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- चंडीगढ़।. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व सांसद किरण खेर को सरकारी आवास के किराये को लेकर बकाया राशि के रूप में 12.76 लाख रुपये चुकाने के लिए नोटिस जारी किया गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। यह नोटिस चंडीगढ़ के सहायक नियंत्रक (वित्त और नियंत्रक) किराया कार्यालय की ओर से सेक्टर-सात स्थित टी-6/23 आवास को लेकर जारी किया गया है, जहां खेर बतौर सांसद रही थीं। वह 2014 और 2019 में चंडीगढ़ लोकसभा सीट से सांसद चुनी गई थीं।अधिकारियों ने बताया कि नोटिस में किरण खेर से कहा गया है कि वह तत्काल आवास का लाइसेंस शुल्क अदा करें, अन्यथा 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी वसूला जाएगा। स्थानीय प्रशासन की ओर से सरकारी आवासों के लिए लाइसेंस शुल्क लिया जाता है।नोटिस के अनुसार, जुलाई 2023 से पांच अक्टूबर 2024 तक की अवधि के लिए 5,725 रुपये का लाइसेंस शुल्क बकाया है, जबकि छह अक्टूबर 2024 से पांच जनवरी 2025 तक ‘अनधिकृत' कब्जा मानते हुए 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है जिसकी राशि 3.64 लाख रुपये है। वहीं, छह जनवरी से 12 अप्रैल 2025 तक की अवधि के लिए (परिसर खाली करने की निर्धारित तिथि) 200 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है जो 8.20 लाख रुपये है। सहायक नियंत्रक (वित्त और नियंत्रक) किराया कार्यालय ने नोटिस में यह भी उल्लेख किया है कि 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के रूप में 26,106 रुपये और अन्य शुल्क के रूप में 59,680 रुपये जोड़े गए हैं। किरण खेर को यह राशि 'डिमांड ड्राफ्ट' या 'बैंक ट्रांसफर' के जरिए जमा करने के लिए कहा गया है।
- ग्वालियर।. मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में बुधवार तड़के एक तेज रफ्तार कार की चपेट में आने से कांवड़ यात्रा पर निकले चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सड़क किनारे चल रहे कांवड़ियों को टक्कर मारने के बाद तेज रफ्तार कार पलट गई। उन्होंने बताया कि कार चालक मौके से फरार हो गया, लेकिन बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) हिना खान ने बताया कि यह घटना आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-3) के पास शिवपुरी लिंक रोड पर तड़के करीब दो बजे हुई, जब एक तेज रफ्तार कार का एक टायर फट गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन कांवड़ियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। आक्रोशित स्थानीय लोगों ने दुर्घटनास्थल पर विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद कार चालक मौके से फरार हो गया, लेकिन बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, कांवड़िये घाटीगांव के पास सिमरिया गांव के निवासी थे।पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान पूरन बंजारा, रमेश बंजारा, दिनेश और धर्मेंद्र के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि घटना की जांच की जा रही है। एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री यादव ने ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में पवित्र कांवड़ यात्रा के दौरान हुई दुर्घटना में चार कांवड़ियों की आकस्मिक मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अधिकारियों को चारों मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। यादव ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए भगवान महाकाल से प्रार्थना की।अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन पीड़ितों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है और डॉक्टरों को घायलों का निःशुल्क उपचार करने के निर्देश दिए गए हैं।
- भोपाल। मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने इस बात पर बल दिया कि किशोरों को यह सिखाना जरूरी है कि वे अपने और अपने साथियों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें और उन्होंने इसे राज्य व देश के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश बताया। शुक्ला मंगलवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ‘यूनिसेफ' और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (एनआईएमएचएएनएस) के सहयोग से भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय परामर्श कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) के तहत पहले से मौजूद किशोर साथियों के सहयोग वाले मॉड्यूल में एक नया प्रशिक्षण मॉड्यूल ‘आई सपोर्ट माय फ्रेंड्स' जोड़ने और किशोर व युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर एक राष्ट्रीय तथ्यपत्र (फैक्टशीट) जारी करने के अवसर पर आयोजित किया गया था। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का प्रभार भी देख रहे शुक्ला ने कहा, ‘‘हमारे किशोरों को यह सिखाना कि वे अपने और अपने साथियों के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल कैसे रखें। यही मध्यप्रदेश और देश के भविष्य में एक महत्वपूर्ण निवेश है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आरकेएसके और नए सहयोग मॉड्यूल जैसी पहलों के जरिए हम ऐसा समाज बना रहे हैं जहां युवाओं की बात सुनी जाती है, उन्हें समर्थन मिलता है और वे आगे बढ़ने के लिए सक्षम होते हैं।'' स्वास्थ्य राज्य मंत्री एन शिवाजी पटेल ने युवाओं की बात सुनने और उनका समर्थन करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘आज किशोरों को भारी दबाव का सामना करना पड़ता है, चाहे वह पढ़ाई से हो, परिवार से हो या उनके सामाजिक परिवेश से। हमें ऐसी व्यवस्थाएं बनानी चाहिए जो उन्हें अपनी बात कहने, उनकी बात सुनने और उनका समर्थन महसूस करने का अवसर प्रदान करें।'' पटेल ने कहा, ‘‘उनके मानसिक स्वास्थ्य में निवेश करना केवल एक नीतिगत प्राथमिकता नहीं है, बल्कि यह एक नैतिक जिम्मेदारी और हमारे साझा भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता है।'' एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह मॉड्यूल किशोरों को भावनात्मक तनाव के लक्षणों की पहचान करने, सहानुभूतिपूर्ण सहायता प्रदान करने और आगे की सहायता के वास्ते साथियों से जुड़ने के लिए व्यावहारिक उपकरणों से लैस करने की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है, साथ ही उनकी अपनी सीमाओं और कल्याण की रक्षा भी करता है। यूनिसेफ-डब्ल्यूएचओ के वैश्विक संसाधन से अपनाया गया और एनआईएमएचएएनएस द्वारा प्रासंगिक यह एक दिवसीय प्रशिक्षण ‘लुक (देखो), लिसन (सुनो), लिंक (जोड़ो)' ढांचे पर आधारित है और इसमें संवाद सत्र, परिस्थितिजन्य अध्ययन और मार्गदर्शित विचार-विमर्श का उपयोग किया गया ताकि भावनात्मक साक्षरता, सहयोगी संवाद और जिम्मेदार साथी सहभागिता को बढ़ावा मिल सके। एनआईएमएचएएनएस की निदेशक डॉ. प्रतिमा मूर्ति ने मानसिक स्वास्थ्य सहायता को जल्दी शुरू करने और इसे स्कूलों और सामुदायिक स्थानों जैसी रोजमर्रा के माहौल में शामिल करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘युवाओं की जटिल मानसिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को देखते हुए, तकनीकी विशेषज्ञों, युवाओं, नीति निर्माताओं, निर्णय लेने वालों और मीडिया को एक साथ लाकर आयोजित किए जाने वाले इस तरह के परामर्श अपूर्ण जरूरतों को पूरा करने और देश के विकसित भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।'' ‘यूनिसेफ इंडिया' के स्वास्थ्य प्रमुख डॉ. विवेक सिंह ने हाल के दिनों में भारत द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में की गई उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘हमें मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल में सिर्फ प्रतिक्रिया देने के बजाय समुदाय-आधारित मानसिक स्वास्थ्य प्रणालियों की ओर बढ़ना होगा। एक एकीकृत मानसिक स्वास्थ्य ढांचे पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। यूनिसेफ इस बदलाव में युवाओं के नेतृत्व वाले, व्यापक दृष्टिकोण के माध्यम से सरकार का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।''
- हरिद्वार । हरिद्वार में 'बम बम भोले' और 'हर हर महादेव' के जयकारों की गूंज के बीच पखवाड़े भर चला कांवड़ मेला बुधवार को सावन की शिवरात्रि के साथ ही संपन्न हो गया जहां लाखों श्रद्धालु शिवालयों में गंगा जल से भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने के लिए उमड़ पड़े। मेला नियंत्रण कक्ष के सूत्रों के अनुसार, इस वर्ष कांवड़ यात्रा के दौरान गंगा जल लेने के लिए पिछले 15 दिनों में 4.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे । एक मान्यता के अनुसार, अपने ससुर राजा दक्ष को दिए एक वचन के अनुरूप भगवान शिव पूरे सावन महीने में कनखल में ही निवास करते हैं और इसलिए सबसे अद्भुत नजारा भगवान शिव की ससुराल दक्षप्रजापति महादेव मंदिर में ही नजर आया । यहां पूरा मंदिर परिसर भगवामय था और तड़के से ही शिवभक्तों की लंबी कतारें लग गयीं थीं । इसके अलावा, दरिद्र भंजन मंदिर, तिलभांडेश्वर मंदिर, बिल्वकेश्वर, नीलेश्वर और गौरीशंकर मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी । 'बम बम भोले' के जयघोष के बीच हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल सहित कई अधिकारियों ने भी हरकी पैड़ी पर गंगा पूजन किया और वहां से जल लेकर दक्ष मंदिर में जलाभिषेक कर कांवड़ मेले के बिना किसी बाधा के संपन्न होने पर मां गंगा का आभार जताया।
