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- नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से बात की और क्षेत्रीय तथा वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने रेखांकित किया कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं। इस महीने की शुरुआत में रूढि़वादी नेता फ्रेडरिक मर्ज जर्मनी के चांसलर बने थे।मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से बात की और उन्हें पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी। भारत तथा जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता दोहराई।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ। हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं।'' बाद में एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि टेलीफोन पर बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने ‘‘हर तरह के आतंकवाद से निपटने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता दोहराई।'' इसमें कहा गया कि पिछले 25 वर्षों में भारत-जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी में ‘‘उत्कृष्ट प्रगति'' के मद्देनजर दोनों नेताओं ने ‘‘व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, तथा नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने'' पर सहमति व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने चांसलर मर्ज को भारत आने का आमंत्रण दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि नेताओं ने संपर्क में बने रहने पर सहमति व्यक्त की।
- नई दिल्ली। भारतीय रेलवे देशभर में तेज़ी से बुनियादी ढांचे का विस्तार और आधुनिकीकरण कर रही है। इसी क्रम में रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू को एक पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ में जारी रेल परियोजनाओं और आगामी उद्घाटन कार्यक्रम की जानकारी दी है। श्री वैष्णव ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 35,916 करोड़ रुपये की लागत से रेल परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। वर्ष 2025-26 के बजट में राज्य को रिकॉर्ड 6,925 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। साथ ही, राज्य के 32 रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तरीय सुविधाओं से युक्त "अमृत स्टेशन" के रूप में विकसित करने की योजना है।रेल मंत्री ने पत्र में उल्लेख किया है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का यह दृढ़ संकल्प है कि भारतीय रेलवे को विश्व की सर्वोत्तम परिवहन व्यवस्थाओं में शामिल किया जाए। इसके लिए स्टेशनों, ट्रेनों, पटरियों और सिग्नलिंग प्रणाली को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है।वर्ष 2023-24 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 1,000 से अधिक स्टेशनों का शिलान्यास किया गया था। इसी श्रृंखला में 22 मई 2025 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 103 अमृत स्टेशनों का उद्घाटन/समर्पण करेंगे।छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़, भानुप्रतापपुर, भिलाई, उरकुरा और अंबिकापुर स्टेशन इस ऐतिहासिक उद्घाटन कार्यक्रम का हिस्सा होंगे। रेल मंत्री ने श्री तोखन साहू से आग्रह किया है कि वे इस शुभ अवसर पर किसी भी अमृत स्टेशन पर अपनी गरिमामयी उपस्थिति देकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएं।
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उधगमंडलम (तमिलनाडु). भारत के स्वदेशी परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में अहम योगदान देने वाले प्रसिद्ध वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एम आर श्रीनिवासन का मंगलवार को यहां निधन हो गया। परिवार के सूत्रों ने यह जानकारी दी। वह 95 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है।
परिवार ने एक बयान में कहा, ‘‘हम परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के सचिव डॉ. एम आर श्रीनिवासन के निधन की घोषणा करते हुए बहुत दुखी हैं।'' परिवार ने कहा कि श्रीनिवासन सितंबर 1955 में डीएई से जुड़े और उन्होंने देश के पहले परमाणु अनुसंधान रिएक्टर, अप्सरा के निर्माण पर डॉ होमी भाभा के साथ काम करना शुरू किया था। उन्हें 1959 में भारत के पहले परमाणु ऊर्जा केंद्र के निर्माण के लिए प्रधान परियोजना अभियंता नियुक्त किया गया था। बयान के अनुसार, ‘‘उनके नेतृत्व ने देश के परमाणु कार्यक्रम को आकार देना जारी रखा। 1967 में उन्होंने मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन (एमएपीएस) के मुख्य परियोजना इंजीनियर के रूप में कार्यभार संभाला।'' वह राष्ट्रीय महत्व के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। इनमें डीएई में ऊर्जा परियोजना आभियांत्रिकी विभाग के निदेशक और परमाणु ऊर्जा बोर्ड के अध्यक्ष का पद शामिल है। बयान के अनुसार, ‘‘इन भूमिकाओं में उन्होंने देशभर में सभी परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं की योजना, क्रियान्वयन और परिचालन पर निगरानी रखी।'' बयान में कहा गया, ‘‘1987 में उन्हें परमाणु ऊर्जा आयोग का अध्यक्ष और परमाणु ऊर्जा विभाग का सचिव नियुक्त किया गया। उसी वर्ष, वह भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के संस्थापक-अध्यक्ष बने। उनके नेतृत्व में, 18 परमाणु ऊर्जा इकाइयां विकसित की गईं - जिनमें से सात चालू थीं, सात निर्माणाधीन थीं और चार योजना के चरण में थीं।'' भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में उत्कृष्ट योगदान के लिए श्रीनिवासन को ‘पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया था। जिलाधिकारी लक्ष्मी भव्या तन्नीरू ने श्रीनिवासन की पार्थिव देह पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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कोलकाता. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को केंद्र की अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पश्चिम बंगाल में तीन पुनर्विकसित रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन करेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि तीन स्टेशन - पानागढ़, कल्याणी घोषपाड़ा और जॉयचंडी पहाड़ - उन 103 अमृत भारत रेलवे स्टेशनों में शामिल हैं जिनका उद्घाटन प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए देश भर में करेंगे। पानागढ़ और कल्याणी घोषपाड़ा पूर्वी रेलवे के अधिकार क्षेत्र में हैं, जबकि जॉयचंडी पहाड़ दक्षिण पूर्वी रेलवे का हिस्सा है। अधिकारियों ने बताया कि इन मौजूदा रेलवे स्टेशनों का नई यात्री सुविधाओं और सौंदर्यीकरण के साथ पूर्ण नवीनीकरण किया गया है। एसईआर के एक अधिकारी ने एक बयान में कहा, ‘‘यात्री सुविधाओं को बढ़ाने, पहुंच में सुधार लाने और टिकाऊ डिजाइन को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, ये उन्नयन न केवल यात्रा के अनुभव को बेहतर बनाएगा बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान देगा।'' अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत पश्चिम बंगाल में कुल 100 रेलवे स्टेशनों का विकास किया जा रहा है।