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भौम प्रदोष व्रत, जानें शिव संग पार्वती की कृपा दिलाने वाले प्रदोष व्रत के बड़े लाभ
सनातन परंपरा में भगवान शिव और माता पार्वती के लिए रखे जाने वाले प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है. प्रदोष सूर्यास्त और रात्रि के संधिकाल को कहा जाता है. 16 नवंबर को पड़ेगा भौम प्रदोष व्रत. प्रदोष काल सूर्यास्त से 45 मिनट पहले प्रारम्भ होकर सूर्यास्त के बाद 45 मिनट तक रहता है. प्रत्येक मास के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन रखे जाने वाले इस व्रत से सुख-संपत्ति और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है. वैसे तो पूरी त्रयोदशी तिथि ही भगवान शिव के व्रत के लिए शुभ है लेकिन प्रदोषकाल में शिव जी की पूजा अत्यंत ही मंगलकारी मानी गई है.
साल 2021 में कब-कब पड़ेगा प्रदोष व्रत
इस साल के अंतिम दो बचे महीनों में यदि प्रदोष व्रत की बात जाए तो अगला प्रदोष व्रत जो कि मंगलवार के दिन पड़ने के कारण भौम प्रदोष कहलाएगा, वह कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी के दिन 16 नवंबर 2021 को पड़ेगा. इसके बाद दिसंबंर माह में कुल तीन प्रदोष व्रत पड़ेंगे. जिसमें से पहला मार्गशीर्ष कृष्ण त्रयोदशी यानि 02 दिसंबर 2021 को और दूसरा मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष की त्रयोदशी यानि 16 दिसंबर को और तीसरा और साल का आखिरी प्रदोष व्रत पौष कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यानि कि 31 दिसंबर को पड़ेगा.
भौम प्रदोष व्रत के लाभ
किसी भी माह में पड़ने वाला प्रदोष व्रत जिस दिन को पड़ता है, उसे उसी नाम से जाना जाता है. जैसे सोमवार को आने वाले प्रदोष को सोम प्रदोष या फिर मंगलवार को होने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष आदि कहते हैं. यदि बात करें भौम प्रदोष व्रत की तो मंगलवार के दिन रखे जाने वाले इस पावन व्रत को रखने से जीवन के तमाम कष्टों से मुक्ति मिलती है. भौम प्रदोष के पुण्यफल से व्रती को जाने-अनजाने किए गए पाप से मुक्ति मिलती है.
प्रदोष व्रत को करने के लाभ
मान्यता है कि प्रदोष व्रत को विधि-विधान से रखने पर सौ गायों के दान के बराबर पुण्य फल मिलता है. दिन विशेष पर पड़ने वाले प्रदोष व्रत की बात करें तो रवि प्रदोष व्रत से सुख-समृद्धि, आजीवन आरोग्यता और लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है तो वहीं भौम प्रदोष व्रत से रोग-शोक दूर होते हैं, बुध प्रदोष व्रत से कार्य कार्य विशेष में सफलता प्राप्त होती है. गुरु प्रदोष व्रत से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में आ रही सभी अड़चनें दूर होती हैं. शुक्र प्रदोष व्रत से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. उसके परिवार में सुख और समृद्धि हमेशा कायम रहती है. शनि प्रदोष व्रत से संतान प्राप्ति और उसकी उन्नति होती है. 

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