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जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज के छात्रावास के पास दो कुत्तों द्वारा खोपड़ी के साथ खेले जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। कॉलेज के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी ये पता लगाना बाकी है कि यह मानव खोपड़ी है या नहीं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना ने बताया, ‘‘हमें बुधवार को जानकारी मिली कि छात्रावास भवन के पीछे कुत्ते एक खोपड़ी से खेल रहे हैं।'' उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘हम अभी खोपड़ी के बारे में निश्चित तौर पर कुछ नहीं कह सकते। यह मानव खोपड़ी हो भी सकती है और नहीं भी। हो सकता है कि पास की झील से कोई खोपड़ी मिली हो। या यह उन खोपड़ियों में से एक हो सकती है, जिन्हें शरीर रचना विज्ञान के छात्र अध्ययन के लिए घर ले जाते हैं।'' उन्होंने कहा कि जांच से पता लगेगा कि खोपड़ी कहां से आई। उन्होंने कहा कि पुलिस को तुरंत सूचित कर दिया गया है। गढ़ा थाने के निरीक्षक पी. के. शर्मा ने बताया कि बुधवार को एक पुलिस कर्मी अस्पताल गया था, लेकिन उसे वह खोपड़ी नहीं मिली जो वीडियो में दिख रही थी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। -
नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र आज शुक्रवार से शुरू हो गया है। बजट सत्र प्रारंभ होने से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरे तीसरे कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है। ये बजट सत्र एक नया विश्वास पैदा करेगा और नई ऊर्जा देगा।
‘आज बजट सत्र की शुरुआत में मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को नमन करता हूं’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज बजट सत्र की शुरुआत में मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को नमन करता हूं। सदियों से हम ऐसे अवसरों पर मां लक्ष्मी को याद करते आ रहे हैं। मां लक्ष्मी हमें सफलता और बुद्धि प्रदान करती हैं। मैं महालक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब और मध्यम वर्ग पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहे।”‘विकसित भारत का संकल्प करेंगे पूरा’उन्होंने आगे कहा, “मेरे तीसरे कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है। मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 में जब आजादी के 100 साल होंगे, तब तक विकसित भारत का जो संकल्प देश ने लिया है, ये बजट सत्र और ये बजट उसमें एक नया विश्वास पैदा करेगा और नई ऊर्जा देगा। 140 करोड़ लोग अपने संकल्प के साथ इस विजन को पूरा करेंगे। अपने तीसरे कार्यकाल में हम मिशन मोड में देश के सर्वांगीण विकास के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं।”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आपने देखा होगा, शायद 2014 से लेकर अब तक यह पहला संसद सत्र है, जिसके एक-दो दिन पहले कोई ‘विदेशी चिंगारी’ (विदेशी हस्तक्षेप) नहीं देखी गई, जिसमें किसी विदेशी ताकत ने आग लगाने की कोशिश नहीं की। मैंने हर बजट सत्र से पहले यह देखा था और हमारे देश में कई लोग इन चिंगारियों को हवा देने में कोई कसर नहीं छोड़ते। यह पहला मौका है, जब ऐसी कोई कोशिश नहीं हुई।”‘इनोवेशन, समावेश और निवेश लगातार हमारी आर्थिक गतिविधि के रोडमैप का आधार रहे हैं’पीएम मोदी ने कहा, “इनोवेशन, समावेश और निवेश लगातार हमारी आर्थिक गतिविधि के रोडमैप का आधार रहे हैं। इस सत्र में हमेशा की तरह कईं ऐतिहासिक बिल पर सदन में चर्चा होगी और व्यापक मंथन के साथ वो राष्ट्र की ताकत बढ़ाने वाले कानून बनेंगे। विशेषकर नारीशक्ति के गौरव को पुनः प्रस्थापित करना, पंथ-संप्रदाय के भेद से मुक्त होकर हर नारी को सम्मानपूर्ण जीवन और समान अधिकार मिले, इस दिशा में इस सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।”प्रधानमंत्री ने युवा सांसदों के नाम भी दिया संदेशप्रधानमंत्री ने युवा सांसदों के नाम भी संदेश दिया। उन्होंने कहा, “इस बजट सत्र में सभी सांसद विकसित भारत को मजबूती देने के लिए अपना योगदान देंगे। विशेषकर जो युवा सांसद हैं, उनके लिए तो ये सुनहरा अवसर है। क्योंकि वो सदन में जितनी जागरूकता और भागीदारी बढ़ाएंगे, विकसित भारत के फल उनकी नजर के सामने देखने को मिलेंगे। इसलिए युवा सांसदों के लिए ये एक अनमोल अवसर है। मैं आशा करता हूं कि हम देश की आशा-आकांक्षाओं के इस बजट सत्र में खरे उतरेंगे।” -
प्रयागराज । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है। उन्होंने कहा कि देश का मेट्रो रेल नेटवर्क अब 1000 किलोमीटर के मील के पत्थर को पार कर चुका है और “भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है”।
रेल नेटवर्क के विस्तार और आधुनिकीकरण और सरकार की उपलब्धियों पर डाली रोशनीराष्ट्रपति ने रेल नेटवर्क के विस्तार और आधुनिकीकरण तथा पहली बार असंबद्ध क्षेत्रों को जोड़ने में सरकार की उपलब्धियों पर रोशनी डालते हुए कहा, “आज, कई वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत ट्रेनें चलाई जा रही हैं। पिछले छह महीनों में, 17 नई वंदे भारत ट्रेनें और एक नमो ट्रेन शुरू की गई हैं। सरकार तेजी से काम कर रही है… पिछले एक दशक में, सरकार ने विकसित भारत की यात्रा को नई ऊर्जा दी है।”पिछले छह महीनों में केंद्र सरकार ने भविष्य के बुनियादी ढांचे में रिकॉर्ड निवेश कियाउन्होंने यह भी कहा कि पिछले छह महीनों में केंद्र सरकार ने भविष्य के बुनियादी ढांचे में रिकॉर्ड निवेश किया। उन्होंने कहा, “मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक परियोजना पूरी हो गई है और अब देश कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेलवे लाइन से जुड़ जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल बनाया गया है।”डिजिटल धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार कर रही कामयात्री और मालगाड़ियों के सफल ट्रायल रन के बाद, उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना फरवरी 2025 के पहले सप्ताह में अपने बहुप्रतीक्षित आधिकारिक उद्घाटन के लिए तैयार है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि डिजिटल धोखाधड़ी और डीपफेक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां हैं और सरकार इसे रोकने के लिए काम कर रही है।साइबर सुरक्षा में दक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार काम कर रही है सरकारउन्होंने कहा, “सरकार साइबर सुरक्षा में दक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध और डीपफेक सामाजिक, वित्तीय और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौतियां हैं।” उन्होंने कहा कि आज भारत डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है।भारत की यूपीआई लेनदेन प्रणाली की सफलता से दुनिया के विकसित देश भी प्रभावित“भारत की यूपीआई लेनदेन प्रणाली की सफलता से दुनिया के विकसित देश भी प्रभावित हैं…मेरी सरकार ने सामाजिक न्याय और समानता के लिए डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल किया है।” राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार का लक्ष्य भारत को वैश्विक नवाचार शक्ति बनाना है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य भारत को वैश्विक नवाचार शक्ति बनाना है…आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत का एआई मिशन शुरू हो गया है।”लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने सरकार की विभिन्न योजनाओं और लक्ष्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों और मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और भारत को वैश्विक नवाचार शक्ति बनाने का लक्ष्य भी बना रही है। राष्ट्रपति ने कहा, “आज हमारे युवा स्टार्टअप से लेकर खेल और अंतरिक्ष तक हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रहे हैं…भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीक को अपनाने के क्षेत्र में दुनिया को रास्ता दिखा रहा है।” -
प्रयागराज । संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुलाई गई सनातन धर्म संसद बैठक में सनातन बोर्ड से जुड़ा प्रस्ताव पारित किया गया है। कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने बातचीत में कहा कि धर्म संसद में सनातन बोर्ड को लेकर प्रस्ताव पारित हो गया है और जल्द ही बोर्ड बनना चाहिए।
