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नयी दिल्ली। वैश्विक मांग में नरमी के कारण देश का निर्यात फरवरी में 8.8 प्रतिशत घटकर 33.88 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इसी महीने में 37.15 अरब डॉलर था। हालांकि, फरवरी में देश का व्यापार घाटा कम होकर 17.43 अरब डॉलर रहा।
वाणिज्य मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। देश के निर्यात में लगातार तीसरे महीने गिरावट हुई है। समीक्षाधीन अवधि में आयात भी 8.21 प्रतिशत घटकर 51.31 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इसी महीने में 55.9 अरब डॉलर था। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान देश का कुल वस्तु निर्यात 7.5 प्रतिशत बढ़कर 405.94 अरब डॉलर रहा।
इस दौरान आयात 18.82 प्रतिशत बढ़कर 653.47 अरब डॉलर हो गया। दिसंबर 2022 में देश का निर्यात सालाना आधार पर 6.58 प्रतिशत घटकर 32.91 अरब डॉलर रह गया था। फरवरी 2022 में व्यापार घाटा 18.75 अरब डॉलर था। जनवरी 2022 में व्यापार घाटा 17.42 अरब डॉलर को छू गया था। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि अभी तक के रुझानों को देखते हुए भारत का माल एवं सेवा निर्यात 2022-23 में 750 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।
बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''हमने विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद गति बनाए रखी है। निर्यातकों ने गति बनाए रखी है। सेवा निर्यात का प्रदर्शन बहुत अच्छा है। व्यापार घाटा वास्तव में कम हुआ है। उम्मीद है कि हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे।'' उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने अगले वित्त वर्ष के लिए लक्ष्य तय करने की कवायद शुरू कर दी है।
चालू वित्त वर्ष के 11 महीनों के दौरान निर्यात के लिहाज से नकारात्मक वृद्धि दर्ज करने वाले क्षेत्रों में इंजीनियरिंग सामान, रत्न और आभूषण, सूती धागे/ कपड़े और प्लास्टिक शामिल हैं। अप्रैल-फरवरी 2022-23 के दौरान इंजीनियरिंग निर्यात घटकर 98.86 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 101.15 अरब डॉलर था।
रत्न और आभूषण निर्यात अप्रैल-फरवरी 2022-23 के दौरान घटकर 35.21 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 35.32 अरब डॉलर था। सकारात्मक वृद्धि दर्ज करने वाले क्षेत्रों में पेट्रोलियम उत्पाद, रसायन, औषधि, इलेक्ट्रॉनिक सामान, चावल और तैयार वस्त्र शामिल हैं। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान सोने का आयात घटकर 31.72 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 45.12 अरब डॉलर था। चालू वित्त वर्ष के 11 महीनों में कच्चे तेल का आयात बढ़कर 193.47 अरब डॉलर हो गया, जो 2021-22 की समान अवधि में 140.67 अरब डॉलर था। -
नयी दिल्ली। तबीयत खराब होने पर दवा लेने से बेहतर है हल्का बुखार, क्योंकि मछली पर किए गए नवीनतम अध्ययन में संकेत मिले हैं कि शरीर के तापमान में हल्की वृद्धि संक्रमण को तेजी से दूर करने में मदद करती है। जर्नल इम्यूनोलॉजी एंड इन्फ्लेमेशन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक संक्रमित मछली को हुआ हल्का बुखार उसके संक्रमण को दूर करने में मददगार साबित हुआ और सूजन को नियंत्रित करने के साथ-साथ क्षतिग्रस्त ऊत्तकों को ठीक में सहायक रहा।
कनाडा स्थित अल्बर्टा विश्वविद्यालय में प्रतिरक्षा विज्ञानी और अध्ययन पत्र के प्रमुख लेखक डेनियल बैरेडा ने कहा, ‘‘ प्रकृति को वह करने दें जो वह करती है और इस मामले में यह बहुत ही सकारात्मक है।'' बैरेडा ने कहा, ‘‘ मध्यम दर्जे का बुखार समाधान प्रक्रिया है जिसका अभिप्राय है कि शरीर प्राकृतिक रूप से बिना दवा के संक्रमण होने पर उसका समाधान कर सकता है।''
अनुसंधानकर्ताओं ने रेखांकित किया कि मानव में प्राकृतिक बुखार के लाभ की पुष्टि अब भी अनुंसधान के जरिये की जानी है ‘‘क्योंकि बुखार की परिपाटी और उसके बने रहने की प्रक्रिया जानवर साझा करते हैं,इसलिए यह उम्मीद करना तार्किक है कि इसी तरह (मछली पर किए अनुसंधान) का लाभ इनसानों में भी होता है।'' अध्ययन में सलाह दी गई है कि लोगों को हल्का बुखार होने के शुरुआती संकेत सामने के बाद ही दवा लेने से बचना चाहिए।
