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बारिश के बाद के हालात से उबरने में जुटा उत्तराखंड, 46 लोगों की मौत, 11 लापता
देहरादून/नयी दिल्ली। उत्तराखंड में प्रशासन ने पिछले दो दिनों से जारी बारिश के कारण हुए नुकसान का बुधवार को जायजा लिया और राहत एवं पुनर्वास कार्य तेज किया। राज्य में रविवार रात से जारी वर्षा जनित आपदा से अब तक कम से कम 46 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 11 अन्य लापता हैं। प्रशासन ने बुधवार को कई स्थानों पर सड़क पर यातायात की बहाली सुनिश्चित की। हालांकि, दूर-दराज के गांवों में अभी भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी है। राज्य का कुमाऊं क्षेत्र बारिश से गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है जिससे घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, कुछ पुल बह गए और मलबे में कई लोग फंसे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने कहा कि उसने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 1,300 से ज्यादा लोगों को बचाकर निकाला है और बचाव दल की टीमों की संख्या बढ़ाकर 15 से 17 कर दी है। एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने कहा, “अब तक एनडीआरएफ के बचावकर्मियों ने उधम सिंह नगर और नैनीताल से 1,300 से ज्यादा लोगों को निकाला है। वे उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री भी वितरित कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि उधम सिंह नगर में छह, उत्तरकाशी और चमोली में दो-दो तथा देहरादून, चम्पावत, पिथौरागढ़ और हरिद्वार में एक-एक टीम को तैनात किया गया है। बुधवार सुबह से मौसम साफ रहा लेकिन प्रशासन को मलबे में दबे लोगों को बचाकर निकालने, सड़कों पर यातायात बहाली और बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कुमाऊं के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा किया और अधिकारियों को नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए। भारी बारिश के कारण बेहाल नैनीताल में बुधवार को हालात सामान्य होते दिखे। भारी बारिश के कारण सड़के अवरुद्ध होने से जहां नैनीताल का उत्तराखंड के अन्य हिस्सों से संपर्क कट गया था, वहीं पर्यटक भी होटलों में कैद रहने को मजबूर हो गए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में हालात का जायजा लेने के लिए बुधवार शाम को राजधानी देहरादून का दौरा कर सकते हैं। गोला नदी में उफान के चलते नैनीताल में काठगोदाम रेलवे की पटरियों को नुकसान पहुंचा है। जिले में अब तक कम से कम 29 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने  बताया कि काठगोदाम में क्षतिग्रस्त पटरियों की मरम्मत में चार या पांच दिन लग सकते हैं। नैनीताल में बुधवार सुबह हालात सामान्य हुए और बारिश थमने से पर्यटक बाजार में शॉपिंग करने और पर्यटन के लिए निकले। शहर में टैक्सियां आम दिनों की तरह चलती दिखाई दीं। उत्तर प्रदेश से आए एक पर्यटक ने कहा, ''मंगलवार को लगातार बारिश होने के कारण हम अपने होटल में ही बंद रहने को मजबूर हुए।'' बुधवार सुबह तक सड़क से पानी लगभग पूरी तरह हट चुका था। नैनी झील के उफना जाने से पानी सड़कों पर आ गया था और जलभराव से चलना मुश्किल हो गया था। अधिकारियों ने बताया कि शहर में बारिश के कारण प्रभावित हुई बिजली आपूर्ति और फोन सेवाओं को बहाल कर दिया गया है। हालांकि, दूर-दराज के गांवों में अभी आपूर्ति प्रभावित है। नैनीताल के जिलाधिकारी धीरज गर्बियाल ने कहा कि मौसम में सुधार के साथ ही दिन के दौरान राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के प्रयास किए गए। वहीं, नैनीताल से जुड़ने वाले हल्द्वानी और कालाडूंगी मार्ग को आंशिक रूप से यातायात के लिए खोल दिया गया है। इन मार्गों से सोमवार को पूरी तरह जबकि मंगलवार को आंशिक तौर पर संपर्क टूट गया था। कुछ स्थानों पर भूस्खलन की आशंका के चलते नैनीताल-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर केवल हल्के वाहनों की आवाजाही बहाल की गई है।
 

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