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को राजस्थान के बीकानेर दौरे पर रेलवे, सड़क, बिजली, जल और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री देश में रेल अवसंरचना को निरंतर बेहतर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 86 जिलों में 1,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 103 पुनर्विकसित अमृत स्टेशन का उद्घाटन करेंगे। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित देशनोक रेलवे स्टेशन का भी उद्घाटन करेंगे और बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके बाद, वह 26,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। देशनोक में प्रधानमंत्री एक सार्वजनिक समारोह को भी संबोधित करेंगे। बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री देश में रेल अवसंरचना को निरंतर बेहतर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 86 जिलों में 1,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 103 पुनर्विकसित अमृत स्टेशन का उद्घाटन करेंगे। करणी माता मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को सेवा प्रदान करने वाला देशनोक रेलवे स्टेशन मंदिर वास्तुकला से प्रेरित है जिसमें मेहराबों और स्तंभों को विशेष महत्व दिया जाता है। तेलंगाना में बेगमपेट रेलवे स्टेशन काकतीय साम्राज्य की वास्तुकला से प्रेरित है। बिहार में थावे स्टेशन में 52 शक्तिपीठों में से एक मां थावेवाली का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न भित्ति चित्र और कलाकृतियां शामिल हैं और मधुबनी पेंटिंग को भी दर्शाया गया है। बयान में कहा गया है कि भारतीय रेलवे अपने नेटवर्क के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की ओर अग्रसर है, जिससे रेल परिचालन अधिक कुशल और पर्यावरण अनुकूल बन रहा है। इसी क्रम में, प्रधानमंत्री चूरू-सादुलपुर रेल लाइन (58 किलोमीटर) की आधारशिला रखेंगे और सूरतगढ़-फलोदी (336 किमी), फुलेरा-डेगाना (109 किमी), उदयपुर-हिम्मतनगर (210 किमी), फलोदी-जैसलमेर (157 किमी) और समदड़ी-बाड़मेर (129 किमी) रेल लाइन विद्युतीकरण को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। राजस्थान में सड़क अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री तीन अंडरपास के निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण की आधारशिला रखेंगे। वह राजस्थान में 7 सड़क परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। सभी के लिए बिजली तथा हरित और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने की दृष्टि को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री बीकानेर और नावा, डीडवाना, कुचामन में सौर परियोजनाओं सहित बिजली परियोजनाओं और पारेषण प्रणालियों की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री राजस्थान में बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, बिजली आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाओं और पानी की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए राजस्थान में राज्य सरकार की 25 महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे।
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नयी दिल्ली. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने राज्यों के लोक निर्माण विभागों और सड़क निर्माण विभागों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों पर कराये जा रहे कार्यों की निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है। राजमार्ग मंत्रालय ने एक परिपत्र में कहा कि राज्य लोक निर्माण विभाग और सड़क निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी/ आरसीडी) ने एनएच से जुड़े जो काम कराये हैं, उनमें से कई परियोजनाओं में सही प्रक्रिया का पालन नहीं करने के कारण गंभीर खामियां पाई गई हैं। परिपत्र के अनुसार, मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारियों (आरओ) से कभी-कभी बोली प्रक्रिया के दौरान या मध्यस्थता न्यायाधिकरणों या अदालतों के समक्ष संविदात्मक विवादों का बचाव करते समय न तो सलाह ली जाती है और न ही उन्हें इस प्रक्रिया में शामिल किया जाता है। इसमें आगे कहा गया कि ऐसे विवादों को अक्सर केंद्र सरकार के हितों की पर्याप्त सुरक्षा किए बिना जैसे-तैसे निपटाया जाता है। परिपत्र में कहा गया, ‘‘ऐसे मामलों को आगे रोकने और बोली प्रक्रिया में अधिक सावधानी सुनिश्चित करने के लिए सभी एनएच परियोजना कार्यों (रखरखाव कार्यों को छोड़कर 100 करोड़ रुपये से कम लागत वाले) के लिए बोली दस्तावेजों की संबंधित आरओ जांच करेंगे।''
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मंगलवार को प्रसिद्ध खगोलशास्त्री, लेखक और विज्ञान संचारक डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर के निधन पर शोक व्यक्त किया। डॉ. जयंत विष्णु नार्लीकर का 86 वर्ष की उम्र में मंगलवार तड़के पुणे स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। उनके निधन से भारतीय वैज्ञानिक समुदाय में शोक की लहर है।