बुखार में आमतौर पर नॉन-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी) दवाएं दी जाती हैं। बैराडा ने कहा,‘‘एनएसएआईडी बुखार की वजह से महसूस की जाने वाली असहजता से राहत देती है लेकिन संभव है कि आप प्राकृतिक प्रक्रिया के कुछ लाभों से वंचित हो रहे हों।'' -
नयी दिल्ली। मध्य और दक्षिण एशिया में वर्ष 2022 के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में से 12 भारत में हैं और भिवाड़ी देश का सबसे प्रदूषित शहर है। एक नयी रिपोर्ट में यह दावा किया गया। स्विस संस्था आईक्यूएयर की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में भारत में पीएम2.5 का वार्षिक औसत स्तर 53.3 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर था, जो 2021 के औसत स्तर 58.1 से थोड़ा कम है।
पिछले साल मध्य और दक्षिण एशिया के 15 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में 12 शहर भारत में हैं और भिवाड़ी देश का सबसे प्रदूषित शहर है जहां पीएम2.5 का वार्षिक स्तर 92.7 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इस रिपोर्ट में शामिल भारत के करीब 60 प्रतिशत शहरों में पीएम2.5 का वार्षिक स्तर कम से कम सात बार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देश से अधिक रहा।
भारतीय शहरों में पीएम2.5 में परिवहन क्षेत्र का योगदान 20 से 35 प्रतिशत तक है। रिपोर्ट के अनुसार पराली जलाना भी एक बड़ी चुनौती है, लेकिन यह कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित है। -
फरीदाबाद। खेलने के दौरान गिरे ‘फर्राटा पंखे' की एक पंखुड़ी (ब्लेड) दो साल के बच्चे के सिर में घुस गयी, जिसे एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने तीन घंटे लंबी सर्जरी के बाद सफलतापूर्वक निकाल दिया। अस्पताल द्वारा जारी बयान के अनुसार, बच्चा फर्राटा पंखे के पास खेल रहा था कि तभी वह (पंखा) गिरा और उसकी करीब 30 सेंटीमीटर लंबी पंखुड़ी बच्चे की खोपड़ी में तीन सेंटीमीटर अंदर घुस गयी।
बयान के अनुसार, फरीदाबाद में स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में न्यूरोसर्जरी विभाग के डॉक्टर नितिश अग्रवाल के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने तीन घंटे लंबी जटिल सर्जरी के बाद पंखुड़ी को बच्चे के सिर से बाहर निकाला। बच्चे को 17 फरवरी को जब अस्पताल में जाया गया था तो वह बेहोश था और उसके घाव से मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में पाया जाने वाला रंगहीन तरल रिस रहा था।
सर्जरी के बाद बच्चे को शिशुओं के आईसीयू में भर्ती किया गया था, बाद में उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। उसे किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने के लिए सात दिनों तक एंटीबायोटिक के स्लाइन पर रखा गया। -
शहडोल। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में बुधवार को मुरुम (मिट्टी का) खदान के धंसकने से उसमें से पीली मिट्टी निकाल रहे दो युवकों की माटी में दबने से मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गये। यह जानकारी पुलिस के एक अधिकारी ने दी।
ब्योहारी के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) रवि प्रकाश कौल ने बताया कि घटना शहडोल जिला मुख्यालय से करीब 95 किलोमीटर दूर ब्योहारी थाना क्षेत्र के ग्राम खड्डा और झरौसी के बीच सुबह लगभग 10:30 बजे हुई। उन्होंने कहा कि कुछ ग्रामीण मुरुम खदान से पीली मिट्टी खोदकर उसे ट्रैक्टर में भर रहे थे कि तभी मिट्टी ऊपर से गिरी और दो युवक उसमें दब गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
कौल ने बताया कि मृतकों की पहचान अनीस कोल (20) और मुकेश कोल (19) के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि इस घटना में दो अन्य युवक घायल भी हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए ब्योहारी स्थित एक अस्पताल में भर्ती किया गया है। -
जयपुर। राजस्थान के उदयपुर जिले में सोमवार की रात एक व्यक्ति ने कहासुनी के बाद कथित रूप से अपनी पत्नी की हत्या कर दी और बाद में आत्महत्या करने का भी प्रयास किया। पुलिस ने बुधवार को बताया कि मामला मंगलवार शाम को मकान मालिक द्वारा पुलिस को सूचना दिए जाने के बाद सामने आया। मकान मालिक ने पुलिस को बताया कि दंपती पिछली रात से कमरे से बाहर नहीं निकले हैं।
पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और आरोपी पति बाबूलाल सुथार (25) को लेटा हुआ जबकि उसकी पत्नी सोनू (22) को सिर में गंभीर चोट के कारण बेहोश पड़ा देखा। पुलिस ने बताया कि घायल महिला को अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना सवीना थाना क्षेत्र की है। पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि दंपती में आपसी विवाद के बाद आरोपी ने सोनू को गैस सिलेंडर से मारा, जिससे उसकी मौत हो गई।
आरोपी बाबूलाल ने गला काट कर आत्महत्या करने की भी कोशिश की लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका और उसी कमरे में सो गया। सवीना थानाधिकारी योगेन्द्र कुमार ने बताया कि मंगलवार को देर शाम तक जब मकान मालिक ने दंपती को नहीं देखा तो दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने पुलिस को सूचित किया। कुमार ने बताया कि बढ़ई का काम करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ की जा रही है। -
मुंबई। देश में 2022 में 23 कंपनियों को यूनिकॉर्न का दर्जा मिला है जो चीन की तुलना में कहीं अधिक है। बीते वर्ष चीन में एक अरब डॉलर के मूल्यांकन वाले ऐसे स्टार्टअप की संख्या महज 11 रही। यह लगातार दूसरी बार है जब इस मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ा है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
आईवीसीए-बेन एंड कंपनी की रिपोर्ट में बताया गया कि अब भारत में उच्च मूल्य वाली इन कंपनियों की संख्या 96 हो गई है। हालांकि इस वर्ष यूनिकॉर्न बनने वाली कंपनियों की संख्या 2021 के मुकाबले लगभग आधी है। उस समय देश में 44 यूनिकॉर्न बने थे और उस वर्ष इनकी कुल संख्या 73 पर पहुंच गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष 23 यूनिकॉर्न में से नौ शीर्ष तीन महानगरों को छोड़कर दूसरे शहरों से हैं।
यह बताता है कि वित्तपोषण अब छोटे शहरों में काम करने वाले स्टार्टअप को भी मिल रहा है। कुल वित्तपोषण में छोटे शहरों के स्टार्टअप को मिलने वाला वित्तपोषण 18 प्रतिशत बढ़ गया है। इसमें कहा गया कि 2022 में व्यापक आर्थिक अनिश्चितता और मंदी की आशंका बढ़ने से निवेश की गति प्रभावित हुई और देश में उद्यम पूंजी निवेश घट गया। प्रतिकूल परिस्थितियों के हावी होने से निवेश की गति साल की दूसरी छमाही में ज्यादा प्रभावित हुई।
बेन एंड कंपनी ने यह वार्षिक रिपोर्ट इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) के साथ मिलकर तैयार की है। इसमें कहा गया कि घरेलू स्टार्टअप परिवेश में सौदे के मूल्य में 33 प्रतिशत का संकुचन आने के बावजूद देश 23 यूनिकॉर्न जोड़ पाया है। सौदे का मूल्य 2021 के 38.5 अरब डॉलर से घटकर 2022 में 25.7 अरब डॉलर रह गया।
बेन एंड कंपनी में साझेदार अर्पण सेठ ने कहा कि आगे जाकर भी व्यापक आर्थिक प्रतिकूल परिस्थितियां वित्त पोषण को प्रभावित करेंगी लेकिन 2023 में देश में और अधिक जुझारू परिवेश बनने की उम्मीद भी है। आईवीसीए के अध्यक्ष रजत टंडन ने कहा, ‘‘उद्योग की दीर्घकालिक वृद्धि की संभावनाओं और अनिश्चितताओं से पार पाकर अवसरों की पहचान करने की उसकी क्षमता को लेकर हम आशावादी हैं।' -
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि देश के विभिन्न राज्यों की सरकारें और धार्मिक संगठन अयोध्या में अपने भवन, आश्रम और धर्मशालाओं के निर्माण के लिए जमीन देने का अनुरोध कर रहे हैं। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने लोक भवन में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 के सम्बन्ध में दिया गया प्रस्तुतीकरण देखने के बाद अपने संबोधन में कहा, ‘‘अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मन्दिर बन रहा है। देश के विभिन्न राज्यों की सरकारों तथा धार्मिक संगठनों द्वारा अयोध्या में अपने भवन/आश्रम/धर्मशाला आदि के निर्माण के लिए भूमि के लिए अनुरोध किया जा रहा है।'' आवंटन की कार्यवाही को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि आवंटित की जाने वाली भूमि के लिए बेहतर कनेक्टिविटी का प्रावधान किया जाए। गौरतलब है कि अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है।
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अयोध्या . अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नवरात्रि के दौरान आगामी 21 से 30 मार्च तक अयोध्या में 10 दिवसीय ‘राम जन्म महोत्सव' का आयोजन करेगा। राम मंदिर ट्रस्ट ने मंगलवार देर शाम अपने ट्विटर हैंडल से महोत्सव का आधिकारिक पोस्टर जारी किया है।
ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि खेल प्रतियोगिताओं में ‘रन फॉर राम' मैराथन दौड़, कुश्ती, कबड्डी, नौका दौड़, तलवारबाजी, साइकिल दौड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में लोकप्रिय कुछ अन्य खेल शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि उत्सव के प्रति दिन शाम को धार्मिक सभाएं आयोजित की जाएंगी। इसमें महाकाव्य श्रीरामचरित मानस की कहानियों पर आधारित नाटकों का प्रदर्शन, भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों के साथ संगीतमय प्रस्तुतियां और कवियों का जमावड़ा भी शामिल होगा जो अपनी कविताओं के माध्यम से भगवान राम की स्तुति का पाठ करेंगे। -
नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी स्थित जंतर मंतर पर 2022 में धरना, प्रदर्शन की संख्या में इसके पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई जो मुख्यत: कोविड संबंधी पाबंदियों में ढील के कारण हुई। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जंतर मंतर पर पिछले साल पुलिस की अनुमति के साथ 661 प्रदर्शन और 189 धरने दिये गये, जबकि 2021 में यहां 560 प्रदर्शन और 129 धरने हुए। साल 2021 में अप्रैल और मई के बीच राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की दूसरी लहर आई थी जिस दौरान दिल्ली सरकार ने प्रदर्शन समेत किसी भी तरह के समागम पर रोक लगा दी थी। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जंतर मंतर पर पिछले साल 2021 की तुलना में धरना प्रदर्शन में 23.36 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि धरना अधिकतर शांतिपूर्ण होते हैं, वहीं प्रदर्शन कभी-कभार उग्र रूप ले सकते हैं।
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नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी के वसंत कुंज में कुत्तों के हमले में दो बच्चों की मौत के कुछ दिन बाद दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय ने मंगलवार को अधिकारियों को आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों ने बताया कि ओबेरॉय ने मंगलवार को आपात बैठक की।
उन्होंने कहा, आवारा कुत्तों के कारण होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए महापौर शैली ओबेरॉय ने अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की। वसंत कुंज में कुत्तों के हमले की घटना के बाद ओबेरॉय ने आपात बैठक बुलाई थी।'' अधिकारियों ने कहा, ‘‘महापौर ने अधिकारियों को आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया था। इस मुद्दे पर महापौर ने बुधवार को पशुओं से जुड़े गैर-सरकारी संगठनों, गौशाला संचालकों और पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की बैठक बुलाई है।'' पुलिस ने रविवार को कहा था कि दो दिनों में अलग-अलग घटनाओं में रूचि विहार के वनक्षेत्र में सात और पांच साल की आयु के दो बच्चों की आवारा कुत्तों के हमले में मौत हो गई। -
नयी दिल्ली. खेती-बाड़ी के लिए महत्वपूर्ण माने लाने वाले पानी की कमी को दूर करने के लिए कृषि क्षेत्र की अग्रणी कंपनी धानुका एग्रीटेक लिमिटेड जल्द ही जल संचय हेतु देशव्यापी अभियान शुरू करेगी। धानुका ग्रुप के चेयरमैन आर जी अग्रवाल ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि कंपनी जल संचयन कार्य को लेकर बेहद गंभीर है और इस दिशा में कई सार्थक पहल भी किए जा रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि 22 मार्च को विश्व जल दिवस के उपरांत यह अभियान एक वर्ष तक लगातार चलाया जाएगा और इसके लिए जगह-जगह किसानों की संगोष्ठी समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने देश भर में जल संकट और घटते भू-जल स्तर की समस्याओं पर चिंता जताई और कहा कि अब हमें इस दिशा में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जा रहा है जिसके उपरांत इस देशव्यापी अभियान में लोगों को जल संचय के प्रति जागरूक किया जाएगा। खासकर किसानों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से यह बताने की कोशिश की जाएगी कि कृषि कार्य में कैसे जल को बचाया जा सकता है और उसका संचयन किया जा सकता है। खेतों में रसायन या कीटनाशकों के छिड़काव में कम पानी के इस्तेमाल के बारे में अग्रवाल ने कहा कि धानुका कंपनी देश भर में प्रोद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए जागरूकता अभियान चलाएगी। साथ ही, कंपनी देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम का पूर्वानुमान करने वाले ‘मौसम जानकारी केन्द्र' की स्थापना करेगी ताकि किसानों को मौसम के अनुरूप पानी के इस्तेमाल की जानकारी दी जा सके।