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मुंबई । मुंबई में गणेश उत्सव के अवसर पर मध्य रेलवे की ओर से विशेष ट्रेनों की घोषणा की गई है। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अब तक कुल 250 स्पेशल ट्रेनों के संचालन का निर्णय लिया गया है। ये ट्रेनें 22 अगस्त से 10 सितंबर के बीच चलाई जाएंगी।
मध्य रेलवे के सीपीआरओ स्वप्निल नीला ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि हर साल की तरह इस वर्ष गणपति बप्पा के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए मध्य रेलवे की तरफ से स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की गई है। इस दौरान 250 स्पेशल ट्रेनों के संचालन का फैसला किया गया है। यह सभी गाड़ियां छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, लोकमान्य तिलक टर्मिनस, पुणे, सावंतवाड़ी, दिवा सहित विभिन्न स्टेशनों से शुरू होकर कोंकण क्षेत्र की ओर जाएंगी। यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं।स्वप्निल नीला ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे सभी यात्राएं वैध आरक्षित टिकट के साथ ही करें। इन स्पेशल ट्रेनों के लिए सीट आरक्षण की प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है। वहीं, 25 जुलाई को जिन ट्रेनों का संचालन प्रस्तावित है, उनकी बुकिंग भी उसी दिन से शुरू होगी। रेलवे की तरफ से यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि बप्पा का यह उत्सव शांति और सुरक्षा के साथ मनाएं। स्वप्निल नीला ने बताया कि मध्य रेलवे ने भूस्खलन रोकने को विशेष उपाय किए हैं, जिनमें घास लगाना, मिट्टी की फिनिशिंग, नेट या जाली लगाना और मजबूत फेसिंग शामिल हैं। मध्य रेलवे और कोंकण रेलवे दोनों ने ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए तत्परता और प्रतिबद्धता के साथ कदम उठाए हैं। हमारा निरंतर प्रयास है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और यात्रियों की यात्रा पूरी तरह सुरक्षित और सुविधाजनक हो। - नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बुधवार को लंदन में भारतीय समुदाय के सदस्यों ने स्वागत और अभिवादन किया। यहां के प्रवासी भारतीयों ने पीएम मोदी की यात्रा पर गर्व और उत्साह व्यक्त किया है। उन्हें वैश्विक और आध्यात्मिक दोनों ही रूपों में प्रभावशाली दूरदर्शी नेता बताया है। कई लोगों को उम्मीद है कि यह यात्रा भारत-ब्रिटेन संबंधों को और मज़बूत करेगी, खासकर व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में।पीएम मोदी यूनाइटेड किंगडम (यूके) की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए बुधवार को लंदन पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद, भारतीय प्रवासी समुदाय की सदस्य श्रेया पारीक ने कहा, “मैं यहां प्रधानमंत्री मोदी से मिलने आई थी। मुझे खुशी है कि मुझे यह अवसर मिला। मैं उन्हें ऑपरेशन सिंदूर और भारत के लिए उनके द्वारा किए जा रहे अन्य सभी कार्यों के लिए बधाई देना चाहती हूं।”प्रधानमंत्री मोदी से मिलने लंदन पहुंची प्रवासी सदस्य गायत्री लोखंडे ने कहा, “हम उनसे मिलने के लिए बहुत उत्साहित हैं। मैं उनसे ओडिशा में प्रवासी भारतीय कार्यक्रम के दौरान मिली थी। यह मेरा दूसरा मौका होगा। मैं ‘भारत को जानिए’ क्विज़ की विजेता के रूप में यहां आई हूं। हम प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ होने वाले व्यापार समझौते का इंतज़ार कर रहे हैं।”कई लोगों के लिए, भारत से जुड़ाव पीढ़ियों से मज़बूत बना हुआ है। ब्रिटेन में जन्मी और पली-बढ़ी एक युवा प्रवासी सदस्य, अनघा ने प्रधानमंत्री और उनके परिवार पर उनके प्रभाव के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मेरा जन्म और पालन-पोषण यूके में हुआ है। मेरे माता-पिता महाराष्ट्र से हैं। मैं अपने दादा-दादी और गाँवों और शहरों में रहने वाले अपने बड़े परिवार से प्रधानमंत्री मोदी के बारे में सकारात्मक बातें सुनती रही हूं। मैं उनसे मिलने के लिए बहुत उत्साहित हूं। भारत विश्व स्तर पर अग्रणी है। प्रधानमंत्री मोदी को व्यक्तिगत रूप से देखने से बेहतर कोई समय नहीं हो सकता।”