कोविड ने जीवन रक्षक टीकों के लिए किफायती प्रौद्योगिकी में निवेश की जरूरत को उजागर किया: किरन
नयी दिल्ली। जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी ‘बायोकोन' की कार्यकारी अध्यक्ष किरन मजूमदार शॉ ने कहा कि कोविड महामारी ने अहम जीवन रक्षक टीके देने के लिए किफायती प्रौद्योगिकियों, नवाचार में निवेश के महत्व को उजागर किया है। छठे वार्षिक ‘वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन' को संबोधित करते हुए शॉ ने कहा कि टीकों को लेकर दुनिया में मौजूद असमानताओं को देखना भी बहुत महत्वपूर्ण था। इस शिखर सम्मेलन का सह मेज़बान विदेश मंत्रालय है। उन्होंने कहा कि देश में पर्याप्त संख्या में टीके उपलब्ध हैं, “लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं, भारी मात्रा में असमानता थी.... निम्न मध्य आय वाले देशों व मध्य आय वाले देशों में टीकाकरण के सुरक्षित स्तर तक पहुंचने के लिए अब भी टीकों की कमी है।” उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने अहम जीवन रक्षक टीके देने के लिए किफायती प्रौद्योगिकियों, नवाचार में निवेश के महत्व को उजागर किया है। वायरस के ‘ओमीक्रोन' स्वरूप के मद्देनजर टीके की बूस्टर खुराक देने के बारे में बात करते हुए शॉ ने कहा कि अगर इस तरह के साक्ष्य हैं कि बूस्टर खुराक देने के बाद शख्स को गंभीर रूप से बीमार होने से अधिक सुरक्षा मिलेगी तो कोई भी इसके खिलाफ दलील नहीं देगा।
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