पीएम मोदी ने पोस्ट में लिखा- ‘डॉ. जयंत नार्लीकर का निधन वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति’इस संबंध में पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा “डॉ. जयंत नार्लीकर का निधन वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है। वे एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे, खासकर खगोल भौतिकी के क्षेत्र में। उनके अग्रणी कार्यों, खासकर प्रमुख सैद्धांतिक रूपरेखाओं को शोधकर्ताओं की पीढ़ियों द्वारा महत्व दिया जाएगा। उन्होंने एक संस्थान निर्माता के रूप में अपनी पहचान बनाई, युवा दिमागों के लिए सीखने और नवाचार के केंद्रों को तैयार किया। उनके लेखन ने विज्ञान को आम नागरिकों के लिए सुलभ बनाने में भी काफी मदद की है। इस दुःख की घड़ी में उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना। ओम शांति।”मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने भी डॉ. जयंत नार्लीकर को अर्पित की भावभीनी श्रद्धांजलिमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने आज कैबिनेट की बैठक में डॉ. जयंत नार्लीकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है, साथ ही राजकीय सम्मान से उनका अंतिम संस्कार किए जाने का आदेश दिया है।डॉ. जयंत नार्लीकर परिवार के सदस्यों के अनुसार, उनका जन्म 19 जुलाई 1938 को कोल्हापुर में हुआ था। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. करने वाले नार्लीकर ने ब्रह्माण्ड विज्ञान और सापेक्षता पर महत्वपूर्ण शोध किया था। उन्होंने प्रसिद्ध वैज्ञानिक फ्रेड हॉयल के साथ मिलकर ‘हॉयल-नार्लीकर सिद्धांत’ का प्रतिपादन किया। उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) और इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी (आईयूसीएए) में बहुमूल्य योगदान दिया। उन्होंने विज्ञान के प्रसार के लिए मराठी में कई किताबें भी लिखीं।विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानितडॉ. जयंत नार्लीकर को पद्म भूषण, पद्म विभूषण और कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उनके कार्य से भारतीय खगोल विज्ञान को वैश्विक सम्मान मिला। उन्होंने विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए ‘वायरस’, ‘यक्ष का उपहार’, ‘अरस्तू का संदेश’ और ‘ब्रह्मांड के सात आश्चर्य’ जैसी मराठी-अंग्रेजी पुस्तकें लिखीं। उनके लेखन ने खगोल विज्ञान को जनसाधारण तक पहुंचाया और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का संचार किया।मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के दिए निर्देशवहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डॉ. नार्लीकर की बेटी से फोन पर बातचीत कर उन्हें सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने संबंधित एजेंसियों को डॉ. नार्लीकर का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार का निर्देश दिया। इस बीच आज मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में डॉ. जयंत नार्लीकर के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।डॉ. जयंत नार्लीकर ने खगोल विज्ञान के लिए एक ठोस आधार तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाईअपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ‘डॉ. भारतीय खगोल विज्ञान के लिए एक ठोस आधार तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नार्लीकर ने अमूल्य योगदान दिया। अपने गणितज्ञ पिता से विरासत लेते हुए डॉ. नार्लीकर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खगोलीय अनुसंधान में बहुमूल्य योगदान दिया। उनके शोध कार्य को दुनिया भर के विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों द्वारा मान्यता दी गई है।भारत लौटने पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने उन्हें अंतर-विश्वविद्यालय खगोल विज्ञान एवं खगोल भौतिकी केंद्र की स्थापना की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने इसका प्रबंधन भी अच्छी तरह से किया। उन्होंने इस संस्थान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा और अनुसंधान के उत्कृष्टता केंद्र के रूप में भी स्थापित किया। ‘बिग बैंग थ्योरी’ पर काम करते हुए, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ के ब्रह्मांड विज्ञान आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। -
नई दिल्ली। देश के अग्रणी खगोल वैज्ञानिकों में से एक डॉ. जयंत नार्लीकर का 20 मई 2025 को महाराष्ट्र के पुणे में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। अपनी कहानियों के माध्यम से देश में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने का काम करने वाले डॉ. जयंत नार्लीकर को ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बिग बैंग सिद्धांत के वैकल्पिक मॉडल का प्रस्ताव देने के लिए भी दुनिया भर में जाना जाता है।
डॉ. जयंत नार्लीकर के बारे मेंडॉ. जयंत नार्लीकर का जन्म 19 जुलाई 1939 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ था। उनके पिता विष्णु वासुदेव नार्लीकर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में गणित विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख थे, और उनकी माँ संस्कृत की विद्वान थीं।उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और इंग्लैंड में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अध्ययन किया।हालाँकि उन्होंने गणित में पीएचडी की, लेकिन उनकी विशेषज्ञता खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी में थी।कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपने प्रवास के दौरान, वे प्रसिद्ध ब्रिटिश खगोल भौतिक विज्ञानी फ्रेड हॉयल के छात्र बन गए। फ्रेड हॉयल और डॉ. जयंत नार्लीकर ने ब्रह्मांड की उत्पत्ति के लिए एक सिद्धांत विकसित किया जो बिग बैंग सिद्धांत का विकल्प था।भारत में डॉ. जयंत नार्लीकरडॉ. जयंत नार्लीकर 1972 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में शामिल हुए। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निमंत्रण पर, डॉ. नार्लीकर ने पुणे में इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आईयूसीएए) की स्थापना की। वे इसके संस्थापक-निदेशक थे और 2003 तक इस पद पर रहे।उनके नेतृत्व में,आईयूसीएए ,खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी में शिक्षण और अनुसंधान में उत्कृष्टता का केंद्र बन गया है।विज्ञान को लोकप्रिय बनाना-डॉ. जयंत नार्लीकर को भारत में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने में उनकी भूमिका के लिए भी जाना जाता है।-वे विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए नियमित रूप से दूरदर्शन के सुरभि कार्यक्रम में दिखाई देते थे।-उन्होंने अंग्रेजी, हिंदी और मराठी भाषा में लेख, विज्ञान कथा पुस्तकें और रेडियो और टेलीविजन कार्यक्रम भी लिखे।पुरस्कार और सम्मानडॉ. जयंत नार्लीकर को विभिन्न पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया।-पद्म विभूषण - 2004 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार-पद्म भूषण - 1965 में भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार जब वे 26 वर्ष के थे।-महाराष्ट्र भूषण - 2011 में महाराष्ट्र सरकार का सर्वोच्च पुरस्कार।-विज्ञान के लोकप्रियकरण के लिए 1996 में यूनेस्को कलिंग पुरस्कार।-2004 में सोसाइटी एस्ट्रोनॉमिक डी फ्रांस का जैनसेन पदक-2012 में विश्व विज्ञान अकादमी संस्थान निर्माण पुरस्कार-साहित्य अकादमी पुरस्कार 2014 (मराठी भाषा) - उनकी आत्मकथा, "चार नगरान्तले माझे विश्व" (चार शहरों की कहानी) के लिए। -
