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- मुंबई । मुंबई में भारी बारिश के मद्देनजर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने घोषणा की है कि मुंबई शहर और उपनगरों में स्थित सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। भारी बारिश के कारण बीएमसी ने कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ की सलाह दी है।भारतीय मौसम विभाग ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र (मुंबई शहर और उपनगर) के लिए भारी वर्षा को लेकर ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। एक बयान में कहा गया, “वर्तमान में मुंबई में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। इस स्थिति को देखते हुए, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के रूप में कार्य करते हुए बीएमसी ने आवश्यक सेवाओं को छोड़कर क्षेत्र के सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और बीएमसी कार्यालयों में मंगलवार को अवकाश घोषित किया है।”बीएमसी ने मुंबई महानगरीय क्षेत्र के सभी निजी कार्यालयों और प्रतिष्ठानों से अपील की है कि वे अपने कर्मचारियों को तत्काल ‘वर्क-फ्रॉम-होम’ की सुविधा दें और कार्य की प्रकृति के अनुसार अनावश्यक यात्रा से बचने के निर्देश जारी करें।इसी तरह, नवी मुंबई पुलिस कमिश्नर ने लोगों से भारी बारिश की संभावना के चलते सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने और जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलने की अपील की है।पुलिस कमिश्नर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “सुप्रभात मुंबई! चूंकि मंगलवार को भारी बारिश की चेतावनी है, मुझे उम्मीद है कि आप सभी सुरक्षा नियमों का पालन कर रहे होंगे। सिर्फ जरूरी होने पर ही बाहर जाएं, उच्च ज्वार के दौरान समुद्र तट पर जाने से बचें और याद रखें कि हम किसी भी आपात स्थिति में आपकी मदद के लिए मौजूद हैं। निजी कंपनियों से अनुरोध है कि वे ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ करने की सुविधा दें। अपना ध्यान रखें, सुरक्षित रहें।”वहीं, महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण कुछ लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार और सोमवार को राज्य के सभी हिस्सों में बारिश हुई और अगले दो दिनों तक मुंबई में भी इसी तीव्रता से बारिश जारी रहेगी। मौसम विभाग ने 21 अगस्त तक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। मौसम विभाग ने मंगलवार को मुंबई, ठाणे और पालघर जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है और लोगों से अपील की है कि वे ज़रूरत पड़ने पर ही घरों से बाहर निकलें।
- -एक्सिओम-4 मिशन की ऐतिहासिक सफलता पर दी बधाईनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को अंतरिक्ष यात्री और वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से मुलाकात की। यह मुलाकात उनके अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से सफल वापसी के बाद हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री ने शुक्ला को उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी और उनके अंतरिक्ष अनुभव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति तथा महत्वाकांक्षी ‘गगनयान’ मिशन पर चर्चा की। मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि भारत को शुक्ला की उपलब्धियों पर गर्व है।गौरतलब है कि शुभांशु शुक्ला ने नासा के एक्सिओम-4 मिशन में बतौर पायलट हिस्सा लिया था। यह मिशन 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ था। शुक्ला 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटे और कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में उतरे। इसके साथ ही वे 41 साल बाद अंतरिक्ष जाने वाले पहले भारतीय बन गए। बीते रविवार तड़के वे नई दिल्ली पहुंचे।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संसद में शुक्ला की इस सफलता को पूरे देश के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि केवल एक मिशन की सफलता नहीं है, बल्कि भारत के ‘विकसित भारत 2047’ लक्ष्य की दिशा में एक अहम कदम है। वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी शुक्ला की इस उपलब्धि की प्रशंसा की और कहा कि यह मिशन भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम के लिए एक मजबूत आधार है और इससे देशवासियों का आत्मविश्वास और बढ़ा है।अंतरिक्ष यात्री शुंभाशु शुक्ला का यह मिशन भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का बड़ा स्रोत है।-
- मुख्यमंत्री श्री साय ने 10 महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपे थे अनुबंध पत्रवित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कोतरलिया में रेडी-टू-ईट यूनिट का किया शुभारंभरायपुर/मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को मूर्त रूप देते हुए महिला स्व-सहायता समूहों को पूरक पोषण आहार "रेडी-टू-ईट" निर्माण का कार्य पुनः सौंपा है। इस महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत रायगढ़ जिले से हुई है। हाल ही में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ की 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र प्रदान किए थे। इसके बाद मशीन इंस्टॉलेशन का कार्य तेजी से किया गया और अब रायगढ़ जिले के ग्राम पंचायत कोतरलिया से "रेडी-टू-ईट" उत्पादन का शुभारंभ हो चुका है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही आंगनबाड़ी के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि देशभर में 3 करोड़ "लखपति दीदी" बनाने का लक्ष्य रखा गया है और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेज गति से कार्य कर रहा है। रायगढ़ इस अभियान में अग्रणी जिला बना है।स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने ग्राम कोतरलिया में "रेडी-टू-ईट" निर्माण इकाई का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने स्वयं मशीन चलाकर निर्माण प्रक्रिया का निरीक्षण किया और महिलाओं को गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। वित्त मंत्री ने कहा कि रायगढ़ से प्रारंभ हुई यह पहल शीघ्र ही प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगी और यह मॉडल पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनेगा।उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले में कुल 2709 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन सभी केंद्रों के लिए 10 महिला स्व-सहायता समूहों का चयन किया गया है। इन समूहों को प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के अंतर्गत पूंजीगत सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। रायगढ़ जिले की परियोजनाओं—रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू के अंतर्गत चयनित समूह जल्द ही "रेडी-टू-ईट" उत्पादन प्रारंभ करेंगे। फिलहाल इसकी शुरुआत कोतरलिया से हो चुकी है।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण और कुपोषण मुक्ति के इस मिशन को प्रथम चरण में प्रदेश के 6 जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, कोरबा, रायगढ़ एवं सूरजपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा रहा है। वहीं रायगढ़ प्रदेश का पहला जिला बन गया है, जहां महिला समूहों ने "रेडी-टू-ईट" उत्पादन प्रारंभ किया है। यह पहल महिलाओं की आर्थिक समृद्धि और बच्चों के स्वास्थ्य—दोनों को नई दिशा प्रदान करेगी।
- नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का विचारपूर्ण संबोधन देश की सामूहिक प्रगति और भविष्य के अवसरों को रेखांकित करता है। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रपति ने नागरिकों को उन बलिदानों की याद दिलाई जिनसे देश की आजादी का सपना साकार हुआ। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने नागरिकों से राष्ट्र निर्माण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री ने 'एक्स' पर लिखा, "स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर माननीय राष्ट्रपति जी ने अपने संबोधन में बहुत ही महत्वपूर्ण बातें कही हैं। इसमें उन्होंने सामूहिक प्रयासों से भारत की प्रगति और भविष्य के अवसरों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला है। राष्ट्रपति जी ने हमें उन बलिदानों की याद दिलाई, जिनसे देश की आजादी का सपना साकार हुआ। इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों से राष्ट्र-निर्माण में बढ़-चढ़कर भागीदारी का आग्रह भी किया है।" अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले पर देश की निर्णायक प्रतिक्रिया की सराहना की और रक्षा क्षेत्र में देश की बढ़ती आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। उन्होंने सतत सुशासन और ‘‘भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने'' के महत्व पर भी बात की।
- जम्मू ।"जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक सुदूर पहाड़ी गांव चशोती में बृहस्पतिवार को बादल फटने से सीआईएसएफ के दो जवानों समेत कम से कम 46 लोगों की मौत हो गयी । अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि चशोती गांव में सूर्यास्त होने तक बचावकर्मियों ने कड़ी मेहनत से मलबे के ढेर से 167 लोगों को बाहर निकाला। उन्होंने बताया कि इनमें से 38 की हालत गंभीर है। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती गई और आशंका है कि यह और बढ़ सकती है। अधिकारियों ने बताया कि मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के चशोती गांव में यह आपदा दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच आई। हादसे के समय मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। साढ़े नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालु चशोती गांव तक वाहन से पहुंच सकते हैं, उसके बाद उन्हें 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है। चशोती गांव किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। यहां श्रद्धालुओं के लिए लगाया गया एक लंगर (सामुदायिक रसोईघर) इस घटना से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ। बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई और दुकानों एवं एक सुरक्षा चौकी सहित कई इमारतें बह गईं। एक वीडियो में दिख रहा है कि कीचड़ भरे पानी, गाद और मलबे की बाढ़ खड़ी ढलानों से नीचे आ रही है और उसके रास्ते में आने वाली हर चीज तबाह हो गई। घर ताश के पत्तों की तरह ढह गए, सड़कें और बचाव मार्ग अवरुद्ध हो गए, और भूस्खलन ने हरे-भरे परिदृश्य को गहरे भूरे-धूसर रंग में बदल दिया। उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली गांव में अचानक आई बाढ़ के नौ दिन बाद ही हिमालय की नाजुक ढलानों पर यह तबाही देखने को मिली है। पांच अगस्त को उत्तराखंड में आई उस आपदा में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, लेकिन 68 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और कहा कि स्थिति पर सावधानीपूर्वक नजर रखी जा रही है। मोदी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं हैं। स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। बचाव और राहत अभियान जारी है।" प्रधानमंत्री ने कहा, "जरूरतमंद लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।"राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘ जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना में कई लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुःखद है। मैं शोकाकुल परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं और राहत तथा बचाव कार्य में सफलता की कामना करती हूं।'' केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति का जायजा लेने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की। शाह ने ‘एक्स' पर कहा कि किश्तवाड़ ज़िले में बादल फटने की घटना पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की। स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई हैं।" किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने आपदा के तुरंत बाद बचाव दल को रवाना किया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ व्यक्तिगत रूप से अभियान की निगरानी के लिए खुद भी घटनास्थल की ओर रवाना हुए। अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, सेना और स्थानीय स्वयंसेवकों द्वारा बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया गया है। सेना की व्हाइट नाइट कोर ने कहा कि जीवन बचाने और बचे लोगों की सहायता के लिए प्रयास जारी हैं।
- नयी दिल्ली ।वित्त मंत्रालय ने कहा है कि एसएंडपी का भारत की रेटिंग को बढ़ाना आर्थिक प्रगति और सूझबूझ वाले राजकोषीय प्रबंधन की एक महत्वपूर्ण पुष्टि है। वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि साख निर्धारण एजेंसी ने लगभग 19 साल बाद भारत की रेटिंग बढ़ायी है।इससे पहले एसएंडपी ने जनवरी, 2007 में भारत को सबसे निचले निवेश स्तर की रेटिंग ‘बीबीबी-' दी थी।यह किसी वैश्विक रेटिंग एजेंसी द्वारा साख में पहला सुधार है जिसमें भारत को सबसे निचले निवेश स्तर से एक पायदान ऊपर की रेटिंग दी गयी है। एसएंडपी ने पिछले साल मई में भारत के क्रेडिट रेटिंग परिदृश्य को ‘स्थिर' से बदलकर ‘सकारात्मक' कर दिया था। इससे पहले दिन में, साख निर्धारित करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को भारत की रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ बढ़ाकर ‘बीबीबी' कर दिया। रेटिंग एजेंसी ने मजबूत आर्थिक वृद्धि, राजकोषीय मजबूती के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता और महंगाई को काबू में लाने के लिए बेहतर मौद्रिक नीति उपायों का हवाला देते हुए भारत की रेटिंग बढ़ायी है। मंत्रालय ने कहा कि विश्वसनीय मुद्रास्फीति प्रबंधन और नीतियों को लेकर बढ़ते भरोसे ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रमुख खूबियों का विवरण दिया है, जिनकी बदौलत भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है। वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2023-24 तक वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर औसतन 8.8 प्रतिशत रही, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक है। मंत्रालय ने रेटिंग एजेंसी का हवाला देते हुए कहा कि मौद्रिक नीति सुधारों, विशेष रूप से मुद्रास्फीति के लिए लक्ष्य निर्धारित करने की व्यवस्था को अपनाने से महंगाई को और अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया गया है। एसएंडपी ने यह भी माना है कि वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों और मूल्य झटकों के बावजूद, भारत ने समग्र मूल्य स्थिरता बनाए रखकर मजबूती दिखायी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की बाह्य और वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है और लोकतांत्रिक संस्थाएं नीतियों के स्तर पर निरंतरता और दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करती रहेंगी। एजेंसी के अनुसार, कम होता राजकोषीय घाटा और निरंतर सार्वजनिक निवेश आगे की सकारात्मक रेटिंग कार्रवाइयों को समर्थन दे सकते हैं। मंत्रालय के अनुसार, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के बड़े और मजबूत घरेलू उपभोग आधार के कारण, हाल ही में लगाए गए अमेरिकी शुल्क का प्रभाव सीमित रहने की उम्मीद है। भाषा रमण अजय