वहीं, प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद, भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्य भव्य ने कहा, “प्रधानमंत्री ने मुझसे हाथ मिलाया और मुझे ‘आशीर्वाद’ दिया। यह अब तक का सबसे अच्छा एहसास था।”ब्रिटेन में लगभग 1.8 मिलियन प्रवासी भारतीय हैं। इन लोगों ने ना केवल दोनों देशों के बीच मैत्री के बंधन को मजबूत करने में योगदान दिया है, बल्कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था और समाज में भी अत्यंत मूल्यवान योगदान दिया है।प्रधानमंत्री की इस यात्रा का न केवल भारतीय समुदाय द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया जा रहा है, बल्कि इसका कूटनीतिक महत्व भी है। पीएम मोदी की दो देशों की यात्रा का यह पहला चरण है। दोनों देश एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करके द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करने के लिए तैयार हैं। पीएम मोदी की यह यात्रा ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के निमंत्रण पर हो रही है और यह ब्रिटेन की उनकी चौथी यात्रा होगी। वह ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात करेंगे।पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि लंदन पहुंच गया हूं। यह यात्रा हमारे देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य हमारे लोगों की समृद्धि, विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना होगा। वैश्विक प्रगति के लिए भारत-ब्रिटिश मैत्री एक मजबूत मित्रता है।इससे पहले, यात्रा से पहले जारी अपने बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, जिसने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। हमारा सहयोग व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, नवाचार, रक्षा, शिक्षा, अनुसंधान, सतत विकास, स्वास्थ्य और लोगों से लोगों के संबंधों जैसे कई क्षेत्रों में फैला हुआ है।” इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे और व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे। वह क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।इसके बाद, दो देशों की राजकीय यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री मोदी 25 और 26 जुलाई को मालदीव में रहेंगे। वह मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर इस दौरे पर जाएंगे। पीएम मोदी 26 जुलाई, 2025 को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के समारोह में ‘मुख्य अतिथि’ होंगे।
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नयी दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को समाज और श्रम बाजार पर उभरती प्रौद्योगिकियों के प्रभाव का आकलन करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इनका रोजगार के अवसरों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। भारतीय मजदूर संघ की स्थापना के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने असंगठित क्षेत्र पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि श्रमिकों को अपने नियोक्ताओं द्वारा किसी भी प्रकार के शोषण का सामना न करना पड़े। इस कार्यक्रम में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया तथा विभिन्न मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। भागवत ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और इसके उपयोग से जुड़ी चिंताओं का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी आ रही है... जब नई प्रौद्योगिकियां आती हैं, तो वे साथ में कई नए प्रश्न भी लेकर आती हैं। बेरोजगारी का क्या होगा? क्या इससे बेरोजगारी घटेगी या बढ़ेगी?'' उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी मानव स्वभाव को ‘‘कुछ हद तक कठोर'' बना देती है और ''कहीं न कहीं'' श्रम के प्रति सम्मान को कम कर देती है। संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी को अस्वीकार नहीं किया जा सकता। नई प्रौद्योगिकी आएगी, लेकिन इसका उपयोग कैसे किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इसका श्रम क्षेत्र पर प्रभाव न पड़े, इस पर विचार किया जाना चाहिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘नई प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल से समाज में नई समस्याएं पैदा होने के बजाय, खुशहाली आनी चाहिए। इसीलिए इस मुद्दे पर विचार करने और कार्रवाई करने की आवश्यकता है। हमें यह करना ही होगा।'' भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) आरएसएस से संबद्ध संगठन है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, मांडविया