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- राजनांदगांव । कलेक्टर श्री जितेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में 100 दिवसीय निक्षय निरामय पहचान एवं उपचार अभियान के दौरान जिले के टीबी के उच्च जोखिम समूहों का चिन्हांकन किया गया है। टीबी के उच्च जोखिम समूहों के जिले के सभी विकासखंडों एवं शहरी क्षेत्र के चिन्हित शेष व्यक्तियों की जांच एक्स-रे मशीन के माध्यम से किया जाएगा। सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक की निगरानी में हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीन रखी गई है। जिले के चिन्हित शेष उच्च जोखिम समूहों के व्यक्तियों की जांच एक्स-रे मशीन के माध्यम किया जाएगा। इसके लिए जिले के सभी विकासखंडों एवं शहरी क्षेत्रों में जांच करने रूट चार्ट भी तैयार कर लिया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनआर नवरतन ने बताया कि सेंट्रल टीबी डिवीजन के निर्देशानुसार जिले को प्रदाय किए गए हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीन का जिला अस्पताल में स्थापना किया गया है। जिले के विभिन्न विकासखंडों एवं जिला अस्पताल के रेडियोग्राफरों को मशीन संचालन के संबंध में राज्य कार्यालय के इंजीनियर द्वारा जिला नोडल अधिकारी डॉ. अल्पना लुनिया की उपस्थिति में प्रशिक्षित किया गया।जिले में निक्षय निरामय 100 दिवसीय पहचान एवं उपचार अभियान अंतर्गत 1 लाख 10 हजार 950 उच्च जोखिम समूहों के टीबी शंकास्पद व्यक्तियों की पहचान किया गया है। जिसमें 16 हजार 542 व्यक्तियों का नॉट के माध्यम से एवं 45 हजार 671 व्यक्तियों का एक्स-रे के माध्यम से टीबी की जॉच कराया जा चुका है। जिले के शेष 47 हजार 862 व्यक्तियों का एक्स-रे जांच कराया जाएगा। शासन से जिले को हैण्ड हेल्ड एक्स-रे मशीन प्राप्त होने पर ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा जाकर टीबी संभावित व्यक्तियों का एक्स-रे जॉच कराया जाएगा।
- रायपुर। डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के रेडियोडायग्नोसिस विभाग में सोनोग्राफी जाँच सेवाओं में वेटिंग अब शून्य हो गई है। केवल गर्भवती महिलाओं को ही स्त्री रोग विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार एंटीनेटल स्कैन और एनॉमली स्कैन के लिए उनके गर्भावस्था के सप्ताह के आधार पर डेट दिया जा रहा है।विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल में स्थापित कुल 5 सोनोग्राफी मशीनों में से 4 मशीनें पूर्ण रूप से क्रियाशील हैं, जबकि शेष 1 मशीन की मरम्मत का कार्य प्रगति पर है। सोनोग्राफी जांच के लिए किसी भी मरीज को प्रतीक्षा तिथि (वेटिंग डेट) नहीं दी जा रही। सभी जांचें उसी दिन की जा रही हैं (केवल गर्भवती महिलाओं को छोड़कर)। मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विभाग ने अपनी कार्य क्षमता भी बढ़ाई है :- जहाँ पहले बाह्य रोग विभाग में प्रतिदिन लगभग 130 सोनोग्राफी की जाती थीं, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 200 से अधिक हो गई है। मंगलवार को बाह्य रोग विभाग के 248 से भी अधिक मरीजों की सोनोग्राफी जाँच उसी दिन (Same day) की गई। मरीजों को उसी दिन (Same day में) सोनोग्राफी जांच की सुविधा का लाभ मिल सके इसके लिए विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक पात्रे द्वारा जांचों की व्यक्तिगत मॉनिटरिंग नियमित रूप से की जा रही है।वहीं, सीटी स्कैन एवं एमआरआई जांचों के लिए भी किसी भी मरीज को वेटिंग डेट नहीं दी जा रही है तथा किसी को भी जाँच के लिए डी.के.एस. अस्पताल रेफर नहीं किया जा रहा। इमर्जेंसी में आने वाले मरीजों की सोनोग्राफी, सीटी स्कैन और एक्स रे जाँच नियमित रूप से विभाग में हो रही है।
- - नवीन गाइडलाइन दरों के तहत नगरीय क्षेत्रों में दरों का किया गया युक्तियुक्तरण और सरलीकरणराजनांदगांव । केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड छत्तीसगढ़ द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए गाइडलाइन दरों को अनुमोदित किया गया है। कार्यालय जिला पंजीयक से प्राप्त जानकारी अनुसार राजनांदगांव जिले में लागू नवीन गाइडलाइन दरों के तहत नगरीय क्षेत्रों में दरों का युक्तियुक्तरण और सरलीकरण किया गया है। पूर्व में प्रचलित बाजार मूल्य मार्गदर्शिका में एक ही वार्ड में कई-कई कंडिकाओं में अलग-अलग दरें अंकित थी, जिससे मार्गदर्शिका जटिल एवं आमजन के लिए समझने में कठिन हो गई थी। नगर निगम राजनांदगांव के वार्ड क्रमांक 1, 2 एवं 3 में कुल 10 अलग-अलग कंडिकाएं थी। जिनमें उसी स्थान पर मुख्य मार्ग का दर 3200 रूपए, 3400 रूपए और 3600 रूपए जैसी भिन्न-भिन्न दरें अंकित थी, जबकि उस क्षेत्र की वास्तविक बाजार दरों में इतना अंतर नहीं था। जिनमें एकरूपता लाकर वर्तमान बाजार मूल्य 4500 वर्गमीटर किया गया है एवं कंडिकाएं कम करके 6 कंडिकाएं की गई है। इसी प्रकार का युक्तियुक्तकरण बाकी सभी वार्डों में भी किया गया है।राज्य शासन के निर्देशानुसार अनावश्यक कंडिकाओं का युक्तियुक्तरण किया गया। इसके परिणामस्वरूप नगर निगम राजनांदगांव में पूर्व के 310 कंडिकाओं को घटाकर 134 किया गया है। जिले के सभी नगरीय निकायों डोंगरगढ़, डोंगरगांव, छुरिया एवं लाल बहादुर नगर में कुल 120 वार्डों के अंतर्गत पूर्व की 490 कंडिकाओं को सरलीकृत कर 249 कंडिकाएं रखा गया है। नवीन गाइडलाइन पूर्व की तुलना में अधिक सरल, व्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित है। संपूर्ण छत्तीसगढ़ में अंतिम बार गाइडलाइन का पुनरीक्षण वर्ष 2018-19 में हुआ था। वर्तमान पुनरीक्षण उसी आधार वर्ष (2018-19) की दरों को लेते हुए किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में एक ही रोड से लगे ग्राम व आस-पास के ग्रामों के दरों मे विसंगति थी। इन्ही विंसगतियों को दूर करने के लिए एक ही रोड से लगे व आस-पास लगे ग्राम की विसंगति को दूर करते हुए सभी ग्रामों की दर एक समान प्रस्तावित किया गया है। ग्राम अंजोरा जीई रोड पूर्व का दर मुख्य मार्ग 1 करोड़ 8 लाख रूपए, ग्राम टेड़ेसरा जीई रोड 1 करोड़ 38 लाख रूपए, ग्राम देवादा जीई रोड 1 करोड़ 22 लाख रूपए, इंदावनी जीई रोड 56 लाख रूपए, सोमनी जीई रोड 1 करोड़ 38 लाख रूपए था। वर्तमान में इन सभी मुख्य मार्ग की दर 1 करोड़ 85 लाख रूपए हो गया है। नगरीय क्षेत्रों में युक्तियुक्तकरण के बाद प्राप्त दरों पर लगभग 20-40 प्रतिशत की वृद्धि की गई है अर्थात लगभग 6 वर्षों बाद स्वाभाविक एवं तार्किक वृद्धि की गई है। ऑनलाइन प्रणाली एवं पंजीयन कार्य में किसी प्रकार का अवरोध नहीं है। नवीन गाइडलाइन 20 नवम्बर 2025 से प्रभावी हुई है। इस तिथि से अब तक लगभग 200 से अधिक दस्तावेजों का पंजीयन सुचारू रूप से किया जा चुका है। जिले के सभी उप पंजीयक कार्यालयों में पूर्ववत प्रतिदिन नियमित रूप से पंजीयन कार्य जारी है।