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नई दिल्ली। आज 15 अगस्त को 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वीर सैनिकों को सलाम किया। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से भी परे सजा दी है। सेना ने सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती पर घुसकर आतंकी अड्डों को खत्म कर दिया और इमारतों को खंडहर में बदल दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आए आतंकियों ने निर्दोष लोगों का कत्लेआम किया था। धर्म पूछकर लोगों की हत्या की गई, पति को पत्नी के सामने और पिता को बच्चों के सामने गोली मार दी गई। इस घटना से पूरा देश आक्रोशित था और दुनिया भी हैरान रह गई थी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इसी आक्रोश का परिणाम था।
पीएम मोदी ने कहा कि 22 अप्रैल के बाद सेना को पूरी छूट दी गई थी कि रणनीति, लक्ष्य और समय खुद तय करें। इसके बाद सेना ने ऐसा ऑपरेशन किया, जो दशकों में कभी नहीं हुआ। पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि वहां से रोज नई-नई जानकारियां आ रही हैं और वहां की नींद अभी भी उड़ी हुई है। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद, आतंकियों को पनाह देने वालों और उन्हें समर्थन देने वालों में कोई अंतर नहीं है। ये सभी मानवता के दुश्मन हैं और भारत ने ‘न्यू नॉर्मल’ स्थापित किया है, जिसमें आतंक का जवाब सख्ती से दिया जाएगा।लाल किले से पीएम मोदी ने साफ चेतावनी दी कि अगर दुश्मन ने आगे भी कोशिश की, तो सेना अपनी शर्तों, तय समय और अपने तरीके से कार्रवाई करेगी और मुंहतोड़ जवाब देगी। उन्होंने कहा कि भारत ने तय किया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। सिंधु जल समझौते को उन्होंने एकतरफा और अन्यायपूर्ण बताया, जिससे सात दशकों से देश के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत से निकलने वाली नदियों का पानी सिर्फ भारत के किसानों का हक है।प्रधानमंत्री ने ‘मेड इन इंडिया’ अभियान की भी प्रशंसा की और बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत में बने हथियारों ने दुश्मन को पल भर में नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर भारत आत्मनिर्भर न होता, तो इतनी तेज और सफल कार्रवाई संभव नहीं थी। पिछले 10 वर्षों से देश रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में काम कर रहा है और आज इसकी ताकत सेना के हाथ में है। -
नई दिल्ली। देशभर में आज 15 अगस्त को आजादी का पर्व पूरे उत्साह और गर्व के साथ मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता दिवस को 140 करोड़ संकल्पों का महापर्व बताया और आने वाले वर्षों के लिए भारत की तकनीकी प्रगति, ऊर्जा आत्मनिर्भरता और विकास के विजन पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 50-60 साल पहले भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण का विचार शुरू हुआ था, लेकिन यह आगे नहीं बढ़ पाया और कई देश इस क्षेत्र में आगे निकल गए। उन्होंने बताया कि अब भारत मिशन मोड में काम कर रहा है और छह सेमीकंडक्टर यूनिट्स की नींव रखी जा चुकी है। पीएम मोदी ने घोषणा की कि इस साल के अंत तक भारत में बनी ‘मेड इन इंडिया’ चिप्स बाजार में उपलब्ध होंगी।
ऊर्जा के मामले में पीएम मोदी ने कहा कि देश अभी भी पेट्रोल, डीजल और गैस के लिए कई देशों पर निर्भर है, जिस पर हर साल लाखों-करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। अगर भारत ऊर्जा में आत्मनिर्भर हो जाए तो यह धन युवाओं और गरीबी खत्म करने के काम में आ सकता है। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में सौर ऊर्जा उत्पादन में बड़ी वृद्धि हुई है, नए बांध बनाकर हाइड्रो पावर का विस्तार किया जा रहा है और ‘मिशन ग्रीन हाइड्रोजन’ के तहत हजारों करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है। साथ ही, 10 नए परमाणु रिएक्टर कार्यरत हैं और 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 10 गुना से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य है। इस क्षेत्र में निजी कंपनियों के लिए भी दरवाजे खोल दिए गए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने तय किया है कि 2030 तक क्लीन एनर्जी लाई जाएगी और इस लक्ष्य का 50 प्रतिशत काम पहले ही पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि अब देश समुद्र के भीतर तेल और गैस भंडार खोजने के लिए नया मिशन शुरू कर रहा है, ताकि ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 15 अगस्त को लाल किले से अपना 12वां स्वतंत्रता दिवस भाषण दिया, जो लगातार संबोधनों के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (11) से अधिक है। अपने संबोधन में उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने को ‘एक राष्ट्र, एक संविधान’ के मंत्र की ऐतिहासिक स्थापना बताते हुए कहा कि यह देश के संविधान के लिए बलिदान देने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि है। पीएम मोदी ने डॉ. मुखर्जी की 125वीं जयंती का उल्लेख करते हुए कहा, “वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने संविधान के लिए अपने प्राण दिए। आज मैं लाल किले से लघु भारत देख रहा हूं दूरदराज गांवों के पंचायत सदस्य, ‘ड्रोन दीदी’, ‘लखपति दीदी’, खेल जगत के प्रतिनिधि और विभिन्न क्षेत्रों में देश को योगदान देने वाले लोग यहां मौजूद हैं। तकनीक के जरिए आज लाल किला पूरे भारत से जुड़ा है।”
उन्होंने कहा कि आज 140 करोड़ भारतीय तिरंगे के रंग में रंगे हैं। चाहे रेगिस्तान हों, हिमालय की चोटियां, समुद्र किनारे के इलाके या घनी आबादी वाले शहर हर जगह देशभक्ति के गीत और नारे गूंज रहे हैं। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को भी विशेष रूप से मनाया जा रहा है। लाल किले पर करीब 5,000 विशेष अतिथि मौजूद हैं, जिनमें स्पेशल ओलंपिक्स 2025 के भारतीय दल, अंतरराष्ट्रीय खेल विजेता, खेलो इंडिया पैरा गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट और राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के तहत प्रशिक्षित एवं सशक्त किसान शामिल हैं।देशभर में पहली बार स्वतंत्रता दिवस की शाम को देशभक्ति के जोश को बढ़ाने के लिए बैंड प्रदर्शन आयोजित किए जा रहें हैं । इनमें सेना, नौसेना, वायु सेना, कोस्ट गार्ड, एनसीसी, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, बीएसएफ, आईडीएस, आरपीएफ और असम राइफल्स के बैंड 140 से अधिक प्रमुख स्थानों पर प्रस्तुति देंगे। -
नई दिल्ली। भारत ने बीते 10 वर्षों से अधिक समय में राष्ट्रीय सुरक्षा के तीन प्रमुख स्तंभ जैसे खाद्य, ऊर्जा और रक्षा में तेज प्रगति की है। इसकी वजह नीति निर्मताओं का स्पष्ट विजन, अधिक टेक्नोलॉजी को अपनाने पर ध्यान केंद्रित होना और रणनीतिक निवेश करना है। यह जानकारी इंडिया नैरेटिव के एक आर्टिकल में दी गई। इस दौरान देश चावल और गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और दालों व चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक बनकर उभरा है। खाद्यान्न उत्पादन 2015-16 में 256.4 मिलियन टन से बढ़कर 2021-22 में 315.72 मिलियन टन हो गया, जो एक दशक में लगभग 60 मिलियन टन की वृद्धि दर्शाता है।