ने कहा कि विभिन्न मजदूर संगठनों की कार्य संस्कृति अलग-अलग होती है, जो उनकी विचारधाराओं के अनुरूप होती है, लेकिन बीएमएस ने अपनी कार्य संस्कृति को भारतीय जीवनशैली के अनुरूप तैयार किया है, ‘‘जो मेरे साथ श्रम मुद्दों पर उसकी चर्चा में परिलक्षित होता है।'' उन्होंने कहा कि सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे बनाने वाले श्रमिक ही हैं, और यही शक्ति देश के विकास और आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ा रही है। मांडविया ने आशा व्यक्त की कि भारतीय मज़दूर संघ (बीएमएस) पूरी ऊर्जा के साथ श्रमिकों और राष्ट्र के कल्याण के लिए कार्य करेगा। -
नयी दिल्ली. देश भर में इस वर्ष जनवरी से जून के बीच राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुई दुर्घटनाओं में 26,770 लोगों की जान चली गई। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में यह भी बताया कि वर्ष 2024 में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 52,609 घातक दुर्घटनाएं हुईं। गडकरी ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अत्यधिक यातायात वाले राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे जैसे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ट्रांस-हरियाणा, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर ‘एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम' (एटीएमएस) स्थापित किया है। गडकरी ने बताया ‘‘एटीएमएस में इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन उपकरणों की व्यवस्था है, जो सड़क दुर्घटनाओं की त्वरित पहचान करने और राजमार्गों की प्रभावी निगरानी में मदद करते हैं। इससे आपात सहायता प्रतिक्रिया समय में सुधार होता है।'' एक अन्य प्रश्न के उत्तर में गडकरी ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में 1,12,561 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का सड़क सुरक्षा ऑडिट किया गया है। इसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जोखिमपूर्ण स्थानों की पहचान और सुधार करना है।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में एक जनवरी, 2025 तक कुल 1.09 लाख पद रिक्त थे, जबकि 72,689 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी साझा की। उन्होंने सीएपीएफ में स्वीकृत पदों, कुल क्षमता और रिक्तियों से संबंधित आंकड़े प्रस्तुत किए। राय के अनुसार, इन बलों में स्वीकृत पदों की संख्या 2021 में 10,04,980 से बढ़कर एक जनवरी, 2025 तक 10,67,110 हो गई है। इसी अवधि में 1,09,868 पद रिक्त हैं। मंत्री से यह पूछा गया था कि क्या सीएपीएफ में भारी संख्या में पद रिक्त हैं? इस पर उन्होंने जवाब दिया ‘‘नहीं।'' उन्होंने स्पष्ट किया कि सीएपीएफ और असम राइफल्स में रिक्तियां सेवानिवृत्ति, इस्तीफे, पदोन्नति, मृत्यु, नयी बटालियनों का गठन तथा नए पदों के सृजन आदि के कारण उत्पन्न होती हैं और रिक्तियों को भरना एक निरंतर प्रक्रिया है। राय ने बताया कि यूपीएससी, एसएससी आदि के माध्यम से भर्ती की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए गृह मंत्रालय सक्रिय प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) के पदों पर शीघ्र भर्ती के लिए कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
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शिमला. हिमाचल प्रदेश की एक राज्यस्तरीय महिला मुक्केबाज ने 600 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा पूरी कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने गौमुख से अपने गांव तक गंगाजल ले जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। मंडी जिले के डेरडू गांव की 21 वर्षीय कृतिका ने सावन माह में लगातार दूसरे वर्ष यह कठिन यात्रा की।
पिछले साल उन्होंने हरिद्वार से हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर तक की यात्रा की थी। इस वर्ष उन्होंने उत्तराखंड में स्थित गौमुख से पैदल चलकर अपनी शक्ति और भक्ति का परीक्षण करने का संकल्प लिया। उन्होंने कांवड़ में भरकर लाए गए गंगाजल से अपने गांव के ओंकारेश्वर मंदिर में जलाभिषेक कर अपनी यात्रा का समापन किया। उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि पूरा गांव इस क्षण को देखने के लिए एकत्र हुआ।
कृतिका ने कहा कि उनके पिता राजेंद्र कुमार और परिवार के अन्य पुरुष सदस्य वर्षों से कांवड़ यात्रा पर जाते रहे हैं जिनसे उन्हें प्रेरणा मिली। इस वर्ष की यात्रा में उनके पिता, चाचा और अन्य ग्रामीण भी साथ थे।