- -मेडिकल कॉलेज स्थापना से खुलेगा विकास का नया अध्याय - उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा-कबीरधाम में स्वास्थ्य सुविधाओं के नए युग का होगा सूत्रपातरायपुर। कबीरधाम जिले के स्वास्थ्य ढांचे को मज़बूती देने और युवाओं के लिए चिकित्सा शिक्षा के नए अवसर प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में मेडिकल कॉलेज कबीरधाम की स्थापना होने जा रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय 12 दिसम्बर को अपने कवर्धा प्रवास के दौरान ग्राम घोटिया में मेडिकल कॉलेज की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूजित शिला का शिलान्यास एवं भूमिपूजन करेंगे।कॉलेज के लिए 40 एकड़ भूमि आबंटित, 306 करोड़ से अधिक की राशि को मिली स्वीकृतिउप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के प्रयासों से शासन द्वारा मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए ग्राम घोठिया में 40 एकड़ भूमि का आबंटन किया है। परियोजना के लिए 306 करोड़ रूपए से अधिक की मंजूरी प्रदान की गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर कितनी गंभीर और प्रतिबद्ध है। यह कॉलेज अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस होगा और राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया जाएगा।जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का होगा विस्तारमेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद कबीरधाम जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार देखने को मिलेगा। लोगों को आधुनिक, उन्नत और विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध होंगी। गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए अब दूरस्थ शहरों की ओर निर्भरता कम होगी। विशेषज्ञ डॉक्टरों और सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं तक आसानी से पहुंच सुनिश्चित होगी। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की पहल पर यह महत्वपूर्ण परियोजना अल्प समय में स्वीकृत होकर अपने निर्माण चरण तक पहुँच गयी है। उन्होंने इस परियोजना को जल्द से जल्द पूर्ण करने अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं।जिले में उत्साह का माहौलइस संबंध में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि मेडिकल कॉलेज स्थापना से विकास का नया अध्याय खुलेगा। युवाओं के लिए चिकित्सा शिक्षा और रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। जिले के लोगों को निर्माण से लेकर संचालन तक रोजगार के अनेक नए अवसर प्राप्त होंगे। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और जिले में कौशल विकास भी प्रोत्साहित होगा।मेडिकल कॉलेज के भूमिपूजन को लेकर जिले के लोगों में उत्साह का माहौल है। स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और युवाओं में आशा की नई किरण जागी है कि इस कॉलेज से कबीरधाम को स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में नई पहचान दिलाएगी।
- -अटल डिजिटल सुविधा केंद्र बने समाधान का ठिकाना: पीएम आवास के हितग्राही से लेकर आम नागरिक को मिल रहा है लाभरायपुर। कोरिया जिला प्रशासन की विशेष पहल पर ग्राम पंचायतों में अब नागरिकों की जरूरी सेवाएं घर के पास ही उपलब्ध हो रहे हैं। गौरतलब है कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी, दस्तावेजों की सहज प्राप्ति और योजनाओं का सीधा लाभ इन सभी को आसान बनाने में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये केंद्र ग्रामीणों के लिए एक ऐसे समाधान स्थल के रूप में उभरे हैं, जहां एक ही छत के नीचे कई सेवाएं तुरंत और सुगमता से मिल रही हैं। विशेष रूप से प्रधानमंत्री आवास योजनाओं के हितग्राही, जो पहले बैंक या शहर जाने को मजबूर होते थे, अब इस योजना की राशि के आहरण के लिए सीधे अटल डिजिटल सुविधा केंद्र पर पहुंच रहे हैं। इससे समय, श्रम और धन सबकी बचत हो रही है।क्या है अटल डिजिटल सुविधा केंद्रपंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तहत ग्राम पंचायतों में स्थापित अटल डिजिटल सुविधा केंद्र ग्रामीण नागरिकों को डिजिटल सेवाओं से जोड़ने का माध्यम हैं। इसके लिए ग्राम पंचायत और कॉमन सर्विस सेंटर के बीच एक आंतरिक समझौता किया गया है, जिसके अनुसार ग्राम स्तरीय उद्यमी सीएससी के मानकों के अनुरूप सभी सेवाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाते हैं।कोरिया जिले में 64 केंद्र सक्रियप्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में तीन चरणों में कुल 64 अटल डिजिटल सुविधा केंद्र संचालित किए जा रहे हैं 37 केंद्र बैकुंठपुर जनपद पंचायत में, 27 केंद्र सोनहत जनपद पंचायत में केंद्रों के संचालन के लिए आवश्यक भवन, बिजली, इंटरनेट आदि सुविधाएं ग्राम पंचायत द्वारा प्रदान की जा रही हैं, जिसके बाद वीएलई ग्रामीणों को सहज सेवा उपलब्ध कराते हैं।कौन-कौन सी सेवाएं मिल रही हैंअटल डिजिटल सुविधा केंद्र ग्रामीणों के लिए सेवाओं की लंबी श्रृंखला उपलब्ध कराते हैं, जिनमें डीजी पेमेंट एवं कियोस्क बैंकिंग, पैन कार्ड सेवा, आय, निवास और जाति प्रमाण पत्र, ई-बैंकिंग व वित्तीय लेनदेन, पीएम किसान, आयुष्मान कार्ड, ई-श्रम कार्ड पंजीयन, मोबाइल व टीवी रीचार्ज सेवाएं, फार्मर रजिस्ट्रेशन, फसल बीमा, वीएलई द्वारा परीक्षा उत्तीर्ण कर बीमा सेवाओं का संचालन, खसरा, बी-वन और अन्य प्रमाण पत्रों की प्राप्ति, नकद जमा और आहरण सहित 25 से अधिक डिजिटल सेवाएं प्रमुख हैं। बता दें कि डिजिटल क्रांति से जोड़ते यह केंद्र न केवल ग्रामीणों की दैनिक जरूरतों का समाधान कर रहे हैं, बल्कि वित्तीय समावेशन को भी मजबूत बना रहे हैं।
- -परकोलेशन टैंक किसानों के लिए वरदान: बढ़ा जलस्तर, बढ़ी फसल, बढ़ी आयरायपुर ।कोरिया जिले के जनपद पंचायत सोनहत के अंतर्गत स्थित अकलासरई गांव वर्षों से पानी की गंभीर समस्या से जूझता रहा है। ऊंचाई पर बसे इस गांव में वर्षा जल का संचित न हो पाना और लगातार गिरते भूजल स्तर के कारण ग्रामीण विशेषकर किसान केवल एक ही फसल पर निर्भर थे। खेती का दायरा छोटा होने से परिवार की आय भी सीमित रह जाती थी।इस कठिनाई को दूर करने के लिए ग्राम पंचायत अकलासरई ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए सोनकुंवर भूमि पर परकोलेशन टैंक निर्माण का निर्णय लिया। लक्ष्य था-वर्षा जल को संरक्षित कर भूमि में रिसाव बढ़ाना और आसपास की सिंचाई जरूरतों को पूरा करना। जल संग्रह के लिए उचित स्थान चयन सबसे बड़ी चुनौती थी, ताकि कम आवक की स्थिति में भी पानी प्रभावी रूप से संरक्षित रह सके।परियोजना को सफल बनाने में रोजगार सहायक की भूमिका अहम रही। उन्होंने ग्रामीणों को परकोलेशन टैंक के लाभ, जल संरक्षण के महत्व और इसके दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। लगभग दो लाख रुपये की स्वीकृत राशि से यह टैंक बनकर तैयार हुआ और अब गांव में उम्मीद की नई धारा बही है।परकोलेशन टैंक से बदली सोनकुंवर की तस्वीरटैंक के निर्माण के बाद गांव के जलस्तर में स्पष्ट सुधार देखा गया है। मिट्टी की नमी बढ़ने से खेत उत्पादक हो गए हैं। सोनकुंवर के परिवार को पहली बार घरेलू उपयोग के लिए भी पर्याप्त पानी मिलना शुरू हुआ है। पहले वे केवल एक एकड़ में ही धान ले पाते थे, लेकिन इस वर्ष सिंचाई सुविधा बढ़ने से उन्होंने धान की खेती लगभग दो एकड़ में की। इसके बाद वे रबी फसलों-आलू, अरहर, गोभी और सरसों की खेती भी कर रहे हैं, जिनसे अच्छे उत्पादन की उम्मीद है।गांव के किसानों के लिए प्रेरक उदाहरणसोनकुंवर के खेत में आए इस बदलाव का प्रभाव आसपास के किसानों पर भी पड़ा है। बढ़ते जलस्तर और उपलब्ध नमी से अन्य कृषकों की पैदावार में भी वृद्धि दर्ज की जा रही है।