मनरेगा ग्रामीण रोजगार सुरक्षा, अप्रत्यक्ष रूप से खाद्यान्न की क्रय क्षमता को सशक्त बनाती हैयह उपलब्धि एक बहुआयामी दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसमें बेहतर सिंचाई, मशीनीकरण, उच्च उपज वाली बीज किस्में और किसान-केंद्रित कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं। इस प्रयास को बल देने वाली प्रमुख योजनाओं में पीएम-किसान योजना शामिल है, जो 11 करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष आय सहायता प्रदान करती है। वहीं, मनरेगा ग्रामीण रोजगार सुरक्षा जो अप्रत्यक्ष रूप से खाद्यान्न की क्रय शक्ति को मजबूत करती है।भारत के कृषि निर्यात झींगा से लेकर मसालों तक ने न केवल राष्ट्रीय आय को बल्कि क्षेत्रीय खाद्य आपूर्ति स्थिरता को भी मजबूत किया हैइसके अतिरिक्त, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना और पीएम कृषि सिंचाई योजना, जो स्थायी मृदा और जल प्रबंधन को लक्षित करती हैं। भारत के कृषि निर्यात (झींगा से लेकर मसालों तक) ने न केवल राष्ट्रीय आय को बल्कि क्षेत्रीय खाद्य आपूर्ति स्थिरता को भी मजबूत किया है, जिससे यह वैश्विक बाजारों में एक विश्वसनीय योगदानकर्ता बन गया है। यह लेख 2014 के बाद से देश की ऊर्जा सुरक्षा में आए तेज बदलाव के बारे में भी बताता है, जब लाखों भारतीयों के पास अभी भी बुनियादी बिजली नहीं थी। हालांकि, अप्रैल 2018 तक, भारत ने 2.8 करोड़ से ज्यादा घरों को जोड़ते हुए, 100 प्रतिशत गांवों का विद्युतीकरण कर दिया गया है। डीडीयूजीजेवाई और सौभाग्य जैसे ग्रामीण और शहरी विद्युतीकरण कार्यक्रमों ने लंबे समय से चली आ रही पहुंच की कमियों को दूर किया, जबकि उज्ज्वला योजना ने कम आय वाले परिवारों के लिए धुएं वाले चूल्हों की जगह एलपीजी कनेक्शन दिए।जून 2025 में भारत की 476 गीगावाट स्थापित बिजली क्षमता में नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा 47.7% है, जो 2015 के 16% से बड़ी बढ़ोतरी हैजून 2025 तक, भारत की स्थापित बिजली क्षमता 476 गीगावाट है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान 47.7 प्रतिशत है – जो 2015 के लगभग 16 प्रतिशत से एक बड़ा बदलाव है। सौर ऊर्जा में असाधारण उछाल आया है, जो 2016 में 9 गीगावाट से बढ़कर 2025 में 110.9 गीगावाट हो गया है, जिससे भारत सौर क्षमता के मामले में वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है। पवन ऊर्जा भी 51.3 गीगावाट तक पहुंच गई है, जो दुनिया भर में चौथे स्थान पर है।ऊर्जा विविधीकरण, रणनीतिक तेल भंडार और विदेशी परिसंपत्ति अधिग्रहण से भारत आपूर्ति झटकों से सुरक्षित हैबिजली की कमी, जो उद्योग जगत के लिए एक स्थायी बाधा थी, 2013-14 में 4.2 प्रतिशत से घटकर 2024-25 में 0.1 प्रतिशत रह गई है। ऊर्जा विविधीकरण, रणनीतिक तेल भंडारों और विदेशी परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के साथ, भारत को आपूर्ति संबंधी झटकों से बचा रहा है।देश के रक्षा में आत्मनिर्भर भारत ढांचे के तहत आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक परिवर्तन हुआ हैदेश के रक्षा में आत्मनिर्भर भारत ढांचे के तहत आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक परिवर्तन हुआ है। देश ने स्वदेशी मिसाइल कार्यक्रमों जैसे अग्नि, पृथ्वी और ब्रह्मोस (दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल) की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया है। पहली परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी, आईएनएस अरिहंत ने भारत के परमाणु त्रिकोण को मजबूत किया है।
हाल के इनोवेशनों में सटीक, त्वरित-तैनाती क्षमता वाली प्रलय सामरिक मिसाइल और अग्नि प्राइम मिसाइल शामिल हैंहाल के इनोवेशनों में सटीक, त्वरित-तैनाती क्षमता वाली प्रलय सामरिक मिसाइल और अग्नि प्राइम मिसाइल शामिल हैं, जिसे लंबी दूरी के हमले के लिए अपग्रेड किया गया है। तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक गलियारों ने 20,000 करोड़ रुपए की प्रतिबद्धताएं आकर्षित की हैं, जिनमें से अकेले तमिलनाडु ने 2024 तक 11,794 करोड़ रुपए प्राप्त किए हैं। इस पारिस्थितिकी तंत्र ने 100 से अधिक देशों को रिकॉर्ड रक्षा निर्यात को बढ़ावा दिया है।भारतीय सेनाएं एआई-संचालित युद्धक्षेत्र प्रणालियां, स्मार्ट कवच, एक्सोस्केलेटन और एआर-सक्षम सामरिक उपकरण अपना रही हैंइसके अलावा, भारतीय सेनाएं एआई-संचालित युद्धक्षेत्र प्रणालियां, स्मार्ट कवच, एक्सोस्केलेटन और एआर-सक्षम सामरिक उपकरण अपना रही हैं। लेख में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने स्वदेशी प्लेटफार्मों – आकाश मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस, तेजस लड़ाकू जेट और एलसीएच प्रचंड हेलीकॉप्टरों – की प्रभावशीलता को प्रदर्शित किया। सीमा पार सुरक्षा में सुधार हुआ है और उग्रवाद की घटनाओं में बड़ी गिरावट आई है। -
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानियों को नमन करते हुए कहा कि 15 अगस्त हमारे सामूहिक स्मृति में अंकित एक ऐतिहासिक तिथि है, जिसने हमें आजादी और लोकतंत्र का उपहार दिया। उन्होंने विभाजन की त्रासदी और 14 अगस्त को मनाए गए “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” का उल्लेख करते हुए पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।राष्ट्रपति ने संविधान के चार स्तंभ-न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता को भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला बताया और कहा कि इनका केंद्र मानव गरिमा है। उन्होंने कहा कि 1947 में आज़ादी के समय देश अत्यंत गरीबी में था, लेकिन बीते 78 वर्षों में भारत ने हर क्षेत्र में असाधारण प्रगति की है और आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि आर्थिक मोर्चे पर कि बीते वित्तीय वर्ष में 6.5% GDP वृद्धि दर के साथ भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज बढ़ता देश है। महंगाई नियंत्रित है, निर्यात बढ़ रहे हैं और घरेलू मांग मजबूत है। अच्छी नीतियों, सुधारों और मेहनतकश किसानों व मजदूरों के योगदान से करोड़ों लोग गरीबी से बाहर आए हैं, असमानता और क्षेत्रीय विषमताएं कम हो रही हैं।उन्होंने बुनियादी ढांचे में उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘भारतमाला परियोजना’ के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का विस्तार हुआ है, रेलवे में आधुनिक ट्रेनें और कोच आए हैं, और कश्मीर घाटी में रेल लिंक का उद्घाटन एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। शहरी क्षेत्रों में मेट्रो रेल सेवाएं कई शहरों में फैली हैं, ‘अमृत’ योजना से जलापूर्ति और सीवरेज कनेक्शन बेहतर हुए हैं, और ‘जल जीवन मिशन’ से ग्रामीण घरों तक नल का पानी पहुंच रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में ‘आयुष्मान भारत’ योजना से अब तक 55 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिला है और 70 वर्ष से ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों को, आय से परे, इसका लाभ दिया गया है। डिजिटल क्षेत्र में लगभग सभी गांव 4G नेटवर्क से जुड़ चुके हैं और डिजिटल भुगतान में भारत दुनिया में अग्रणी है, जहां विश्व के कुल डिजिटल लेनदेन का आधा से अधिक भारत में होता है। उन्होंने बताया कि ‘इंडिया-एआई मिशन’ से देश की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षमताएं मजबूत हो रही हैं और 2047 तक भारत को ग्लोबल AI हब बनाने का लक्ष्य है।राष्ट्रपति ने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को राष्ट्रीय विकास का आधार बताया और स्वदेशी उत्पादों के उपयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनने की दिशा में युवा, महिलाएं और वंचित समुदाय मुख्य भूमिका निभाएंगे। उन्होंने शैक्षिक सुधार, रोजगार और उद्यमिता के अवसरों, खेलों में उपलब्धियों और महिला सशक्तिकरण के उदाहरण दिए-जैसे कि 19 वर्षीया युवती और 38 वर्षीया महिला का FIDE महिला विश्व कप शतरंज फाइनल तक पहुंचना। उन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग और अन्य समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान का जिक्र किया और भ्रष्टाचार पर शून्य सहनशीलता की प्रतिबद्धता दोहराई। राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी के कथन “भ्रष्टाचार और पाखंड लोकतंत्र के अनिवार्य परिणाम नहीं होने चाहिए” का हवाला देते हुए भ्रष्टाचार उन्मूलन का संकल्प लेने की अपील की। वहीं राष्ट्रपति ने इस वर्ष हुए आतंकी हमलों और पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्या की निंदा करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को निर्णायक और ऐतिहासिक करार दिया। इसमें भारतीय सेनाओं ने सीमापार आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और यह आत्मनिर्भर भारत मिशन की रक्षा क्षेत्र में सफलता का भी उदाहरण बना। उन्होंने कहा कि भारत कभी आक्रामक नहीं होगा, लेकिन अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने और पर्यावरण संरक्षण के लिए जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया और सैनिकों, पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, न्यायपालिका, सिविल सेवाओं, विदेश मिशनों में कार्यरत अधिकारियों और प्रवासी भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं।
