भारत की 'नम्र शक्ति' की साख संवैधानिक मूल्यों में निहित: निरुपमा राव
कोलकाता। पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव ने रविवार को कहा कि दुनिया भर में अपनी ''नम्र शक्ति'' पेश करने में चीन की तुलना में भारत की ताकत उसकी लोकतांत्रिक साख, खुले समाज, संस्थागत स्वतंत्रता और संवैधानिक मूल्यों में निहित है जो विविधता, बहुलवाद और अल्पसंख्यकों के संरक्षण पर जोर देते हैं। हालांकि, राव ने इस बात पर चिंता जतायी कि चीन की ''नम्र शक्ति'' अक्सर कठोर शक्ति -सैन्य, सामरिक और आर्थिक- का उपयोग करने के बावजूद मजबूत हो रही है। राव ने यहां नेताजी अनुसंधान ब्यूरो में कृष्ण बोस व्याख्यान ''नम्र शक्ति की ताकत'' को संबोधित करते हुए कहा, '' चीन के मुकाबले भारत की ताकत उसकी लोकतांत्रिक साख, उसके खुले समाज और संस्थागत स्वतंत्रता और संवैधानिक मूल्यों में निहित है जो विविधता, बहुलवाद और अल्पसंख्यकों के संरक्षण पर जोर देती है।'' अमेरिका, चीन और श्रीलंका में भारत की राजदूत रह चुकी राव ने कहा कि यद्यपि चीनी शासन की सत्तावादी प्रकृति और इसके द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन के कारण, इस देश द्वारा अपनी नम्र शक्ति के प्रसार का लक्ष्य प्राप्त करना आसान नहीं है।
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