- रायपुर ।राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज छत्तीसगढ़ के महान स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद वीर नारायण सिंह की शहादत दिवस पर उन्हें नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी। लोकभवन में राज्यपाल ने वीर नारायण सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके बलिदान का स्मरण किया।इस अवसर पर लोकभवन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी शहीद वीर नारायण सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।राज्यपाल ने कहा कि वीर नारायण सिंह का बलिदान छत्तीसगढ़ के गौरवशाली इतिहास और आजादी की लड़ाई का प्रेरक अध्याय है, जो सदैव नई पीढ़ी को राष्ट्रहित और जनसेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।
- -समिति के प्रतिनिधिमंडल ने लालपुर धाम में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय मेला हेतु किया आमंत्रितरायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज सतनाम कल्याण समिति, बंधवा के प्रतिनिधिमंडल ने राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में सौजन्य भेंट की। प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री साय को परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा की 269वीं जयंती के अवसर पर मुंगेली जिले के लालपुर धाम में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय विशाल मेला—18, 19 एवं 20 दिसंबर—में सम्मिलित होने का निमंत्रण प्रदान किया।मुख्यमंत्री श्री साय ने समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु घासीदास बाबा का जीवन-दर्शन, सत्य, अहिंसा, समानता और सद्भाव के मूल्य हमें सामाजिक समरसता और मानवकल्याण की दिशा में निरंतर प्रेरित करते हैं।उन्होंने कहा कि लालपुर धाम का यह मेला छत्तीसगढ़ की आस्था, परंपरा और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है, जहां हर वर्ष भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर गुरु बाबा के उपदेशों को आत्मसात करते हैं। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव तथा खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल भी उपस्थित थे।
- -ग्रामीण परिवहन को नई रफ्तार: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने किया योजना के द्वितीय चरण का शुभारंभ-बस्तर और सरगुजा में परिवहन क्रांति, ग्रामीण बस योजना का विस्ताररायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा अंचल के सुदूर वनांचलों में ग्रामीण परिवहन को नई दिशा देने वाली मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना ने आज एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से योजना के द्वितीय चरण का औपचारिक शुभारंभ किया तथा वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर बसों को रवाना किया।दूसरे चरण में बस्तर और सरगुजा संभाग के 10 जिलों के 23 मार्गों पर 24 नई बसों का संचालन प्रारंभ हुआ है, जिससे 180 गांव सीधे बस सुविधा से जुड़ गए हैं।कार्यक्रम के द्वितीय चरण में शामिल अनेक ग्रामीण उसी बस में सवार होकर पहुंचे, जिसे योजना के प्रथम चरण में प्रारंभ किया गया था। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से आत्मीय चर्चा करते हुए बताया कि अब दूरस्थ इलाकों से ब्लॉक मुख्यालयों तक पहुंचना पहले की तुलना में काफी सहज और सुगम हो गया है।सुकमा–दोरनापाल–कोंटा मार्ग से पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि वे लगभग 110 किलोमीटर की यात्रा बस से कर कार्यक्रम तक पहुंचे, जबकि पूर्व में यह यात्रा बेहद कठिन और समयसाध्य थी।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि छत्तीसगढ़ का कोई भी गांव विकास की मुख्यधारा से अलग न रहे। यह योजना न केवल परिवहन सुविधा बढ़ा रही है, बल्कि ग्रामीणों को शहरों और सेवा संस्थानों से जोड़ते हुए सामाजिक एवं आर्थिक समानता को भी मजबूती प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन की सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में यह योजना एक मील का पत्थर सिद्ध हो रही है, जिससे लोगों को सुरक्षित, समयबद्ध और सुविधाजनक यात्रा का अवसर मिल रहा है।मुख्यमंत्री श्री साय ने योजना से लाभान्वित होने वाले 180 गांवों के सभी ग्रामीणों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बेहतर यातायात सुविधाएँ अब उनके जीवन को पहले से अधिक सुगम बनाएंगी और तरक्की के नए मार्ग खोलेंगी।परिवहन मंत्री श्री केदार कश्यप ने बताया कि जिन दुर्गम और वनांचल क्षेत्रों तक कभी यातायात की सुविधा नहीं पहुंची थी, वहाँ भी अब बस सेवाएँ प्रारंभ हो रही हैं। यह योजना विशेष रूप से बस्तर और सरगुजा के जनजातीय बहुल इलाकों के लिए एक वरदान के रूप में उभर रही है।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना के प्रथम चरण की शुरुआत 04 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह द्वारा की गई थी, जिसके अंतर्गत 250 गांवों को बस सेवाओं से जोड़ा गया था। अब द्वितीय चरण की शुरुआत के साथ इस संख्या में और वृद्धि हुई है तथा 180 गांव और जुड़ गए हैं।इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव सहित मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, परिवहन विभाग के सचिव श्री एस. प्रकाश सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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-छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश के 6 विश्वविद्यालयों के साथ किया एमओयू
-देश का पहला पाठ्यक्रम:छात्रों को मिलेगी बाल अधिकार एवं संरक्षण की जानकारी