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नई दिल्ली। भारत जब 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है, तब महाराष्ट्र का एक छोटा सा शहर नांदेड़ देश के देशभक्ति भरे आयोजनों में बड़ी भूमिका निभा रहा है। नांदेड़ स्थित मराठवाड़ा खादी ग्रामोद्योग समिति देश के उन गिने-चुने अधिकृत केंद्रों में से एक है, जहां राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सरकारी मानकों के अनुसार बनाया जाता है। यहां से तैयार हुए झंडे गांव के छोटे-छोटे कार्यालयों से लेकर दिल्ली के भव्य लाल किले तक फहराए जाते हैं। यह जिम्मेदारी 1965 से जुड़ी है, जब स्वतंत्रता सेनानी गोविंदभाई श्रोफ और स्वामी रामानंद तीर्थ ने नांदेड़ में खादी ग्रामोद्योग की नींव रखी। तब से यह संस्था स्थानीय रोजगार और राष्ट्रीय गौरव का अहम केंद्र बन गई है।
कार्यालय अधीक्षक ज्ञानोबा सोलांके के मुताबिक, तिरंगा झंडा बनाने की प्रक्रिया बेहद सावधानी और समय लेकर होती है, जिसकी शुरुआत महीनों पहले हो जाती है। सबसे पहले बिना संसाधित खादी कपड़े को अहमदाबाद की बीएमसी मिल में भेजा जाता है, जो सरकार से स्वीकृत है। यहां कपड़े को तिरंगे के तीन रंगों में बुना जाता है। इसके बाद भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के निर्देशों के अनुसार सख्त गुणवत्ता जांच होती है, फिर अशोक चक्र की स्क्रीन प्रिंटिंग, कटाई और सिलाई की जाती है। निर्माण प्रक्रिया की एक खास बात ‘गारदी’ रस्सी है, जिसका उपयोग झंडा बांधने में होता है। यह रस्सी हल्दी, सागौन, साल और शीशम जैसी लकड़ियों के मिश्रण से बनती है और मुंबई से मंगाई जाती है। पूरे निर्माण प्रक्रिया में कम से कम दो महीने लगते हैं, इसलिए पहले से योजना बनाना जरूरी होता है।नांदेड़ निर्माण इकाई के प्रबंधक महाबलेश्वर माथपती ने बताया, “हमारा संगठन 1962 में शुरू हुआ था और 1993 से हम राष्ट्रीय ध्वज बना रहे हैं। केंद्र सरकार हमें कपास देती है। लातूर जिले के उदगीर में हमारी एक शाखा है, जहां 250 कताई और बुनाई कारीगर कपड़ा तैयार करते हैं। यह कपड़ा फिर नांदेड़ लाकर, रंगाई और ब्लीचिंग के लिए गुजरात भेजा जाता है और अंत में प्रिंटिंग और सिलाई के लिए वापस नांदेड़ आता है।” इस साल अब तक नांदेड़ इकाई में 10,000 से अधिक विभिन्न आकार के राष्ट्रीय ध्वज तैयार किए जा चुके हैं। 8 अगस्त तक 50 लाख रुपये के झंडे बिक चुके हैं और इकाई इस साल 1.5 करोड़ रुपये का कारोबार पार करने की राह पर है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस से पहले हर साल मांग बढ़ जाती है।झंडे के आकार उनके इस्तेमाल पर निर्भर करते हैं। सबसे बड़ा झंडा 14×21 फीट का होता है, जो लाल किला और मंत्रालयों जैसी सरकारी इमारतों पर फहराया जाता है। 8×12 फीट का झंडा जिला कलेक्टर कार्यालय, 6×9 फीट का पुलिस आयुक्तालय और 4×6 फीट का तहसील कार्यालय में इस्तेमाल होता है। छोटे झंडे स्कूलों और कॉलेजों में वितरित किए जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि पूरे भारत में केवल चार केंद्रों को लाल किले के लिए झंडा बनाने की अनुमति है-नांदेड़ और मुंबई (महाराष्ट्र), हुबली (कर्नाटक) और ग्वालियर (मध्य प्रदेश)। माथपती ने गर्व से कहा, “हम राष्ट्रीय ध्वज बनाते समय गर्व महसूस करते हैं। यह हमारे लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है और हम इस राष्ट्रीय कर्तव्य का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस करते हैं।” -
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के जवानों को 127 वीरता पुरस्कार, 40 विशिष्ट सेवा पुरस्कार और 290 ‘मेंशन-इन-डिस्पैचेज’ (Mention-in-Despatches) प्रदान करने की मंजूरी दी है। वीरता पुरस्कारों में 4 कीर्ति चक्र, 15 वीर चक्र, 16 शौर्य चक्र, 2 ‘बार टू सेना मेडल (गैलेंट्री)’, 58 सेना मेडल (गैलेंट्री), 6 नौसेना मेडल (गैलेंट्री) और 26 वायु सेना मेडल (गैलेंट्री) शामिल हैं। इसके अलावा 7 सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल, 9 उत्तम युद्ध सेवा मेडल और 24 युद्ध सेवा मेडल भी दिए जाएंगे।
राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत ‘मेंशन-इन-डिस्पैचेज़’ में 115 भारतीय सेना के, 5 भारतीय नौसेना के, 167 भारतीय वायु सेना के और 3 सीमा सड़क विकास बोर्ड (BRDB) के कर्मी शामिल हैं। इन पुरस्कारों का उद्देश्य युद्धकालीन और शांति कालीन परिस्थितियों में अद्वितीय साहस, वीरता, नेतृत्व और उत्कृष्ट सेवा को सम्मानित करना है।इस वर्ष की सूची में सेना के विशेष बलों, राष्ट्रीय राइफल्स, गोरखा रेजिमेंट, राजपूताना राइफल्स, डोगरा रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स, मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री और आर्टिलरी जैसे कई प्रतिष्ठित यूनिटों के अधिकारी व जवान शामिल हैं। नौसेना और वायुसेना के कई पायलटों, कमांडरों और तकनीकी स्टाफ को भी उनके साहसिक अभियानों और मिशनों में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।इन पुरस्कारों के माध्यम से देश ने अपने उन वीर सैनिकों, अधिकारियों और कर्मियों को सलाम किया है जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा, आतंकवाद-रोधी अभियानों, सीमाओं की सुरक्षा और आपातकालीन मिशनों में अपनी जान की बाजी लगाकर असाधारण बहादुरी और सेवा का परिचय दिया।- -
नई दिल्ली। 79वें स्वतंत्रता दिवस पर देशभर के ऐतिहासिक और प्रमुख भवन तिरंगे के रंगों में जगमगा उठे। मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) मुख्यालय, मंत्रालय, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) भवन, विधान भवन और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को तिरंगे की रोशनी से सजाया गया। वसई-विरार महानगरपालिका मुख्यालय और कई सड़कें भी तिरंगे की लाइटों से नहाई हुई नजर आईं, जो स्थानीय लोगों और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनीं।
वहीं कोलकाता में हावड़ा ब्रिज और विक्टोरिया मेमोरियल तिरंगे की रोशनी में नहाए नजर आए, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक तस्वीरें खिंचवाते दिखे। राजस्थान के जोधपुर में रेलवे स्टेशन, जिला कलेक्टर कार्यालय और प्रमुख चौराहों को तिरंगे रंगों से सजाया गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, जो इस समय जोधपुर में हैं, 15 अगस्त को बरकतुल्लाह खान स्टेडियम में ध्वजारोहण करेंगे और प्रदेशवासियों को संबोधित करेंगे।गुजरात के पोरबंदर में भी स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे की लाइटिंग की गई। झारखंड की राजधानी रांची में उच्च न्यायालय भवन तिरंगे की रोशनी में जगमगाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कैंट स्टेशन, सर्किट हाउस, विकास प्राधिकरण, भारतीय स्टेट बैंक भवन और अंबेडकर चौराहे को आकर्षक तिरंगे रंगों से सजाया गया। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में सलाल डैम को भी तिरंगे की रोशनी से सजाया गया, जिससे इसकी खूबसूरती और बढ़ गई। इन रंग-बिरंगी रोशनियों ने पूरे देश में देशभक्ति और उत्सव का माहौल बना दिया। -