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नयी दिल्ली. एनएमडीसी के निदेशक (वित्त) अमिताभ मुखर्जी ने चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभाल लिया है। भारतीय रेलवे लेखा सेवा (आईआरएएस) के 1995 बैच के अधिकारी मुखर्जी एक कॉस्ट एकाउंटटेंट भी हैं। एनएमडीसी ने बीएसई को भेजी एक सूचना में कहा कि मुखर्जी के ही नेतृत्व में एनएमडीसी लिमिटेड से एनएमडीसी स्टील लिमिटेड के अलगाव को समयबद्ध तरीके से पूरा किया गया। परियोजना प्रबंधन, डिजिटल पहल और नीति निर्माण उनकी विशेषता है। एनएमडीसी में शामिल होने से पहले, वह रेल विकास निगम लिमिटेड में महाप्रबंधक (वित्त) थे।
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नयी दिल्ली. सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) मुहैया कराने में सबसे आगे रहने वाले देश के तौर पर उभरा है। जनरल चौहान ने यह बात भारत की शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अध्यक्षता के हिस्से के तौर पर रक्षा मंत्रालय के एकीकृत रक्षा स्टाफ (आईडीएस) द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में एक डिजिटल संदेश में कही। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इसमें कजाकिस्तान, किर्गिजस्तान, बेलारूस, मंगोलिया, पाकिस्तान और चीन के वक्ताओं ने हिस्सा लिया, साथ ही रूस ने इसमें डिजिटल तरीके से हिस्सा लिया। जनरल चौहान ने कहा, ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम की हमारी सांस्कृतिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए भारत इस क्षेत्र में और उससे आगे एचएडीआर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।'' उन्होंने कहा कि तुर्की में हाल ही में आए भूकंप के बाद 'ऑपरेशन दोस्त' का समय पर शुरू होना दुनिया के सभी संभावित कोनों तक मदद पहुंचाने की भारत की इच्छा का प्रमाण है। सीडीएस ने कहा कि आपदाओं के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण आवश्यक है और इस उद्देश्य के साथ भारत विभिन्न देशों और बहुपक्षीय संगठनों के साथ बहुपक्षीय अभ्यास कर रहा है, जैसे- 2021 में पुणे में बिम्सटेक सदस्यों के लिए एचएडीआर अभ्यास पैनेक्स 21, आसियान सदस्यों के लिए आगरा में 2022 में समन्वय 22 आदि।
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नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-डीआरडीओ ने बेंगलुरु में हलके लडाकू विमान तेजस पर पावर टेक ऑफ शॉफ्ट-पीटीओ की पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की। यह शॉफ्ट लडाकू अनुसंधान और विकास संस्थान-सीबीआरडीई, चेन्नई के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित और डिजाइन किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, पीएसयू और उद्योग की सराहना की है और कहा है कि पीटीओ शॉफ्ट का सफल संचालन आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रमुख उपलब्धि है। रक्षा मंत्री ने कहा कि पीटीओ शॉफ्ट विमान में महत्वपूर्ण अंग है, जो भावी लडाकू विमानों की आवश्यकता और उनके स्वरूप के लिए सहायक होगा। पीटीओ शॉफ्ट का डिजाइन और अनूठे नवाचार पेंटेंट फिक्वेंसी स्पेनिंग टेक्निक द्वारा किया गया, जो विभिन्न ऑपरेटिंग इंजन गति प्रदान करने में सहायक होता है।
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लखनऊ. कोलकाता से अमृतसर जा रही अकाल तख्त एक्सप्रेस में बिहार के किऊल से सवार एक दंपत्ति ने एक व्यक्ति पर पेशाब करने का आरोप लगाया है । शिकायत के बाद उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया । बाद में पता चला कि उक्त व्यक्ति बिहार का रहने वाला है और सहारनपुर में रेलवे के टीटी के रूप में कार्यरत है, लेकिन वह इस ट्रेन में डयूटी पर तैनात नही था । उस पर आरोप है कि वह शराब के नशे में था । राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) लखनऊ के इंस्पेक्टर नवरत्न गौतम ने मंगलवार को को बताया कि राजेश नामक यात्री ने शिकायत की