रायपुर ।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों के मध्य “रक्षक पाठ्यक्रम” के लिए एमओयू संपन्न हुआ। बाल अधिकार एवं संरक्षण पर आधारित यह अनूठा पाठ्यक्रम देश में अपनी तरह का पहला शैक्षणिक नवाचार है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि “रक्षक पाठ्यक्रम छात्रों के सुरक्षित और जिम्मेदार भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम युवाओं को न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में आवश्यक विशेषज्ञता भी विकसित करेगा। उन्होंने कहा कि कई बार बच्चे भूलवश या भ्रमित होकर गलत दिशा में चले जाते हैं क्योंकि वे अबोध होते हैं। ऐसे बच्चों को सही मार्ग पर लाना हम सभी का सामूहिक दायित्व है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अधिकांश वादों को पूरा कर लिया है। किसानों के बकाया बोनस, महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना और सबके लिए आवास जैसे महत्वपूर्ण संकल्पों को साकार किया गया है। उन्होंने कहा कि 350 से अधिक प्रशासनिक सुधार लागू कर छत्तीसगढ़ सुशासन के मार्ग पर तेजी से अग्रसर है और इसी उद्देश्य से सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना भी की गई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने रक्षक पाठ्यक्रम को रिकॉर्ड समय में तैयार करने और विश्वविद्यालयों में इसे लागू करने के लिए आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा और उनकी पूरी टीम को बधाई दी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है। बच्चों से भिक्षावृत्ति कराना, परित्यक्त बच्चों का पुनर्वास, और संवेदनशील मामलों का समाधान—ये सभी अत्यंत चुनौतीपूर्ण विषय हैं। उन्होंने कहा कि “यह पाठ्यक्रम संवेदनशील, सजग और सेवा-भावयुक्त युवा तैयार करने में मील का पत्थर साबित होगा।” उन्होंने इसे राष्ट्रीय स्तर का नवाचार बताते हुए कहा कि भविष्य में छत्तीसगढ़ इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में पहचाना जाएगा।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने पाठ्यक्रम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने आयोग और सभी छह विश्वविद्यालयों को पाठ्यक्रम लागू करने हेतु बधाई दी।
यह एक वर्षीय स्नातकोत्तर “पीजी डिप्लोमा इन चाइल्ड राइट्स एंड प्रोटेक्शन”
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय, सरगुजा, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर, आंजनेय विश्वविद्यालय, रायपुर, एमिटी विश्वविद्यालय, रायपुर और श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई-दुर्ग में प्रारम्भ होगा।
क्या है रक्षक पाठ्यक्रम
प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में अब तक ऐसा पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं था, जो युवाओं को बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में प्रशिक्षित करते हुए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए। इस आवश्यकता को देखते हुए आयोग द्वारा “रक्षक – बाल अधिकार संरक्षण पर एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम” को विकसित किया गया है। इस पाठ्यक्रम से युवाओं को सैद्धांतिक एवं विधिक ज्ञान, विभागीय योजनाओं, संस्थाओं और प्रायोगिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ, बाल संरक्षण इकाइयों आदि के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध होगी।संवेदनशीलता, जागरूकता और बाल-अधिकारों की आत्मिक समझ विकसित करने वाला यह पाठ्यक्रम युवाओं को इस क्षेत्र में कुशल, समर्पित और प्रभावी मानव संसाधन के रूप में तैयार करेगा। आयोग द्वारा पाठ्यक्रम के संचालन, प्रशिक्षण, परामर्श और मार्गदर्शन की संपूर्ण सुविधा विश्वविद्यालयों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा, ,पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर से कुलसचिव प्रो शैलेंद्र पटेल,प्रो ए के श्रीवास्तव,संत गहिरा गुरु विश्विद्यालय सरगुजा कुलपति प्रो राजेंद्र लाकपाले, कुलसचिव श्री शारदा प्रसाद त्रिपाठी, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति एवं रायपुर संभाग आयुक्त श्री महादेव कावरे, कुलसचिव श्री सुनील कुमार शर्मा,आंजनेय विश्वविद्यालय रायपुर कुलपति डॉ. टी.रामाराव कुलसचिव डॉ. रूपाली चौधरी, एमिटी विश्वविद्यालय रायपुर कुलपति डॉ. पीयूष कांत पाण्डेय, कुलसचिव डॉ. सुरेश ध्यानी,श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई दुर्ग चांसलर डॉ.आई.पी. मिश्रा, कुलपति डॉ ए. के झा एवं डॉ जया मिश्रा, आयोग के सचिव प्रतीक खरे सहित अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
- महासमुंद / कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत प्राकृतिक आपदा से मृत्यु होने पर 4 मृतकों के निकटतम वारिसान के लिए चार लाख रुपए के मान से कुल 16 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की है। इनमें पानी में डूबने से मृत्यु होने पर बागबाहरा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम बनियातोरा के मृतक श्री लिखितराम पटेल की पत्नी श्रीमती मानकुंवर पटेल के लिए एवं ग्राम नर्रा के मृतक श्री तातूराम साहू की पत्नी श्रीमती शकुन साहू के लिए तथा सर्पदंश से मृत्यु होने पर ग्राम खैरटकला के मृतक श्री डोमू सिंग मांझी के पुत्र नित्यानंद मांझी के लिए एवं ग्राम जुनवानी खुर्द की मृत्तिका आरती ठाकुर की माता श्रीमती महादेवी ठाकुर के लिए चार-चार लाख रुपए आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की गई है।
- महासमुंद / कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने आज पिथौरा विकासखंड अंतर्गत भुरकोनी धान उपार्जन केंद्र का औचक निरीक्षण किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री रवि कुमार साहू एवं एसडीएम श्री बजरंग वर्मा मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने धान खरीदी की संपूर्ण प्रक्रिया, व्यवस्थाओं और किसानों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कार्य पूरी पारदर्शिता, संवेदनशीलता और दक्षता के साथ संचालित किया जाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने केंद्र में धान की तौल व्यवस्था, नमी परीक्षण, तौल-कांटे की सटीकता,बोरा की उपलब्धता की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों को किसी भी प्रकार की अनावश्यक प्रतीक्षा न करनी पड़े, तौल में पारदर्शिता बनी रहे तथा गुणवत्ता परीक्षण पूरी शुद्धता से किया जाए।उन्होंने कर्मचारियों को यह भी निर्देशित किया कि धान की आवक बढ़ने की स्थिति में अतिरिक्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ट्रॉली एवं वाहनों की आवाजाही व्यवस्थित रहे और खरीदी केंद्र में साफ–सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने केंद्र में सुरक्षा व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरों की कार्यशीलता, टोकन और रसीद वितरण की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि खरीदी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।कलेक्टर ने स्टैकिंग, गोदामों तक परिवहन, रिकॉर्ड संधारण एवं अवैध धान परिवहन की रोकथाम के उपायों की समीक्षा करते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सभी प्रक्रियाओं को निर्धारित समय और मानकों के अनुरूप संपादित करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री लंगेह ने किसानों से भी चर्चा की और उनकी समस्याओं तथा सुझावों को सुना। उन्होंने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर किसानों के हितों को सर्वोपरि रखने पर जोर दिया।
- रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और जननायक अमर शहीद वीर नारायण सिंह की पुण्यतिथि पर आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित जयस्तंभ चौक पहुँचकर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह का जीवन त्याग, साहस और न्याय की अनुपम मिसाल है। अंग्रेजी शासन के अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध शहीद वीर नारायण सिंह ने जिस अदम्य साहस के साथ संघर्ष किया, वह छत्तीसगढ़ की गौरवमयी विरासत का स्वर्णिम अध्याय है। मातृभूमि की रक्षा और समाज के वंचित वर्गों के प्रति उनकी निष्ठा हमारे लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगी।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सोनाखान के ज़मींदार परिवार में जन्म लेने के बाद भी शहीद वीर नारायण सिंह का हृदय सदैव आदिवासियों, किसानों और गरीब परिवारों के दुःख-संघर्ष से जुड़ा रहा। वर्ष 1856 के विकट अकाल में जब आमजन भूख से व्याकुल थे, तब उन्होंने मानवता को सर्वोपरि मानते हुए अनाज गोदाम का अनाज ज़रूरतमंदों में बाँटकर करुणा, त्याग और साहस का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। यह कदम केवल विद्रोह नहीं था, बल्कि सामाजिक अन्याय, शोषण और असमानताओं के विरुद्ध एक ऐतिहासिक उद्घोष था।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ की अस्मिता, स्वाभिमान और जनप्रतिरोध की जीवंत प्रेरणा हैं। गरीबों, किसानों और वंचितों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनका जीवन-संघर्ष आने वाली पीढ़ियों को सदैव न्याय, मानवता और राष्ट्रभक्ति के मार्ग पर अग्रसर करता रहेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहीद वीर नारायण सिंह के आदर्शों और उनके सपनों के अनुरूप छत्तीसगढ़ के विकास के लिए पूरी निष्ठा से कार्य कर रही है।इस अवसर पर आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, विधायक श्री पुरन्दर मिश्रा, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री रूपसिंह मंडावी, छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के अध्यक्ष श्री रामसेवक पैकरा एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
- महासमुंद / कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने जिले में धान खरीदी व्यवस्था को पारदर्शिता के साथ सुचारू रूप से संचालित करने हेतु अवैध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में अब तक अवैध धान परिवहन, भंडारण एवं विक्रय से जुड़े 165 प्रकरण दर्ज किए गए। 18 राइस मिलों का भौतिक सत्यापन कर प्रकरण दर्ज किया गया है। कुल 183 प्रकरणों से संयुक्त टीम राजस्व, मंडी, सहकारिता एवं पुलिस विभाग द्वारा 26765.84 क्विंटल धान जप्त किया गया है। जिले के प्रमुख मार्गों, अंतर्राज्यीय जांच चौकी, राइस मिलों और उपार्जन केंद्रों में लगातार निरीक्षण एवं सख्ती से निगरानी की जा रही है। प्रशासन द्वारा बताया गया है कि धान उपार्जन अवधि में किसी भी प्रकार का अवैध भंडारण, परिवहन या अनुचित गतिविधि पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। ताकि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रक्रिया पारदर्शी और सुचारू रूप से संचालित हो सके।इसी क्रम में अवैध धान परिवहन पर रोक लगाने के लिए राजस्व एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त कार्रवाई लगातार जारी है। आज सरायपाली विकासखंड अंतर्गत सरायपाली एस डी एम अनुपमा आनंद के नेतृत्व में संयुक्त टीम द्वारा दो प्रकरणों में दो पिकअप और 162 बोरी धान जप्त किया गया। जिसमें पहले प्रकरण में मुरमुरी चौक पर ओड़िसा राज्य सीमा स्थित बंजारी नाका के पास अवैध धान परिवहन करते पिकअप वाहन पाया गया। जिसे मौके पर जब्त कर पिकअप वाहन समेत 100 बोरा धान थाना सिंघोड़ा को सुपुर्द किया गया। वहीं दूसरे प्रकरण में पिकअप वाहन में चालक धनेश्वर साहू द्वारा खरियार रोड (ओड़िशा) से सरायपाली में 62 बोरी धान परिवहन करते हुए वाहन को जांच चौकी सल्हेझरिया में रोककर धान जब्त किया गया।
- बिलासपुर/ बस्तर के युवाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने और उनकी छिपी प्रतिभाओं को निखारने बस्तर ओलम्पिक-2025 के संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन 11 दिसम्बर से 13 दिसम्बर तक जगदलपुर में किया जा रहा है। संभाग स्तरीय बस्तर ओलम्पिक का उदघाटन समारोह 11 दिसम्बर को प्रातः 11 बजे प्रियदर्शिनी स्टेडियम में होगा। इसमें विशिष्ट अतिथियों के साथ ही स्थानीय सांसद, विधायक तथा आमंत्रित विशिष्ट खिलाड़ी शामिल होकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करेंगे।संभाग स्तरीय बस्तर ओलम्पिक के आयोजन के लिए जगदलपुर में व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा प्रियदर्शिनी स्टेडियम, सिटी ग्राउंड, क्रीड़ा परिसर धरमपुरा एवं खेलो इंडिया परिसर पंडरीपानी में सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की जा रही हैं। बस्तर संभाग के सभी जिलों के खिलाड़ियों एवं खेल प्रशिक्षकों के ठहरने एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में 11 दिसम्बर से 13 दिसम्बर तक आयोजित बस्तर ओलम्पिक स्थानीय युवाओं एवं खेल प्रतिभाओं के लिए एक अच्छा अवसर है। स्थानीय खेल संघों, सामाजिक एवं स्वयंसेवी संगठनों और स्कूल-कॉलेजों के सहयोग से यह आयोजन पूरे संभाग में उत्सव की तरह मनाया जाएगा। इस आयोजन में विभिन्न खेल विधाओं में प्रतियोगिताएं होंगी और विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। बस्तर ओलम्पिक से क्षेत्र के युवाओं में नई ऊर्जा का संचार होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता को भी मजबूती मिलेगी। यह आयोजन युवाओं की प्रतिभा को निखारने के साथ ही उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
- अधोसंरचना, स्मार्ट क्लास, खेल-योग, व्यावसायिक शिक्षा और आधुनिक सुविधाओं का हुआ व्यापक विस्तारबिलासपुर/ जिले में पीएमश्री (प्रधानमंत्री स्कूल फ़ॉर राइजिंग इंडिया) योजना के अंतर्गत शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार देखा जा रहा है। वर्तमान में जिले में 08 पीएमश्री शासकीय प्राथमिक विद्यालय एवं 05 पीएमश्री सेजेस शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, इस प्रकार कुल 13 पीएमश्री विद्यालय सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों को आदर्श शिक्षण संस्थान के रूप में विकसित करने का कार्य तीव्र गति से जारी है।केन्द्र व राज्य सरकार के संयुक्त सहयोग से इन विद्यालयों में अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है तथा विद्यार्थियों के लिए आधुनिक और सुविधा-युक्त शैक्षणिक वातावरण तैयार किया जा रहा है। योजना अंतर्गत विद्यालयों में सोलर लाइट, शुद्ध पेयजल हेतु वाटर कूलर व फिल्टर, म्यूजिक बैंड, अभ्यास पुस्तिकाएं एवं कैरियर गाइडलाइन मार्गदर्शिकाएं उपलब्ध कराई गई हैं।सत्र 2023-24 एवं 2024-25 के दौरान अधोसंरचना विकास के तहत कुल 05 अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 02 कक्ष पूर्ण हो चुके हैं तथा 03 कक्ष प्रगतिरत हैं। इसके अतिरिक्त बालवाड़ी के लिए 08 अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 04 पूर्ण हो चुके हैं एवं 04 का निर्माण कार्य जारी है।विद्यालयों में दीर्घ एवं लघु मरम्मत के कुल 14 कार्य स्वीकृत किए गए, जिनमें से 08 कार्य पूर्ण तथा 06 कार्य प्रगतिरत हैं।