गंगटोक. सिक्किम सरकार ने राज्य के 199 लोगों का चयन किया है, जिन्हें वृद्ध माता-पिता की सेवा करने के लिए एक-एक लाख रुपये का ‘श्रवण कुमार पुरस्कार' दिया जाएगा। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि सभी 199 लाभार्थियों को शुक्रवार को विभिन्न जिलों में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोहों के दौरान यह पुरस्कार दिया जाएगा। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की सरकार ने ‘श्रवण कुमार पुरस्कार' की शुरुआत उन पुत्रों और पुत्रियों को सम्मानित करने के लिए की है, जिन्होंने अपने वृद्ध माता-पिता के प्रति समर्पण दिखाया है और उनकी देखभाल की है। यह पुरस्कार पौराणिक पात्र श्रवण कुमार के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने अपने नेत्रहीन माता-पिता की सेवा की थी। एक अधिकारी ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देना, बुजुर्गों के प्रति सम्मान को प्रोत्साहित करना और वृद्धावस्था में माता-पिता की देखभाल की सिक्किम की परंपरा को संरक्षित करना है। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री स्वयं कल राज्य-स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के स्थल पालजोर स्टेडियम में गंगटोक जिले के 22 लोगों को सम्मानित करेंगे, जबकि पाक्योंग, सोरेंग, नामची, गेजिंग और मंगन के पुरस्कार विजेताओं को उनके-अपने जिलों में सम्मानित किया जाएगा।''
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नयी दिल्ली. भारत ने पाकिस्तान को नयी दिल्ली के खिलाफ ‘‘नफरती'' बयानबाजी नहीं करने की चेतावनी देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि किसी भी दुस्साहस के ‘‘कष्टकारी परिणाम'' होंगे। पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर द्वारा भारत को परमाणु धमकी दिये जाने और बिलावल भुट्टो जरदारी की कुछ टिप्पणियों के बाद, विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया आई है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने पाकिस्तानी नेतृत्व की ओर से भारत के खिलाफ लगातार की जा रही लापरवाह, युद्धोन्मादी और घृणास्पद टिप्पणियों से जुड़ी खबरें देखी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए बार-बार भारत विरोधी बयानबाजी करना पाकिस्तानी नेतृत्व का जगजाहिर तौर-तरीका है।'' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पाकिस्तान को आगाह किया जाता है कि वह अपनी बयानबाजी पर संयम रखे क्योंकि किसी भी दुस्साहस के कष्टकारी परिणाम होंगे, जैसा कि हाल ही में प्रदर्शित किया गया है।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया कि अंतरिक्ष में कदम रखने वाले भारत के दूसरे और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर जाने वाले देश के पहले अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के इस सप्ताहांत भारत आने की संभावना है। सिंह ने बताया कि शुक्ला अपने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। इसके बाद वह अपने परिवार से मिलने लखनऊ जाएंगे। मंत्री ने कहा कि शुक्ला 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में भाग लेने के लिए दिल्ली लौटेंगे। शुक्ला ‘एक्सिओम-4' निजी अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा थे जो 25 जून को फ्लोरिडा से रवाना हुआ और 26 जून को आईएसएस से जुड़ा। उन्होंने अमेरिका की पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उजनांस्की-विस्निवस्की और हंगरी के टिबोर कापु के साथ 18 दिन के मिशन के दौरान 60 से अधिक प्रयोग और 20 जनसंपर्क सत्र किए। ‘एक्सिओम-4' मिशन का चालक दल लेकर जा रहा ‘ड्रैगन' अंतरिक्ष यान 15 जुलाई को सैन डिएगो तट के पास प्रशांत महासागर में उतरा जिससे मिशन का सफल समापन हुआ। यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान' के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है जिसका प्रक्षेपण 2027 तक करने का लक्ष्य तय किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मिशन की सराहना करते हुए कहा था कि शुक्ला ने एक अरब सपनों को प्रेरित किया है और भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
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नयी दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग को बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि वह बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए मसौदा मतदाता सूची से हटाये गये 65 लाख मतदाताओं का विवरण प्रकाशित करे और साथ ही उन्हें शामिल न करने के कारण भी बताए। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने बिहार में मतदाता सूची की एसआईआर कराने के 24 जून के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। इसने कहा कि 65 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में थे, लेकिन मसौदा सूची से हटा दिए गए थे। मसौदा सूची को एक अगस्त को प्रकाशित किया गया था। जिन लोगों की मृत्यु हो गई है, जो पलायन कर गये हैं या अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में चले गए हैं, उनके नामों की सूची पंचायत स्तर के कार्यालय और जिला स्तर के निर्वाचन अधिकारियों के कार्यालय में कारणों समेत प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया। पीठ ने टेलीविजन समाचार चैनलों और रेडियो के अलावा स्थानीय भाषाओं एवं अंग्रेजी दैनिकों समेत समाचार पत्रों के माध्यम से व्यापक प्रचार करने पर जोर दिया, ताकि लोगों को उन स्थानों के बारे में जानकारी दी जा सके जहां सूची उपलब्ध होगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि नाम हटाए जाने से जिन लोगों को दिक्कत है, उन्हें अपने आधार कार्ड के साथ निर्वाचन अधिकारियों से संपर्क करने की अनुमति दी जाती है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 अगस्त की तारीख निर्धारित करते हुए आयोग से उसके निर्देश की अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। निर्वाचन आयोग ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महीने भर चली एसआईआर प्रक्रिया पूरी करने के बाद राज्य के लिए मतदाता सूचियों का मसौदा एक अगस्त को प्रकाशित किया था। निर्वाचन आयोग द्वारा मसौदा सूची में पहले से पंजीकृत मतदाताओं को शामिल न करने के लिए बताए गए कारणों में मृत्यु (22.34 लाख), ‘‘स्थायी रूप से स्थानांतरित/अनुपस्थित'' (36.28 लाख) और ‘‘पहले से ही नामांकित (एक से अधिक स्थानों पर)'' (7.01 लाख) शामिल थे। निर्वाचन आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि उसके (निर्वाचन आयोग) पास कुछ निर्णय लेने के लिए पर्याप्त शक्तियां हैं, लेकिन उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि निर्वाचन आयोग ‘‘तीव्र राजनीतिक विद्वेष के माहौल'' में काम कर रहा है, जहां उसके ज्यादातर फैसलों को चुनौती दी जाती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में निर्वाचन आयोग ‘‘राजनीतिक दलों के संघर्ष के बीच फंसा हुआ है'' जो हारने पर ईवीएम को ‘‘खराब'' कहते हैं और जीतने पर ईवीएम को ‘‘अच्छा'' बताते हैं। द्विवेदी ने कहा कि एक मोटे अनुमान के मुताबिक बिहार में लगभग 6.5 करोड़ लोगों को एसआईआर के लिए कोई दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि वे या उनके माता-पिता 2003 की मतदाता सूची में