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इन मंदिरों में बरसती है गणपति की कृपा, दर्शन मात्र से दूर होते हैं सारे दु:ख !
देवों में प्रथम पूजनीय माने जाने वाले भगवान गणेश की पूजा सभी प्रकार से फलदायी है. गणपति की विधि-विधान से पूजा करने पर जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती है और घर में सुख-समृद्धि यानी रिद्धि-सिद्धि का आगमन होता है. गणपति की कृपा से घर-परिवार में शुभ-लाभ बना रहता है. जिस तहर भगवान शिव की पूजा के लिए द्वादश ज्योतिर्लिंग और शक्ति की साधना के लिए 51 शक्तिपीठ हैं, उसी तरह गणपति के आठ पावन धाम हैं, जिसे अष्टविनायक कहा जाता है. गणपति के ये सभी आठों पावन धाम महाराष्ट में स्थित हैं. आइए आज बुधवार के दिन गणपति की कृपा दिलाने वाले इन आठ मंदिरों के बारे में जानते हैं.
मयूरेश्वर मंदिर, पुणे
गणपति का यह पावन धाम पुणे शहर से तकरीबन 75 किमी की दूरी पर स्थित है. मान्यता है कि भगवान गणेश ने इसी स्थान पर सिंधुरासुर नाम के राक्षस का वध मोर पर सवार होकर किया था, इसीलिए इस मंदिर को मयूरेश्वर कहते हैं. गणपति के इस सिद्ध मंदिर में दर्शन एवं पूजन का विशेष महत्व है.
सिद्धिविनायक मंदिर, अहमदनगर
गणपति का यह पावन धाम महाराष्ट्र के अहमदनगर में भीम नदी के किनारे स्‍थित है. पहाड़ की चोटी पर बने गणपति के इस सिद्ध मंदिर के बारे में मान्यता है कि कभी इसी पावन स्थल पर भगवान विष्णु ने सिद्धियां हासिल की थीं. गणपति के इस मंदिर की परिक्रमा करने के लिए पहाड़ की यात्रा करनी पड़ती है.
बल्लालेश्वर मंदिर, पाली
गणपति का यह सिद्ध मंदिर महाराष्ट्र के कुलाबा जिले के पाली नामक स्थान पर है. गणपति के इस मंदिर का नाम उनके अनन्य भक्‍त बल्‍लाल के नाम पर रखा गया है. बल्लालेश्वर गणपति मंदिर में प्रात:काल भगवान सूर्य की किरणें सीधे उनकी मूर्ति पर पड़ती है.
वरदविनायक मंदिर, रायगढ़
भगवान गणेश का वरदविनायक मंदिर रायगढ़ के कोल्हापुर नामक स्थान पर है. मान्यता है कि गणपति के इस मंदिर में दर्शन करने वाले हर व्यक्ति की मनोकामना पूरे होने का वरदान मिलता है.
चिंतामणी मंदिर, पुणे
अपने भक्तों की सभी चिंताओं को हरने वाले भगवान गणेश का यह मंदिर महाराष्‍ट्र के पुणे शहर से 25 किमी की दूरी पर थेऊर गांव में स्थित है. इस मंदिर की स्थापना उनके परम भक्त मोरया गोसावी ने की थी.
गिरिजात्मज अष्टविनायक मंदिर, पुणे
भगवान श्री गणेश का यह सिद्ध मंदिर पूना से तकरीबन 100 किमी की दूरी पर लेण्याद्रि गांव में स्थित है. गिरिजात्मज मंदिर को पर्वत की खुदाई करके बनाया गया है.
विघ्नेश्वर अष्टविनायक मंदिर, ओझर
भगवान विघ्नेश्वर का मंदिर पुणे से तकरीबन 85 किमी दूर ओझर जिले के जूनर क्षेत्र में स्थित है. मान्यता है कि गणपति ने विघनासुर नाम के राक्षस का वध करके इस क्षेत्र के लोगों को सुख-चैन से रहने का कभी आशीर्वाद दिया था. भगवान गणपति की इस मूर्ति के दर्शन से सभी बाधाएं दूर होती हैं.
महागणपति मंदिर, राजणगांव
महागणपति मंदिर पुणे से 55 किमी की दूरी पर राजणगांव में स्‍थित है. गणपति का यह मंदिर काफी प्राचीन है, जिसे नौवीं से दसवीं सदी के बीच माना जाता है. यहां गणपति को महोत्कट के नाम से भी जाना जाता है.

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