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- नयी दिल्ली.। मध्य प्रदेश के महू में 26-27 अगस्त को आयोजित होने वाले सशस्त्र बलों की संगोष्ठी के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर' में मिली सफलता के साथ-साथ अग्रिम मोर्चों पर हासिल ‘कड़े सबक' पर चर्चा की जाएगी। इस संगोष्ठी का विषय युद्ध में प्रौद्योगिकी का प्रभाव है।अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित होने वाले ‘रणसंवाद 2025' में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान ‘हेलीबोर्न ऑपरेशन'(सैन्य अभियान जहां सैनिकों, उपकरणों या आपूर्ति को हेलीकॉप्टरों द्वारा ले जाया जाता है) सहित तीन संयुक्त सिद्धांत भी जारी किए जाएंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ भारत को भविष्य की युद्ध पर रणनीति पर चर्चा का नेतृत्व करने की आवश्यकता है - हम एक समय विश्व गुरु थे, और हमें उस स्थान को पुनः प्राप्त करने की जरूरत है। भविष्य के युद्ध लड़ने में अधिक कुशल होने की आवश्यकता है।'' दिल्ली छावनी स्थित मानेकशॉ सेंटर में मुख्यालय ‘इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ' ने बुधवार को इस संगोष्ठी के बारे में जानकारी दी। यह कार्यक्रम मुख्यालय आईडीएस के तत्वावधान में मुख्यालय एआरटीआरएसी (सैन्य प्रशिक्षण कमान) द्वारा आयोजित होगा। ‘इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ' के उप प्रमुख (सिद्धांत, संगठन और प्रशिक्षण) लेफ्टिनेंट जनरल विपुल सिंघल ने दो दिवसीय संगोष्ठी के व्यापक विवरण साझा किए। इसका विषय ‘युद्ध पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव' है। इसमें रणनीति, नवाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी अलग-अलग सोच और विचारों के बीच समन्वय पर गौर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी के दो उप-विषय हैं - उभरती हुई प्रौद्योगिकियां और भविष्य के युद्ध पर प्रभाव, तथा प्रौद्योगिकी सक्षमता को उत्प्रेरित करने के लिए संस्थागत प्रशिक्षण में सुधार। लेफ्टिनेंट जनरल सिंघल ने बताया कि रक्षा मंत्री सिंह 27 अगस्त को इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।युद्ध व युद्धनीति पर यह प्रमुख संगोष्ठी भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर' के साढ़े तीन महीने बाद हो रही है।यह पूछे जाने पर कि क्या इस आयोजन की योजना मई में सैन्य कार्रवाई से पहले बनाई गई थी या बाद में, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘रणसंवाद 2025' की योजना ‘ऑपरेशन सिंदूर' से पहले की है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' का अनुभव चर्चा में शामिल होगा।‘इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ' (सीआईएससी) के प्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने कहा, ‘‘रणसंवाद सिर्फ एक संगोष्ठी नहीं है, यह एक रणनीतिक संवाद है जहां हमारे अधिकारी भारत की अग्रिम मोर्चों पर कठिन परिश्रम से अर्जित सबक साझा करते हैं। विवादित सीमाओं से लेकर साइबर युद्धक्षेत्रों तक, भारत का सुरक्षा परिवेश बहुआयामी और गतिशील है। इससे एकजुटता अब वैकल्पिक नहीं रह गई है, यह मिशन के लिए महत्वपूर्ण है। सफल ‘ऑपरेशन सिंदूर' इसका प्रमाण है।''
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नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया। 21 जुलाई से शुरू हुए सत्र में चर्चा के लिए कुल 120 घंटे का समय निर्धारित था, लेकिन लगातार हंगामे के कारण लोकसभा में महज 37 घंटे ही चर्चा हो पाई। गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले स्पीकर ओम बिरला ने यह जानकारी दी।
संसद में इस बार बिहार एसआईआर प्रक्रिया को लेकर पूरा गतिरोध रहा। बिहार में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर प्रक्रिया के जरिए बिहार के लोगों के वोट काटे गए हैं। विपक्ष इन्हीं मुद्दों को लेकर सदन में चर्चा के लिए आखिरी दिन तक अड़ा रहा। इस बीच, संसद में नारेबाजी, बिल फाड़कर फेंकने और तख्तियां लहराने जैसे कई घटनाक्रम देखने को मिले।लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कुछ सदस्यों के आचरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की और असंसदीय भाषा में लिखे नारों और तख्तियों के इस्तेमाल का हवाला दिया। मानसून सत्र के आखिरी मिनट में भी विपक्ष के सांसदों की सदन में नारेबाजी देखी गई। विपक्ष के सदस्य लोकसभा में ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ के नारे लगाते रहे।ओम बिरला ने कहा कि “हमारे आचरण पर पूरे देश की नजर है।” उन्होंने सभी सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करने का आग्रह किया। स्पीकर के समझाने के बावजूद हंगामा जारी रहा।इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सत्र के आखिरी दिन दोपहर 12.04 बजे कार्यवाही में भाग लेने के लिए पहुंचे थे।विपक्ष के हंगामे के बीच स्पीकर ओम बिरला ने सदन को स्थगित करने की सूचना देते हुए पिछले एक महीने में हुए कार्यों की जानकारी दी। ओम बिरला ने बताया कि चर्चा के लिए 120 घंटे आवंटित किए गए थे। हालांकि, विपक्षी सदस्यों की ओर से बार-बार व्यवधान के कारण सिर्फ 37 घंटे ही उपयोग किए जा सके। अध्यक्ष बिरला ने कहा कि 419 तारांकित प्रश्न प्रस्तुत किए गए थे, फिर भी सिर्फ 55 का ही उत्तर दिया गया।स्पीकर ने बताया कि पूरे सत्र में 14 विधेयक पेश किए गए और 12 पारित हुए, जिनमें आयकर विधेयक, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक और राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक शामिल हैं। ऑनलाइन गेमिंग विनियमन विधेयक भी पारित हुआ। हालांकि, संविधान में 130वें संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया।स्पीकर ओम बिरला ने सदन को जानकारी दी कि 28-29 जुलाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एक विशेष चर्चा हुई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने सदन को संबोधित किया। 18 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर विशेष चर्चा की गई।सदन के आखिरी दिन कुछ सदस्यों के आचरण पर टिप्पणी करते हुए स्पीकर ओम बिरला का स्वर कठोर था। उन्होंने हंगामा करने वाले सांसदों से कहा कि जन प्रतिनिधि के रूप में हमारे आचरण और कार्यप्रणाली को पूरा देश देखता है। जनता उम्मीदों के साथ यहां चुनकर भेजती है, ताकि उनके हित के मुद्दों और महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा कर सकें।इससे पहले, उन्होंने गुरुवार को प्राप्त कई स्थगन नोटिसों पर विचार करने से इनकार कर दिया, लेकिन कुछ समितियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने सहित कुछ संक्षिप्त कार्य की अनुमति दी। कल्याण वैजनाथराव काले ने रसायन और उर्वरक संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट पेश की। गजेंद्र सिंह पटेल ने 2024-25 के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की।इसी तरह, गृह मंत्रालय (नित्यानंद राय), पर्यावरण (कीर्तिवर्धन सिंह), बंदरगाह एवं जहाजरानी (शांतनु ठाकुर), सड़क परिवहन (अजय टम्टा), शिक्षा (सुकांत मजूमदार) और नागरिक उड्डयन (मुरलीधर मोहोल) सहित प्रमुख विभागों के मंत्रियों ने सदन के समक्ष विभागीय पत्र रखे।सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले, अध्यक्ष बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रचनात्मक रूप से भाग लेने वाले सभी सदस्यों का धन्यवाद किया। उन्होंने सभी सदस्यों से आगामी लोकसभा सत्रों में विचार-विमर्श, गरिमा और लोकतांत्रिक उत्तरदायित्व के मूल्यों के प्रति फिर से प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया। -
नई दिल्ली। प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-माओवादी) के दो वरिष्ठ नेताओं ने आज गुरुवार को तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। राचाकोंडा पुलिस आयुक्त जी. सुधीर बाबू ने बताया कि काकरला सुनीता उर्फ बद्री, जो दंडकारण्य विशेष जोनल समिति (डीके एसजेडसी) की वरिष्ठ राज्य समिति सदस्य और चेनुरी हरीश उर्फ रामन्ना, तेलंगाना राज्य समिति के एरिया कमेटी सदस्य (एसीएम) थे, ने मुख्यधारा में वापस लौटने का फैसला किया है।