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन कुमार डेका का कार्यकाल एक साल और आगे बढ़ा दिया है। उनका कार्यकाल अगले महीने समाप्त होने जा रहा था।
मंत्रिमंडल की नियुक्ति मामलों की समिति ने उनके कार्यकाल विस्तार को मंजूरी प्रदान कीमंत्रिमंडल की नियुक्ति मामलों की समिति ने उनके कार्यकाल विस्तार को मंजूरी प्रदान की। इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश कैडर के 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी तपन डेका को कश्मीर में आतंक विरोधी ऑपरेशन का विशेष अनुभव है। वे 2022 से निदेशक पद पर कार्यरत हैं। डेका खुफिया विभाग में कई तरह की भूमिकाएं निभा चुके हैं।कश्मीर में आतंक विरोधी ऑपरेशन का विशेष अनुभवआईबी देश की आंतरिक सुरक्षा और काउंटर-इंटेलिजेंस एजेंसी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो का काम देश में आंतरिक खतरों पर नजर रखना और सरकार को परामर्श देना है। आईबी भारत की आंतरिक सुरक्षा और स्थिरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिनेवा में आयोजित 78वें विश्व स्वास्थ्य महासभा को संबोधित किया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए इस वर्ष की थीम ‘One World for Health’ का स्वागत किया और कहा कि यह भारत की वैश्विक स्वास्थ्य संबंधी सोच से मेल खाती है। इस दौरान उन्होंने 2023 की अपनी उस ऐतिहासिक भाषण को याद किया जिसमें उन्होंने ‘One Earth, One Health’ का मंत्र दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक स्वस्थ विश्व का भविष्य समावेश, एकीकृत दृष्टिकोण और सहयोग पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत के स्वास्थ्य सुधारों की नींव सबको साथ लेकर चलने पर टिकी है। उन्होंने ‘आयुष्मान भारत’ योजना का उल्लेख किया, जो दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है और 58 करोड़ लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा देती है। हाल ही में इसे 70 वर्ष से ऊपर के सभी भारतीय नागरिकों के लिए भी बढ़ाया गया है।
प्रधानमंत्री ने भारत के हजारों स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों की चर्चा की, जो कैंसर, मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों की समय रहते जांच करने में मदद करते हैं। उन्होंने जन औषधि केंद्रों का भी जिक्र किया, जो उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयां बहुत ही कम कीमत पर उपलब्ध कराते हैं। तकनीक के उपयोग की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत के डिजिटल स्वास्थ्य पहलों को भी उजागर किया जैसे कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण को ट्रैक करने वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म और यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी, जो बीमा, रिकॉर्ड्स और इलाज की जानकारी को जोड़ती है। उन्होंने बताया कि भारत की मुफ्त टेलीमेडिसिन सेवा से अब तक 34 करोड़ से अधिक परामर्श हो चुके हैं। इन पहलों के चलते लोगों के अपने खर्च में कमी आई है और सरकार का स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ा है।प्रधानमंत्री ने कहा, “दुनिया का स्वास्थ्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम सबसे कमजोर वर्ग की कितनी अच्छी देखभाल करते हैं।” उन्होंने खासतौर से वैश्विक दक्षिण का उल्लेख करते हुए कहा कि यह क्षेत्र स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से ज्यादा प्रभावित है। उन्होंने बताया कि भारत का मॉडल दोहराने योग्य, बढ़ाने योग्य और टिकाऊ है और भारत अपने अनुभव पूरी दुनिया, खासकर ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने को तैयार है। उन्होंने आगामी 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जो जून में मनाया जाएगा, का भी उल्लेख किया और बताया कि इस वर्ष की थीम ‘Yoga for One Earth, One Health’ है। उन्होंने सभी देशों से इसमें भाग लेने का आग्रह किया और कहा कि योग भारत की देन है जो संपूर्ण मानवता के लिए लाभकारी है। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और सदस्य देशों को INB संधि की सफल वार्ता पर बधाई दी, जिसे भविष्य में महामारियों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग का प्रतीक बताया। उन्होंने वेदों की एक प्राचीन प्रार्थना का उल्लेख किया-जिसमें हजारों साल पहले भारत के ऋषियों ने प्रार्थना की थी कि “सभी स्वस्थ रहें, सुखी रहें, और रोगमुक्त रहें।” उन्होंने उम्मीद जताई कि यही सोच आज पूरे विश्व को एकजुट करेगी। -
नई दिल्ली। भारत की प्रथम महिला ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी को इस बात का मलाल है कि उनके वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों सत्ता की बागडोर नहीं संभाल रहे थे। मल्लेश्वरी ने कहा, “मुझे पीएम मोदी से ईर्ष्या होती है। ईर्ष्या इस बात की कि आखिर वो हमारे समय में क्यों नहीं थे? काश! अगर वो हमारे समय में होते, तो जिन चुनौतियों का सामना हमें करना पड़ा था, वो शायद नहीं करना पड़ता।”
मल्लेश्वरी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ‘मोदी स्टोरी’ नाम का वीडियो साझा किया है, जिसमें ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी 2014 के बाद खेल जगत में आए सकारात्मक बदलावों का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देती हुई नजर आ रही हैं।वह बताती हैं कि आज की तारीख में प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के परिणामस्वरूप खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधाएं मिल रही हैं। अगर कभी किसी कारणवश खिलाड़ी बेहतर परिणाम लाने में विफल रहते हैं या उन्हें कभी हार का सामना करना पड़ता है, तब वह ऐसे खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हैं और उन्हें आगे भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते हैं। प्रधानमंत्री ऐसे खिलाड़ियों से यही कहते हैं कि कोई बात नहीं। अगर इस बार नहीं हो पाया, तो अगली बार हो जाएगा। उनका कहना है, “पीएम मोदी कहते हैं कि आप लोग चिंता मत कीजिए, हम आपके साथ हैं। प्रधानमंत्री का खेल के प्रति रवैया बहुत ही अच्छा है। वह खिलाड़ियों को हमेशा से ही सपोर्ट करते आए हैं।”