विद्यार्थियों की रुचि एवं रचनात्मकता के विकास हेतु आर्ट एंड क्राफ्ट कक्ष, प्रयोगशाला कक्ष एवं अटल टिंकरिंग लैब के अंतर्गत कुल 09 कक्ष स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 04 कक्ष पूर्ण हो चुके हैं तथा शेष कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाएगा। 08 पीएमश्री विद्यालयों में सोलर लाइट की व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है। छात्र संख्या के अनुसार अतिरिक्त कक्ष तथा बालक-बालिका शौचालयों का निर्माण भी कराया जा रहा है। साथ ही विद्यालय परिसर की उपलब्धता के अनुसार गार्डन और किचन गार्डन का भी विकास किया जा रहा है।सत्र 2025-26 में समस्त पीएमश्री विद्यालयों में संगीत प्रशिक्षक तथा खेल/योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जिससे विद्यार्थियों के शारीरिक, मानसिक एवं रचनात्मक विकास को नई दिशा मिली है। विद्यार्थियों को राज्य के भीतर शैक्षणिक भ्रमण पर भी ले जाया जा रहा है ताकि वे व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर सकें।पीएमश्री विद्यालयों में कक्षा 6वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी व्यावसायिक शिक्षा भी प्रदान की जा रही है। साथ ही स्मार्ट क्लास एवं कंप्यूटर लैब के माध्यम से तकनीक आधारित आधुनिक शिक्षण व्यवस्था लागू की गई है, जिससे डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिल रहा है।शिक्षकों एवं प्राचार्यों की शैक्षणिक दक्षता बढ़ाने हेतु राज्य शासन द्वारा देश के प्रतिष्ठित संस्थानों IISER पुणे, IIT जम्मू-कश्मीर एवं IIM रायपुर में प्रशिक्षण हेतु उन्मुखीकरण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो रहा है।
- रायपुर। राज्य सरकार द्वारा कृषक कल्याण योजना के तहत 3100 रुपये प्रति क्विंटल और प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक धान खरीदी से किसानों में नया उत्साह भर दिया है।उपार्जन केंद्रों में उपलब्ध सुविधाओं से आसानी से धान बेच रहे हैं। बलौदाबाजार के ग्राम अमेरा गांव के किसान श्यामलाल रात्रे भी इस फैसले से बेहद खुश हैं। श्यामलाल रात्रे ने बताया कि उनके पास 1.5 एकड़ कृषि भूमि है। उपार्जन केन्द्र कुल 75 कट्टा धान लेकर खरीदी केंद्र पहुंचे। उन्होंने बताया कि बढ़े हुए मूल्य से उनकी आमदनी में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होगी, जिससे वे खेती के आवश्यक कार्यों के साथ-साथ परिवार की जरूरतों को भी आसानी से पूरा कर सकेंगे।किसान श्यामलाल ने जिले में लागू पारदर्शी खरीदी व्यवस्था की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मोबाइल ऐप के माध्यम से समय पर टोकन उपलब्ध होना, बारदाना की सुगम उपलब्धता और खरीदी केंद्रों में बेहतर प्रबंधन ने पूरी प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बना दिया है। उन्होंने सरकार के इस निर्णय को किसान हित में ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि सुव्यवस्थित व्यवस्था और उच्च समर्थन मूल्य के कारण किसान बिना किसी परेशानी के सम्मानपूर्वक अपना धान बेच पा रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा किसानों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए खरीदी व्यवस्था को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है, जिससे प्रत्येक पंजीकृत किसान को समय पर और पारदर्शी तरीके से लाभ मिल सके।--
- रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के ग्रामीण इलाकों में मूलभूत अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए लगातार किए जा रहे कार्यों के सकारात्मक परिणाम अब तेजी से सामने आ रहे हैं। विशेषकर सड़क और पुल-पुलिया निर्माण ने दूरस्थ गांवों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका गतिविधियों को नई गति दी है।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कोण्डागांव जिले के माकड़ी विकासखण्ड के जोेंधरा में निर्मित पुल से जन जीवन आसान हो गया है। माकड़ी-हटवार पारा-गलीपारा मार्ग से जुड़े लगभग 10 किलोमीटर सड़क पर ग्राम जोंधरा में वृहद पुल निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 3 करोड़ 95 लाख 25 हजार रुपये की लागत से निर्मित 43 मीटर लंबा यह पुल क्षेत्र के आवागमन और विकास के लिए अहम आधार बना है।पुल निर्माण से पूर्व बरसात के मौसम में नदी-नाले उफान पर आ जाते थे, जिससे जोंधरा सहित आसपास के गांवों का संपर्क मार्ग कई दिनों तक बाधित रहता था। ग्रामीणों को स्कूल, बाजार, अस्पताल सहित दैनिक कार्यों के लिए आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। अब पुल बन जाने से वर्षभर सुरक्षित और निर्बाध परिवहन सुनिश्चित हो गया है। ग्राम बुडरा की निवासी श्रीमती जयबती पोयाम ने खुशी जाहिर करते हुए बताया, “पुल के बन जाने से हम बहुत खुश हैं, क्योंकि अब बरसात में आने-जाने में आसानी होगी और एम्बुलेंस का भी आना-जाना संभव होगा। पहले पानी बढ़ने पर रास्ता पूरी तरह बंद हो जाता था।”इस वृहद पुल का लाभ केवल ग्राम जोंधरा तक सीमित नहीं है, बल्कि बुडरा, धारली और राकशबेड़ा जैसे तीन प्रमुख गांवों को भी मिला है। विद्यार्थियों, किसानों, व्यापारियों और आम नागरिकों को अब प्रतिदिन के कार्यों के लिए अधिक सुगम, सुरक्षित और समयबद्ध आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सकी है। इससे शिक्षा, कृषि-व्यापार और सामाजिक गतिविधियों को भी नई गति मिली है।
- रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की दिशा में लगातार प्रभावी कदम उठा रही है। धान खरीदी व्यवस्था में पारदर्शिता, त्वरित भुगतान, ऑनलाइन टोकन, माइक्रो एटीएम सुविधा और उपार्जन केंद्रों में बेहतर व्यवस्थाओं ने किसानों को न केवल सुविधा प्रदान की है, बल्कि उनके मन में सरकार के प्रति विश्वास भी सुदृढ़ किया है। बढ़े हुए समर्थन मूल्य ने इस विश्वास को और मजबूत किया है।कोरबा जिले के तालापार गांव के किसान श्री बसंत सोनी मात्र 45 डिसमिल भूमि पर खेती करने के बावजूद उन्होंने इस वर्ष 8 क्विंटल 80 किलोग्राम धान बक्साही उपार्जन केंद्र में विक्रय किया। श्री सोनी बताते हैं कि उन्हें 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अपनी उपज का सम्मानजनक मूल्य मिला, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि उपार्जन केंद्र में तौल व्यवस्था सुचारू है।वे बताते हैं कि त्वरित भुगतान से उन्हें समय पर आर्थिक संबल मिला है। श्री सोनी का कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा समर्थन मूल्य में की गई वृद्धि किसानों के लिए बड़ी राहत है। बेहतर मूल्य मिलने से श्री सोनी अब अपनी अगली फसल में अधिक निवेश कर आधुनिक कृषि तकनीक और गुणवत्तापूर्ण बीजों का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं। \--