पुलिस के मुताबिक, 62 वर्षीय सुनीता 40 साल से ज्यादा समय तक माओवादी आंदोलन में सक्रिय रहीं। वह सीपीआई (माओवादी) की क्षेत्रीय राजनीतिक स्कूल और शिक्षा विभाग समिति की सदस्य थीं और पार्टी की रणनीतियां तैयार करने, दस्तावेज बनाने और क्रांति जैसी पार्टी पत्रिकाओं के प्रकाशन में अहम भूमिका निभाती थीं।सुनीता का माओवादी विचारधारा से जुड़ाव 1985 में इंटरमीडिएट पढ़ाई के दौरान राजामुंदरी में हुआ, जब वह रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन (आरएसयू) से प्रभावित हुईं। उनके पिता काकरला सत्यनारायण क्रांतिकारी राइटर्स एसोसिएशन (विरसम) के नेता थे और उनके घर अक्सर वरवर राव जैसे बड़े माओवादी नेता आते थे। जनवरी 1986 में उन्होंने सीपीआई (एमएल) पीपुल्स वार में शामिल होकर भूमिगत जीवन शुरू किया। इसी साल अगस्त में उन्होंने टीएलएन चलं उर्फ गौतम उर्फ सुधाकर से शादी की।1990 के दशक में सुनीता ने नल्लमल्ला जंगल के फॉरेस्ट डिविजनल कमेटी में काम किया और कई मुठभेड़ों में शामिल रहीं। बाद में वह आंध्र-ओडिशा सीमा पर सक्रिय रहीं और 2006 में दंडकारण्य भेजी गईं। पुलिस ने बताया कि वह 5 जून 2025 को अन्नापुरम नेशनल पार्क मुठभेड़ में भी मौजूद थीं, जिसमें उनके पति चलं की मौत हो गई थी।दूसरे नेता, 35 वर्षीय हरीश, भूपलपल्ली जिले के रहने वाले हैं और 2006 में 10वीं की पढ़ाई के दौरान बीसी वेलफेयर हॉस्टल में रहते हुए माओवादी विचारधारा से प्रभावित हुए थे। पुलिस आयुक्त ने कहा कि इन दोनों का आत्मसमर्पण तेलंगाना पुलिस की रणनीति की सफलता है। उन्होंने राज्य के सभी भूमिगत माओवादियों से अपील की कि वे अपने गांव लौटें और राज्य के विकास में हिस्सा लें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मुख्यधारा में लौटने वाले सभी माओवादियों को तेलंगाना सरकार की पुनर्वास योजना के तहत सभी लाभ दिए जाएंगे। - -
नयी दिल्ली. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने बुधवार को कहा कि दुर्लभ बीमारियों के लिए चार नई दवाएं जल्द ही बाजार में आने की उम्मीद है, जबकि सात बीमारियों के लिए पांच दवाएं पहले ही बाजार में आ चुकी हैं। इन दवाओं से मरीजों की परेशानी कम हो रही है। उन्होंने दुर्लभ बीमारियों पर उद्योग मंडल फिक्की और नीति आयोग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि स्थानीय कंपनियों द्वारा पेश जेनेरिक दवाओं से दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित लोगों को भारी बचत हुई है। वर्तमान में, दुर्लभ बीमारियों के लिए केंद्रीय तकनीकी समिति (सीटीसीआरडी) की सिफारिश पर राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति के अंतर्गत 63 दुर्लभ बीमारियां शामिल हैं। पॉल ने कहा, ‘‘सात बीमारियों के मामले में, हमने उल्लेखनीय प्रगति की है। इन सात बीमारियों में थैलेसीमिया, विल्सन रोग और सिस्टिक फाइब्रोसिस शामिल हैं... अब पांच दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं।'' उन्होंने कहा कि चार अन्य दवाएं भी जल्द ही बाजार में आने वाली हैं। पॉल ने कहा कि नीति आयोग ने 2023 में 13 विकारों को प्राथमिकता के तौर पर चुना है।
औषधि विभाग के सचिव अमित अग्रवाल ने कहा कि सरकार, औषधि क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना के तहत, आठ दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए दवाओं के उत्पादन को समर्थन देने में सक्षम रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य दुर्लभ बीमारियों के इलाज को उच्च नीतिगत समर्थन वाले एक रणनीतिक प्राथमिक क्षेत्र बनाना है। नोवार्टिस के प्रबंध निदेशक और क्षेत्रीय अध्यक्ष अमिताभ दुबे ने कहा कि दुर्लभ बीमारियां दुनिया भर में 30 करोड़ से ज्यादा लोगों को प्रभावित करती हैं, जिनमें से सात से नौ करोड़ भारत में हैं। उन्होंने इस दिशा में हुई प्रगति को स्वीकार करते हुए दुर्लभ रोग प्रबंधन में मरीजों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता बतायी। दुबे ने कहा, ‘‘हमें एक ऐसा परिवेश बनाना होगा जो अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित और सक्षम बनाए, नियामक देरी को कम करे और नवाचार को महत्व दे ताकि उपचार भारतीय मरीजों तक तेजी से पहुंच सके।'' - मुंबई. मुंबई में भारी बारिश के बीच मंगलवार शाम एलिवेटेड ट्रैक पर दो मोनोरेल ट्रेन फंस गईं, जिसके 500 से अधिक यात्रियों को बचा लिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ट्रेन में फंसे कई यात्रियों ने दम घुटने की शिकायत की। अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान लगभग चार घंटे बाद समाप्त हो गया। उन्होंने बताया कि बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण ट्रेन रूक गई और भीड़ की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण स्थानीय ट्रेन परिचालन सेवाएं स्थगित कर दिए जाने के बाद से इन दोनों मोनोरेल ट्रेन में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे।अधिकारियों के अनुसार, मैसूर कॉलोनी और भक्ति पार्क के बीच एक मोनोरेल ट्रेन फंस गई, और उसमें सवार 400 से ज़्यादा यात्रियों को बचाने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ी। अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य मोनोरेल ट्रेन से सौ से ज़्यादा यात्रियों को निकाला गया, जिन्हें सफलतापूर्वक पास के वडाला स्टेशन पर वापस लाया गया। शाम करीब सवा छह बजे मैसूर कॉलोनी और भक्ति पार्क स्टेशन के बीच फंसी मोनोरेल ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई। बिजली और एसी सिस्टम बंद होने से 15 यात्रियों ने दम घुटने की शिकायत की। अधिकारियों ने बताया कि 14 लोगों का मौके पर ही उपचार किया गया, जबकि एक लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत स्थिर है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।उन्होंने कहा कि घटना की जांच की जाएगी। फडणवीस ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘कुछ तकनीकी कारणों से एक मोनोरेल चेंबूर और भक्ति पार्क के बीच फंस गई है। एमएमआरडीए (मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण), अग्निशमन विभाग और नगर निकाय समेत सभी एजेंसियां मौके पर पहुंच गई हैं। सभी यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।'' यात्रियों ने बताया कि ट्रेन शाम करीब सवा छह बजे रुकी और बचाव अभियान शुरू होने में एक घंटा लग गया। मुंबई मोनोरेल ने एक शुरुआती प्रेस बयान में कहा कि ट्रेन में बिजली आपूर्ति में मामूली समस्या आ गई थी। एमएमआरडीए के संयुक्त आयुक्त आस्तिक कुमार पांडे ने कहा, ‘‘बारिश के कारण लोग विभिन्न स्टेशन पर फंस गए। ट्रेन की क्षमता से अधिक लोग मोनोरेल ट्रेन में चढ़ गए।'' ट्रेन से निकाले जाने के बाद एक यात्री ने कहा, ‘‘मैं लगभग एक घंटे 45 मिनट तक मोनोरेल में फंसा रहा। अधिकारियों से कोई संपर्क न होने के कारण लोग डरे हुए थे। कुछ लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उन्होंने खिड़की तोड़ने की कोशिश की। कुछ यात्री बेहोश हो गए।'' एक महिला यात्री ने बताया कि अंदर न तो एयर कंडीशनर चल रहा था और न ही बिजली। मुंबई में पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिससे महानगर में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