कर्णम मल्लेश्वरी ने एक किस्से के जरिए प्रधानमंत्री मोदी के समर्पण का खुलासा किया। वीडियो में वह कहती हैं कि यमुनागर में मेरी एक एकेडमी है, जिसमें बच्चे प्रशिक्षण लेते हैं। मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। मैंने उनसे आग्रह किया था कि वह एक बार जरा आएं और हमारे बच्चों को आशीर्वाद दें। मुझे पता नहीं क्यों लगा कि वह नहीं आएंगे, क्योंकि आमतौर पर प्रधानमंत्री का शेड्यूल थोड़ा बिजी रहता है। लेकिन, मुझे प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया, जिसमें मुझे यह जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री आपसे मिलेंगे। इसके बाद मेरी प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई। मुझे उनसे मिलकर बहुत खुशी हुई।पूर्व ओलंपिक पदक विजेता अपनी बात को विराम देते हुए कहती हैं, “प्रधानमंत्री ने मेरा हौसला भी बढ़ाया। मेरी तारीफ करते हुए कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया। आपने देश का नाम रोशन किया। देश के लिए मेडल जीता। मुझे प्रधानमंत्री से मिलकर ऐसा लगा कि जैसे हमारे पीछे कोई बहुत बड़ा सपोर्ट सिस्टम काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने मुझे आशीर्वाद भी दिया।” - मुंबई. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई ने तुर्किये के विश्वविद्यालयों के साथ सभी समझौतों को निलंबित कर दिया है। भारत एवं पाकिस्तान के मध्य बढ़े तनाव के बीच तुर्किये द्वारा पाकिस्तान को समर्थन दिए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है। संस्थान ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर ‘पोस्ट' किया, ‘‘तुर्किये को लेकर मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए आईआईटी मुंबई तुर्किये के विश्वविद्यालयों के साथ अपने समझौतों को अगला नोटिस जारी किए जाने तक निलंबित करने की प्रक्रिया में है।आईआईटी मुंबई और कुछ तुर्किये संस्थानों के बीच संकाय विनिमय कार्यक्रम (फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम) को लेकर समझौता था। यह घटनाक्रम 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान तुर्किये द्वारा पाकिस्तान को दिए गए समर्थन के मद्देनजर सामने आया है। इससे पहले, आईआईटी रुड़की ने तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ किया गया एक समझौता औपचारिक रूप से रद्द कर दिया था। आईआईटी रूड़की ने ‘एक्स' पर लिखा था, ‘‘संस्थान वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जो इसकी शैक्षणिक प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करता है और राष्ट्रीय हित को बनाए रखता है।'' निजी संस्थानों जैसे चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने भी तुर्किये और अजरबैजान के 23 विश्वविद्यालयों के साथ अपने अकादमिक सहयोग को समाप्त कर दिया है।
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नई दिल्ली। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों, धार्मिक स्थलों सहित नागरिक ठिकानों को निशाना बनाए जाने की आशंकाएं थीं, जिनमें अमृतसर का स्वर्ण मंदिर सबसे प्रमुख था। इसका मुकाबला भारत ने अपनी वायु रक्षा प्रणालियों से करके अमृतसर में स्वर्ण मंदिर और पंजाब के शहरों को पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन हमलों से बचाया।
निशाने पर था अमृतसर का स्वर्ण मंदिरइस संबंध में भारतीय सेना ने सोमवार को पंजाब के अमृतसर में एक डेमो दिखाया कि कैसे आकाश मिसाइल प्रणाली, एल-70 एयर डिफेंस गन सहित अन्य हथियारों के जरिए सेना के हवाई रक्षा गनर्स ने पाकिस्तान की सेना के नापाक इरादों को विफल करके स्वर्ण मंदिर पर लक्षित सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया। इस प्रकार हमारे पवित्र स्वर्ण मंदिर पर एक खरोंच भी नहीं आने दी।पाकिस्तान ने लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ बड़े पैमाने पर किया था हवाई हमला15 इन्फेंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने बताया कि हमने स्वर्ण मंदिर को एक समग्र हवाई रक्षा कवर देने के लिए अतिरिक्त आधुनिक वायु रक्षा संपत्ति जुटाई। 8 मई को तड़के अंधेरे में पाकिस्तान ने मानव रहित हवाई हथियारों में मुख्य रूप से ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ बड़े पैमाने पर हवाई हमला किया। हम पूरी तरह से तैयार थे, क्योंकि हमें पहले से ही इसकी आशंका जताई गई थी।मेजर जनरल शेषाद्री ने कहा कि भारतीय सेना पेशेवर बल है, जिसने गंभीर उकसावे के बावजूद हमेशा एक संतुलित और मापा हुआ तरीके से जवाब दिया है। हमने सटीक हथियारों के साथ केवल आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया, ताकि कोई नागरिक क्षति न हो, इस तथ्य को पाकिस्तानी सेना ने भी ऑपरेशन के दौरान स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना के पास भारत के अंदर हमला करने के लिए कोई वैध लक्ष्य नहीं है और न ही उसके पास भारतीय सशस्त्र बलों का सामना करने का साहस या क्षमता है। इसलिए, वह आतंकवाद को एक राष्ट्रीय नीति के रूप में इस्तेमाल करके अपनी धरती से लॉन्च किए गए मानव रहित हवाई हथियारों का सहारा लेता है।ऑपरेशन ‘सिंदूर’ केवल स्थगित किया गया है, खत्म नहीं हुआ हैमेजर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलें लॉन्च और फायर की गईं। भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों, नागरिक आबादी केंद्रों को भी नहीं बख्शा गया। भारतीय सशस्त्र बल और सेना के वायु रक्षा गनर पाकिस्तान के सभी हवाई खतरों को विफल करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान ने फिर से आतंकवादियों का सहारा लिया तो उसका अवश्य ही नाश होगा। याद रहे कि ऑपरेशन सिंदूर केवल स्थगित किया गया है, खत्म नहीं हुआ है। उसका विकराल रूप अभी बाकी है। - कोलकाता. पश्चिम बंगाल के पुरी में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। इन विदेशी पर्यटकों में इस्कॉन के भक्त प्रमुख हैं, जो जल्द ही मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। कोलकाता-इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि दीघा मंदिर उन विदेशियों के लिए वरदान बन कर आया है, जिन्हें पुरी स्थित 12वीं शताब्दी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) दीघा मंदिर का प्रबंधन कर रहा है, जो पड़ोसी राज्य ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति है। इस्कॉन-कोलकाता के प्रवक्ता दास ने कहा, विभिन्न देशों से बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु आ रहे हैं। मंदिर के उद्घाटन के दौरान दुनिया भर से करीब 150 देशों के लोग मौजूद थे।'' उन्होंने कहा कि इनमें से कई