सरकार के फैसले के आधार पर आगे विचार किया जाएगादेवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “इस प्रस्ताव में यह सुनिश्चित किया गया है कि चारों शंकराचार्य, चारों वैष्णव आचार्य और जितने भी संगठन, अखाड़े और पीठ के पीठाधीश्वर उसका प्रतिनिधित्व करें। यह प्रस्ताव धर्म संसद में पारित हो गया है और अब इसे सरकार तक पहुंचाना है। जो भी फैसला सरकार करेगी, उसके आधार पर ही आगे विचार किया जाएगा।” उन्होंने कहा, “धर्म संसद का जो मूल मुद्दा था, वह कार्य पूरा हो गया और सनातन बोर्ड से जुड़ा प्रस्ताव भी पारित हो गया। हम चाहते हैं कि हिंदू अधिनियम के तहत सनातन बोर्ड बनाया जाए और सरकार इस पर जल्द विचार करे।”मुख्यमंत्री योगी और स्थानीय प्रशासन साधुवाद के पात्रमहाकुंभ भगदड़ पर देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “मैंने कुछ वीडियो देखे हैं, उसमें प्रशासन के अधिकारी रातभर श्रद्धालुओं से कह रहे थे कि जागो, सावधान रहो और स्नान करो, क्योंकि संख्या बल बहुत अधिक थी। यहां आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। मैं सभी लोगों से अपील करूंगा कि चाहे वह गंगा हो या यमुना, श्रद्धालु जहां हैं, वहीं स्नान करें। महाकुंभ में मची भगदड़ बहुत गंभीर बात है, लेकिन मैं मानता हूं कि अगर तुरंत ही इस पर कार्रवाई नहीं की गई होती तो घटना और भी बड़ी हो सकती थी। इसके लिए सीएम योगी और उनका प्रशासन साधुवाद का पात्र है कि उस घटना को उन्होंने बड़ा नहीं होने दिया और उससे पहले ही रोक लिया। अब हमें आगे सावधानी रखनी चाहिए।”पीएम मोदी में सबको साथ लेकर चलने की क्षमताउन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “राजा का मतलब है जो सबको लेकर चले। हमारे लिए ऐसा प्रधानमंत्री मिलना मुश्किल है, वो संतों का भी आदर करते हैं और मंदिर जाते हैं। कई लोग कहते हैं हम भाजपा के हैं, लेकिन मैं उन्हें बता दूं कि हम भाजपा के नहीं हैं। अगर भाजपा कुछ उल्टा काम करती है तो हम उसके खिलाफ भी बोलते हैं। अगर कोई टोपी पहनकर मुसलमान के फंक्शन में शामिल हो तो हमें खुशी नहीं होगी, क्योंकि हमने तो कभी मुसलमान को तिलक लगाते हुए नहीं देखा है। मुसलमान आएं, तिलक लगाए और कलावा पहने, फिर हम उनकी तारीफ करेंगे। अगर हमारे नेता टोपी पहनकर मुसलमान के यहां जाएं तो हमें जलन होती है कि तुम सिर्फ वोट के लिए काम करते हो। प्रधानमंत्री टोपी नहीं पहनते, लेकिन काम सबके लिए करते हैं। जो सरकारी आवास मिले हैं, उनमें मुसलमानों की संख्या अधिक है। प्रधानमंत्री सबके लिए करें, लेकिन अपने धर्म को साथ लेकर चलें।” - प्रयागराज। यदि आप उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित भव्य महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने जा रहे हैं तो सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक खबर फैलाई जा रही है कि प्रयागराज में 4 फरवरी तक वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध है। इसको लेकर डीएम प्रयागराज रवींद्र कुमार मंदार ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर 4 फरवरी तक प्रयागराज में वाहन प्रवेश प्रतिबंध का दावा करने वाली वायरल खबर पूरी तरह से निराधार है।31 जनवरी, 1 फरवरी और 4 फरवरी को किसी भी तरह से वाहन पर प्रतिबंध नहीं रहेगाउन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या के लिए जिला प्रशासन और मेला प्रशासन द्वारा डायवर्जन स्कीम लागू की गई थी। लेकिन अब पुलिस द्वारा डायवर्जन स्कीम को हटाया जा रहा है। 31 जनवरी, 1 फरवरी और 4 फरवरी को किसी भी तरह से वाहन पर प्रतिबंध नहीं रहेगा। 2 और 3 फरवरी को वसंत पंचमी के स्नान पर लागू डायवर्जन स्कीम लागू होगी।कमिश्नरी क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर किसी भी तरह से कोई प्रतिबंध नहींयोजना मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश की बहुत अलग प्रक्रिया है, मेला अधिकारी और डीआईजी सभी को इसकी जानकारी देंगे। कमिश्नरी क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर किसी भी तरह से कोई प्रतिबंध नहीं है। दूसरी ओर, शुक्रवार को संगम तट पर श्रद्धालुओं ने सुबह-सुबह आस्था की डुबकी लगाई और पूर्जा अर्चना की। संगम घाट पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिली। श्रद्धालु स्नान कर घर लौटते हुए भी दिखाई दिए। वहीं, बसंत पंचमी के स्नान पर्व को ध्यान में रखते हुए महाकुंभ नगर में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेडिकल फोर्स मैदान में सक्रिय हो गई है।360 बेड की क्षमता वाले 23 अस्पताल श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए तैयारमहाकुंभ नगर में 360 बेड की क्षमता वाले 23 अस्पताल श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए तैयार किए गए हैं। इसे जांचने के लिए स्पेशल मेडिकल टीम ने संपूर्ण मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं का जायजा लिया। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों ने मेला क्षेत्र का दौरा कर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। एंबुलेंस और आपातकालीन सुविधाओं की समीक्षा कर तैनाती को सुनिश्चित किया गया।
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नई दिल्ली। महाकुंभ प्रयागराज में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लगाई गई डिजिटल प्रदर्शनी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस प्रदर्शनी में ‘एकता ही समाज का बल है’ विषय को केंद्र में रखते हुए राष्ट्रीय एकता, समावेशिता और देश की प्रगति से जुड़ी विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित की गई हैं। ‘एक राष्ट्र, एक कर’, ‘एक देश, एक पावर ग्रिड’, ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ जैसी योजनाओं के माध्यम से सरकार द्वारा देश को एकजुट करने के प्रयासों को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में दृश्य-श्रव्य सामग्री लोगों का विशेष ध्यान आकर्षित कर रही हैं। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से लेकर ‘एक देश, एक संविधान’ की संकल्पना को साकार करने तक की यात्रा को भी यहां रोचक तरीके से प्रदर्शित किया गया है।
केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की दी जा रही जानकारीसूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की इस डिजिटल प्रदर्शनी में जन भागीदारी से जनकल्याण की भावना को साकार करते हुए केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। विशेष रूप से उद्यमिता, स्वरोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं को प्रदर्शनी में प्रमुखता से स्थान दिया गया है। मुद्रा योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना, पीएमईजीपी और क्रेडिट गारंटी फंड योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से सरकार द्वारा नागरिकों को आत्मनिर्भर बनने के लिए दिए जा रहे अवसरों की जानकारी यहां प्रदर्शित की जा रही है। श्रद्धालु डिजिटल स्क्रीन और एलईडी वॉल पर इन योजनाओं की डॉक्यूमेंट्री फिल्में और आकर्षक चित्रों के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। समुद्र मंथन की प्रतीकात्मक छवियां और भारत के विकास को दर्शाने वाले दृश्य भी लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। यह प्रदर्शनी 26 फरवरी तक चलेगी और बड़ी संख्या में लोग इसका लाभ उठा रहे हैं।प्रदर्शनी के माध्यम से देश की एकता, समृद्धि और विकास यात्रा की दी जा रही जानकारीमहाकुंभ में आयोजित इस डिजिटल प्रदर्शनी का उद्देश्य न केवल लोगों को भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देना है, बल्कि उन्हें राष्ट्र निर्माण और जनकल्याण में अपनी भागीदारी के लिए भी प्रेरित करना है। यह प्रदर्शनी देश की एकता, समृद्धि और विकास यात्रा का प्रतीक बन गई है, जहां श्रद्धालु न केवल आध्यात्मिकता से जुड़ रहे हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से भी परिचित हो रहे हैं। आधुनिक तकनीक और डिजिटल माध्यमों के उपयोग से प्रस्तुत की गई यह प्रदर्शनी लोगों के लिए एक सूचनात्मक और प्रेरणादायी अनुभव बन रही है, जिससे वे भारत की प्रगति में अपने योगदान के प्रति और अधिक जागरूक हो रहे हैं। -
नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र आज शुक्रवार से शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा दोनों सदनों को संबोधित करने के साथ हुई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए सरकार की विभिन्न योजनाओं और लक्ष्यों पर रोशनी डाली। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों के कल्याण और मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और साथ ही भारत को वैश्विक नवाचार शक्ति बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
हमारा लक्ष्य भारत को ग्लोबल इनोवेशन पावरहाउस बनानाराष्ट्रपति मुर्मु ने कहा, “हमारा लक्ष्य भारत को ग्लोबल इनोवेशन पावरहाउस बनाना है… आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में भारत का एआई मिशन शुरू हो चुका है।”आज हमारे युवा हर क्षेत्र में देश का नाम कर रहे रोशनसंयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा, “आज हमारे युवा स्टार्टअप से लेकर खेल और अंतरिक्ष तक हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रहे हैं…भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्रौद्योगिकी अपनाने के क्षेत्र में दुनिया को रास्ता दिखा रहा है।”यह संसद के लिए बहुत गर्व की बातउन्होंने कहा कि यह संसद के लिए बहुत गर्व की बात है कि आज बड़ी संख्या में महिलाएं लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं, पुलिस में शामिल हो रही हैं और देश में कॉरपोरेट का नेतृत्व भी कर रही हैं। “हमारी बेटियां ओलंपिक पदक जीतकर देश का नाम रोशन कर रही हैं…मेरी सरकार देश में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास में विश्वास करती है…सरकार का लक्ष्य तीन करोड़ लखपति दीदी बनाना है।”सरकार मध्यम वर्ग के घर के सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धइसके आगे राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार मध्यम वर्ग के घर के सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर शोक व्यक्त किया, जिसमें बुधवार को कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई।“ऐतिहासिक महाकुंभ चल रहा है। यह हमारी सांस्कृतिक परंपराओं और सामाजिक जागृति का पर्व है। भारत और दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में पवित्र स्नान किया है। मैं मौनी अमावस्या पर हुई दुर्घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”संविधान अपनाने के 75 साल पूरे होने के अवसर पर दीं शुभकामनाएंराष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी श्रद्धांजलि दी, जिनका पिछले साल 26 दिसंबर को निधन हो गया था। संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने के अवसर पर शुभकामनाएं भी दीं। -
देहरादून. उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के क्रियान्वयन के लिए नियमावली बनाने वाली समिति के एक सदस्य ने बृहस्पतिवार को साफ किया कि ‘लिव इन' (सहवासी) संबंधों के पंजीकरण के लिए धर्म गुरूओं के प्रमाणपत्र की आवश्यकता केवल उन मामलों में होगी जिनमें युगल के बीच पहले से ही संहिता की अनुसूची-1 में परिभाषित निषिद्ध श्रेणी का रिश्ता हो। यूसीसी नियमावली समिति के सदस्य मनु गौड़ ने कहा, ‘‘कुछ मीडिया रिपोर्ट में सवाल उठाया गया है कि प्रत्येक ‘लिव इन रिलेशनशिप' पंजीकरण के लिए धर्म गुरुओं का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। ऐसा सिर्फ उन मामलों में करना होगा, जिनमें युगल में पहले से कोई ऐसा रिश्ता हो जिनमें विवाह निषिद्ध है। ऐसे रिश्तों का उल्लेख संहिता की अनुसूची-1 में स्पष्ट किया गया है।'' उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर उत्तराखंड में ऐसे रिश्तों में विवाह करने वाले लोग बहुत कम हैं। इससे साफ है कि उत्तराखंड में यूसीसी के तहत होने वाले पंजीकरण में एक प्रतिशत से कम मामलों में ऐसे प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ेगी। गौड़ ने कहा कि इसके साथ ही जिन समाजों में निषिद्ध श्रेणी के रिश्तों में विवाह होता है, वहां भी धर्मगुरुओं के प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर वे अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इस तरह इसका उद्देश्य किसी के भी पंजीकरण को रोकने के बजाय, उस पंजीकरण में सहायता प्रदान करना है। गौड़ के मुताबिक, धर्मगुरुओं के प्रमाणपत्र के प्रारूप को भी संहिता में स्पष्ट तौर पर बताया गया है।
उन्होंने बताया कि यूसीसी के तहत लिव इन पंजीकरण के समय सिर्फ निवास, जन्म तिथि, आधार और किराएदारी के मामले में उससे संबंधित दस्तावेज ही प्रस्तुत करने होंगे। गौड़ ने कहा कि इसके अलावा जिन लोगों का पहले तलाक हो चुका है उन्हें विवाह खत्म होने का कानूनी आदेश प्रस्तुत करना होगा। साथ ही, जिनके जीवन साथी की मृत्यु हो चुकी है या जिनका पूर्व में लिव इन रिलेशनशिप समाप्त हो चुका है, उन्हें इससे संबंधित दस्तावेज पंजीकरण के समय देने होंगे। गौड़ ने बताया कि यूसीसी के तहत उत्तराखंड में एक साल से रहने वाला कोई भी व्यक्ति अपना पंजीकरण करवा सकता है और इस समयावधि का मूल निवास या स्थायी निवास से कोई संबंध नहीं है । उन्होंने कहा कि यदि यह सिर्फ मूल और स्थायी निवासी पर ही लागू होता तो अन्य राज्यों से आने वाले बहुत सारे लोग इसके दायरे से छूट जाते। -
चंडीगढ़. भाजपा की हरप्रीत कौर बबला बृहस्पिवार को चंडीगढ़ नगर निगम की नई महापौर चुनी गईं। उन्होंने आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार प्रेम लता को महज दो वोटों के अंतर से हराया। बबला को 19 और लता को 17 मत मिले। कोई भी मत अमान्य नहीं पाया गया।
पीठासीन अधिकारी रमणीक सिंह बेदी ने चुनाव परिणाम की घोषणा की।महापौर पद के लिए मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के बीच था।35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में आम आदमी पार्टी के 13 और उसकी सहयोगी कांग्रेस के 6 पार्षद हैं, जबकि भाजपा के 16 पार्षद हैं। इसके अलावा, चंडीगढ़ के सांसद को भी पदेन सदस्य के रूप में मतदान का अधिकार प्राप्त होता है। वर्तमान में कांग्रेस के मनीष तिवारी चंडीगढ़ के सांसद हैं। भाजपा उम्मीदवार की जीत इस ओर इशारा करती है कि मतदान के दौरान क्रॉस वोटिंग हुई।उच्चतम न्यायालय ने नगर निगम चुनाव के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश जयश्री ठाकुर को स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। महापौर के चुनाव के बाद अब वरिष्ठ उपमहापौर और उपमहापौर पद के लिए मतदान होगा।भाजपा ने वरिष्ठ उपमहापौर पद के लिए विमला दुबे और उपमहापौर पद के लिए लखबीर सिंह बिल्लू को उम्मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। महापौर पद आम आदमी पार्टी ने लड़ा था। अब कांग्रेस ने वरिष्ठ उपमहापौर पद के लिए जसबीर सिंह बंटी और उपमहापौर पद के लिए तरुणा मेहता को उम्मीदवार बनाया है। -
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को देश की एआई महत्वाकांक्षाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत आने वाले महीनों में अपना खुद का आधारभूत मॉडल तैयार करेगा। उन्होंने कॉमन कंप्यूटिंग सुविधा के तहत 18,693 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) को तैनात करने की घोषणा की। वैष्णव ने भारत को वैश्विक एआई केंद्र में लाने का वादा करते हुए कई घोषणाएं की और कहा कि एक एआई सुरक्षा संस्थान शुरू किया जाएगा। आईटी मंत्री वैष्णव ने कहा, ''आधुनिक तकनीक को सभी के लिए सुलभ बनाना, यही हमारे प्रधानमंत्री की आर्थिक सोच है... इस समय हमारे पास सबसे सस्ती कंप्यूटिंग सुविधा है।'' डीपसीक को लेकर गोपनीयता संबंधी चिंताओं के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि भारत गोपनीयता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए इसे भारतीय सर्वर पर होस्ट करेगा।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को लगातार 8वां बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाएंगी। उम्मीद है कि आम बजट में कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि को सहारा देने तथा महंगाई और स्थिर वेतन वृद्धि से जूझ रहे मध्यम वर्ग को राहत देने के उपाय किए जाएंगे। इसके साथ ही सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा अलग-अलग समयावधि में पेश किए गए 10 बजटों के रिकॉर्ड के करीब पहुंच जाएंगी। देसाई ने 1959-1964 के दौरान वित्त मंत्री के रूप में कुल छह बजट और 1967-1969 के बीच चार बजट पेश किए थे। सीतारमण को 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनाया गया था। इसी साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी। तब से सीतारमण ने सात बजट पेश किए हैं। स्वतंत्र भारत का पहला आम बजट 26 नवंबर, 1947 को देश के पहले वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था। पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और बाद में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में वित्त मंत्री के तौर पर कुल 10 बजट पेश किए हैं। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नौ मौकों पर बजट पेश किया। प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आठ बजट पेश किए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 से 1995 के बीच लगातार पांच बार बजट पेश किया, जब वह पी वी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे। सबसे लंबा बजट भाषण सीतारमण ने एक फरवरी, 2020 को दो घंटे 40 मिनट का दिया। वर्ष 1977 में हीरूभाई मुलजीभाई पटेल का अंतरिम बजट भाषण अब तक का सबसे छोटा भाषण है, जिसमें केवल 800 शब्द हैं। बजट पारंपरिक रूप से फरवरी के आखिरी दिन शाम पांच बजे पेश किया जाता था। वर्ष 1999 में समय बदला गया और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया। तब से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है। इसके बाद 2017 में बजट पेश करने की तिथि बदलकर एक फरवरी कर दी गई, ताकि सरकार मार्च के अंत तक संसदीय मंजूरी की प्रक्रिया पूरी कर सके।
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नयी दिल्ली. सरकार ने संसद के बजट सत्र से पहले बृहस्पतिवार को सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई। सत्र की शुरुआत शुक्रवार को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी और बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। सत्र का पहला चरण 13 फरवरी को समाप्त होगा और दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होगा। सत्र चार अप्रैल को समाप्त होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक की अध्यक्षता की, जो राजनीतिक दलों को सरकार के विधायी एजेंडे के बारे में सूचित करने और सत्र के दौरान उनके द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर जानकारी प्राप्त करने के लिए बुलाई जाती है। बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा, कांग्रेस के गौरव गोगोई और जयराम रमेश, द्रविड़ मुनेत्र कषगम के टी. आर. बालू, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन समेत कई नेताओं ने भाग लिया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू भी बैठक में शामिल हुए।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना लगातार 8वां बजट पेश करेंगी और सभी की निगाहें मध्यम वर्ग को मिलने वाली बहुप्रतीक्षित कर राहत पर होंगी। सीतारमण ने 2019 में अपना पहला बजट पेश करते हुए बजट दस्तावेजों को ले जाने के लिए दशकों से इस्तेमाल किए जा रहे चमड़े के ब्रीफकेस को लाल कपड़े में लिपटे पारंपरिक 'बही-खाता' से बदल दिया था। इस साल का बजट पिछले तीन वर्षों की तरह कागज रहित रूप में होगा। वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट से जुड़े प्रमुख आंकड़े यहां दिए गए हैं:
राजकोषीय घाटाचालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत अनुमानित है। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में घाटे के आंकड़ों पर बाजार की पैनी नजर रहेगी।
पूंजीगत व्यय
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का नियोजित पूंजीगत व्यय 11.1 लाख करोड़ रुपये है। हालांकि, लोकसभा चुनावों के कारण पहले चार महीनों में सरकारी खर्च धीमा रहा, जिससे पूंजीगत व्यय चक्र में देरी हुई और चालू वित्त वर्ष के लिए अंतिम आंकड़े कम रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में भी पूंजीगत व्यय की रफ्तार जारी रहने की उम्मीद है। * ऋण की स्थिति: वित्त मंत्री ने अपने 2024-25 के बजट भाषण में कहा था कि 2026-27 से आगे राजकोषीय घाटे को जीडीपी के प्रतिशत के रूप में लगातार कम किया जाएगा। इस बार बाजार की ऋण समेकन मसौदे पर नजर रहेगी। वर्ष 2024 में सामान्य सरकारी ऋण-जीडीपी अनुपात 85 प्रतिशत था, जिसमें केंद्र सरकार का ऋण 57 प्रतिशत है।
उधार
वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार का सकल उधार बजट 14.01 लाख करोड़ रुपये था। सरकार अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई करने के लिए बाजार से उधार लेती है। उधारी संख्या पर बाजार की नजर रहेगी।
कर राजस्व
2024-25 के बजट में सकल कर राजस्व 38.40 लाख करोड़ रुपये आंका गया था, जो वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 11.72 प्रतिशत अधिक है। इसमें प्रत्यक्ष करों से 22.07 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष करों से 16.33 लाख करोड़ रुपये का राजस्व शामिल हैं। जीएसटी: 2024-25 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 11 प्रतिशत बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2025-26 के जीएसटी राजस्व अनुमानों पर नजर रखी जाएगी, क्योंकि चालू वित्त वर्ष में पिछले तीन महीनों में राजस्व वृद्धि धीमी रही है। * चालू कीमतों पर जीडीपी: वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की चालू कीमतों पर जीडीपी वृद्धि (वास्तविक जीडीपी और मुद्रास्फीति का जोड़) 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.4 प्रतिशत रह सकती है। * इसके अलावा सरकार को आरबीआई तथा वित्तीय संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से मिलने वाले लाभांश तथा विनिवेश से होने वाली आय पर भी बाजार की नजर रहेगी।
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नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुरुवार को नई दिल्ली में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के गुजरात में कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में गुजरात के गृह राज्य मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, गुजरात के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) के महानिदेशक और केन्द्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मामले में FIR से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक तीन साल में न्याय दिलाने का है प्रावधानबैठक में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों की आत्मा, किसी भी मामले में FIR से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक तीन साल में न्याय दिलाने के प्रावधान में है। शाह ने गुजरात सरकार द्वारा नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर अब तक किए गए कार्यों की सराहना करते हुए राज्य सरकार से 30 अप्रैल 2025 तक सभी कमिश्नरेट में नए कानूनों का शत-प्रतिशत कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री से इसकी मासिक, राज्य के गृह मंत्री पाक्षिक और मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) एवं महानिदेशक पुलिस स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा की जानी चाहिए।गुजरात ने जीरो FIR को शत-प्रतिशत FIR में बदलने का प्रशंसनीय कार्य किया हैअमित शाह ने कहा कि गुजरात ने 10 वर्ष से अधिक सजा वाले मामलों में 92 प्रतिशत से अधिक चार्जशीट समय पर दाखिल करने का सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि बचे हुए मामलों में अधिनियम में कोर्ट से अनुमति लेने के प्रावधान के उपयोग को सुनिश्चित करने की समीक्षा की जानी चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि गुजरात ने Zero FIR को शत-प्रतिशत FIR में बदलने का प्रशंसनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए जिसमें अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (CCTNS) के जरिए दो राज्यों के बीच FIR ट्रांसफर किया जा सके । गुजरात को CCTNS 2.0 को अपनाना चाहिए।नए कानूनों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के प्रावधान को अपनाने पर गृह मंत्री ने दिया जोरनए कानूनों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के प्रावधान पर गृह मंत्री ने कहा कि इसके उचित क्रियान्वयन के लिए राज्य के गृह एवं स्वास्थ्य विभाग को बैठक कर अस्पतालों से पोस्टमार्टम और अन्य मेडिकल रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करने पर जोर देना चाहिए। शाह ने जेलों, सरकारी अस्पतालों, बैंक, फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) इत्यादि परिसरो में भी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए साक्ष्य दर्ज करने के व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जेलों में हर न्यायालय के लिए एक वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग क्यूबिकल होनी चाहिए।