर अभ्यास का विरोध किया है कि इससे योग्य नागरिकों को दस्तावेजों की कमी के कारण मताधिकार से वंचित किया जा सकता है। बिहार में एसआईआर के बाद आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लोगों की ओर से पेश किए जाने वाले दस्तावेजों की सूची में आधार कार्ड को शामिल किया है।चुनाव आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मतदाता पंजीकरण अधिकारी उन मतदाताओं को नोटिस जारी करेंगे जिनके पिछले एसआईआर विवरण या तो उपलब्ध नहीं हैं या डाटाबेस से मेल नहीं खाते।










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