- नयी दिल्ली. फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा कि भारतीय कंपनियों पर अमेरिकी उच्च शुल्क का सीधा असर सीमित है लेकिन अभी प्रभावित नहीं हुए दवा जैसे क्षेत्र भी भविष्य में होने वाली घोषणाओं की चपेट में आ सकते हैं। अमेरिका ने भारतीय उत्पादों के आयात पर सात अगस्त से 25 प्रतिशत जवाबी शुल्क लगा दिया है। इसके अलावा रूसी तेल का आयात जारी रखने के दंडात्मक जुर्माने के तौर पर 27 अगस्त से अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क भी लगेगा। इस तरह भारत, अमेरिका में 50 प्रतिशत सीमा शुल्क के साथ एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक शुल्क का बोझ उठा रहा है। फिच रेटिंग्स ने इस शुल्क के प्रभावों पर जारी एक बयान में कहा कि मौजूदा शुल्क से भारतीय कंपनियों पर परोक्ष असर बढ़ने का भी जोखिम दिख रहा है। हालांकि, अमेरिका-भारत व्यापार समझौता हो जाने पर यह जोखिम कम हो जाएगा।फिच ने कहा, ‘‘हमारा मत है कि भारत स्थित कंपनियों पर अमेरिकी शुल्क का सीधा असर आमतौर पर कम है, लेकिन फिलहाल इससे अप्रभावित रहे दवा जैसे क्षेत्र भी आगे चलकर होने वाली अमेरिकी शुल्क घोषणाओं से प्रभावित हो सकते हैं।'' रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत की पेट्रोलियम विपणन कंपनियां अपने 30-40 प्रतिशत कच्चे तेल का आयात रूस से करती हैं और रियायती दामों के कारण उनकी लाभप्रदता बनी हुई है। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवाओं, तेल एवं गैस, सीमेंट, निर्माण सामग्री, इंजीनियरिंग, दूरसंचार एवं उपयोगिताओं जैसे क्षेत्रों पर सीधे शुल्क का असर अभी नगण्य माना जा रहा है। फिच ने कहा, ‘‘हालांकि, अन्य एशियाई बाजारों की तुलना में अगर भारत पर अमेरिकी शुल्क लंबे समय तक ऊंचे स्तर पर बना रहता है तो वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत की अनुमानित आर्थिक वृद्धि दर पर दबाव पड़ सकता है। इसका असर अधिक भारतीय कंपनियों के परिचालन प्रदर्शन पर दिखेगा।''
- नयी दिल्ली. चीन ने भारत को उर्वरकों और दुर्लभ मृदा खनिजों की आपूर्ति से जुड़े प्रतिबंधों में ढील देने पर सहमति जताई है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर को उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने इस मुद्दे पर हुई प्रगति से अवगत कराया। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच वार्ता के दौरान भारत द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद चीन ने यह कदम उठाया है। वांग भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए हैं। सूत्रों ने बताया कि चीन ने भारत की तीन प्रमुख चिंताओं का समाधान करने का वादा किया है।एक सूत्र ने कहा, ‘‘(चीन के) विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री जयशंकर को आश्वासन दिया कि भारत की उर्वरकों, दुर्लभ मृदा खनिजों और सुरंग खोदने वाली मशीनों की जरूरतों को चीन पूरा करेगा।'' जयशंकर ने सोमवार को बिना कोई विवरण दिए कहा था कि उन्होंने बैठक में ‘‘विशेष चिंताओं'' का उल्लेख किया, जिन्हें उन्होंने पिछले महीने अपनी बीजिंग यात्रा के दौरान भी उठाया था। दुर्लभ मृदा खनिजों को उच्च-स्तरीय तकनीकी उत्पादों, जैसे इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), ड्रोन और बैटरी स्टोरेज के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। चीन वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है। बैठक में अपनी शुरुआती टिप्पणियों में विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत और चीन को एक कठिन दौर के बाद संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए ‘‘स्पष्ट और रचनात्मक'' दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव घटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया। इस क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच चार साल से अधिक समय तक गतिरोध बना रहा। साल 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद भारत-चीन संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था। इसके मद्देनजर चीनी विदेश मंत्री की यात्रा को दोनों पड़ोसी देशों द्वारा संबंधों को बहाल करने प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। चीनी विदेश मंत्री मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि (एसआर) स्तर की वार्ता के एक नये दौर की बैठक के लिए भारत आए हैं।मंगलवार को होने वाली विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता में दोनों पक्षों द्वारा एलएसी पर समग्र स्थिति की समीक्षा के अलावा विश्वास-बहाली के नये उपायों पर विचार-विमर्श किए जाने की उम्मीद है। दोनों पक्षों ने टकराव वाले स्थानों से सैनिकों को हटा लिया है, लेकिन उन्होंने सीमा से अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को वापस नहीं बुलाया है। वर्तमान में, पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में एलएसी पर दोनों पक्षों के लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं। एनएसए डोभाल ने पिछले साल दिसंबर में चीन की यात्रा की थी और वांग के साथ विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता की थी। इससे कुछ हफ्ते पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रूस के शहर कजान में एक बैठक में दोनों पक्षों के बीच विभिन्न वार्ता तंत्रों को बहाल करने का निर्णय लिया था। पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ और उसी वर्ष जून में गलवान घाटी में हुई झड़प के परिणामस्वरूप द्विपक्षीय संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया। गत वर्ष 21 अक्टूबर को हुए एक समझौते के तहत, टकराव वाले शेष दो स्थानों डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह गतिरोध प्रभावी रूप से समाप्त हो गया। पिछले कुछ महीनों में दोनों पक्षों ने संबंधों को बहाल करने के लिए कई पहल की हैं, जिनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना और भारत द्वारा चीनी नागरिकों को पर्यटक वीजा जारी करने की प्रक्रिया फिर से शुरू करना शामिल है।
- नयी दिल्ली. सरकार ने कपड़ा क्षेत्र के लिए प्रमुख कच्चे माल की उपलब्धता में सुधार के लिए 30 सितंबर तक कच्चे कपास के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दे दी है। कपास पर अब तक 11 प्रतिशत आयात शुल्क के साथ-साथ कृषि अवसंरचना एवं विकास उपकर (एआईडीसी) भी लगता था।वित्त मंत्रालय की 18 अगस्त की अधिसूचना के अनुसार, शुल्क छूट 19 अगस्त यानी आज से प्रभावी हो गई और 30 सितंबर तक लागू रहेगी। आयात शुल्क समाप्त होने से कपड़ा क्षेत्र के लिए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी दरों पर कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित होने की उम्मीद है। घरेलू स्तर पर इस क्षेत्र को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत व्युत्क्रम कर संरचना का भी सामना करना पड़ रहा है। भारत के आयात शुल्क में राहत ऐसे समय में दी गई है, जब कपड़ा क्षेत्र सहित भारतीय निर्यातकों को अमेरिका में 50 प्रतिशत की भारी शुल्क दर का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका भेजे जाने वाले भारतीय सामान पर 25 प्रतिशत शुल्क सात अगस्त से लागू हो गया है। रूस से कच्चा तेल एवं सैन्य उपकरण खरीदने पर भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क 27 अगस्त से अमल में आएगा।
- प्रयागराज. रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अवांछित वस्तुओं जैसे मादक पदार्थ आदि के परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल ने यात्रियों के लिए निर्धारित वजन से अधिक के सामान पर शुल्क लगाने की तैयारी की है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक हिमांशु शुक्ला ने कहा कि रेल यात्रा के दौरान बिना बुकिंग वाला सामान बहुत अधिक संख्या में देखने को मिलता है और सामान में मादक पदार्थ जैसी वस्तुएं पकड़ी जाती हैं। उन्होंने बताया कि हवाई अड्डों की तरह रेलवे स्टेशनों पर भी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर प्रवेश और निकासी द्वार पर सामान की जांच करने वाली मशीन लगाने और सभी तरह के सामान की जांच करने की तैयारी की जा रही है।शुक्ला ने बताया कि हवाईअड्डों की तर्ज पर सामान में टैग लगाया जाएगा और यात्रियों से निर्धारित वजन से अधिक के सामान की बुकिंग पार्सल की दर से कराने को कहा जाएगा। मसलन, ‘एसी फर्स्ट क्लास' में 70 किलोग्राम तक के वजन का सामान ले जाने की अनुमति होगी और इससे अधिक के सामान को पार्सल माना जाएगा और शुल्क वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह, ‘एसी सेकेंड क्लास' के लिए 50 किलोग्राम, ‘एसी थ्री' और ‘स्लीपर क्लास' के लिए 40 किलोग्राम और ‘जनरल क्लास' के लिए 30 किलोग्राम तक के वजन का सामान निःशुल्क ले जाने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि यह जनता पर कोई बोझ नहीं बल्कि उनकी सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम है।यह योजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी और इसे प्रथम चरण में प्रयागराज मंडल के प्रयागराज और छिवकी जंक्शन पर अक्टूबर-नवंबर तक लागू किए जाने की संभावना है। इसके बाद बाकी स्टेशनों पर इसे लागू किया जाएगा। शुक्ला ने बताया कि योजना की समीक्षा के बाद निविदा आमंत्रित की जाएगी और जो भी कंपनी ठेका हासिल करती है, वह तौलने की मशीन और स्कैनर आदि स्वयं लगाएगी तथा रेलवे को प्राप्त होने वाले अतिरिक्त राजस्व में हिस्सेदार बनेगी।
- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के दौरान चीन के साथ सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया तथा सीमा संबंधी मुद्दों के निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह चीन के शहर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के आगामी शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलने के लिए उत्सुक हैं। सोमवार को दो दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे वांग ने मोदी को शी की ओर से एक संदेश और एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए निमंत्रण सौंपा।भारत और चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में गतिरोध समाप्त करने पर सहमति जताए जाने के दो दिन बाद, मोदी और शी ने पिछले साल अक्टूबर में रूसी शहर कज़ान में मुलाकात की थी। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने तथा सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई तंत्रों को बहाल करने पर सहमति व्यक्त की थी। वांग की यात्रा को दोनों पड़ोसियों द्वारा अपने संबंधों को फिर से सुधारने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है। वर्ष 2020 में गलवान घाटी में संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच गंभीर तनाव पैदा हो गया था। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘विदेश मंत्री वांग यी से मिलकर खुशी हुई। पिछले वर्ष कज़ान में राष्ट्रपति शी के साथ मेरी मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंधों में एक-दूसरे के हितों और संवेदनशीलता के सम्मान के साथ निरंतर प्रगति हुई है।''मोदी ने कहा, ‘‘मैं एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में होने वाली हमारी अगली बैठक को लेकर आशान्वित हूं। भारत और चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित, रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।'' प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि मोदी ने सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और सीमा मुद्दों के "निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य" समाधान के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। पीएमओ ने एक बयान में कहा, "प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष कज़ान में राष्ट्रपति शी के साथ अपनी बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई स्थिर और सकारात्मक प्रगति का स्वागत किया, जो आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता पर आधारित है, जिसमें कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली भी शामिल है।" मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के निमंत्रण के लिए शी चिनफिंग को धन्यवाद दिया और अपनी स्वीकृति व्यक्त की।
- कोलकाता. मॉडलिंग के पेशे से जुड़ी एक युवती ने स्थानीय पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि दो पुरुषों ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि शिकायत के मुताबिक इन पुरुषों से मॉडल की मुलाकात सोशल मीडिया पर हुई थी और उन्होंने फिल्मों में भूमिका दिलाने का वादा करके कोलकाता में उसका यौन उत्पीड़न किया। सोमवार रात शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए जांच शुरू कर दी है।अधिकारी ने कहा, “उसने दो लोगों पर फिल्मों में भूमिकाएं देने के बहाने बार-बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।” घटना कस्बा थाना क्षेत्र में हुई। उन्होंने बताया, “दोनों आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया गया है।” प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपियों ने 2023 में सोशल मीडिया पर महिला से दोस्ती की थी।अधिकारी ने कहा, “उन्होंने खुद को फिल्म निर्माता बताया और कहा कि उनके बॉलीवुड और कोलकाता फिल्म उद्योग से संबंध हैं। उन्होंने उसे फिल्मों में भूमिकाएं दिलाने और मनोरंजन उद्योग के लोगों से मिलवाने का लालच दिया, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।” उन्होंने बताया कि दोनों उसे कस्बा में कई जगहों पर ले गए जहां उन्होंने कई बार उसके साथ बलात्कार किया। उन्होंने बताया कि जब मॉडल ने फिल्म उद्योग के लोगों से मिलने पर ज़ोर दिया, तो वे उससे कतराने लगे। इसके बाद मॉडल ने पुलिस से संपर्क किया।
- नयी दिल्ली. थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और नीति आयोग के सीईओ बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने सैन्य और नागरिक विशेषज्ञों की एक बैठक की सह-अध्यक्षता की, जिसमें भारतीय सेना को उन्नत नवाचारों के उपयोग के जरिए भविष्य के लिए तैयार करने पर मंथन हुआ। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि चर्चा का केंद्र बिंदु ‘आत्मनिर्भर भारत' और ‘विकसित भारत' के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप सैन्य क्षमताओं को सशक्त करना रहा। उन्होंने कहा कि बातचीत में स्वदेशी क्षमताओं को एकीकृत करने की साझा प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला गया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि देश की रक्षा तैयारी मजबूत और “लगातार उभरती चुनौतियों” के प्रति संवेदनशील बनी रहे। भारतीय सेना ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में दिल्ली में हुई बैठक की कुछ तस्वीरें साझा कीं।उसने कहा, ‘‘भारतीय सेना और नीति आयोग ने अग्रणी प्रौद्योगिकियों के समावेश पर एक उच्च-स्तरीय चर्चा की। थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने संयुक्त रूप से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में शक्तियों के अभिसरण का पता लगाने के लिए सैन्य और नागरिक विशेषज्ञों की एक बैठक की अध्यक्षता की।''
- नयी दिल्ली. एनसीईआरटी ने कक्षा तीन से 12 तक के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर दो विशेष पाठ पेश किए हैं। इनमें कहा गया है कि यह मिशन न केवल एक सैन्य अभियान था, बल्कि यह शांति की रक्षा करने और पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के सम्मान का वादा भी है। पाठ्यक्रम में पूरक सामग्री के रूप में शामिल किए गए पाठ ऑपरेशन सिंदूर के तीन महीने बाद आए हैं।इसमें से एक पाठ में कहा गया है, ‘‘भारत ने सात मई, 2025 को पाकिस्तान और इसके अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइलों और हवाई हमलों की शुरुआत की। अंत में चुने गए और अनुमोदित नौ लक्ष्यों में से सात आतंकी शिविरों को भारतीय थलसेना ने नष्ट कर दिया, जबकि भारतीय वायुसेना ने मुरीदके और बहावलपुर में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्य केंद्र थे।'' राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने सरकार के इस रुख को दोहराया है कि भारत ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी असैन्य नागरिक को नुकसान न पहुंचे। इसने कहा, ‘‘प्रत्येक लक्ष्य की दोबारा पड़ताल की गई। केवल आतंकवादी ठिकानों पर ही हमला किया गया।