कि वह और उसकी पत्नी अकाल तख्त एक्सप्रेस के डिब्बा ए 1 की सीट संख्या 31 व 32 पर बिहार के किऊल से अमृतसर जा रहे थे । शिकायतकर्ता के अनुसार 13 मार्च की देर रात करीब साढ़े बारह बजे एक व्यक्ति ने उनकी पत्नी के सिर पर पेशाब कर दिया । गौतम ने बताया कि इस बात की शिकायत जीआरपी चारबाग लखनऊ से की गयी तो आरोपी को चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 4/5 से गिरफ्तार कर लिया गया । उन्होंने बताया कि आरोपी रेलवे में टीटी हैं और सहारनपुर में तैनात हैं । वह इस ट्रेन अकाल तख्त एक्सप्रेस में तैनात नही थे । उन्होंने बताया कि आरोपी नशे में था या नहीं, इस बारे में जांच की जा रही हैं । -
गोंदिया. महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के एक प्राथमिक विद्यालय के 52 वर्षीय शिक्षक को कक्षा में छात्राओं को कथित तौर पर आपत्तिजनक वीडियो दिखाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि छात्राओं के परिजनों के शिकायत के आधार पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और अन्य सुसंगत प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि डांगोरली के एक जिला परिषद स्कूल में सहायक शिक्षक के पद पर तैनात आरोपी को खंड शिक्षा अधिकारी की पूछताछ के बाद 11 मार्च को गिरफ्तार किया गया। अधिकारी ने बताया कि शिकायत के अनुसार, आरोपी ने पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली आठ लड़कियों को पिछले महीने कथित तौर पर कुछ आपत्तिजनक वीडियो दिखाए और उन्हें गलत तरीके से छुआ। बाद में लड़कियों ने अपने माता-पिता को इसकी सूचना दी। जिसके बाद उनके परिजनों ने स्कूल के प्रधानाध्यापक से संपर्क किया। पुलिस के मुताबिक, आगे की जांच चल रही है। -
जींद (हरियाणा) . दिल्ली-बठिंडा रेलमार्ग पर किलाजफरगढ़ और लाखनमाजरा स्टेशन के बीच चलती ट्रेन से संदिग्ध परिस्थतियों में दो युवक गिर गए जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। रेलवे थाना के सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने बताया कि ट्रेन से दो यात्रियों के गिरने की सूचना पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। दोनों शवों को कब्जे में लेकर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने बताया कि मृतकों के पास से ऐसा कुछ नहीं मिला है जिससे उनकी शिनाख्त हो सके।
ऐसी आशंका जताई जा रही है दोनों युवकों का सीढिय़ों के पास संतुलन बिगड़ गया और वह ट्रेन से नीचे जा गिरे। दोनों के शरीर पर खरोंच के निशान मिले हैं। पुलिस शवों की शिनाख्त का प्रयास कर रही है और मामले की जांच में जुटी है। -
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात' की 100वीं कड़ी 30 अप्रैल को प्रसारित की जाएगी। इससे पहले आकाशवाणी बुधवार को एक विशेष अभियान शुरू करने जा रहा है, जिसके तहत भारत में होने वाले बदलावों पर इस कार्यक्रम के प्रभाव को लेकर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
यहां जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री की ‘मन की बात' की प्रत्येक कड़ी के प्रासंगिक अंश को जोड़कर तैयार ‘बाइट' आकाशवाणी के पूरे नेटवर्क पर सभी बुलेटिन व अन्य कार्यक्रमों के साथ प्रसारित की जाएगी।
बयान के मुताबिक, अभियान की शुरुआत 15 मार्च को होगी और इसका समापन ‘मन की बात' कार्यक्रम की 100वीं कड़ी प्रसारित होने से एक दिन पहले यानी 29 अप्रैल को होगा। गौरतलब है कि ‘मन की बात' कार्यक्रम का पहला प्रसारण तीन अक्टूबर 2014 को विजयदशमी को हुआ था और अबतक 98 कड़ियां प्रसारित की जा चुकी हैं। -
नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि उच्च तापमान का गेहूं की फसल पर अब तक कोई प्रभाव नहीं देखा गया है। संभावित प्रभाव के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में कटाई शुरू होने के दौरान क्या गेहूं की फसल पर कोई प्रतिकूल प्रभाव देखा गया है, इस पर तोमर ने कहा, ‘‘कृषि के सामने मौसम संबंधी चुनौतियां हमेशा रहती हैं।'' उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लेकिन मैं समझता हूं कि अभी कोई स्थिति नहीं है।
कोई प्रभाव पड़ा है, ऐसा कहना जलदबाजी होगी।" तोमर यहां ‘प्लांट बेस्ड फूड इंडस्ट्री एसोसिएशन' (पीबीएफआईए) के एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में यह बात कही। गेहूं एक प्रमुख रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) फसल है।