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पुलिस को पूछताछ के लिए हिरासत में रखे गए लोगों की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक डैशबोर्ड पर प्रदान करनी चाहिए, साथ ही जब्ती सूची और अदालतों में भेजे जाने वाले मामलों की जानकारी भी डैशबोर्ड पर रखनी चाहिए। उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक को इन मामलों की निरंतर मॉनिटरिंग का भी निर्देश दिया। शाह ने पुलिस थानों में नेटवर्क कनेक्टिविटी स्पीड को निर्धारित मानकों से 30 mbps अधिक करने को कहा।संगठित अपराध, आतंकवाद, मॉब लिंचिंग के प्रावधानों का न हो दुरुपयोगअमित शाह ने कहा कि राज्य सरकार को परिपत्र जारी कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संगठित अपराध, आतंकवाद, मॉब लिंचिंग के प्रावधानों का दुरुपयोग न हो। इसके लिए उच्च स्तर से अनुमति के सख्त प्रावधान किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में Trial In Absentia का प्रावधान किया गया है जिसके तहत भगोड़े अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में लंबे समय से देश से फरार आरोपित भगोड़ों के खिलाफ Trial In Absentia की शुरुआत की जानी चाहिए।फॉरेंसिक साइंस मोबाइल वैन्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर दिया जोरगृह मंत्री ने हर जिले में दो से अधिक फॉरेंसिक साइंस मोबाइल वैन्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रयास करना चाहिए जिससे मोबाइल फोरेंसिक वैन्स में काम में आने वाली सभी 12 किट्स भारत में ही निर्मित हो। शाह ने कहा कि गुजरात द्वारा फोरेंसिक क्राइम मैनेजर की पहल को अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए। साथ ही लंबित फोरेंसिक मामलों को अभियान चला कर खत्म करना चाहिए। उन्होंने फॉरेंसिक विशेषज्ञों की भर्ती पर जोर देते हुए फॉरेंसिक विभाग में खाली पदों पर भर्ती शीघ्र सुनिश्चित करने को कहा।केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय ने 22 जनवरी 2025 को सभी अधीनस्थ न्यायालयों को ई-प्रोसेस जारी करने के निर्देश जारी किए हैं, जो एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में भी इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए। शाह ने डायरेक्टरेट ऑफ प्रॉसिक्यूशन में खाली पदों पर जल्द से जल्द भर्ती सुनिश्चित करने को कहा। गृह मंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण में न्यायिक अधिकारियों को भी जोड़ा जाना चाहिए और ज्यूडिशियल अकेडमी से समन्वय कर प्रशिक्षण आयोजित किये जाने चाहिए। -
नई दिल्ली। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के नए महानिदेशक (डीजी) का पदभार संभाल लिया है। उन्होंने गुरुवार को विशेष महानिदेशक वितुल कुमार से यह जिम्मेदारी ली जो कार्यवाहक प्रमुख के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे। 1991 बैच के असम-मेघालय कैडर के अधिकारी जीपी सिंह को 18 जनवरी 2025 को इस पद के लिए नियुक्त किया गया था। वह 30 नवंबर 2027 को सेवानिवृत्ति तक इस पद पर बने रहेंगे।
इससे पहले जीपी सिंह असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में कार्य कर चुके हैं जहां उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। उनके पास उग्रवाद विरोधी अभियानों, पुलिस सुधारों और सुरक्षा प्रबंधन का काफी अनुभव है जिससे वह भारत के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह सक्षम माने जाते हैं।जीपी सिंह ने अपनी स्कूली और उच्च शिक्षा लखनऊ में पूरी की और बीएससी व एमएससी की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण लिया और 1992 में असम में अपनी सेवा शुरू की। उस समय असम में उग्रवाद चरम पर था और उन्होंने वहां कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं।उन्होंने असम के कई जिलों में पुलिस अधिकारी के रूप में काम किया और जोरहाट में बिना सेना की मदद के सफल उग्रवाद विरोधी अभियान चलाया। 2002 में, वह विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) में शामिल हुए और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व मनमोहन सिंह की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली।2013 से 2019 तक, वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में महानिरीक्षक (आईजी) रहे जहां उन्होंने समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, मालेगांव ब्लास्ट, अजमेर शरीफ ब्लास्ट और मक्का मस्जिद ब्लास्ट जैसे आतंकवादी मामलों की जांच की। उन्होंने पुलवामा, उरी और पठानकोट में भारतीय सुरक्षा बलों पर हुए हमलों की जांच में भी अहम भूमिका निभाई और जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग नेटवर्क खत्म करने के लिए बड़े कदम उठाए।2019 में, जब असम में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में प्रदर्शन हो रहे थे तब उन्हें राज्य में कानून व्यवस्था संभालने के लिए असम पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद, उन्होंने सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के निदेशक के रूप में काम किया और गैंडा संरक्षण कार्य बल का भी नेतृत्व किया। फरवरी 2023 में, उन्हें असम के पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में नियुक्त किया गया जहां उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत किया।अब सीआरपीएफ प्रमुख के रूप में जीपी सिंह पूरे देश में बल के संचालन की देखरेख करेंगे। इसमें आतंकवाद विरोधी अभियान, आंतरिक सुरक्षा और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखना शामिल है। उनका नेतृत्व ऐसे समय में आया है जब सीआरपीएफ देश की सुरक्षा और उग्रवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।- -
नई दिल्ली। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) अपना 33वां स्थापना दिवस कल शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में मनाने जा रहा है। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि होंगे साथ ही NCW की अध्यक्ष विजया रहाटकर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहेंगे।
इस साल का विषय “नारी तू नारायणी” रखा गया है जो अहिल्यादेवी होल्कर की वीरता और नेतृत्व से प्रेरित है। यह महिलाओं की शक्ति, संघर्ष और समाज में उनके योगदान को सम्मान देने का संदेश देता है।इस कार्यक्रम में चार महिला पैरा एथलीटों को उनके शानदार प्रदर्शन और संघर्ष की प्रेरणादायक कहानियों के लिए उपराष्ट्रपति और NCW अध्यक्ष विजया रहाटकर द्वारा सम्मानित किया जाएगा। यह महिलाएं पूरे देश के लिए मिसाल हैं उन्होंने दिखाया कि मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।इस अवसर पर NCW अध्यक्ष विजया रहाटकर की पुस्तक “कर्मयोगिनी वीरांगना” का विमोचन भी होगा। यह पुस्तक पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर के अद्वितीय साहस और नेतृत्व को समर्पित है। विजया रहाटकर ने कहा, “आज महिलाएं इतिहास रच रही हैं। हमारी थीम ‘नारी तू नारायणी’ महिलाओं की शक्ति और उपलब्धियों को दर्शाती है। वे न केवल आगे बढ़ रही हैं, बल्कि समाज को नई दिशा भी दे रही हैं।” -
नई दिल्ली। भारत आने वाले महीनों में एआई का अपना फाउंडेशनल यानी मूलभूत मॉडल तैयार करेगा। इस संबंध में गुरुवार को नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत का फाउंडेशनल मॉडल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मॉडल से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होगा।
केंद्रीय मंत्री ने ‘इंडिया एआई मिशन’ की प्रगति पर डाली रोशनीउन्होंने कहा कि भारत का अपना एआई मॉडल विकसित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करते हुए एक रूपरेखा तैयार की गई है। केंद्रीय मंत्री ने एक एआई सुरक्षा संस्थान स्थापित किए जाने की भी घोषणा की। उन्होंने इंडिया एआई मिशन की प्रगति पर रोशनी डाली, जो पहले से ही अपने शुरुआती ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट जीपीयू लक्ष्यों को पार कर चुका है।केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, 18 हजार 693 जीपीयू के साथ एक सामान्य कंप्यूटिंग सुविधा शुरू की गई है और आने वाले दिनों में स्टार्टअप, शोधकर्ताओं और डेवलपर्स के लिए उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा, भारत में अब 15 हजार हाई-एंड जीपीयू उपलब्ध हैं।इसे जल्द ही भारतीय सर्वर पर किया जाएगा होस्टडीपसीक को लेकर गोपनीयता संबंधी चिंताओं पर एक सवाल पर, केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि इसे जल्द ही भारतीय सर्वर पर होस्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि आधुनिक तकनीक सभी को उपलब्ध होनी चाहिए। -