इस ऑपरेशन से पता चला कि भारत आतंकी सरगनाओं को सजा से बचने नहीं देगा।'' प्रारंभिक और मध्य स्तर या कक्षा तीन से आठ तक के लिए दो मॉड्यूल का शीर्षक ‘ऑपरेशन सिंदूर - वीरता की गाथा' और माध्यमिक स्तर या कक्षा 9 से 12 के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर - सम्मान और वीरता का मिशन' है। ये मॉड्यूल स्कूली बच्चों के बीच भारत की सैन्य शक्ति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर को ‘‘बहादुरी, रणनीति और नवाचार की जीत'' बताते हुए मॉड्यूल में भारत की वायु रक्षा प्रणालियों, जैसे एस-400 का भी उल्लेख किया गया है, जिसने लंबी दूरी पर दुश्मन के विमानों को मार गिराया और दुश्मन के ड्रोन भी नष्ट कर दिए।द्वितीयक चरण के पाठ में कहा गया है, ‘‘हैदराबाद, लखनऊ और भोपाल में मुस्लिम समुदायों ने काली पट्टियां बांधीं और हमले की खुलकर निंदा की। कश्मीर में दुकानदारों ने विरोध में अपनी दुकानें बंद कर दीं। सीमा के पास के गांवों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की और सशस्त्र बलों का समर्थन किया।'' पाठों में से एक में कहा गया है, ‘‘अतीत में, भारत अपने नागरिकों के लिए खड़े होने से कभी नहीं कतराया। हमने 1947, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में कड़ा जवाब दिया... ऑपरेशन सिंदूर भी जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल मुजाहिदीन (एचयूएम) और पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के नेतृत्व वाले आतंकवाद को रोकने का भारत का तरीका था।'' इसमें कहा गया, ‘‘यह महज एक सैन्य अभियान नहीं था; यह शांति की रक्षा और मारे गए लोगों के सम्मान का वादा भी है।''
- नयी दिल्ली. प्रस्तावित जीएसटी सुधारों के तहत दो-स्तरीय कर ढांचे और घरेलू सामान पर कर की कम दरों से सालाना 85,000 करोड़ रुपये का औसत राजस्व के नुकसान का अनुमान है, लेकिन इससे खपत में 1.98 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में मंगलवार को यह कहा गया। केंद्र ने जीएसटी में व्यापक सुधारों का प्रस्ताव किया है। इसके तहत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत पांच और 18 प्रतिशत की दो कर स्लैब होंगे। यह वस्तुओं को ‘योग्यता' और ‘मानक' के रूप में वर्गीकृत करेगी। साथ ही, पान मसाला और तंबाकू जैसे अहितकर वस्तुओं सहित पांच से सात चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर लगाया जाएगा।रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि प्रभावी भारित औसत जीएसटी दर शुरू में 14.4 प्रतिशत से घटकर सितंबर, 2019 में 11.6 प्रतिशत पर आ गई। दरों को युक्तिसंगत बनाने के प्रस्ताव को देखते हुए, प्रभावी भारित औसत जीएसटी दर घटकर 9.5 प्रतिशत हो सकती है। हालांकि, उपभोग में वृद्धि मुद्रास्फीति को नहीं बढ़ाएगी क्योंकि प्रस्तावित जीएसटी व्यवस्था में व्यापक उपभोग की वस्तुओं पर कर कम होंगे। यह सकल घरेलू उत्पाद में 0.6 प्रतिशत की कुल वृद्धि के बराबर है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘कुल मिलाकर, हमारा मानना है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 0.2 से 0.5 प्रतिशत तक नरम हो सकती है। चूंकि आवश्यक वस्तुओं (खाद्य, कपड़ा, आदि) की जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत होने की उम्मीद है, ऐसे में इस श्रेणी में सीपीआई मुद्रास्फीति भी 0.1 प्रतिशत से 0.15 प्रतिशत तक कम हो सकती है। इसमें यह माना गया है कि खाद्य वस्तुओं के मामले में 60 प्रतिशत लाभ यानी खुदरा मूल्य में उतनी कमी की जाएगी। इसके अलावा, सेवाओं की जीएसटी दरों के युक्तिसंगत बनाये जाने से 25 प्रतिशत लाभ आगे बढ़ाये जाने को ध्यान में रखते हुए, अन्य वस्तुओं और सेवाओं की खुदरा मुद्रास्फीति में 0.05 से 0.1 प्रतिशत की और कमी आएगी।एसबीआई रिसर्च ने कहा, ‘‘जीएसटी 2.0 व्यवस्था से औसतन 85,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा होने के बावजूद, खपत में 1.98 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होने का अनुमान है।'' चालू वित्त वर्ष में, नई कर दरों की अवधि अक्टूबर-मार्च मानते हुए, राजस्व घाटा 45,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष के बजट में घोषित आयकर दरों में कटौती के लाभ को मिलाकर, दोनों उपायों के संयुक्त प्रभाव से अर्थव्यवस्था में उपभोग व्यय में 5.31 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त वृद्धि का अनुमान है। यह सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1.6 प्रतिशत है। केंद्र के प्रस्ताव पर बुधवार और बृहस्पतिवार को राज्यों के वित्त मंत्रियों की एक समिति चर्चा करेगी। मंजूरी मिलने के बाद, इसे अगले महीने जीएसटी परिषद की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। वर्तमान जीएसटी संरचना (जीएसटी 1.0) में चार दरें... 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत हैं। ये दरें अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होती हैं।मुख्य स्लैब के अलावा, तीन विशेष दरें भी हैं। सोना, चांदी, हीरा और आभूषण पर तीन प्रतिशत, तराशे और पॉलिश किए हुए हीरों पर 1.5 प्रतिशत, और कच्चे हीरों पर 0.25 प्रतिशत। तंबाकू उत्पादों और मोटर वाहन जैसी चुनिंदा वस्तुओं पर अलग-अलग दरों पर जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर भी लगाया जाता है। इस उपकर का उपयोग राज्यों को जीएसटी प्रणाली में परिवर्तन के परिणामस्वरूप होने वाले किसी भी राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधारों की घोषणा की।
- नयी दिल्ली. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को कहा कि पिछले नौ महीनों में भारत-चीन संबंधों में सुधार आया है क्योंकि सीमा पर शांति बनी हुई है। उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ सीमा पर तनाव कम करने और संबंधित मुद्दों पर बातचीत की। डोभाल और वांग ने विशेष प्रतिनिधि तंत्र के ढांचे के तहत 24वें दौर की वार्ता की, जिसके एक दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात की थी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय पक्ष ने सीमापार आतंकवाद सहित सभी तरह के आतंकवाद के मुद्दे को दृढ़ता से उठाया और याद दिलाया कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के मूल उद्देश्यों में से एक आतंकवाद की बुराई का मुकाबला करना है। चीन में आयोजित होने जा रहे वार्षिक एससीओ शिखर सम्मेलन में एक पखवाड़े से भी कम समय बचा है।बयान में कहा गया कि जयशंकर ने यारलुंग त्सांगपो (ब्रह्मपुत्र नदी) के निचले हिस्से में चीन द्वारा किए जा रहे एक विशाल बांध के निर्माण के संबंध में भारत की चिंताओं को भी रेखांकित किया, क्योंकि इसका निचले तटवर्ती राज्यों पर प्रभाव पड़ेगा। इसमें कहा गया कि इस संबंध में अत्यधिक पारदर्शिता की आवश्यकता को दृढ़ता से रेखांकित किया गया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता में ‘‘तनाव कम करने, परिसीमन और सीमा मामलों'' से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। वांग सोमवार को दो दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। उनकी यात्रा को दोनों पड़ोसियों द्वारा अपने संबंधों को फिर से सुधारने के लिए किए जा रहे प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। वर्ष 2020 में गलवान घाटी में हुए भीषण संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी तल्खी आ गई थी।टेलीविजन पर प्रसारित अपने आरंभिक संबोधन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने विशेष प्रतिनिधि वार्ता के पिछले दौर के लिए पिछले दिसंबर में अपनी बीजिंग यात्रा को याद किया और कहा कि तब से दोनों पक्षों के बीच संबंधों में ‘‘उन्नति की प्रवृत्ति'' रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सीमाएं शांत हैं, शांति एवं सौहार्द बना हुआ है, हमारे द्विपक्षीय संबंध और अधिक ठोस हो गए हैं।'' डोभाल ने औपचारिक रूप से यह भी घोषणा की कि मोदी 31 अगस्त और एक सितंबर को तियानजिन में आयोजित होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के मद्देनजर विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता ने ‘‘बहुत विशेष महत्व'' हासिल कर लिया है। डोभाल ने पिछले वर्ष अक्टूबर में रूसी शहर कज़ान में एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई वार्ता का भी उल्लेख किया और कहा कि तब से दोनों पक्षों को बहुत लाभ हुआ है।.