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 राष्ट्रपति ने कहा - वैज्ञानिक अनुसंधान के लाभ तभी श्रेष्ठ प्रभावशाली होंगे जब वे दूरदराज तक पहुंचे
नई दिल्ली। आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जा रहा है। ये दिन हर वर्ष रमन प्रभाव की खोज की स्मृति में मनाया जाता है। सर सी. वी. रमन ने इस दिन रमन प्रभाव की खोज की घोषणा की थी जिसमें लिए उन्हें  1930 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
 राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि वैज्ञानिक अनुसंधान के लाभ तभी श्रेष्ठ प्रभावशाली होंगे जब वे दूरदराज के संस्थानों, युवाओं, महिलाओं और सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तक पहुंचेंगे। नई दिल्ली में आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों को देश में वैज्ञानिक उपक्रमों की गुणवत्ता और प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए प्रण लेना चाहिए। श्री कोविंद ने कहा कि  विज्ञान को लोगों के विकास और कल्याण में योगदान के लिए कार्य करना चाहिए।
  राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से ही भारत में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है। भारतीय संविधान में इसी तरह के दृष्टिकोण को मूल कर्तव्य माना गया है। उन्होंने कहा कि भारत में वैज्ञानिक जिज्ञासा की लंबी और शानदार परम्परा रही है। प्राचीनकाल से मध्यकाल तक और फिर आधुनिककाल में भारत में अनेक प्रतिभावान लोगों ने मानव ज्ञान को आगे बढ़ाया। श्री कोविंद ने कहा कि विज्ञान की पत्रिकाओं में प्रकाशनों की संख्या के मामले में चीन और अमरीका के बाद भारत तीसरे स्थान पर है। राष्ट्रपति ने कहा कि वैज्ञानिक सोच, मानवता और जिज्ञासा तथा सुधार की भावना विकसित करना देश के हर नागरिक का कर्तव्य है।
 इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य विषय है - विज्ञान में महिलाएं। इस विषय पर राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं को विज्ञान के उच्च अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में विजिटर्स नोमिनी के रूप में महिलाओं का प्रतिनिधित्च अत्यधिक बढ़ाया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि  महिलाओं के लिए उच्च अध्ययन तथा शिक्षकों के रूप में रोजगार के लिए अनुकूल माहौल बनाने के कदम उठाये गये हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के श्रीहरिकोटा केन्द्र में हाल की यात्रा के दौरान महिला वैज्ञानिक से मुलाकात के अनुभव को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वह महिला चन्द्रयान परियोजना के लिए इतनी समर्पित थी कि उसने अपने छह महीने के पुत्र और माता-पिता को भूलकर मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि अत्यधिक प्रेरित महिला वैज्ञानिकों की उपस्थिति के बावजूद भारत के अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में 15 प्रतिशत से भी कम महिलायें काम कर रही हैं जबकि विश्व में यह औसत तीस प्रतिशत है।
 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरकार देश में अनुसंधान और नवाचार के लिए बेहतर माहौल बनाने के अनेक प्रयास कर रही है। आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि यह भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा और अटल इरादों को नमन करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि उनके नूतन उत्साह और अग्रणी अनुसंधान से भारत और विश्व को मदद मिली है।
 प्रधानमंत्री ने कामना प्रकट की कि भारतीय विज्ञान देश के युवाओं को विज्ञान के प्रति और अधिक उत्सुकता से प्रयास करने के लिए प्रेरित करता रहेगा। इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने वैज्ञानिकों से विभिन्न क्षेत्रों मंन उभर रही समस्याओं के समाधान के राष्ट्रीय प्रयास में भागीदारी करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने युवा वैज्ञानिकों को सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनायें शुरू की हैं। डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि नवाचार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विकास और नवाचार प्रोत्साहन पहल - निधि शुरू की गयी है।
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