ब्रेकिंग न्यूज़

 श्री किशोरी राधारानी जी का दिव्य बरसाना धाम कैसा है? क्या उसकी महानता और कैसी उसकी सौंदर्यता है?
 जगदगुरु कृपालु भक्तियोग तत्वदर्शन - भाग 437

★ भूमिका - निम्नांकित पद भक्तियोगरसावतार जगदगुरुत्तम श्री कृपालु जी महाराज द्वारा विरचित 'प्रेम रस मदिरा' ग्रन्थ के 'सिद्धान्त-माधुरी' खण्ड से लिया गया है। 'प्रेम रस मदिरा' ग्रन्थ में आचार्य श्री ने कुल 21-माधुरियों (सद्गुरु, सिद्धान्त, दैन्य, धाम, श्रीकृष्ण, श्रीराधा, मान, महासखी, प्रेम, विरह, रसिया, होरी माधुरी आदि) में 1008-पदों की रचना की है, जो कि भगवत्प्रेमपिपासु साधक के लिये अमूल्य निधि ही है। इसी ग्रन्थ के 'धाम माधुरी' का यह पद है, जिसमें रसिकवर श्री कृपालु महाप्रभु श्रीकृष्ण की ठकुरानी महारानी श्रीराधारानी के दिव्य चिन्मय बरसाना धाम की माधुर्यता का वर्णन कर रहे हैं। यह बरसाना धाम किस प्रकार रसिकजनों सहित भगवान श्रीकृष्ण के लिये आराध्य है, आइये इस रसमय पद का चिंतन करते हुये स्मरण करें......

हमारो माई, श्री बरसानो गाम ।
महरानी राधा ठकुरानी, सरस सुखद अभिराम ।
गहवर-वन वृषभानुकुंड वर, प्रेमसरोवर ठाम ।
विधि हरि हर दुर्लभ रजधानी, श्री वृन्दावन धाम ।
विहरत निज स्वामिनि सँग कुंजनि, पुंजनि आठों याम ।
डगर बुहारत पंथ निहारत, रहत ब्रम्ह घनश्याम ।
छके 'कृपालु' प्रेम रस डोलत, लै लै राधे नाम ।।

भावार्थ ::: अरी माई ! मेरा तो ग्राम बरसाना है. राधा ठकुरानी जो प्रेम की निधि एवं आनंद की खान हैं, वे ही हमारी महारानी हैं. यहाँ गहवर वन, वृषभानुकुण्ड एवं प्रेम सरोवर आदि दिव्य स्थान हैं. ब्रम्हा, विष्णु, शंकर से भी अप्राप्य श्री वृन्दावन धाम हमारी राजधानी है. जहाँ हम किशोरी जी के साथ दिन-रात विविध कुंजों में रास का रसास्वादन करते रहते हैं. ब्रम्ह श्रीकृष्ण ही वहाँ किशोरी जी के लिए झाड़ू लगाते हुए मार्ग साफ़ करते हैं तथा उनकी प्रतीक्षा करते हैं. 'श्री कृपालु जी' कहते हैं कि हम भी 'राधे, राधे' कहते हुए प्रेम-रस-मदिरा में उन्मत्त वहाँ डोला करते हैं..

• सन्दर्भ ::: प्रेम रस मदिरा, धाम माधुरी, पद 5)
जगद्गुरुत्तम् स्वामी श्री कृपालु जी महाराज विरचित

★★★
ध्यानाकर्षण/नोट (Attention Please)
- सर्वाधिकार सुरक्षित ::: © राधा गोविन्द समिति, नई दिल्ली।
- जगदगुरु श्री कृपालु जी महाराज द्वारा प्रगटित सम्पूर्ण साहित्यों की जानकारी/अध्ययन करने, साहित्य PDF में प्राप्त करने अथवा उनके श्रीमुखारविन्द से निःसृत सनातन वैदिक सिद्धान्त का श्रवण करने के लिये निम्न स्त्रोत पर जायें -
(1) www.jkpliterature.org.in (website)
(2) JKBT Application (App for 'E-Books')
(3) Sanatan Vaidik Dharm - Jagadguru Kripalu Parishat (App)
(4) Kripalu Nidhi (App)
(5) www.youtube.com/JKPIndia
(उपरोक्त तीनों एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर पर Android तथा iOS के लिये उपलब्ध हैं.)

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english