आगंतुकों ने 30 अप्रैल के उद्घाटन कार्यक्रम के वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए हैं, जिससे विभिन्न देशों के लोग हमसे जानकारी के लिए संपर्क कर रहे हैं। दास ने कहा कि विदेशी पर्यटक बंगाल की खाड़ी के किनारे स्थित अत्यंत लोकप्रिय पर्यटन स्थल दीघा में ठहरने के विकल्पों के बारे में जानकारी मांग रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दीघा में हर बजट के लिए अच्छे होटल उपलब्ध हैं, लेकिन ऐसी और भी सुविधाएं उपलब्ध होने की संभावना हमेशा बनी रहती है, क्योंकि मंदिर के उद्घाटन के बाद पर्यटन में तेजी आने की उम्मीद है।'' आमतौर पर सप्ताहांत के दौरान दीघा और पड़ोसी समुद्र तटीय रिसॉर्ट्स में होटल पूरी तरह बुक हो जाते हैं। दीघा शंकरपुर होटलियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशांत पात्रा ने कहा कि मंदिर के उद्घाटन के बाद पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद अधिक है। पात्रा ने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि इससे दीघा में आने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिसमें विदेशी पर्यटक भी शामिल होंगे।'' दास ने कहा कि अमेरिकी उद्योगपति हेनरी फोर्ड के परपोते और इस्कॉन के भक्त अल्फ्रेड फोर्ड के जल्द ही दीघा मंदिर आने की उम्मीद है। इस्कॉन प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ मैंने उन्हें आमंत्रित किया है, मुझे पूरा विश्वास है कि वे अपने परिवार के साथ आएंगे। '' दास ने कहा, ‘‘ विदेशी इस नए मंदिर को एक वरदान के रूप में देख रहे हैं, क्योंकि यहां उन्हें जगन्नाथ के दर्शन हो सकेंगे और चूंकि इसकी वास्तुकला पुरी के समान है, इसलिए वे दीघा के मंदिर में जाकर यह अनुभव कर सकेंगे कि अंदर से यह कैसा दिखता है। '' उन्होंने कहा, ‘‘ दुनिया भर से कई लोग दीघा आने के लिए उत्सुक हैं।
- गंगटोक. सिक्किम सरकार ने नाथू ला के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में प्रयास तेज कर दिये हैं। नाथू ला हिमालय में एक पहाड़ी दर्रा है, जो राज्य को चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से जोड़ता है।पांच वर्ष के अंतराल के बाद फिर से शुरू होने जा रही कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की तीर्थयात्रा हिंदुओं के साथ-साथ जैन व बौद्धों के लिए भी धार्मिक महत्व रखती है। विधायक थिनले शेरिंग भूटिया ने कहा कि राज्य की राजधानी गंगटोक और नाथू ला के बीच दो केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं और तीर्थयात्रियों के लिए शौचालय व यात्रा से संबंधित अन्य बुनियादी ढांचे का भी विकास किया जा रहा है। यह दर्रा भूटिया के काबी-लुंगचोक निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है और विधायक ने संवाददाताओं से कहा कि वह मानसरोवर यात्रियों के लिए सुविधाओं को और बढ़ाने के वास्ते जमीनी स्थिति का आकलन कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने बताया था कि यात्रा जून से अगस्त तक दो मार्गों उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा और सिक्किम में नाथू ला के माध्यम से होगी। भूटिया ने वन, पर्यटन एवं ग्रामीण विकास विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में कहा, “सिक्किम एक शांतिपूर्ण राज्य है और नाथू ला सीमा के माध्यम से यात्रा करने की यही मुख्य खासियत है।” उन्होंने बताया कि अच्छी सड़कों की उपलब्धता के साथ नाथू ला मार्ग तीर्थयात्रियों को फिर से सुरक्षित और बेहतर यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा। कोविड-19 वैश्विक महामारी और उसके बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध के कारण 2020 में यात्रा को स्थगित कर दिया था।
- हैदराबाद. छाया पत्रकार एवं ‘द हिंदू' तथा ‘बिजनेसलाइन' के पूर्व वरिष्ठ विशेष समाचार छायाकार पी.वी. शिवकुमार का रविवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे। अविभाजित आंध्र प्रदेश की राज्य सरकार द्वारा ‘लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार से सम्मानित शिवकुमार बंजारा हिल्स की ‘फोटोग्राफर्स कॉलोनी' में अपने घर के शौचालय में अचानक गिर गए। उन्हें पास के एक सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उनका उपचार किया। उनके मित्रों और सहकर्मियों ने बताया कि अपराह्न तीन बजे उन्हें चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया गया। उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा है।शिवकुमार 1985 में ‘इंडियन एक्सप्रेस' में शामिल हुए और 1993 में ‘द हिंदू' के विशाखापत्तनम संस्करण में चले गए। बाद में उनका तबादला हैदराबाद कर दिया गया। उन्होंने ‘द हिंदू' और ‘बिजनेसलाइन' के साथ काम किया और 2015 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।
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नयी दिल्ली. रेल मंत्रालय ने उन्नयन योजना में संशोधन करके ‘विस्टाडोम नॉन-एसी', ‘विस्टाडोम कोच', ‘एग्जीक्यूटिव अनुभूति' और ‘थर्ड एसी इकॉनमी' (3ई) समेत नयी शुरू की गई ट्रेन श्रेणियों को इस योजना में शामिल किया है। मंत्रालय के 13 मई के एक परिपत्र में कहा गया है कि ट्रेन में उपलब्ध सीटों का इष्टतम उपयोग करने के लिए 2006 में एक योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत यदि किसी ट्रेन में कोई सीट खाली है तो पूरा किराया देने वाले यात्रियों का बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अगली उच्च श्रेणी में उन्नयन कर दिया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल, यह योजना सभी प्रकार की ट्रेनों में उपलब्ध है।''
मंत्रालय ने नयी ट्रेन श्रेणियों - ‘विस्टाडोम नॉन-एसी' (वीएस), ‘विस्टाडोम कोच' (ईवी), ‘एग्जीक्यूटिव अनुभूति' (ईए) और ‘3ई' - को उन्नयन के दायरे के तहत लाने के लिए मौजूदा योजना की समीक्षा की है क्योंकि इन श्रेणियों को 2014 के बाद पेश किया गया था जब उन्नयन योजना में अंतिम बार संशोधन हुआ था। परिपत्र के अनुसार, निम्न श्रेणी से उच्च श्रेणी में बैठने की व्यवस्था के उन्नयन का क्रम 2एस (द्वितीय श्रेणी), वीएस, सीसी (चेयर कार), ईसी (एग्जीक्यूटिव श्रेणी), ईवी और ईए है। इसी प्रकार, शयन उन्नयन के लिए क्रम ‘स्लीपर क्लास' (एसएल), 3ई, ‘एसी' तृतीय श्रेणी (3ए), एसी द्वितीय श्रेणी (2ए) और एसी प्रथम श्रेणी (1ए) है। -