प्रयागराज। प्रयागराज के महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर बुधवार को हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने अपना काम शुरू कर दिया है। गौरतलब है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ हादसे के तुरंत बाद जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की थी। आयोग के सदस्य 10 जनपथ लखनऊ स्थित अपने कार्यालय में पहुंच गए हैं।
वहीं इस मामले में राज्यपाल की राय है कि 29 जनवरी को महाकुंभ प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दौरान मेला क्षेत्र में हुई भगदड़ की घटना के संबंध में लोकहित में जांच कराना आवश्यक है। इसलिए राज्यपाल द्वारा जांच आयोग अधिनियम द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करके तीन-सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार कर रहे हैं। उनके साथ सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी वी.के. गुप्ता तथा सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डी.के. सिंह बतौर सदस्य शामिल हैं।आयोग को अपनी जांच रिपोर्ट एक माह के भीतर राज्य सरकार को सौंपनी होगी, हालांकि आवश्यकतानुसार इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है। आयोग को निम्नलिखित बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी – उन कारणों एवं परिस्थितियों का पता लगाना जिसके कारण उक्त घटना घटित हुई। भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के संबंध में सुझाव देना।उल्लेखनीय है कि मौनी अमावस्या पर्व पर महाकुंभ में मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया। इससे पहले सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो संदेश जारी कर कहा कि महाकुंभ, प्रयागराज में हुई घटना अत्यंत दुखद है, मर्माहत करने वाली है। मृतकों को विनम्र श्रद्धांजलि व मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। -
नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महत्वपूर्ण खनिजों के बारे में केन्द्रीय मंत्रिमंडल के बुधवार के फैसले को आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। सोशल मीडिया पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन-एन.सी.एम.एम. से संबंधित मंत्रिमंडल के फैसले से भारत की उच्च प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा, रक्षा और अन्य महत्वपूर्ण उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
कच्चे तेल के आयात को कम करने, किसानों को सशक्त बनाने और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने में मिलेगी मदद
उन्होंने कहा कि एथेनॉल खरीद की संशोधित दर से जुड़े फैसले से एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने और ब्लेडिंग लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे कच्चे तेल के आयात में कमी आएगी, किसान सशक्त होंगे और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। गौरतलब हो, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल की समिति (सीसीईए) ने केन्द्र सरकार के एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत 1 नवंबर, 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2024-25 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के लिए एथेनॉल खरीद मूल्य में संशोधन को मंजूरी दे दी है। एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 (1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025) के लिए सी-हैवी मोलासेस (सीएचएम) से प्राप्त ईबीपी कार्यक्रम के लिए एथेनॉल की एक्स-मिल कीमत 56.58 रुपए प्रति लीटर से 57.97 रुपए प्रति लीटर तय की गई है।
इस मंजूरी से न केवल सरकार को एथेनॉल आपूर्तिकर्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता और लाभकारी मूल्य प्रदान करने की नीति जारी रखने में सुविधा होगी, बल्कि कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने, विदेशी मुद्रा की बचत करने और पर्यावरण को लाभ पहुंचाने में भी मदद मिलेगी। गन्ना किसानों के हित में जीएसटी और परिवहन शुल्क पहले की तरह अलग से देय होंगे। सीएचएम इथेनॉल की कीमतों में 3 प्रतिशत की वृद्धि से बढ़े हुए मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए एथेनॉल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
सरकार एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम लागू कर रही है
सरकार एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम लागू कर रही है जिसके तहत तेल विपणन कंपनियां 20 प्रतिशत तक एथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल बेचती हैं। वैकल्पिक और पर्यावरण अनुकूल ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम पूरे देश में लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य ऊर्जा आयात पर निर्भरता को कम करना और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना भी है। पिछले दस वर्षों (31.12.2024 तक) के दौरान, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण के परिणामस्वरूप लगभग 1,13,007 करोड़ रुपए से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है और लगभग 193 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल की जगह इथेनॉल मिश्रित तेल का उपयोग हुआ है।सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा एथेनॉल मिश्रण, एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 (ईएसवाई-वर्तमान में वर्ष की 1 नवंबर से अगले वर्ष की 31 अक्टूबर तक इथेनॉल आपूर्ति अवधि के रूप में परिभाषित) में 38 करोड़ लीटर से बढ़कर ईएसवाई 2023-24 में 707 करोड़ लीटर हो गया है जिससे 14.60 प्रतिशत का औसत मिश्रण प्राप्त हुआ है।सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य पहले के 2030 की जगह 2025-26 कर दिया है। “भारत में एथेनॉल मिश्रण के लिए रोडमैप 2020-25” को सार्वजनिक रूप से जारी कर दिया गया है। इस दिशा में तेल विपणन कंपनियों ने चालू ईएसवाई 2024-25 के दौरान 18 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई है। एथेनॉल आसवन क्षमता को बढ़ाकर प्रति वर्ष 1713 करोड़ लीटर करना, एथेनॉल की कमी वाले राज्यों में समर्पित एथेनॉल संयंत्र (डीईपी) स्थापित करने के लिए दीर्घकालिक ऑफ-टेक समझौते (एलटीओए), सिंगल फीड डिस्टिलरी को मल्टी फीड में बदलने के लिए प्रोत्साहित करना, ई-100 और ई-20 ईंधन की उपलब्धता, फ्लेक्सी ईंधन वाहनों की शुरूआत जैसी पहल की गई हैं। ये सभी कदम व्यापार करने में आसानी और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी योगदान देते हैं।ईबीपी कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा किए गए उपायों के कारण देश भर में ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड डिस्टिलरीज के नेटवर्क, भंडारण और लॉजिस्टिक सुविधाओं के अलावा रोजगार के अवसरों और विभिन्न हितधारकों के बीच देश के भीतर मूल्य के बंटवारे के रूप में निवेश हुआ है। सभी डिस्टिलरी इस योजना का लाभ उठा सकेंगी और उनमें से बड़ी संख्या में ईबीपी कार्यक्रम के लिए इथेनॉल की आपूर्ति किए जाने की उम्मीद है। इससे विदेशी मुद्रा बचत, कच्चे तेल के विकल्प के रूप में, पर्यावरणीय लाभ और गन्ना किसानों को जल्दी भुगतान में मदद मिलेगी। -
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति ने बुधवार को विभिन्न राज्यों में आपदा शमन (Disaster Mitigation) के लिए 3027.86 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। उच्च स्तरीय समिति ने सबसे अधिक सूखा प्रभावित 12 राज्यों को 2022.16 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली परियोजना को भी मंजूरी दी। सरकार ने देश में डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (Disaster Risk Reduction) प्रणाली मजबूत करके आपदाओं के दौरान जानमाल और जैव विविधता को होने वाले किसी भी बड़े नुकसान को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों को 24,981 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने 19 राज्यों के उच्च प्राथमिकता वाले 144 जिलों में जंगलों में आग लगने की घटनाएं कम करने के उद्देश्य से व्यय 818.92 करोड़ रुपये की लागत के वन अग्नि प्रबंधन के लिए शमन परियोजना (Mitigation Project for Forest Fire Management) को भी मंजूरी दी है।