- 0- डुबान क्षेत्र, वन अधिकार पट्टाधारी और छुटे हुए किसान करा सकेंगे पंजीयन0- कृषि मंत्री रामविचार के निर्देश पर हुई पंजीयन की तिथि में वृद्धिरायपुर। किसान अपने रकबे और फसल आदि के बारे में जानकारी एग्रीस्टैक पोर्टल में अब 15 दिसम्बर तक दर्ज करा सकेंगे। कृषि विकास एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समिति लॉगिन की सुविधा के लिए सभी कलेक्टरों और संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए गए है। साथ ही कैरीफारवर्ड, डूबान-वन पट्टाधारी कृषकों के पंजीयन सुविधा के दृष्टिगत रखते हुए पंजीयन की तारीख को 15 दिसम्बर 2025 तक बढ़ा दी गई है।गौरतलब है कि कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम द्वारा एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीयन को लेकर आ रही विभिन्न दिक्कतों के मद्देनजर विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने निर्देश दिए गए थे। इस संबंध में मंत्रालय महानदी भवन से जारी पत्र में एग्रीस्टैक पोर्टल एवं एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन और तकनीकी समस्याओं के शीघ्र निराकरण के लिए तहसीलदारों एवं समितियों अंतर्गत कृषि विभाग के नोडल अधिकारियों से अपेक्षा की गई है। एग्रीस्टैक पोर्टल एवं एकीकृत किसान पोर्टल से संबंधित तकनीकी समस्या पर खाद्य विभाग, राजस्व विभाग, संचालनालय कृषि एवं एन.आई.सी. के समन्वय से सभी आवश्यक कार्यवाही की जाए।गौरतलब है कि कुछ जिलों में पंजीयन विवरण में कुछ कृषकों के खसरों में एकीकृत किसान पोर्टल में फसल प्रविष्टि प्रदर्शित नहीं होने की जानकारी के साथ ही यह भी बताया गया था कि इसे सुधारने का विकल्प एकीकृत किसान पोर्टल के आईडी में उपलब्ध नहीं है। इसी प्रकार पंजीकृत कृषकों के फौत होने के पश्चात उनके वारिसानों हेतु वारिसान पंजीयन का विकल्प उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा महाल ग्रामों के खसरें का डाटा एग्रीस्टैक से नही मिलने की समस्या आ रही थी। इस समस्या के निराकरण के लिए कृषि विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए है।--
- रायपुर। छत्तीसगढ़ स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड ने राज्य के सांस्कृतिक एवं पर्यटन संवर्धन के लिए विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरूआत की है। इसी कड़ी में 09 दिसंबर को दंडामी लक्जरी रिसॉर्ट, चित्रकोट बस्तर में एक अनूठी पारंपरिक छत्तीसगढ़ी एवं जनजातीय व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।इस प्रतियोगिता में बस्तर के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिभागी शामिल हुए, जिन्होंने छत्तीसगढ़ के समृद्ध खानपान परंपरा को जीवंत करते हुए मुठिया, फरा, बफौरी, अंगाकर रोटी, चीला, चौसेल, ठेठरी, खुरमी, दूध फरा, चांवल भजिया, उड़द दाल बड़ा, अरसा, नमकीन फरा, विभिन्न प्रकार की भाजी, कोदो व चापड़ा से संबंधित पारंपरिक व्यंजन जैसे चापड़ा चटनी, चांउर भारजा, आमट, मीठा बोबो आदि बनाए।प्रतियोगिता में मेन्द्रीघूमड़ के चन्दकी ग्रुप ने प्रथम स्थान हासिल कर 7000 रुपए का पुरस्कार जीता। द्धितीय स्थान पर उसड़ीबेड़ा के गीता कश्यप ग्रुप को 5000 रुपये तथा तृतीय स्थान पर घुरागांव के जागृति ग्रुप को 3000 रुपए की राशि प्रदान की गई। निर्णायक मंडल ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्रों से सम्मानित भी किया।प्रतियोगिता के निर्णायक लोहण्डीगुड़ा थाना प्रभारी श्री रवि बैगा, तहसीलदार श्री कैलाश पोयाम एवं नायाब तहसीलदार सुश्री खुशबु नेताम थे। इस अवसर पर दंडामी लक्जरी रिसॉर्ट के प्रबंधक श्री निमेष साहू सहित कर्मचारी गण श्री तरुण प्रकाश राव एवं चंदूलाल साहू उपस्थित छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड का यह आयोजन छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और जनजातीय परंपराओं को संरक्षित कर राज्य पर्यटन को प्रोत्साहित करने में सहायक सिद्ध होगा।
- 0- पंथी नृत्य में सत के विरासत मुडीयाडीह ने प्रथम एवं सत के महिमा पिथौरा ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया0- चित्रकला प्रतियोगिता में ऋतिक पहारिया, कविता लेखन में गुलशन साव बसना ने प्रथम स्थान प्राप्त कियामहासमुंद. जिला प्रशासन तथा खेल एवं युवा कल्याण महासमुंद द्वारा जिला स्तरीय युवा महोत्सव 2025- 26 का आयोजन शंकराचार्य सांस्कृतिक भवन एवं डॉ. भीम राव अम्बेडकर मंगल भवन खैरा महासमुंद में आयोजित किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि विधायक महासमुंद श्री योगेश्वर राजू सिंहा, श्री येतराम साहू जिलाध्यक्ष, श्री देवी चंद राठी उपाध्यक्ष नगर पालिका परिषद महासमुंद, श्रीमती हुलसी चंद्राकर जनपद पंचायत उपाध्यक्ष, कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह, पवन पटेल पूर्व पार्षद, राजू चंद्राकर, महेंद्र सिक्का, सरद मराठा, राहुल चंद्राकर, पंकज चंद्राकर, रोशन बग्गा, विकास चंद्राकर, बालक राठी, अभिषेक शर्मा, मनीष शर्मा, आनंद साहू की उपस्थिति में किया गया।लोक गीत में प्रथम स्थान पी जी कॉलेज महासमुंद, द्वितीय स्थान फॉर्चून फाउंडेशन बागबाहरा एवं तृतीय स्थान आई टी आई महासमुंद ने प्राप्त किया। एकांकी नाटक में प्रथम स्थान एकलव्य आवासीय विद्यालय भोरिंग महासमुंद एवं द्वितीय स्थान आई टी आई महासमुंद ने प्राप्त किया।रॉक बैंड में प्रथम स्थान जावेद कुरैशी एवं साथी बागबाहरा (इरादे द बैंड) ने प्राप्त किया। कहानी लेखन में प्रथम स्थान रेशम लाल पटेल पिथौरा, द्वितीय स्थान सुषमा साहू महासमुंद एवं तृतीय स्थान हेमा साहू लाफिनखुर्द महासमुंद ने प्राप्त किया। कविता लेखन में प्रथम स्थान गुलशन साव बसना, द्वितीय स्थान सिंधु जगत एवं तीसरा स्थान ऋचा चंद्राकर ने प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान ऋतिक पहारिया महासमुंद, द्वितीय स्थान कुलेश्वर साहू महासमुंद एवं तृतीय स्थान अजय कुमार ध्रुव पी जी कॉलेज महासमुंद ने प्राप्त किया।इसी तरह पंथी नृत्य में प्रथम स्थान सत्य के विरासत मुडीयाडीह बागबाहरा, द्वितीय स्थान सत के महिमा गड़बेड़ा पिथौरा, तृतीय स्थान महर्षि विद्या मंदिर महासमुंद ने प्राप्त किया। वाद विवाद में प्रथम स्थान नुसरत फातिमा एवं डिंपल डड़सेना ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। लोक नृत्य में प्रथम स्थान एकलव्य आवासीय विद्यालय भोरिंग महासमुंद ने प्राप्त किया। साइंस मेला में प्रथम स्थान गरिमा कन्नौजे पिथौरा, द्वितीय स्थान कु.परिणीता चंद्राकर एवं हिना साहू ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। पारंपरिक वेशभूषा में प्रथम स्थान चांदनी साहू लाफिनखुर्द, द्वितीय स्थान हर्षिता दीवान आई टी आई महासमुंद, तीसरा स्थान श्रेया पाटकर आई टी आई महासमुंद ने प्राप्त किया। सुवा नृत्य में प्रथम स्थान आई टी आई महासमुंद ने प्राप्त किया।आयोजन को सफल बनाने में जिला शिक्षा अधिकारी विजय लहरें, माई भारत वसुंधरा साहू जिला युवा अधिकारी महासमुंद, दिलीप लहरे खेल अधिकारी पी जी कॉलेज महासमुंद, रोहित कोसरिया (देव दास बंजारे सम्मान राज्य अलंकरण से सम्मानित) सुरेन्द्र मानिकपुरी, अवनीश वाणी, वी के असगर, उमेश भारती गोस्वामी, डॉ. विकास अग्रवाल, चमन लाल चंद्राकर, अमित हिषिकर, द्रोपति साहू, अंकित भोई, सपना प्रधान, स्वाति बाला जगत, भागवत जगत भूमिल मंच संचालन सुरेंद्र मानिकपुरी, हिरेंद्र साहू ने एवं सभी का आभार व्यक्त खेल अधिकारी खेल एवं युवा कल्याण मनोज धृतलहरे ने किया।--