सरकार ने 20 फरवरी को तापमान में असामान्य वृद्धि और गेहूं की फसल पर इसके प्रभाव से उत्पन्न स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया और फसल को बचाने के लिए कृषक समुदाय को आवश्यक सलाह भी जारी की। समिति बनाने का निर्णय देश के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहने के कारण लिया गया।
फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में भारत का गेहूं उत्पादन पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 77.4 लाख टन रह गया, जिसका कारण कुछ प्रमुख उत्पादक राज्यों में गर्मी की लू का चलना था। घरेलू उत्पादन में मामूली गिरावट और केंद्रीय पूल के लिए एफसीआई की खरीद में तेज गिरावट के बाद केंद्र ने पिछले साल मई में बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
सरकार ने कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार 2022-23 फसल वर्ष में रिकॉर्ड 11 करोड़ 21.8 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है। इस महीने की शुरुआत में, खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा था, "अगले दो हफ्तों में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाने वाली कोई लू चलने की आशंका नहीं है, जो अनाज के गठन की एक महत्वपूर्ण अवधि है।" भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के निदेशक ए के सिंह ने पिछले महीने कहा था कि 35 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान गेहूं की फसल के लिए चिंता का विषय नहीं है। -
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने गेहूं और आटा की कीमतों पर अंकुश लगाने के सरकार के प्रयासों के तहत बुधवार को होने वाली ई-नीलामी के छठे दौर में थोक उपभोक्ताओं को 10.13 लाख टन गेहूं बेचने की योजना बनाई है। केंद्र ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 50 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की घोषणा की है।
इसमें से 45 लाख टन आटा मिलों सहित थोक उपभोक्ताओं को बेचा जाना तय किया गया है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने अब तक आयोजित पांच दौर की ई-नीलामी में थोक उपभोक्ताओं को 28.85 लाख टन गेहूं बेचा है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक, एफसीआई 15 मार्च को होने वाली छठे दौर की ई-नीलामी में थोक उपभोक्ताओं को 10.13 लाख टन गेहूं बेचेगा। एफसीआई अपने 620 डिपो से गेहूं की बिक्री करेगा।
पिछले दौर में एफसीआई ने खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत आटा मिलों सहित थोक उपभोक्ताओं को 5.39 लाख टन गेहूं बेचा था। अधिकारी ने कहा कि खुले बाजार में गेहूं की बिक्री से देश में गेहूं और आटे की कीमतों में कमी लाने में मदद मिली है। -
नयी दिल्ली। संसद की एक समिति ने पिछले तीन वर्ष में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा 44,015 करोड़ रूपये की राशि लौटने पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि निधियों को लौटाने के चलन से हर तरह से बचा जाना चाहिए ताकि इन योजनाओं का वांछित लाभ प्राप्त हो सके। भारतीय जनता पार्टी के सांसद पी.सी. गद्दीगौदर की अध्यक्षता वाली कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से संबंधित स्थायी समिति की वर्ष 2023-24 की अनुदान की मांगों पर रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
यह रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा में पेश की गई। रिपोर्ट के अनुसार, समिति के संज्ञान में विभाग के जवाब से यह बात सामने आई है कि विभाग ने वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में क्रमश: 23,824 करोड़ रूपये, 429.22 करोड़ रूपये और 19,762 करोड़ रूपये लौटाये। इसका अर्थ यह है कि तीन वर्ष में विभाग द्वारा 44,015 करोड़ रूपये की राशि लौटाई गई।
समिति को यह बताया गया कि लौटाई गई राशि मुख्य रूप से पूर्वोत्तर राज्यों, अनुसूचित जाति उप योजना और जनजातीय क्षेत्र उप योजना के तहत कम जरूरत से संबंधित थी। इसमें कहा गया है कि समिति यह महसूस करती है कि हर तरह से निधियों को लौटाने के चलन से बचा जाना चाहिए ताकि इन योजनाओं का वांछित लाभ प्राप्त हो सके। समिति ने विभाग से उन कारणों की पहचान करने की सिफारिश की है जिसकी वजह से कोष को लौटाया गया।