डोभाल ने कहा, ‘‘जो नया माहौल बना है, उससे हमें उन विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने में मदद मिली है, जिन पर हम काम कर रहे थे।'' मोदी और चिनफिंग के बीच बैठक भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में शेष दो टकराव बिंदुओं देपसांग और डेमचोक से सैनिकों को पीछे हटाने के समझौते के दो दिन बाद हुई थी। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों के बीच वार्ता सहित कई तंत्रों को पुन: क्रियान्वित करने का निर्णय लिया था। चीनी विदेश मंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि दोनों पक्षों को ‘‘रणनीतिक संचार के माध्यम से आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए, आदान-प्रदान और सहयोग के माध्यम से साझा हितों का विस्तार करना चाहिए, तथा सीमाओं पर विशिष्ट मुद्दों का उचित ढंग से समाधान करना चाहिए।'' वांग ने कहा, ‘‘हम यह देखकर प्रसन्न हैं कि अब सीमाओं पर स्थिरता बहाल हो गई है।''उन्होंने कहा, ‘‘अब द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और विकास का एक महत्वपूर्ण अवसर है। चीनी पक्ष हमारे निमंत्रण पर एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री की चीन यात्रा को बहुत महत्व देता है।'' विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि दोनों विदेश मंत्रियों के बीच चर्चा में साझा हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। इसने कहा कि भारतीय पक्ष ने सीमापार आतंकवाद सहित सभी तरह के आतंकवाद के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया तथा याद दिलाया कि एससीओ के मूल उद्देश्यों में से एक आतंकवाद की बुराई का मुकाबला करना था। मंत्री वांग ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि आतंकवाद का मुकाबला करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। विशेष प्रतिनिधि वार्ता में दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और सौहार्द बनाए रखने पर विचार-विमर्श किया।
- जम्मू. भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में अचानक आई बाढ़ के बाद एक टापू पर फंसी महिलाओं और बच्चों समेत सात लोगों को मंगलवार को बचा लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जम्मू स्थित रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि सेना ने लोअर कुनियान में एक तेज और सफल बचाव अभियान चलाय। लोअर कुनियान में भारी बारिश के कारण जलस्तर में अचानक वृद्धि के बाद उफनती पुंछ नदी के एक टापू पर कई नागरिक फंस गए थे।संकट की सूचना पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए, सेना के विशेष प्रशिक्षित एक बचाव दल को तैनात किया गया, जिसने फंसे हुए सभी सात लोगों को बचा लिया। अधिकारी ने कहा, ‘‘यह अभियान भारतीय सेना की बहादुरी, साहस और करुणा के विशिष्ट मूल्यों को दर्शाता है। सैनिकों ने असहाय नागरिकों तक पहुंचने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर अनुकरणीय समर्पण का परिचय दिया।'' उन्होंने कहा कि समय पर किए गए हस्तक्षेप से न केवल संभावित त्रासदी को रोका गया, बल्कि स्थानीय लोगों को संकट के समय में सेना की तत्परता के बारे में आश्वस्त भी किया गया।
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नयी दिल्ली. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-रूस की ‘‘समय की कसौटी पर खरी उतरी'' साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से मंगलवार को मॉस्को की तीन दिवसीय यात्रा शुरू की। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना कर 50 प्रतिशत करने के फैसले से भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव है। इस शुल्क में रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर लगाया गया 25 प्रतिशत का जुर्माना भी शामिल है। विदेश मंत्रालय ने जयशंकर की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि वह व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) के बुधवार को होने वाले 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे। विदेश मंत्री और रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के आईआरआईजीसी-टीईसी की सह-अध्यक्षता करने का कार्यक्रम है, जिससे इस वर्ष के अंत में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा की रूपरेखा तैयार होने की उम्मीद है। जयशंकर और उनके रूसी समकक्ष सेर्गेई लावरोव के यूक्रेन में शांति लाने संबंधी ट्रंप प्रशासन की नवीनतम पहलों पर भी चर्चा करने की संभावना है। विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में बताया कि यात्रा के दौरान विदेश मंत्री द्विपक्षीय एजेंडे की समीक्षा करेंगे और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर रूसी विदेश मंत्री के साथ विचार साझा करेंगे। बयान में कहा गया है, ‘‘इस यात्रा का उद्देश्य भारत-रूस की लंबे समय से चली आ रही और समय की कसौटी पर खरी उतरी विशेष सामरिक साझेदारी को और मजबूत करना है।'' ऐसी उम्मीद है कि जयशंकर की मॉस्को यात्रा के दौरान दोनों पक्ष भारत-रूस ऊर्जा संबंधों पर भी विचार-विमर्श करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस महीने एक शासकीय आदेश जारी कर नयी दिल्ली द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद के जुर्माने के रूप में भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क (टैरिफ) लगाया है। रूस से कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार के समीकरणों पर आधारित है। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों द्वारा मॉस्को पर प्रतिबंध लगाने और उसकी आपूर्ति बंद करने के बाद भारत ने रियायती दरों पर बेचे जाने वाले रूसी तेल को खरीदना शुरू कर दिया था। इसके परिणामस्वरूप, 2019-20 में कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी मात्र 1.7 प्रतिशत थी जो 2024-25 में बढ़कर 35.1 प्रतिशत हो गई और अब यह भारत को सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। जयशंकर की मॉस्को यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों के बीच यूक्रेन संघर्ष पर भी विचार-विमर्श होने की संभावना है। भारत लगातार बातचीत और कूटनीति के ज़रिए रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने का आह्वान करता रहा है।
पिछले वर्ष जुलाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मास्को की यात्रा की थी और पुतिन से कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है तथा बम और गोलियों के बीच शांति प्रयास सफल नहीं होते। इसके अगले महीने, मोदी ने यूक्रेन की राजधानी कीव की यात्रा की थी और राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से कहा था कि यूक्रेन और रूस को युद्ध समाप्त करने के लिए बिना समय बर्बाद किए एक साथ बैठना चाहिए। -
हैदराबाद. इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने मंगलवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी एक ऐसे रॉकेट पर काम कर रही है, जिसकी ऊंचाई 40 मंजिला इमारत जितनी होगी और जो 75,000 किलोग्राम भार वाले ‘पेलोड' को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने में सक्षम होगा। उस्मानिया विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में नारायणन ने कहा कि इस वर्ष इसरो ने कई महत्वपूर्ण मिशन तय किए हैं, जिनमें ‘नेविगेशन विद इंडिया कॉन्स्टेलेशन सिस्टम' (एसएवीआईसी) सैटेलाइट, एन1 रॉकेट और भारतीय रॉकेटों के जरिये अमेरिका के 6,500 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह को कक्षा में स्थापित करना शामिल है। उन्होंने कहा ‘‘आप जानते हैं कि रॉकेट की क्षमता क्या है?''