कृतिका सुंदरनगर के एमएलएसएम कॉलेज में शारीरिक शिक्षा की छात्रा हैं और राज्यस्तरीय मुक्केबाज भी हैं। -
लद्दाख/लद्दाख के सिंधु केन्द्रीय विश्वविद्यालय (एससीयू) के प्रथम दीक्षांत समारोह के दौरान तीन स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के 14 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। केंद्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान में मंगलवार को सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रथम बैच के 14 छात्रों को संस्थान के प्रथम दीक्षांत समारोह के दौरान लद्दाख के मुख्य सचिव पवन कोटवाल और विश्वविद्यालय के अन्य कार्यकारी सदस्यों की उपस्थिति में डिग्री दी गई। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के निदेशक और एससीयू की कार्यकारी परिषद और शैक्षणिक परिषद के अध्यक्ष वी कामकोटि ने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2021 के तहत की गई थी और इसकी आधारशिला 20 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रखी गई थी। कामकोटि ने कहा, “एससीयू को एक ऐसे केंद्र के रूप में तैयार किया जा रहा है जहां परंपरागत तरीकों से हटकर और अलग-अलग विषयों को मिलाकर पढ़ाई कराई जाएगी। यह भारत के 17 सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार काम करेगा। यह विश्वविद्यालय 2028 तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा। तब तक, करीब 60 छात्रों की पढ़ाई के लिए लद्दाख में एक नया अस्थायी कैंपस शुरू किया गया है। इसमें लाइब्रेरी, एक मल्टीफंक्शनल लैब, क्लासरूम और छात्रावास जैसी सुविधाएं मौजूद हैं।" आईआईटी मद्रास सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय का मार्गदर्शक संस्थान है। विश्वविद्यालय का स्थायी परिसर समुद्र तल से लगभग 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खलत्सी गांव में बन रहा है। साल 2024 में अपने पहले शैक्षणिक सत्र में, विश्वविद्यालय ने तीन स्नातकोत्तर कार्यक्रम शुरू किए जिनमें ऊर्जा प्रौद्योगिकी और नीति में एमटेक, वायुमंडलीय और जलवायु विज्ञान में एमटेक और सार्वजनिक नीति में एमए शामिल है। विश्वविद्यालय ने हाल में बौद्ध अध्ययन और दर्शनशास्त्र में एम.ए. पाठ्यक्रम शुरू किया है।
लेह से स्नातक तेनज़िन ज़ेंगकिंग ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया पर विश्वविद्यालय के बारे में पता चला और वह स्थिरता और ऊर्जा पर इसकी तवज्जो से आकर्षित हुए। उन्होंने कहा, "यह पाठ्यक्रम उद्देश्यपूर्ण लगा, खासकर लद्दाख जैसे स्थान पर जहां स्थिरता रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा है।" - वाराणसी/ संभल । सावन शिवरात्रि पर शिव मंदिरों में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं। वाराणसी में, काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विश्व भूषण मिश्रा ने कहा, “आज सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है और श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई ।” पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा कि सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के जरिए विशेष निगरानी रखी गई।।इस बीच, संभल में करीब 46 साल बाद खोले गए प्राचीन कार्तिकेय महादेव मंदिर में भी भारी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। इस मंदिर में जलाभिषेक करने वाले उपजिलाधिकारी (एसडीएम) विकास चंद्र ने कहा, “इस मंदिर को 46 साल बाद खोला गया है और हम संभल की खोई हुई पहचान फिर से वापस लाने पर काम कर रहे हैं।” मंदिर में पूजा करने आए श्रद्धालु दीपक कुमार ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “हमें इस प्राचीन मंदिर में पूजा और जलाभिषेक करने का सौभाग्य मिला है। यह भोले बाबा की ही कृपा है।” संभल के भजोई स्थित सादात वाड़ी शिव मंदिर में जिलाधिकारी राजेन्दर पेंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की। इस बीच, चंदौसी में क्षेत्राधिकारी अनुज चौधरी के पर्यवेक्षण में मुरादाबाद मार्ग पर एक समर्पित सेवा शिविर लगाया गया जहां कांवड़ यात्रा से लौट रहे कांवड़ियों को फल और भोजन प्रसाद उपलब्ध कराया गया। यहां कुछ कांवड़ियों को क्षेत्राधिकारी चौधरी के साथ तस्वीरें लेते हुए भी देखा गया। चौधरी पिछले वर्ष संभल में हुई हिंसा के दौरान कार्रवाई और रमजान के दौरान अपने विवादित बयानों के बाद से सुर्खियों में रहे हैं।
