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 अक्षय तृतीया आज-बने 6 राजयोग, क्या करें- क्या न करें.....
  रायपुर। अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल तृतीया को कहा जाता है। वैदिक कलैण्डर के चार सर्वाधिक शुभ दिनों में से यह एक मानी गई है।  अक्षय से तात्पर्य है  जिसका कभी क्षय न हो  अर्थात् जो कभी नष्ट नहीं होता। भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वृन्दावन में ठाकुर जी के चरण दर्शन इसी दिन होते हैं। अक्षय तृतीया को सामान्यत:  अखतीज  या  अक्खा तीज  के नाम से भी पुकारा जाता है।  अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु ने परशुराम अवतार लिया था। अत: इस दिन व्रत करने और उत्सव मनाने की प्रथा है। इस दिन गुड्डे-गुडिय़ों की शादी का भी विधान प्रचलित है। 
  स्कन्दपुराण कहता है-  न माधवसमो मासो न कृतेन समं युगम्   अर्थात वैशाख के समान कोई महीना नहीं है और न ही सत्ययुग के समान कोई युग है.अक्षय तृतीया वैशाख में ही होती है और आदियुग इसी दिन प्रारंभ हुआ था इसलिए यह पुण्यप्रद तिथियों में सबसे महत्वपूर्ण है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन स्वर्ण के अलावा  दक्षिणवर्ती शंख और कौड़ी खरीदने का भी महत्व हैं। अक्षय तृतीया पर यह उपाय आर्थिक परेशानियों से निजात दिलाते हैं।  
 इस साल अक्षय तृतीया के दिन 6 राजयोग का मुहूर्त बन रहे हैं। इस दिन प्रात: काल में शश, रूचक, अमला, पर्वत , शंख और नीचभंग के राजयोग बन रहे हैं , तो वहीं दो और शुभ मुहूर्त में महादीर्घायु और दान योग का भी संयोग बन रहा है। इस साल अक्षय तृतीया पर रोहिणी नक्षत्र का संयोग बनना शुभ रहेगा जिसके कारण यह दिन और भी ज्यादा खास हो जाता है। 
क्यों है महत्व
 इसे युगादि तिथि कहा गया है। इसी दिन सत्ययुग (मतांतर से त्रेता युग) की शुरुआत हुई थी। इस दिन प्रदोषकाल में तेजोमूर्ति भगवान परशुराम का अवतरण हुआ था। अक्षय तृतीया का दिन श्री विष्णु के परशुराम,नर-नारायण तथा हयग्रीव के अवतारों से भी जुड़ा हुआ है। इसलिए इस दिन श्रीहरि की एवं उनके इन अवतारों के साथ -साथ श्रीकृष्ण, सूर्य, शिव, गौरी, गंगा, कैलाश, हिमालय, सागर एवं भगीरथ की पूजा का भी विधान है। इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। 
क्या करें.....
 आज के दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है और साथ में माता लक्ष्मी की भी पूजा होती है। आज के दिन लोग व्रत रखकर भी भगवान को प्रसन्न करते हैं। माना जाता है कि इस दिन दान-दक्षिणा करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद सदा बना रहता है। 
दान करने की विशेष वस्तुएं -
1- इस दिन ठंडी चीजें जैसे- जल से भरे घड़े, कुल्हड़, पंखे, छाता, चावल, खरबूजा, ककड़ी, चीनी,सत्तू आदि का दान करना बहुत उत्तम माना जाता है।
 2-यदि इस शुभ दिन आप अपने भाग्योदय के लिए कुछ खरीदना चाहते हैं तो खरीदें ये चीजें जैसे- सोना, चांदी, मिट्टी के पात्र, रेशमी वस्त्र, साड़ी, चावल, हल्दी, फूल का पौधा और शंख।
क्या न करें
1. अक्षय तृतीया के दिन बिना स्नान किए तुलसी की पत्तियां ना तोड़ें।  भगवान विष्णु को तुलसी बहुत ही प्रिय होती हैं इसलिए ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
2. अगर आपने कोई व्रत रखा है तो ध्यान रखें, अक्षय तृतीया के दिन उपवास खत्म ना करें।
3. अक्षय तृतीया के दिन उपनयन संस्कार नहीं करना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।  इस दिन आपको पहली बार जनेऊ बिल्कुल नहीं धारण करना चाहिए।
 4. कुछ जगहों पर अक्षय तृतीया के दिन यात्रा करना भी वर्जित माना जाता है।
5. इस दिन आपको नया घर खरीदना तो चाहिए लेकिन किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं कराना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
 
 
 

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