उन्होंने कहा, ‘‘डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा निर्मित पहला प्रक्षेपक 17 टन का था, जो केवल 35 किलोग्राम भार को निचली पृथ्वी कक्षा में स्थापित कर सकता था। आज हम 75,000 किलोग्राम भार ले जाने वाले रॉकेट की कल्पना कर रहे हैं, जिसकी ऊंचाई 40 मंजिला इमारत जितनी होगी।'' उन्होंने बताया कि इसरो इस वर्ष ‘टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेशन सैटेलाइट' (टीडीएस) और जीसैट-7आर (भारतीय नौसेना के लिए विशेष संचार उपग्रह) सहित कई उपग्रहों का प्रक्षेपण करने जा रहा है। नारायणन ने कहा कि फिलहाल भारत के 55 उपग्रह अंतरिक्ष में सक्रिय हैं और आने वाले तीन से चार वर्षों में यह संख्या तीन गुना बढ़ाई जाएगी। इस अवसर पर तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने उन्हें भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में उनके अहम योगदान के लिए विज्ञान में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की। -
नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया ब्लॉक के नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में उपराष्ट्रपति चुनाव पर विस्तार से चर्चा हुई और उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम पर सहमति बनी।
उपराष्ट्रपति चुनाव में बी. सुदर्शन रेड्डी विपक्ष के उम्मीदवार होंगे, जिनका मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा। बी. सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी।खड़गे ने कहा कि ‘इंडिया’ अलायंस ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। उन्होंने कहा कि बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उनका एक लंबा और प्रतिष्ठित कानूनी करियर रहा है, जिसमें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करना शामिल है।उन्होंने कहा कि सुदर्शन रेड्डी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के एक निरंतर और साहसी समर्थक रहे हैं। अगर आप उनके कई फैसले पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा कि उन्होंने कैसे गरीबों का पक्ष लिया और संविधान तथा मौलिक अधिकारों की रक्षा की।मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “उपराष्ट्रपति पद का यह चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है और सभी विपक्षी दल इस पर सहमत हैं, और यही कारण है कि हमने बी. सुदर्शन रेड्डी को संयुक्त उम्मीदवार के रूप में नामित किया है।” उन्होंने कहा कि सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे। सभी विपक्षी दलों के सांसद बुधवार की दोपहर 1 बजे सेंट्रल हॉल में बैठक करेंगे।टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा, “आम आदमी पार्टी समेत सभी विपक्षी दल इस पर सहमत हैं।” एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के आवास पर सोमवार को उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर अहम बैठक हुई थी, जिसमें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप दिया था। बैठक में तय किया गया कि महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 20 अगस्त को नामांकन करेंगे - मुंबई। महाराष्ट्र में आफत की बारिश जारी है । पूरे राज्य में बारिश से आम-जनजीवन पर खासा असर पड़ा है। कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है । राज्य में 21 अगस्त तक हालातों में कोई सुधार नहीं होने की उम्मीद है । लगातार जारी भारी बारिश ने आम-जनजीवन के साथ-साथ किसानों को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। राज्य में लाख एकड़ में खड़ी फसलों का नुकसान हुआ है ।कृषि विभाग की तरफ से बताया गया है कि गुरुवार 14 अगस्त से जारी बारिश के चलते अमरावती जिले में 12,360 हेक्टेयर में लगी सोयाबीन, कपास और संतरे की फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई हैं । यवतमाल में शुरुआती अनुमान के अनुसार 90,852 हेक्टेयर में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ है । यवतमाल जिले के 13 तालुका पर बारिश का असर पड़ा है। कृषि अधिकारी राहुल सतपुते के हवाले से बताया है कि अमरावती डिविजन के पांच जिलों में करीब तीन लाख हेक्टेयर में फसलों को नुकसान हुआ है ।विदर्भ में भी काफी नुकसान हुआ है। यहां के मेखर, मालेगांव, पातूर और बालापुर में लगातार बारिश हो रही है। उतावली और निर्गुण बांध ओवरफ्लो हो गए हैं । इसकी वजह से कई हेक्टेयर में कृषि योग्य भूमि पानी में डूब गई है। नुकसान काफी ज्यादा हो सकता है, प्रशासन अभी अनुमान लगाने में जुटा है । प्रशासन की तरफ से जो शुरुआती जानकारी दी गई है उसके अनुसार यहां भी नींबू, कपास, अरहर और सोयाबीन की फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है । मराठवाड़ा में भी कई गांव पानी में डूबे हैं और कई हेक्टेयर भूमि बह गई है । अकेले संभाजी नगर जिले में ही 800 गांव पानी में डूब गए हैं । यहां पर दो लाख हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं ।मौसम विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटे में और बारिश होने की चेतावनी दी है. ऐसे में निचले इलाकों और नदी किनारे की फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है। चार दिन से जारी बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति ने किसानों की सोयाबीन, कपास और अरहर जैसी खरीफ फसलों को हजारों हेक्टेयर में नुकसान पहुंचाया है। यवतमाल, बीड और नांदेड़ में, जहां बुवाई की गई थी, चार लाख हेक्टेयर जमीन बहुत ज्यादा बारिश के कारण नष्ट हो गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भरोसा दिलाया है कि पंचनामा करके किसानों को पूरा मुआवजा दिया जाएगा । रत्नागिरी , रायगढ़ और हिंगोली जिलों में अधिक वर्षा हुई है और मौसम विभाग ने 17 से 21 अगस्त के बीच भारी वर्षा की चेतावनी दी है।मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अगले कुछ दिनों तक सतर्क रहने के निर्देश दिए। कोंकण में कुछ नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं और जलगांव में भारी नुकसान हुआ है। अलमट्टी के संबंध में कर्नाटक सरकार से लगातार संपर्क बनाए रखा जा रहा है , और हालांकि फिलहाल कोई खतरा नहीं है, फिर भी मुख्यमंत्री ने व्यवस्था को अलर्ट पर रखने के आदेश दिए हैं। मुखेड़ में स्थिति नियंत्रण में आ गई है , और विष्णुपुरी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। खतरे का स्तर बढ़ने से पहले अन्य राज्यों से संपर्क करने को कहा गया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पर्यटन स्थलों पर पुलिस सतर्क रहे , भूस्खलन वाले क्षेत्रों में व्यवस्था पहले से चालू रहे और आश्रय केंद्रों पर भोजन, स्वच्छ पानी और कपड़ों की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराई जाए । मुख्यमंत्री द्वारा नागरिकों को दिए गए निर्देशों में , उनसे अपील की गई कि वे एसएमएस अलर्ट भेजते समय सटीक समय का उल्लेख करें , अलर्ट को गंभीरता से लें और अपना ध्यान रखें । उन्होंने स्पष्ट किया कि तत्काल सहायता के लिए मंत्रालय से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है , स्थानीय स्तर पर धनराशि और अधिकार दिए गए हैं ।राज्य सरकार ने भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का तत्काल आकलन करने के निर्देश दिए हैं। राहत और पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव-पाटिल ने कहा कि मौसम विभाग द्वारा दिए गए पूर्वानुमान के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक बारिश की तीव्रता जारी रहेगी। भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति के कारण राज्य में कृषि फसलों और बागों को जो नुकसान हुआ है, संबंधित जिले के जिला कलेक्टर तुरंत नुकसान का पंचनामा करें और बिना देरी के अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें । भारतीय मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक विदर्भ , मराठवाड़ा और कोंकण क्षेत्रों में भारी वर्षा की चेतावनी दी है । प्रशासन को इन क्षेत्रों के नागरिकों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए सतर्क रहना चाहिए। सरकार नागरिकों के साथ मजबूती से खड़ी है और प्रशासन को भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित लोगों का तुरंत पंचनामा करना चाहिए ताकि प्रभावित समूहों को तत्काल मदद और राहत मिल सके। इस नुकसान की रिपोर्ट संबंधित विभागीय आयुक्तों को सौंपने का कहा गया है।