पंजीकृत थे। इससे पहले सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने आयोग से उन दस्तावेजों की जानकारी देने को कहा, जिन पर बिहार में 2003 के गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान विचार किया गया था। पीठ ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि निर्वाचन आयोग बताए कि 2003 की प्रक्रिया में कौन से दस्तावेज लिये गए थे।'' अदालत की यह टिप्पणी तब आई जब एक पक्ष की ओर से पेश हुए वकील निजाम पाशा ने अदालत के हवाले से कथित तौर पर कहा, ‘‘अगर एक जनवरी, 2003 (पहले की एसआईआर की तिथि) की तारीख हटती है, तो सब कुछ खत्म हो जाएगा है।'' पाशा ने कहा, ‘‘यह बताने के लिए कुछ भी नहीं था कि यह तारीख क्यों है... यह धारणा बनाने की कोशिश की जा रही है कि यह वही तारीख है जब मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए गहन प्रक्रिया हुई थी। यह कहा गया है कि उस समय जारी किया गया ईपीआईसी (मतदाता) कार्ड समय-समय पर की गई संक्षिप्त कवायदों के दौरान जारी किए गए ईपीआईसी (मतदाता) कार्ड से ज्यादा विश्वसनीय है, जो गलत है।'' पाशा ने पूछा कि अगर गहन और संक्षिप्त संशोधन के तहत नामांकन की प्रक्रिया एक ही है, तो संक्षिप्त प्रक्रिया के तहत जारी किए गए ईपीआईसी कार्ड कैसे रद्द किए जा सकते हैं। वकील ने कहा कि इसलिए 2003 की तारीख अमान्य है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे गणना फॉर्म की कोई रसीद या प्राप्ति की पुष्टि करने वाला कोई दस्तावेज नहीं दिया जा रहा है और इसलिए बूथ स्तर के अधिकारियों का दबदबा है और इन निचले स्तर के अधिकारियों के पास फॉर्म लेने या न लेने का बहुत ज़्यादा विवेकाधिकार है।'' एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता शोएब आलम ने निर्वाचन आयोग की अधिसूचना में अपर्याप्त कारणों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया न तो ‘संक्षिप्त' है और न ही ‘गहन', बल्कि केवल अधिसूचना के जरिये बनाई गई एक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया है और इसे अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया नहीं माना जा सकता। यह स्वागत योग्य प्रक्रिया है, (लेकिन) इसे अप्रिय प्रक्रिया में तब्दील नहीं करना चाहिए।'' उच्चतम न्यायालय ने 13 अगस्त को कहा था कि मतदाता सूचियां ‘स्थिर' नहीं रह सकतीं और उनमें संशोधन होना तय है। शीर्ष अदालत ने कहा था कि बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए स्वीकार्य पहचान दस्तावेजों की सूची को सात से बढ़ाकर 11 करना वास्तव में ‘मतदाताओं के अनुकूल है, न कि उन्हें बहिष्कृत करने वाला'। एसआईआर पर विवाद बढ़ने पर पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग के पास उस तरह की कार्यवाही करने की शक्ति है, जैसा वह उचित समझे। पीठ ने एक याचिकाकर्ता की इस दलील से भी असहमति जताई कि विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में मतदाता सूचियों के एसआईआर का कोई कानूनी आधार नहीं है और इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के नेताओं और गैर-सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण की कवायद को चुनौती दी है।
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नयी दिल्ली. शुभांशु शुक्ला के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बनने के करीब महीने भर बाद, भारत ने इस माह की शुरुआत में अपनी तरह के पहले अभियान में एक गोताखोर को समुद्र में 5,000 मीटर की गहराई तक भेजा। भारत के महत्वाकांक्षी ‘डीप ओशन मिशन' की तैयारी के तहत, फ्रांस के साथ साझेदारी में दो भारतीयों ने पांच और छह अगस्त को फ्रांसीसी पनडुब्बी ‘‘नॉटाइल'' में उत्तरी अटलांटिक महासागर में एक-एक गहरा गोता सफलतापूर्वक लगाया। राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिक राजू रमेश पांच अगस्त को सागर में 4,025 मीटर नीचे गए, जिसके बाद छह अगस्त को भारतीय नौसेना कमांडर (सेवानिवृत्त) जतिंदर पाल सिंह ने 5,002 मीटर की गहराई तक गोता लगाया। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘एक भारतीय अंतरिक्ष में और एक भारतीय गहरे समुद्र में लगभग एक साथ जा रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत की दोहरी विजय की खोज पहले ही शुरू हो चुकी है... एक अंतरिक्ष में और दूसरी गहरे समुद्र में तथा यह भारत की आर्थिक विकास की कहानी में इन दोनों क्षेत्रों के मूल्यवर्धन की शुरुआत होगी, जो पिछले सात-आठ दशकों में अपेक्षाकृत कम खोजे गए या पूरी तरह से अनछुए रहे हैं।'' सिंह ने कहा, ‘‘भारत से एक भारतीय अंतरिक्षयान में अंतरिक्ष में जा सकता है और उसी समय एक या अधिक भारतीय स्वदेश विकसित पनडुब्बी में गहरे समुद्र में जा सकते हैं।'' पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा, ‘‘यह अभियान भारत के गहरे महासागर मिशन के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था।'' उन्होंने कहा कि भारत स्वदेशी पनडुब्बी ‘‘मत्स्य 6000'' में गहरा गोता लगाने से पहले उसी पनडुब्बी में कई और गोता लगाएगा, जो दिसंबर 2027 के आसपास हो सकता है। समुद्रयान के नाम से मशहूर ‘डीप ओशन मिशन' को 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी और इसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। ‘मत्स्य 6000' को 2.1 मीटर व्यास वाले टाइटेनियम मिश्र धातु के गोले के अंदर तीन लोगों को 6,000 मीटर की गहराई तक ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है, जो अत्यधिक दबाव को सहन करने में सक्षम है। यह वैज्ञानिक सेंसर, डेटा और ध्वनि संचार प्रणालियों और सुरक्षा उप-प्रणालियों से सुसज्जित है, जिनकी आपातकालीन क्षमता 96 घंटे तक है। इसके साथ, मानवयुक्त गहरे समुद्र मिशन को अंजाम देने की क्षमता रखने वाले छह देशों के समूह में भारत के शामिल होने की उम्मीद है।
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नयी दिल्ली. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत सरकार के अल्पकालिक अग्निपथ भर्ती कार्यक्रम के तहत अग्निवीरों के लिए एक विशेष व्यक्तिगत ऋण योजना शुरू करने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। एसबीआई ने बयान में कहा कि इस ऋण योजना के तहत बैंक में वेतन खाता रखने वाले अग्निवीर बिना किसी गारंटी के चार लाख रुपये तक का ऋण हासिल कर सकते हैं। इसमें प्रसंस्करण शुल्क पर पूर्ण छूट होगी। इसमें कहा गया कि पुनर्भुगतान अवधि अग्निपथ योजना की अवधि के अनुरूप होगी। इसके अलावा बैंक 30 सितंबर, 2025 तक सभी रक्षा कर्मियों को 10.50 प्रतिशत की न्यूनतम ब्याज दर की पेशकश कर रहा है। बैंक के चेयरमैन सी. एस. शेट्टी ने कहा, ‘‘ एसबीआई में हमारा मानना है कि जो लोग हमारी स्वतंत्रता की रक्षा कर रहे हैं... वे अपने भविष्य के निर्माण में हमारे अटूट समर्थन के हकदार हैं। यह शून्य-प्रसंस्करण शुल्क तो महज शुरुआत है। हम आगे भी ऐसे समाधान तैयार करते रहेंगे जो आने वाले वर्षों में भारत के वीरों को सशक्त बनाएंगे।'' यह पहल बैंक की रक्षा वेतन पैकेज के माध्यम से भारत के सशस्त्र बलों के कल्याण के लिए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता पर आधारित हैं, जो लंबे समय से अग्निवीरों के लिए उपलब्ध है।