- नई दिल्ली। भारत सरकार 24 जुलाई 2025 से चीनी नागरिकों को पर्यटक वीज़ा देना फिर से शुरू करेगी। इस फैसले के साथ दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों में नरमी के संकेत मिल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने यह जानकारी दी है।पांच साल बाद उठा प्रतिबंधभारत ने कोविड-19 महामारी के दौरान 2020 में चीनी नागरिकों के लिए पर्यटक वीज़ा को निलंबित कर दिया था। इसके बाद अप्रैल 2022 में अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (IATA) ने नोटिस जारी कर कहा था कि चीनी नागरिकों के सभी पर्यटक वीज़ा अमान्य माने जाएंगे। यह कदम चीन द्वारा लगभग 22,000 भारतीय छात्रों को दोबारा प्रवेश की अनुमति न देने के विरोध में उठाया गया था।अब कैसे मिलेगा वीज़ा?भारतीय दूतावास ने वीबो (Weibo) के जरिए जानकारी दी कि 24 जुलाई से चीनी नागरिक भारत का पर्यटक वीज़ा प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे, अपॉइंटमेंट लेकर बीजिंग, शंघाई और ग्वांगझू स्थित वीज़ा केंद्रों में अपने दस्तावेज़ जमा करने होंगे।चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने इस जानकारी को अपने वीबो हैंडल से साझा किया और बाद में एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी इसका उल्लेख किया।द्विपक्षीय संबंधों में नरमीइस साल की शुरुआत में भारत और चीन ने सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने और कैलाश मानसरोवर यात्रा को भी बहाल करने का फैसला किया था। दोनों कार्यक्रम 2020 के बाद बंद कर दिए गए थे।हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पांच साल बाद चीन की यात्रा की, जिसे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। वहीं मार्च में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक प्रगति का ज़िक्र किया था।उन्होंने कहा था कि ड्रैगन (चीन) और एलिफेंट (भारत) को एक-दूसरे की सफलता में भागीदार बनना चाहिए। यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच रूस के कज़ान में हुई बैठक के बाद आई थी, जिसे दोनों देशों के रिश्तों में मील का पत्थर माना गया।2024 में भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में चार साल से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को समाप्त करने में सफल रहे थे। यह फैसला भी दोनों देशों के रिश्तों में एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
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नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति पद के रिक्त होने के बाद, भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अनुच्छेद 324 के तहत आयोग को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों का आयोजन करे।
चुनाव आयोग ने बताया कि यह चुनाव The Presidential and Vice-Presidential Elections Act, 1952 और The Presidential and Vice-Presidential Elections Rules, 1974 के तहत संपन्न किया जाएगा। निर्वाचन आयोग के अनुसार, चुनाव कार्यक्रम की घोषणा पूर्व तैयारी पूरी होने के बाद शीघ्र ही की जाएगी। जिसमें –-निर्वाचक मंडल (Electoral College) की सूची तैयार करनाइसमें लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं।मुख्य रिटर्निंग ऑफिसर और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति।अब तक हुए उपराष्ट्रपति चुनावों की पृष्ठभूमि सामग्री तैयार करना और उसका प्रसार, शामिल है।भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 22 जुलाई 2025 को अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा। धनखड़ ने अपने पत्र में कहा कि वे स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए यह निर्णय ले रहे हैं। धनखड़ (उम्र 74 वर्ष) ने अगस्त 2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया था। वे पहले राजस्थान के राज्यपाल भी रह चुके हैं और एक अनुभवी अधिवक्ता तथा राजनेता के रूप में जाने जाते हैं।संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया जा सकता है, जिसे राष्ट्रपति को संबोधित करना होता है। गृह मंत्रालय (MHA) ने 22 जुलाई को राजपत्र अधिसूचना S.O. 3354(E) जारी कर उनके इस्तीफे को अधिसूचित किया है।भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति भी होता है और यह पद राष्ट्रपति के बाद दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। यदि किसी कारणवश राष्ट्रपति अनुपस्थित हों या उनका पद रिक्त हो, तो उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हैं।अब पूरे देश की नजरें निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित की जाने वाली चुनाव तिथि और नामांकन प्रक्रिया पर टिकी हैं। यह चुनाव राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि नया उपराष्ट्रपति न केवल राज्यसभा का संचालन करेगा, बल्कि संसद में संतुलन बनाए रखने में भी बड़ी भूमिका निभाएगा। -