मुंबई. भारत में बीमा कराने वाले 80 प्रतिशत से अधिक व्यक्ति अपने स्वास्थ्य बीमा कवर की प्रभावशीलता के बारे में अनिश्चित रहते हैं। फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस ने एक सर्वेक्षण में यह बात कही। सर्वेक्षण में हेल्थ अनलिमिटेड ने पाया कि जब कोई दावा किया जाता है, तो हर तीन में से दो व्यक्ति असुरक्षित महसूस करते हैं और उन्हें अप्रत्याशित बिलों का सामना करना पड़ता है, जिससे उन्हें अपर्याप्त कवरेज मिलता है। सर्वेक्षण में कहा गया है, “दस में से नौ स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीधारकों को लगता है कि बीमा राशि का पुनर्भरण एक प्रमुख लाभ है।” इसके तहत बीमा राशि खत्म होने के बाद भी बीमा लाभ मिलना जारी रहता है। फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनूप राव ने कहा कि यह बढ़ती चिंता व्यापक स्वास्थ्य सेवा समाधानों की आवश्यकता को उजागर करती है। राव ने कहा, “स्वास्थ्य बीमा होने के बावजूद, भारत में अधिकांश लोगों के लिए चिकित्सा उपचार की बढ़ती लागत चिंता का विषय है।” यह सर्वेक्षण 25 वर्ष से अधिक आयु के 800 बीमित व्यक्तियों के बीच किया गया था। इसमें दावा किया गया कि 2021 में अन्य एशियाई देशों के बीच भारत में चिकित्सा मुद्रास्फीति की दर सबसे अधिक थी।
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नयी दिल्ली. दुनिया भर के 15 से अधिक देशों के 20 ग्रैंडमास्टर्स सहित ढाई हजार से अधिक खिलाड़ी सात से 14 जून तक यहां होने वाले दिल्ली इंटरनेशनल ओपन ग्रैंडमास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट के 21वें सत्र में तीन रेटिंग आधारित वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगे। अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) के तत्वावधान में दिल्ली शतरंज संघ द्वारा आयोजित इस टूर्नामेंट की कुल इनामी राशि रिकॉर्ड 1.21 करोड़ रुपये है। यह फिडे विश्व चैंपियनशिप सर्किट की एक प्रमुख प्रतियोगता है। श्रेणी ए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेटिंग हासिल करने वाले सभी खिलाड़ियों के लिए खुली है जिसकी इनामी राशि 51 लाख रुपये है। श्रेणी बी और सी क्रमशः 1900 और 1700 से कम रेटिंग वाले खिलाड़ियों के लिए है और प्रत्येक वर्ग की इनामी राशि 35 लाख रुपये है। सभी मैच स्विस सिस्टम प्रारूप के तहत फिडे नियमों के अनुसार खेले जाएंगे।
दिल्ली शतरंज संघ के अध्यक्ष भरत सिंह चौहान ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पिछले दो दशक में दिल्ली ग्रैंडमास्टर ओपन ने ना केवल भारत में शतरंज की प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखा है बल्कि इसे आगे बढ़ाने में भी मदद की है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने खेल को हाशिये से मुख्यधारा में आते देखा है और यह टूर्नामेंट भागीदारी के पैमाने से लेकर प्रतिस्पर्धा की गहराई और इसे समर्थन देने वाले बुनियादी ढांचे तक, हर मायने में उस बदलाव को दर्शाता है। हर टूर्नामेंट के साथ हम देश में एक स्थायी, उच्च प्रदर्शन वाली शतरंज संस्कृति की नींव को मजबूत कर रहे हैं।'' श्रेणी ए के मुकाबलों में क्लासिकल टाइम कंट्रोल का इस्तेमाल किया जाएगा जिसमें शुरुआती 90 मिनट और हर चाल के बाद 30 सेकेंड का इजाफा होगा। शीर्ष तीन खिलाड़ियों को क्रमश: सात लाख, छह लाख और पांच लाख रुपये की इनामी राशि मिलेगी जबकि सभी शीर्ष दस खिलाड़ियों को एक लाख रुपये या उससे अधिक का पुरस्कार दिया जाएगा। श्रेणी ए में सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी और सर्वश्रेष्ठ विदेशी खिलाड़ी को एक लाख रुपये का विशेष पुरस्कार दिया जाएगा। -
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि पड़ोसी देश में ऐसा कुछ भी नहीं है जो भारतीय सशस्त्र बलों की पहुंच से बाहर हो। सिन्हा ने यह टिप्पणी उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तैनात सैन्य कर्मियों को संबोधित करते हुए की। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया ने भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी देखी है और फिर दुश्मन ने संघर्षविराम के लिए पूरी दुनिया से गुहार लगानी शुरू कर दी। पाकिस्तान में ऐसा कुछ भी नहीं है जो भारतीय सेना की पहुंच से बाहर हो।'' उपराज्यपाल ने भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा पर प्रकाश डाला और यह भी कहा कि दुश्मन कर्ज के दम पर मानवता को नष्ट कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा पड़ोसी कर्ज के दम पर मानवता को नष्ट करने पर तुला हुआ है। मुझे लगता है कि हमारे वीर सैनिकों द्वारा दिए गए जवाब से उन्हें सबक मिला होगा। मैं आपकी वीरता, पराक्रम और मां भारती के प्रति आपकी भक्ति को नमन करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि जब भी ऐसा संकट आए, तो लोगों को पता चले कि हमारा देश आप जैसे वीरों के सुरक्षित हाथों में है।'' सिन्हा ने सेना और पुलिस कर्मियों के साथ जमीनी स्तर पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि देश सतर्कता, समर्पण, बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान के साथ जीवन की रक्षा करने और हमारी सीमाओं की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र बलों का आभारी है। सिन्हा ने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे जवान दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का डटकर सामना करेंगे।'' बाद में सिन्हा ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सेना और पुलिस अधिकारियों के साथ जमीनी स्तर पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। तंगधार में हमारे बहादुर जवानों से बातचीत की। वे देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरे आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ डटे हुए हैं।'' सिन्हा ने तंगधार सेक्टर में सीमा क्षेत्र का दौरा किया और पाकिस्तान द्वारा भारी गोलाबारी से हुए नुकसान का आकलन किया। -
नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने राजनीतिक और कूटनीतिक, दोनों तरह से भारत की सोच बदल दी है और पूरी दुनिया इसकी गवाह है। जम्मू कश्मीर के उधमपुर से लोकसभा सदस्य एवं केंद्रीय मंत्री सिंह ने यह भी कहा कि सिंधु जल संधि जल्दबाजी में की गई थी, क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पाकिस्तान को खुश करना चाहते थे। कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने विजय के. सजावल द्वारा लिखी पुस्तक "कश्मीर क्रॉनिकल्स" का यहां कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में विमोचन करने के बाद कहा कि यह संधि दोनों देशों के लिए न्याय करने में असफल रही। उन्होंने कहा कि 2019 के पुलवामा हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक के पश्चात, भारत ने अपनी रक्षा रणनीतियों में बदलाव की शुरुआत की थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बलों को परिस्थितियों के अनुसार तथा पेशेवर ज्ञान एवं विवेक के आधार पर कार्य करने की पूरी स्वतंत्रता दी थी। उन्होंने कहा कि यह 2014 से पहले की प्रथा के बिल्कुल विपरीत है, जब सेनाओं को केवल सीमित स्वतंत्रता थी और बड़े हमले के लिए उन्हें नयी दिल्ली से राजनीतिक मंजूरी का इंतजार करना पड़ता था। मंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर, अब तक की प्रचलित पद्धति में बदलाव का परिणाम है। सिंह ने कहा कि अब भारत का रक्षा विभाग सक्रिय रहेगा, न कि दुश्मन के हमले के बाद प्रतिक्रियात्मक।
सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने तीन स्तरों पर महत्वपूर्ण संदेश दिया है - घरेलू स्तर पर इसने देश के लोगों को यह विश्वास दिलाया है कि भारत अब वैश्विक गुरु की भूमिका निभाने के लिए तैयार है, पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से संदेश दिया है कि आज का भारत अब 1965 या 1971 वाला भारत नहीं है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह जोरदार तरीके से संदेश दिया है कि भारत एक ताकत के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए अगला लक्ष्य 2047 का विकसित भारत होगा और भारत का अगला एजेंडा पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर को वापस लेना होगा, जो केवल मोदी के नेतृत्व में ही संभव है। इससे पहले, पुस्तक के लेखक ने एक कश्मीरी पंडित के रूप में अपने व्यक्तिगत अनुभव तथा पिछले कई वर्षों के दौरान जम्मू कश्मीर के प्रति अपने दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से बात की। -
नयी दिल्ली. दिल्ली मास्टर प्लान 2041 जल्द ही लागू किया जाएगा और राष्ट्रीय राजधानी के 48 गांवों का शहरीकरण किया जाएगा। दिल्ली के लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा ने शनिवार को यह जानकारी दी। मंत्री ने यह भी घोषणा की कि लाल डोरा श्रेणी में आने वाली संपत्तियों की पहली रजिस्ट्री पूरी तरह से निःशुल्क होगी। इस कदम से लंबे समय से लंबित संपत्ति विवादों का समाधान होने तथा लोगों को वित्तीय बोझ के बिना कानूनी स्वामित्व दस्तावेज प्राप्त करने में मदद मिलने की उम्मीद है। वर्मा के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मंत्री ने यह टिप्पणी दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के दौलतपुर गांव के दौरे के दौरान की। वर्मा ने संवाददाताओं से कहा, "लंबे समय से प्रतीक्षित मास्टर प्लान 2041 अपने अंतिम चरण में है और इसे बहुत जल्द लागू किया जाएगा। हमारा लक्ष्य सिर्फ नीतियां बनाना नहीं है, बल्कि उन्हें जवाबदेही के साथ पारदर्शी तरीके से जमीन पर लागू करना है।" उन्होंने कहा, "मास्टर प्लान 2041 दिल्ली के गांवों की सूरत बदल देगा और ग्रामीण आबादी को शहरी क्षेत्रों के बराबर सुविधाएं प्रदान करेगा।" मंत्री ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत दिल्ली के लगभग 48 गांवों का शहरीकरण किया जाएगा।
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पुरी. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने शनिवार को श्रद्धालुओं से अपील की कि वे भगवान जगन्नाथ को अर्पित किए जाने वाले पवित्र प्रसाद 'महाप्रसाद' के प्रति सर्वोच्च सम्मान दिखाएं तथा 'डाइनिंग टेबल' पर इसे खाने से परहेज करें। यह अपील उन खबरों और सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों जिनमें पुरी के एक होटल में लोगों को डाइनिंग टेबल (भोजन की मेज) पर जूते पहनकर 'महाप्रसाद' खाते हुए देखा जा सकता है, के बाद की गई है। एसजेटीए ने इसे "श्री मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं के खिलाफ" करार दिया था। एसजेटीए ने कहा कि भगवान जगन्नाथ का 'महाप्रसाद' अत्यंत पवित्र है और इसे "अन्न ब्रह्म" माना जाता है। परंपरा के अनुसार भक्तों को कृतज्ञता के साथ फर्श पर बैठकर 'भोग' को ग्रहण करना चाहिए। प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया कि, "महाप्रसाद का अत्यधिक धार्मिक महत्व है और इसे अत्यंत श्रद्धा के साथ ग्रहण किया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा, "डाइनिंग टेबल पर इसे खाना ईश्वरीय प्रसाद के प्रति अनादर माना जाता है और इससे जुड़ी आध्यात्मिक परंपराओं के विपरीत है।" अपने परामर्श में एसजेटीए ने पुरी के होटलों, रेस्तरां और भोजनालयों से ऐसी प्रथाओं को हतोत्साहित करने तथा आगंतुकों को 'महाप्रसाद' ग्रहण करने के उचित तरीके के बारे में शिक्षित करने का भी आह्वान किया।
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गया जी .बिहार के गया जी जिले में शनिवार को कथित तौर पर जमीन विवाद को लेकर पिता-पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। मृतकों की पहचान अशोक सिंह (65) और उनके बेटे कुणाल (32) के रूप में हुई है।
सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) (गया जी ग्रामीण) अनवर जावेद ने बताया, ‘‘यह घटना वजीरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत दखिनगांव इलाके में हुई, जब उसी इलाके के रहने वाले लोगों ने दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी।'' उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हत्या का कारण जमीन विवाद हो सकता है। उन्होंने बताया कि शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। एएसपी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। -
इटावा.उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के पछांयगांव थाना क्षेत्र में कथित तौर पर पत्नी से विवाद के चलते एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। थाना पछांयगांव के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अलमा अहिरवार ने बताया कि ग्राम मडैय्या करीलगढ़ में शुक्रवार देर शाम पति-पत्नी के बीच घरेलू विवाद के कारण पति जितेन्द्र कुमार (38) ने घर के अंदर उस समय फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली जब उसकी पत्नी खाने-पीने का सामान लेने घर से बाहर गई हुई थी। दंपति के बच्चे भी घर के बाहर गांव में अन्य बच्चों के साथ खेल रहे थे। उन्होंने बताया कि घर लौटने पर पति को फांसी पर लटका देख पत्नी चीख पुकार करने लगी, तब गांव वाले एकत्र हो गए। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा। एसएचओ ने बताया कि जितेन्द्र शराब की लत होने के कारण आए दिन पत्नी से झगड़ा करता था क्योंकि पत्नी उसे शराब पीने से रोकती थी।