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रांची. झारखंड की राजधानी रांची में एक ऑटोरिक्शा और ट्रक के बीच आमने-सामने की टक्कर में एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई और एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। पुलिस ने बृहस्पतिवार को बताया कि यह दुर्घटना बुधवार की रात अंगारा थाना क्षेत्र के अंतर्गत रांची-पुरुलिया रोड पर चामघाटी में हुई। अंगारा पुलिस थाने के प्रभारी हीरालाल साह ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘घटना में दो महिलाओं समेत एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई और उसे इलाज के लिए रांची के राजेन्द्र चिकित्सा विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती कराया गया है।'' पुलिस के अनुसार, ऑटोरिक्शा रांची जा रहा था, तभी मुरी की ओर जा रहे एक ट्रक से उसकी टक्कर हो गई। उसने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ट्रक चालक ने वाहन से नियंत्रण खो दिया, जिससे भीषण टक्कर हुई और ट्रक पलट गया। पुलिस ने बताया कि ट्रक चालक मौके से भाग गया।
- नयी दिल्ली । केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दिवस से पहले, बृहस्पतिवार को विभिन्न केंद्रीय और राज्य बलों के 1,090 पुलिस कर्मियों के लिए सेवा पदक की घोषणा की। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, 233 कर्मियों को वीरता पदक से, 99 कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक और 758 कर्मियों को सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। मंत्रालय ने कहा, इसमें अग्निशमन, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा तथा सुधारात्मक सेवाओं के कर्मियों के लिए पदक शामिल हैं। वीरता पदकों में से अधिकतम 152 पदक जम्मू-कश्मीर में अभियानों में शामिल सुरक्षा कर्मियों को देने की घोषणा की गयी है। इसके बाद 54 पदक नक्सल विरोधी अभियानों में तैनात सैनिकों को, तीन पूर्वोत्तर में ड्यूटी के लिए और 24 पदक अन्य क्षेत्रों में दिए गए हैं। मंत्रालय के बयान के अनुसार, चार अग्निशमन सेवा कर्मियों और एक होम गार्ड व नागरिक सुरक्षा अधिकारी को भी वीरता पदक से सम्मानित किया गया है। वीरता पदक जीवन और संपत्ति को बचाने या अपराध को रोकने या अपराधियों को गिरफ्तार करने में बहादुरी के दुर्लभ विशिष्ट कार्य के आधार पर प्रदान किया जाता है। राष्ट्रपति पदक सेवा में विशिष्ट प्रतिष्ठित रिकॉर्ड के लिए और सराहनीय सेवा पदक को कर्तव्य के प्रति समर्पण जैसी मूल्यवान सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।
- नयी दिल्ली। ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान ‘‘विशिष्ट बहादुरी'' और ‘‘अद्वितीय साहस'' का प्रदर्शन करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 16 कर्मियों को वीरता पदक से सम्मानित किया गया है। अर्धसैनिक बल बीएसएफ देश के पश्चिमी हिस्से में भारत-पाकिस्तान सीमा की रक्षा करने का दायित्व निभा रहा है। बीएसएफ ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इस स्वतंत्रता दिवस पर 16 बहादुर सीमा प्रहरियों को ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान दृढ़ और अडिग रहने, उनकी विशिष्ट बहादुरी और अद्वितीय साहस के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया जा रहा है। उसने कहा, ‘‘पदक भारत की पहली रक्षा पंक्ति: सीमा सुरक्षा बल में व्यक्त राष्ट्र के विश्वास और भरोसे का प्रमाण हैं।'' पदक विजेताओं में एक डिप्टी कमांडेंट रैंक के अधिकारी, दो सहायक कमांडेंट और एक इंस्पेक्टर शामिल हैं। ऑपरेशन सिन्दूर के तहत भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में सात से 10 मई तक पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
- नागपुर,। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत को एक महाशक्ति और ‘‘विश्वगुरु'' बनाने की वकालत करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अगर भारत हर क्षेत्र में मजबूत हो जाता है तो दुनिया निश्चित रूप से उसकी बात सुनेगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नागपुर में राष्ट्र निर्माण समिति (सामाजिक संगठन) द्वारा आयोजित ‘अखंड भारत संकल्प दिवस' के अवसर पर एक कार्यक्रम में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। गडकरी ने कहा, ‘‘हम इस दिन को याद करते हैं क्योंकि इसी दिन 1947 में देश दो हिस्सों में बंट गया था - भारत और पाकिस्तान। हम सभी एक मिशन के रूप में स्वीकार करते हैं कि हमारे देश का विभाजन अस्वाभाविक था और एक दिन हमारा देश ‘अखंड' हो जाएगा, यही संकल्प हम आज इस कार्यक्रम में लेते हैं।'' उन्होंने भारत की विविधता में एकता और देश के सशस्त्र बलों की सराहना की।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था एवं दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ-साथ ‘‘आत्मनिर्भर'' और ‘‘विश्वगुरु'' बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि ये सभी संकल्प हर भारतीय के प्रयासों से हासिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम हर क्षेत्र में मजबूत होंगे तो निश्चित रूप से दुनिया हमारी बात सुनेगी। जो लोग अर्थव्यवस्था, रक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में मजबूत हैं और जो कृषि एवं व्यापार में प्रगति कर रहे हैं तथा जिस देश के नागरिक देशभक्त एवं सुसंस्कृत हैं, वह देश ही विश्वगुरु बन सकता है।'' गडकरी ने लोगों के बीच ‘‘अखंड भारत'' का विचार लाने के लिए राष्ट्र निर्माण समिति की प्रशंसा की।उन्होंने कहा, ‘‘आज जब हम ‘अखंड भारत' का संकल्प ले रहे हैं, तो हमें एक ऐसी महाशक्ति बनने का भी संकल्प लेना चाहिए जो प्रगतिशील, समृद्ध और शक्तिशाली हो।'' गडकरी ने सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताई और सड़क सुरक्षा नियमों के पालन के बारे में युवाओं के बीच जागरूकता पैदा करने के महत्व पर जोर दिया।
- नयी दिल्ली । देश के 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 85 ग्राम सरपंचों के ग्रामीण क्रांति में योगदान को देखते हुए उन्हें शुक्रवार को लाल किले पर आयोजित 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि यह पहल, जमीनी स्तर के नेताओं को सम्मानित करने की सरकार की परंपरा का हिस्सा है और इसमें ग्राम स्तर पर स्वच्छता, सुरक्षित पेयजल, महिला सशक्तीकरण और सतत शासन को आगे बढ़ाने के लिए सरपंचों को सम्मानित किया जा रहा है। सभी चयनित पंचायतों को स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) के तहत ‘ओडीएफ प्लस' घोषित किया गया है और जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत ‘हर घर जल' गांव के रूप में प्रमाणित किया गया है। आमंत्रित सरपंचों में बिहार के समस्तीपुर के मोतीपुर ग्राम पंचायत की मुखिया प्रेमा देवी भी शामिल हैं, जिनके नेतृत्व में उनका गांव अपशिष्ट से ऊर्जा और जल प्रबंधन का मॉडल बना।राजस्थान में भरतपुर की रारह ग्राम पंचायत की कुसुम सिंह ने अपनी नर्सिंग पृष्ठभूमि को प्रौद्योगिकी-संचालित शासन के साथ जोड़ा है। गुजरात में, सरपंच शशिकांत भूपेंद्रभाई पटेल के नेतृत्व में सुल्तानपुर गांव पर्यावरणीय जिम्मेदारी का एक आदर्श बनकर उभरा है। अधिकारियों ने बताया कि पंचायत ने प्लास्टिक के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया, कपड़े के थैलों को बढ़ावा दिया और ब्रेल लिपि में साइनेज वाला एक सामुदायिक शौचालय बनवाया - जो राज्य में अपनी तरह का पहला शौचालय है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में दीपाली उत्तम चौगुले के नेतृत्व में निगवे दुमाला ग्राम पंचायत ने ठोस अपशिष्ट पृथक्करण और पुनर्चक्रण प्रणालियों के साथ लगभग पूर्ण स्वच्छता कवरेज हासिल कर लिया है। अधिकारियों ने कहा कि इन सरपंचों को आमंत्रित करना इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे ग्रामीण भारत समावेशी और टिकाऊ प्रथाओं के माध्यम से देश की प्रगति को गति दे रहा है। अधिकारियों ने बताया कि 15 अगस्त से पहले, पेयजल और स्वच्छता विभाग, संस्कृति मंत्रालय के साथ साझेदारी में, ‘हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता' अभियान भी चला रहा है। मंत्रालय के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को सरपंचों से बातचीत की।