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मीन संक्रांति कब है?

-पं. प्रकाश उपाध्याय
हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को प्रत्यक्ष देवता के रूप में रोजाना पूजा जाता है. भगवान सूर्य की उपासना के लिए संक्रांति तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है. देश के विभिन्न हिस्सों में संक्रांति को पर्व के रूप में मनाया जाता है. आइए जानते हैं, मीन संक्रांति कब है और इसका शुभ मुहूर्त क्या महत्व है?
धार्मिक मान्यता है कि हर महीने जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं उस दिन संक्रांति मनाई जाती है. इस दिन तीर्थ स्थल पर नदी में स्नान, दान और सूर्य को अर्घ्य देना विशेष फलदायी माना गया है. पितरों की आत्मा की शांति के लिए संक्रांति पर तर्पण करने से परिवार और आने वाली पीढ़ियां खुशी से रहती हैं. प्रत्येक संक्रांति का अपना अलग महत्व है. मार्च में मीन संक्रांति मनाई जाएगी, इसी दिन से खरमास की शुरुआत होगी.
मीन संक्रांति तिथि
पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 14 मार्च 2024, गुरुवार के दिन मीन राशि में प्रवेश करेंगे. इसी दिन पवित्र स्नान और दान-पुण्य का भी कार्य किया जाएगा. मीन संक्रांति के दिन पुण्य काल दोपहर 12:46 से शाम 6:29 तक रहेगा. वहीं महा पुण्य काल दोपहर 12:46 से दोपहर 2:46 के बीच रहेगा. मीन संक्रांति का क्षण दोपहर 12:46 पर होगा.
मीन संक्रांति योग
मीन संक्रांति के दिन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और इस दिन वैधृति योग का निर्माण होगा. साथ ही भरणी नक्षत्र में सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे. इस दिन गुरुवार का दिन रहेगा और बव व बालव करण का भी निर्माण होगा. इस योग में पूजा करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है.
मीन संक्रांति महत्व
धार्मिक मान्यता है कि मीन संक्रांति पर गंगा स्नान करने से व्यक्ति को ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है. मीन संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की विधिवत उपासना करने से जीवन में सभी प्रकार की सफलताएं मिलती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही इस दिन सूर्य देव की उपासना करने से कुंडली में उत्पन्न हो रहे ग्रह दोष भी दूर होते हैं. मीन संक्रांति के दिन सूर्य देव की उपासना करने से धन-ऐश्वर्य और आरोग्यता का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है और इस दिन दान-पुण्य को विशेष महत्व दिया गया है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में सूर्य पूजा कर के अर्घ्य देने से शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं और सूर्य भगवान के आशीर्वाद से सभी दोष भी दूर हो जाते हैं.
 

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