गृह मंत्रालय के अनुसार केन्द्रीय वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष की सदस्यता वाली समिति ने 10 राज्यों के ऐसे 50 जिलों में बिजली गिरने के जोखिम को कम करने के लिए बिजली सुरक्षा पर शमन परियोजना (Mitigation Project on Lightning Safety) पर विचार किया जो बिजली गिरने की घटनाओं से सबसे अधिक प्रभावित हैं। साथ ही, उच्च स्तरीय समिति ने सबसे अधिक सूखा प्रभावित 12 राज्यों के 49 जिलों को उत्प्रेरक सहायता (Catalytic Assistance) प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (NDMF) से फंडिंग के प्रस्तावों पर भी विचार किया।उच्च स्तरीय समिति ने सबसे अधिक सूखा प्रभावित 12 राज्यों को उत्प्रेरक सहायता के लिए 2022.16 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय वाली परियोजना को मंजूरी दी है, जिसमें केन्द्र सरकार का हिस्सा 1200 करोड़ रुपये होगा। जिन 12 राज्यों के लिए यह धनराशि मंजूर की गई है उनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।समिति ने 10 राज्यों में कुल 186.78 करोड़ रुपये की लागत से बिजली सुरक्षा पर शमन परियोजना को भी मंजूरी दी है। इन 10 राज्यों में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।इसके अतिरिक्त केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 19 राज्यों के उच्च प्राथमिकता वाले 144 जिलों में 818.92 करोड़ रुपए के कुल व्यय के वन अग्नि प्रबंधन के लिए शमन परियोजना को भी मंजूरी दी है। जिसमें से राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (NDMF) और राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (NDRF) का केन्द्रीय हिस्सा 690.63 करोड़ रुपए होगा।परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य देश में जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं के प्रबंधन के दृष्टिकोण को बदलने और ‘बेहतर तरीके से निर्माण करें’ के प्रयासों के लिए शमन परियोजना को लागू करना है।आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, महाराष्ट्र, मिजोरम, मध्य प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तराखंड जंगलों में आग लगने की घटनाओं में कमी लाने, जंगलों में आग लगने पर उनसे निपटने की तैयारियों के साथ-साथ आग के बाद के आकलन और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक गतिविधियों को अंजाम देने को लेकर अपने-अपने प्रस्ताव पेश करेंगे।मंत्रालय ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों को 24,981 करोड़ रुपए से अधिक की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। इसमें राज्य आपदा मोचन कोष (SDRF) से 27 राज्यों को 17479.60 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (NDRF) से 18 राज्यों को 4808.30 करोड़ रुपए, राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF) से 13 राज्यों को 1973.55 करोड़ रुपए तथा राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) से 8 राज्यों को 719.72 करोड़ रुपए शामिल हैं। -
प्रयागराज। मौनी अमावस्या पर बुधवार को महाकुंभ में और भी बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन योगी सरकार की प्री प्लांड तैयारियों और अधिकारियों की सक्रियता ने इसे सीमित कर दिया। यहां आए साधु, संतों और श्रद्धालुओं ने योगी सरकार द्वारा यहां की गई व्यवस्थाओं और सुविधाओं को लेकर यह प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि महाकुंभ में योगी सरकार ने बहुत बेहतर व्यवस्था की है, अगर ऐसा न होता, तो बुधवार को हुआ हादसा और बड़ा हो सकता था।
घटना की सूचना मिलते ही सीएम योगी ने अधिकारियों से अपडेट लियायोगी सरकार, मेला प्रशासन और मेला पुलिस की सजगता और सक्रियता ने इस हादसे को सीमित कर दिया। खुद सीएम योगी इस घटना की पल-पल की रिपोर्ट लेते रहे। घटना की सूचना मिलते ही सीएम योगी ने अधिकारियों से अपडेट लिया और तड़के ही अपने सरकारी आवास पर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।महाकुंभ में अफवाह की वजह से घटना घटीश्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाशानंद ने कहा कि महाकुंभ में अफवाह की वजह से यह घटना घटी, लेकिन योगी की सरकार ने, उनकी पुलिस ने इस घटना पर तुरंत एक्शन लिया, जिससे बहुतों की जान बच गई। जिस तरह की भीड़ थी, ये हादसा बहुत बड़ा हो सकता था। ये योगी सरकार की व्यवस्था थी, यूपी पुलिस का क्विक रिस्पांस था, जिसने घटना को सीमित कर दिया। इसके लिए योगी सरकार को साधुवाद।अमृत स्नान शांतिपूर्ण ढंग से हुआ संपन्ननारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि मौनी अमावस्या पर देश और दुनिया से करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। शासन-प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाते हुए घटना को नियंत्रित कर लिया। सरकार और व्यवस्था में लगे अधिकारियों की मेहनत से महाकुंभ का अमृत स्नान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो रहा है।अफवाहों पर ध्यान न देने की अपीलअग्रवाल ने कहा कि अमृत स्नान पर आए श्रद्धालुओं और संतों से सावधानी बरतने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करता हूं। सभी से सहयोग की अपेक्षा के साथ प्रशासन के प्रयासों की सराहना करता हूं।एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक योगी सरकार ने मौनी अमावस्या की फुलप्रूफ प्लानिंग की थी, जो घटना घटी, उसके लिए काफी हद तक पब्लिक भी जिम्मेदार है। यदि धक्का-मुक्की नहीं होती, तो यह घटना नहीं घटती। विपक्ष तो गिद्ध की भूमिका निभा रहा है।कुछ लोगों की लापरवाही से हुई घटनागोपालगंज बिहार से आई कुमकुम श्रीवास्तव ने बताया कि महाकुंभ आकर बहुत अच्छा लगा। योगी सरकार ने अच्छी व्यवस्था की है, लेकिन जो घटना घटी, उसके लिए भारी भीड़ और कुछ लोगों की लापरवाही की बड़ी भूमिका है। प्रशासन की ओर से तो बार-बार कहा जा रहा था कि जिस स्थान पर आएं, वहीं स्नान करें, तो फिर संगम नोज जाने की क्या आवश्यकता थी। - प्रयागराज। उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ मेले में मची भगदड़ के बाद पांच मुख्य बदलाव किए हैं। महाकुंभ नगर को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है यानि किसी भी तरह के वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान के लिए मेला क्षेत्र में करोड़ों श्रद्धालुओं के उमड़ने के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए। घटना को लेकर सरकार ने बताया कि संगम तट पर पहुंचने की कोशिश में श्रद्धालुओं के बैरिकेड्स को धक्का दिए जाने के कारण भगदड़ मची।मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश को किया वर्जितइस हादसे के बाद, राज्य सरकार ने पांच प्रमुख बदलावों का फैसला किया, जिन्हें प्रशासन ने लागू कर दिया है। महाकुंभ मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के वाहनों को सख्त वर्जित कर दिया गया है और पूरी तरह से नो-व्हीकल जोन में तब्दील कर दिया गया है। मेला क्षेत्र में वीवीआईपी पास को रद्द कर दिया गया है। किसी भी स्पेशल पास वाहनों को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी।श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए एकतरफा यातायात व्यवस्था लागूश्रद्धालुओं की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए एकतरफा यातायात व्यवस्था लागू की गई है। शहर में भीड़भाड़ को कम करने के लिए पड़ोसी जिलों से आने वाले वाहनों को जिले की सीमाओं पर ही रोका जा रहा है। व्यवस्था बनाए रखने के लिए 4 फरवरी तक शहर में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।मेला में भीड़ को मैनेज करने के लिए आईएएस अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तत्काल प्रयागराज पहुंचने का निर्देशइन पांच बदलावों के अलावा, मेला क्षेत्र में भीड़ को अच्छे से मैनेज करने के लिए आईएएस अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तत्काल प्रयागराज पहुंचने का निर्देश दिया गया है। दोनों नौकरशाहों ने विजय किरण के साथ 2019 अर्धकुंभ के सफल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस आयोजन के दौरान भानु गोस्वामी ने जिला मजिस्ट्रेट और कुंभ मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया, जबकि आशीष गोयल प्रयागराज के आयुक्त थे, जो प्रबंधन की देखरेख करते थे।