- राजनांदगांव। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को स्वरोजगार स्थापना हेतु बैंकों के माध्यम से ऋण प्रदाय किया जाता है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत विनिर्माण क्षेत्र (निर्माण कार्य) हेतु अधिकतम 3 लाख रूपए एवं सेवा क्षेत्र के लिए 1 लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। बैंक द्वारा स्वीकृत प्रोजेक्ट राशि का 35 प्रतिशत अनुदान राशि दिया जाता है। योजना का लाभ लेने के लिए 18 वर्ष से 45 वर्ष आयु वर्ग के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के हितग्राही समूह एवं व्यक्ति कार्यालय छत्तीसगढ़ खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड राजनांदगांव द्वारा जिला पंचायत राजनांदगांव में प्रस्तुत कर सकते है। आवेदन के साथ शैक्षणिक योग्यता 5वीं उत्तीर्ण, सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापित जाति व निवासी प्रमाण पत्र, सरपंच या नगर पंचायत अध्यक्ष से प्रमाणित अनापत्ति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, दो फोटो पासपोर्ट साइज, प्रोजेक्ट रिपोर्ट सहित अन्य आवश्यक दस्तावेजों प्रस्तुत करना होगा। कार्यालय द्वारा प्रस्तुत आवेदन को स्वीकृति के लिए संबंधित बैंक को प्रेषित किया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए सहायक संचालक ग्रामोद्योग श्री डीआर रावटे के मोबाईल नंबर 9407786784 पर संपर्क किया जा सकता है।
- 0- छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश के 6 विश्वविद्यालयों के साथ किया एमओयू0- देश का पहला पाठ्यक्रम:छात्रों को मिलेगी बाल अधिकार एवं संरक्षण की जानकारीरायपुर/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों के मध्य “रक्षक पाठ्यक्रम” के लिए एमओयू संपन्न हुआ। बाल अधिकार एवं संरक्षण पर आधारित यह अनूठा पाठ्यक्रम देश में अपनी तरह का पहला शैक्षणिक नवाचार है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि “रक्षक पाठ्यक्रम छात्रों के सुरक्षित और जिम्मेदार भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।” उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम युवाओं को न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में आवश्यक विशेषज्ञता भी विकसित करेगा। उन्होंने कहा कि कई बार बच्चे भूलवश या भ्रमित होकर गलत दिशा में चले जाते हैं क्योंकि वे अबोध होते हैं। ऐसे बच्चों को सही मार्ग पर लाना हम सभी का सामूहिक दायित्व है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अधिकांश वादों को पूरा कर लिया है। किसानों के बकाया बोनस, महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना और सबके लिए आवास जैसे महत्वपूर्ण संकल्पों को साकार किया गया है। उन्होंने कहा कि 350 से अधिक प्रशासनिक सुधार लागू कर छत्तीसगढ़ सुशासन के मार्ग पर तेजी से अग्रसर है और इसी उद्देश्य से सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना भी की गई है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने रक्षक पाठ्यक्रम को रिकॉर्ड समय में तैयार करने और विश्वविद्यालयों में इसे लागू करने के लिए आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा और उनकी पूरी टीम को बधाई दी।महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है। बच्चों से भिक्षावृत्ति कराना, परित्यक्त बच्चों का पुनर्वास, और संवेदनशील मामलों का समाधान—ये सभी अत्यंत चुनौतीपूर्ण विषय हैं। उन्होंने कहा कि “यह पाठ्यक्रम संवेदनशील, सजग और सेवा-भावयुक्त युवा तैयार करने में मील का पत्थर साबित होगा।” उन्होंने इसे राष्ट्रीय स्तर का नवाचार बताते हुए कहा कि भविष्य में छत्तीसगढ़ इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में पहचाना जाएगा।उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने पाठ्यक्रम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने आयोग और सभी छह विश्वविद्यालयों को पाठ्यक्रम लागू करने हेतु बधाई दी।यह एक वर्षीय स्नातकोत्तर “पीजी डिप्लोमा इन चाइल्ड राइट्स एंड प्रोटेक्शन”पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय, सरगुजा, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर, आंजनेय विश्वविद्यालय, रायपुर, एमिटी विश्वविद्यालय, रायपुर और श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई-दुर्ग में प्रारम्भ होगा।क्या है रक्षक पाठ्यक्रमप्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में अब तक ऐसा पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं था, जो युवाओं को बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में प्रशिक्षित करते हुए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए। इस आवश्यकता को देखते हुए आयोग द्वारा “रक्षक – बाल अधिकार संरक्षण पर एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम” को विकसित किया गया है। इस पाठ्यक्रम से युवाओं को सैद्धांतिक एवं विधिक ज्ञान, विभागीय योजनाओं, संस्थाओं और प्रायोगिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ, बाल संरक्षण इकाइयों आदि के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध होगी।संवेदनशीलता, जागरूकता और बाल-अधिकारों की आत्मिक समझ विकसित करने वाला यह पाठ्यक्रम युवाओं को इस क्षेत्र में कुशल, समर्पित और प्रभावी मानव संसाधन के रूप में तैयार करेगा। आयोग द्वारा पाठ्यक्रम के संचालन, प्रशिक्षण, परामर्श और मार्गदर्शन की संपूर्ण सुविधा विश्वविद्यालयों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा, ,पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर से कुलसचिव प्रो शैलेंद्र पटेल,प्रो ए के श्रीवास्तव,संत गहिरा गुरु विश्विद्यालय सरगुजा कुलपति प्रो राजेंद्र लाकपाले, कुलसचिव श्री शारदा प्रसाद त्रिपाठी, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति एवं रायपुर संभाग आयुक्त श्री महादेव कावरे, कुलसचिव श्री सुनील कुमार शर्मा,आंजनेय विश्वविद्यालय रायपुर कुलपति डॉ. टी.रामाराव कुलसचिव डॉ. रूपाली चौधरी, एमिटी विश्वविद्यालय रायपुर कुलपति डॉ. पीयूष कांत पाण्डेय, कुलसचिव डॉ. सुरेश ध्यानी,श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई दुर्ग चांसलर डॉ.आई.पी. मिश्रा, कुलपति डॉ ए. के झा एवं डॉ जया मिश्रा, आयोग के सचिव प्रतीक खरे सहित अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित थे।--
- राजनांदगांव । बाबा गुरू घासीदास जयंती पर 18 दिसम्बर को मद्य निषेद्य दिवस के रूप में मनाया जाएगा। मद्य निषेद्य दिवस पर समुदाय की सहभागिता से नशामुक्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। नशामुक्त भारत अभियान अंतर्गत शपथ कार्यक्रम, विभागों के समन्वय से नशापान के विरूद्ध समुचित कार्रवाई, नशापान के दुष्परिणामों की जानकारी देने सहित अन्य जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।--=


























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