इतिहास में आज- 28 अप्रैल- भारत ने 10 उपग्रह एक साथ प्रक्षेपित किए
आज 28 अप्रैल वर्ष 2008 को भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन, इसरो ने नया इतिहास रचा। भारत ने दस उपग्रह एक साथ प्रक्षेपित किए। भारत का उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-सी9 , 28 अप्रैल को 10 उपग्रहों के साथ सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया गया। श्रीहरिकोटा से छोड़ा गया यह प्रक्षेपण यान अपने साथ जो 10 उपग्रह लेकर गया है उसमें से आठ अन्य देशों के और दो भारत के थे। इस तरह 10 उपग्रहों को एक साथ अंतरिक्ष में छोडऩे का काम करते हुए इस प्रक्षेपण ने एक नया इतिहास रच दिया। लॉन्च किए जाने वाले दस उपग्रहों में भारत का आधुनिक रिमोट सेसिंग उपग्रह शामिल था, इसका अलावा आठ विदेशी नैनो उपग्रहों को भी छोड़ा गया।
अपने तय समयानुसार यानी भारत में सुबह के नौ बजकर 23 मिनट पर इस यान को प्रक्षेपित किया। कुछ ही मिनटों में यान ने अपनी सही ऊंचाई हासिल कर ली और उपग्रह लेकर जाने वाले रॉकेट इससे अलग होकर सफलतापूर्वक स्थापित होने लगे। इससे पहले वर्ष 2007 अप्रैल में एक रूसी उपग्रह प्रक्षेपण यान से 13 उपग्रहों को छोड़ा गया था लेकिन ये यान अपने अभियान में सफल नहीं हो सके थे। भारत का 230 टन वजऩ वाला पोलर सेटेलाइट लॉन्च वीहकल (पीएसएलवी-सी9) कुल 824 किलो भार लेकर गया। कऱीब 70 करोड़ की लागत वाले पीएसएलवी-सी9 की ये 13वीं उड़ान रही। रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट कार्टोसेट-2ए का वजऩ 690 किलोग्राम और इसमें आधुनिक पैनक्रोमैटिक कैमरा लगे हुए थे जो उच्च गुणवत्ता की तस्वीरें खींचने में सक्षम थे। इस प्रक्षेपण यान में सबसे बड़ा कार्टोसैट 2्र नाम का एक उपग्रह है जो एक मैपिंग उपग्रह है। ये उपग्रह एक मीटर से छोटी वस्तु को भी 600 किलोमीटर से नाप सकता है इसकी क्षमता किसी भेदी उपग्रह की तरह ही होगी, लेकिन इसका उपयोग असैनिक कामों के लिए किया जाएगा।
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