- चंदौली (उत्तर प्रदेश) । चंदौली जिले में मंगलवार को एक व्यक्ति ने कथित तौर पर मामूली विवाद के बाद फावड़े से हमला कर अपनी पत्नी की हत्या कर दी। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।पुलिस ने बताया कि घटना सकलडीहा कोतवाली क्षेत्र के बथावर गांव की है। उसने बताया कि भगवान दास यादव का अपनी पत्नी क्रीमकला देवी से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया, जिसके बाद उसने क्रीमकला पर फावड़े से वार कर दिया।सकलडीहा पुलिस क्षेत्राधिकारी स्नेहा तिवारी के मुताबिक, महिला की मौके पर ही मौत हो गई और वारदात के बाद आरोपी फरार हो गया।महिला की मां ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि आरोपी चाहता था कि क्रीमकला मायके की जमीन को अपने नाम करवा ले जिसका विरोध करने पर भगवान दास ने उनकी बेटी की हत्या कर दी।उन्होंने बताया, ‘‘भगवान दास हिस्ट्रीशीटर अपराधी है और पंचायत सदस्य भी है। आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गई हैं।’’ तिवारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने मंगलवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की और भारत-चीन सीमा मुद्दों पर विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) की 24वें दौर की वार्ता की। वांग यी दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को भारत पहुंचे हैं।
द्विपक्षीय मुद्दों पर हुई चर्चाबताना चाहेंगे इस बैठक में सीमा पर तनाव, व्यापार, उड़ान सेवाओं की बहाली और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई। इसे लेकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि यह यात्रा राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच पिछले साल बनी सहमति को लागू करने, उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान को बढ़ाने, आपसी विश्वास को मजबूत करने और मतभेदों को प्रबंधित करने में मदद करेगी। भारत में चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने भी इस दौरे के महत्व को रेखांकित किया।सोमवार को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से की मुलाकातइससे पहले सोमवार को वांग यी की विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात में जयशंकर ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “हमारे संबंधों में प्रगति का आधार सीमा पर शांति और सौहार्द है। तनाव कम करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना जरूरी है।” इस बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अन्य अधिकारी मौजूद थे।डॉ. एस. जयशंकर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने आर्थिक-व्यापारिक सहयोग, तीर्थयात्राओं, लोगों के बीच संपर्क, नदी डेटा साझाकरण और सीमा व्यापार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, “हमें पारस्परिक सम्मान, संवेदनशीलता और हितों के आधार पर आगे बढ़ना होगा ताकि मतभेद विवाद न बनें।”एससीओ की भारत की अध्यक्षता के दौरान चीन के सहयोग का किया उल्लेखविदेश मंत्री ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की भारत की अध्यक्षता के दौरान चीन के सहयोग का उल्लेख किया और 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी की जानकारी दी। उन्होंने वांग यी को सफल शिखर सम्मेलन की शुभकामनाएं दीं।डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, “हमारी चर्चाएं भारत-चीन संबंधों को स्थिर और सहयोगात्मक बनाने में योगदान देंगी, जो दोनों देशों के हितों को पूरा करेगी और चिंताओं का समाधान करेगी।” - नयी दिल्ली । भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी. आर. गवई ने यहां राष्ट्रपति भवन में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में उनकी मुलाकात की तस्वीरें साझा कीं। पोस्ट में कहा गया, ‘‘भारत के प्रधान न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।'' भाषा यासिर सुरेश
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसदों से मिलवाया है। आज मंगलवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक हुई, जिसमें सीपी राधाकृष्णन का परिचय कराया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी पार्टी और सभी दलों के सांसदों से सीपी राधाकृष्णन का समर्थन करने की अपील की है।
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “मंगलवार सुबह दिल्ली में एनडीए संसदीय दल की बैठक में भाग लिया। उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी के पक्ष में उत्साह देखकर प्रसन्नता हुई।”एनडीए संसदीय दल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “एनडीए संसदीय दल की बैठक हुई। पीएम मोदी की मौजूदगी में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का बैठक में परिचय कराया गया। एनडीए के फ्लोर लीडर्स और सांसदों ने सीपी राधाकृष्णन का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया, उन्हें बधाई दी। एनडीए सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी का भी आभार व्यक्त किया।”किरेन रिजिजू ने बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए ने जो उम्मीदवार (सीपी राधाकृष्णन) तय किया है, उनको सभी दल एकजुट होकर सर्वसम्मति से समर्थन करें। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से खासकर अपील की है कि वे सीपी राधाकृष्णन का समर्थन करें। राजनाथ सिंह भी सभी से बात कर रहे हैं।”उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हम सब मिलकर उपराष्ट्रपति के चुनाव में राधाकृष्णन को सपोर्ट करें। यह लोकतंत्र के लिए, देश के लिए और राज्यसभा को चलाने में भी बहुत उपयोगी होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सीपी राधाकृष्णन, उपराष्ट्रपति पद के लिए एक बहुत अच्छा नाम हैं। यह सभी ने स्वीकार किया है।”केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने राधाकृष्णन की प्रशंसा कीरिजिजू ने राधाकृष्णन की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके जीवन में कोई विवाद नहीं रहा है। उन्होंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया। उनके ऊपर कोई दाग नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “उन्होंने बहुत ही सादा जीवन जिया है और केवल समाज और देश के लिए काम किया है। अगर ऐसा व्यक्ति देश का उपराष्ट्रपति बने, तो यह देश के लिए बहुत खुशी की बात होगी। -
नई दिल्ली। अमेरिकी तकनीकी दिग्गज ओपनएआई ने मंगलवार को भारतीय यूजर्स के लिए एक नए सब्सक्रिप्शन प्लान, ‘चैटजीपीटी गो’ लॉन्च करने की घोषणा की। कंपनी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘चैटजीपीटी गो’ जीएसटी सहित 399 रुपए प्रति माह की दर से उपलब्ध है, जिसका भुगतान यूपीआई के माध्यम से किया जा सकता है।
उद्देश्यइस नई योजना का उद्देश्य भारत में यूजर्स के लिए उन्नत एआई टूल्स को अधिक सुलभ और किफायती बनाना है। ‘चैटजीपीटी गो’ की सभी सुविधाएं जीपीटी-5 द्वारा संचालित हैं, जहां यूजर्स भारतीय भाषाओं का उपयोग कर सकते हैं। ‘चैटजीपीटी गो’ मुफ्त योजना की तुलना में जीपीटी-5 के साथ दस गुना अधिक मैसेज लिमिट प्रदान करता है।विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह प्रतिदिन दस गुना अधिक इमेज जनरेशन प्रदान करता है। यूजर्स प्रतिदिन 10 गुना अधिक फाइल और इमेज अपलोड कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें पर्सनलाइज्ड रिस्पॉन्स के लिए दोगुनी मेमोरी भी है।नया ऑप्शनयह नया ऑप्शन मौजूदा सब्सक्रिप्शन टायर के साथ उपलब्ध है, जिसमें 1,999 रुपए प्रति माह की दर से चैटजीपीटी प्लस भी शामिल है, जो पावर यूजर्स के लिए प्राथमिकता पहुंच, तेज प्रदर्शन और उच्च उपयोग सीमा प्रदान करता है।पेशेवरों और उद्यमों के लिएइसके अलावा, ओपनएआई उन पेशेवरों और उद्यमों के लिए चैटजीपीटी प्रो प्रदान करता है जिन्हें “उच्चतम स्केल, कस्टमाइजेशन और एडवांस्ड मॉडलों तक एक्सेस की आवश्यकता होती है, जिसकी कीमत जीएसटी सहित 19,900 रुपए प्रति माह है।भारत चैटजीपीटी का दूसरा सबसे बड़ा बाजारचैटजीपीटी के उपाध्यक्ष और प्रमुख निक टर्ली ने कहा कि भारत में लाखों लोग सीखने, काम करने, रचनात्मकता और समस्या-समाधान के लिए प्रतिदिन चैटजीपीटी का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘चैटजीपीटी गो’ इन क्षमताओं को अधिक सुलभ बनाता है और यूपीआई का उपयोग कर भुगतान करना आसान बनाता है। कंपनी के अनुसार, भारत चैटजीपीटी का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है और सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। जीपीटी-5 सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध है, प्लस सब्सक्राइबर्स को इसका अधिक इस्तेमाल करने का अवसर मिलेगा और प्रो सब्सक्राइबर्स को जीपीटी-5 प्रो का एक्सेस मिलेगा।