इसके अतिरिक्त, बड़े पैमाने पर आयोजनों को संभालने में पिछले अनुभव वाले पांच विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को महाकुंभ संचालन में सहायता के लिए नियुक्त किया गया है। त्रासदी के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और अंतर-विभागीय समन्वय पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई दिशा निर्देश जारी किए।रेल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देशउन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) द्वारा महाकुंभ व्यवस्थाओं की समीक्षा करने का आदेश दिया। एडीजी और प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट को शहर से सभी भक्तों की सुरक्षित और सुचारू विदाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम योगी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और कई जिलों के अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने रेल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए। परिवहन निगम को भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त बसें चलाने के निर्देश दिए गए हैं।राज्य सरकार ने भगदड़ के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की घोषणा कीउन्होंने कहा कि कहीं भी भीड़ का दबाव नहीं बढ़ना चाहिए और सड़कों पर यातायात या लोगों की भीड़ नहीं होनी चाहिए। सड़कों पर कब्जा जमाए बैठे रेहड़ी-पटरी वालों को यातायात में व्यवधान को रोकने के लिए खाली जगहों पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि मेला देखने आए लोगों को मेला मैदान में घूमते समय अनावश्यक प्रतिबंधों का सामना न करना पड़े इस पर नजर रखी जाए।बुधवार को राज्य सरकार ने भगदड़ के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की घोषणा की। इस पैनल में न्यायमूर्ति हर्ष कुमार, पूर्व महानिदेशक वी.के. गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी वी.के. सिंह शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।(
- मुंबई ।मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर ने भक्तों के लिए एक नया दिशा-निर्देश जारी किया है। मंदिर प्रशासन के अनुसार आज गुरुवार से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है। इस नई व्यवस्था के तहत, स्कर्ट, कटे-फटे कपड़े और रिवीलिंग ड्रेस पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा।सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के सनातनी और गणेश भक्तों के आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। यहां पर लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के जीवन की मनोरथ पूरी होती है। लेकिन, जब लोग किसी पवित्र स्थल पर जाते हैं, तो वहां कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, ताकि उस स्थान की पवित्रता बनी रहे।उन्होंने आगे कहा कि यह निर्णय मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के सुझावों के आधार पर लिया गया है। कई भक्तों ने मंदिर में दर्शन करने के दौरान कुछ श्रद्धालुओं के पहनावे को लेकर चिंता व्यक्त की थी, जिनके कपड़े शालीन नहीं होते थे। इस पर विचार करते हुए, सिद्धिविनायक ट्रस्ट ने निर्णय लिया कि दर्शन के लिए आने वालों को शालीन कपड़े पहनने होंगे। यह कोई राजनीति का विषय नहीं है।यह एक धार्मिक और आस्था से जुड़ा मामला है। जब लोग किसी मंदिर में जाते हैं, तो वह सामान्यत: स्नान कर, अच्छे और शालीन कपड़े पहनकर जाते हैं। हम यही चाहते हैं कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इसका पालन करें। श्रद्धालुओं तक धीरे-धीरे इस नियम के बारे में जानकारी पहुंचेगी और वे इसका पालन करेंगे।आचार्य पवन त्रिपाठी ने आगे कहा कि देशभर में कई मंदिरों में ड्रेस कोड लागू है और वहां जाने वाले श्रद्धालु पहले से ही इन नियमों से परिचित होते हैं। हमें विश्वास है कि सिद्धिविनायक मंदिर में भी यह नियम समय के साथ स्वीकृत हो जाएगा और श्रद्धालु इसका पालन करेंगे। यह निर्णय सिर्फ़ सिद्धिविनायक मंदिर की पवित्रता और भक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
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नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक उम्मीदवार ने बुधवार को एक चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पैर छू लिए तो उन्होंने झुकते हुए तीन बार पार्टी प्रत्याशी के पैर छू लिए। यह वाकया तब हुआ जब प्रधानमंत्री मोदी पांच फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के करतार नगर में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। मोदी के मंच पर पहुंचने के बाद क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार एक-एक कर मोदी से मिल रहे थे। इसी दौरान पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार रवींद्र नेगी जब प्रधानमंत्री के निकट पहुंचे तो उन्होंने झुककर अपने बाएं हाथ से मोदी के दोनों पैर छुए। इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी भी उनकी ओर झुक गए और लगातार तीन बार नेगी के पैर छूते नजर आए। इस दौरान, नेगी खड़े थे और वह मुस्कुरा भी रहे थे। बाद में प्रधानमंत्री ने उन्हें आगे बढ़ने का इशारा किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से लोगों द्वारा साझा किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी को अक्सर देखा गया है कि जब कोई बुजुर्ग महिला या पुरुष उनके पैर छूता है तो वह भी उनके पैर छू लेते हैं। लेकिन यह संभवत: पहली बार है जब मोदी को किसी भाजपा उम्मीदवार के पैर छूते हुए देखा गया। नेगी पूर्वी दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं। उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के अवध ओझा और कांग्रेस के चौधरी अनिल कुमार से है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीत दर्ज की थी। साल 2020 के इस विधानसभा चुनाव में सिसोदिया को नेगी से कड़ी टक्कर मिली थी। सिसोदिया 3,200 से अधिक मतों से यह चुनाव जीत पाए थे। नेगी (48) वर्तमान में दिल्ली नगर निगम के सदस्य हैं और विनोद नगर वार्ड-198 से पार्षद हैं। वह क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहते हैं और उनकी छवि कट्टर हिन्दू की भी है। -
अयोध्या. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी और एक अनुमान के मुताबिक पिछले 72 घंटे में 50 लाख से भी अधिक श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं। देर शाम तक अयोध्या श्रद्धालुओं से पटी नजर आई और श्रद्धालु राम मंदिर व हनुमानगढ़ी के बाहर देर रात तक कतार में खड़े दिखाई दिये। एक बयान के मुताबिक, पिछले 72 घंटे में 50 लाख से भी अधिक श्रद्धालु राम नगरी पहुंच हैं और यह क्रम वसंत पंचमी तक जारी रहेगा। मौनी अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सरयू नदी के घाटों पर डुबकी लगाई।
अयोध्या पहुंच रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सेहत का ख्याल रखने के लिए विशेष इंतजाम किये गए हैं और अयोध्या धाम में पहुंची भीड़ को देखते हुए मेला क्षेत्र में सभी तरह के वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने वसंत पंचमी तक के लिए सभी चिकित्सकों की छुट्टियां रद कर 24 घंटे आकस्मिक सेवाओं को चालू रखने का निर्देश दिया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि 13 जगहों पर अस्थायी स्वास्थ्य शिविर का संचालन 26 फरवरी तक जारी रहेगा। वहीं पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि भीड़ को देखते हुए यातायात परिवर्तन किया गया है और राजमार्ग पर बड़े वाहनों को रोक दिया गया है। नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने बताया कि लगभग 30 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने का इंतजाम किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक (जोन लखनऊ) एसबी शिरोडकर भी बुधवार को तैयारियों के मद्देनजर अयोध्या पहुंचे और स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उनके साथ पुलिस उपमहानिरीक्षक (देवी पाटन मंडल) अमित पाठक भी मौजूद रहे। वहीं मंडलायुक्त गौरव दयाल व पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने नियंत्रण कक्ष से प्रमुख स्थलों का जायजा लिया।