इसके साथ ही कोष का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए उपचारात्मक कदम उठाने को भी कहा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने इस बात को नोट किया कि विभाग ने अपने जवाब में स्वीकार किया कि सरकार के कुल बजट की तुलना में विभाग का प्रतिशत आवंटन वर्ष 2020-21 में 4.41 प्रतिशत था जो 2023-24 में 2.57 प्रतिशत रह गया है।
समिति ने कहा कि ग्रामीण आजीविका, रोजगार सृजन और देश में खाद्य सुरक्षा में कृषि क्षेत्र की भूमिका को देखते हुए विभाग से प्रतिशत रूप में बजट आवंटन के विषय को वित्त मंत्रालय के समक्ष उठाने को कहा गया है। -
नयी दिल्ली। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 402 नए मामले आने के बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4,46,91,338 हो गई है। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 3,903 पर पहुंच गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से अभी तक 5,30,784 लोगों की जान जा चुकी है। देश में अभी 3,903 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.80 प्रतिशत है।
अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, भारत में अभी तक कुल 4,41,56,651 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, देश में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.64 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं। गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। चार मई 2021 को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। पिछले साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार हो गए थे।फाइल फोटो
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चित्रकूट। उत्तर प्रदेश में चित्रकूट जिले के बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के सेमरदहा गांव में एक व्यक्ति ने कथित तौर पर बंदूक से गोली मारकर अपनी पत्नी और बेटी की हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली। चित्रकूट जिले के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) चक्रपाणि त्रिपाठी ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को दोपहर में सेमरदहा गांव में आरोपी नंदकिशोर त्रिपाठी उर्फ नंदू (40) ने लाइसेंसी बंदूक से अपनी पत्नी प्रमिला उर्फ सीमा (36) और बेटी खुशी (17) की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गया।
उन्होंने बताया कि पुलिस उसे खोज रही थी। इसी दौरान मंगलवार को सुबह ग्रामीणों ने सूचना दी कि पिपरहापुरवा के जंगल में एक पेड़ पर फांसी के फंदे पर एक व्यक्ति का शव लटका है। एएसपी ने बताया कि शव की पहचान नंदकिशोर त्रिपाठी उर्फ नंदू के रूप में हुई है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और मामले की जांच की जा रही है। -
नयी दिल्ली। पशु कल्याण समूह 'पेटा' ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के अध्यक्षों को पत्र लिखकर 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र में पशु कल्याण संबंधी नीतियों को शामिल करने का आग्रह किया है। ‘पशुओं के साथ नैतिक व्यवहार के पक्षधर लोग' (पेटा) ने राजनीतिक दलों से जानवरों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने और उनके खिलाफ क्रूरता करने वालों को कठोर दंड प्रदान करने संबंधी नीतियों और कानून को अपने चुनावी घोषणापत्रों में शामिल करने का आग्रह किया है।
पेटा की ओर से लिखे गए पत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान के तौर-तरीकों वाले प्रयोगों में जानवरों के इस्तेमाल को चरणबद्ध तरीके से हटाने और अभिनय में हाथियों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के अनुरोध शामिल हैं। पेटा की भारतीय शाखा की निदेशक खुशबू गुप्ता ने कहा, ‘‘यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सभी जीवित प्राणियों के कल्याण पर समुचित ध्यान दिया जाए और उनकी सुरक्षा की जाए।
मौजूदा समय में किसी जानवर के साथ क्रूरता करने वाला व्यक्ति सिर्फ 10 रुपये के जुर्माने का भुगतान करके बच सकता है।'' पेटा ने कहा कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम-1960 साठ वर्ष से अधिक पुराना कानून है, इसलिए ‘‘जानवरों की पर्याप्त सुरक्षा के लिए इसमें तत्काल संशोधन की आवश्यकता है।''