नई दिल्ली। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) में निर्मित दूसरा स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रचेत’ बुधवार को लॉन्च कर दिया गया। पहला प्रदूषण नियंत्रण पोत (जीएसएल यार्ड 1267) पिछले साल 29 अगस्त को लॉन्च किया गया था, जिसकी अब जल्द ही आपूर्ति होने वाली है। आज लॉन्च किया गया पोत (जीएसएल यार्ड 1268) जीएसएल में निर्मित दो प्रदूषण नियंत्रण पोत श्रेणियों में से अंतिम पोत है। दूसरे पोत की लांचिंग भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि की मौजूदगी में उनकी पत्नी प्रिया परमेश के हाथों हुई।
यह पोत तेल रिसाव होने पर त्वरित प्रतिक्रिया देने में तटरक्षक बल की मदद करेगाइन प्रदूषण नियंत्रण पोतों का डिजाइन और निर्माण स्वदेशी रूप से किया जा रहा है। अपने संबोधन में महानिदेशक शिवमणि ने समुद्री क्षेत्र में भारतीय तटरक्षक बल के लिए प्रदूषण प्रतिक्रिया पोतों के महत्व और जीएसएल एवं आईसीजी के बीच तालमेल पर प्रकाश डाला। उन्होंने तटरक्षक बल की प्रमुख जहाज निर्माण आवश्यकताओं को स्वदेशी रूप से पूरा करने के लिए जीएसएल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि समुद्र प्रचेत का शुभारंभ हमारे देश की जहाज निर्माण क्षमता का एक अनुकरणीय प्रमाण है।भारतीय तटरक्षक बल आत्मनिर्भरता के पथ पर निरंतर बढ़ रहा आगेउन्होंने सभी बाधाओं को पार करते हुए इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने पर जीएसएल के कर्मचारियों को बधाई देते हुए आह्वान किया कि रक्षा उत्पादन में ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में आगे बढ़ना सही दिशा में होना चाहिए। दूसरे प्रदूषण नियंत्रण पोत की लांचिंग के साथ जीएसएल और भारतीय तटरक्षक बल आत्मनिर्भरता के पथ पर निरंतर आगे बढ़कर ‘आत्मनिर्भर भारत’ को साकार कर रहा है। समारोह में जीएसएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बृजेश कुमार उपाध्याय, रक्षा मंत्रालय, तटरक्षक बल के वरिष्ठ अधिकारी और जीएसएल के कर्मचारी उपस्थित थे।भारतीय तटरक्षक बल की जरूरतों को करेगा पूराआईसीजी के कमांडेंट अमित उनियाल ने बताया कि इन पोतों को भारतीय तटरक्षक बल की जरूरतों को पूरा करने के लिए गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने डिजाइन और निर्मित किया है। पोत की लंबाई 114.5 मीटर, चौड़ाई 16.5 मीटर है और इसका विस्थापन 4170 टन होगा। इन पोतों में अत्याधुनिक प्रतिक्रिया उपकरण लगे हैं, इसलिए यह पोत हमारे ईईजेड में किसी भी तेल रिसाव की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने में तटरक्षक बल की मदद करेगा। इस परियोजना ने गोवा में समुद्री उत्पादन गतिविधियों में लगे स्थानीय उद्योग और एमएसएमई के लिए पर्याप्त रोजगार सृजन किया है। - सिद्धार्थनगर (उप्र). सिद्धार्थनगर जिले के भवानीगंज थानाक्षेत्र में परसा मुर्तजा गांव में चार बच्चों की मां को उसके पति ने उसके प्रेमी को सौंप दिया। पत्नी खुशी-खुशी अपने प्रेमी के साथ उसके घर चली गई। एक न्यूज़ एजेंसी के अनुसार रामचरण नामक व्यक्ति का लगभग 20 वर्ष पहले जानकी देवी से विवाह हुआ था। शादी के बाद सब कुछ सामान्य चल रहा था। दोनों की चार संतानें हुईं लेकिन घर का खर्च बढ़ा तो रामचरन मुंबई जाकर टाइल्स लगाने का काम करने लगा। इसी बीच, जानकी देवी की पड़ोस गांव के 25 वर्षीय परशुराम से दोस्ती हो गई और बाद में दोनों ने ‘कोर्ट मैरेज' (अदालती शादी) कर ली। सूत्रों के मुताबिक जानकी और परशुराम लगभग छह महीने साथ रहे, फिर अचानक महिला अपने पुराने पति के घर वापस पहुंची और माफी मांग कर साथ रहने की जिद करने लगी। इस पर महिला के पति ने उसे अपना लिया, लेकिन कुछ महीने बाद जानकी अचानक फिर अपने प्रेमी परशुराम के साथ चली गई। तब रामचरन ने थाने में शिकायत की जहां दोनों पक्ष को बुलाया गया। सूत्रों के अनुसार थाने में हुई बातचीत के दौरान परशुराम ने तय किया कि चारों बच्चे अपने पिता के साथ रहेंगे और महिला उसके साथ रहेगी। इसके बाद रामचरण अपनी पत्नी जानकी को उसके प्रेमी परशुराम के हवाले कर दिया और महिला खुशी-खुशी उसके साथ चली गई। यह घटना सिद्धार्थनगर में चर्चा का विषय बनी हुई है।
- नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को बताया कि मीडिया की कुछ खबरों में 2024 में स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा रखे गए धन में बढ़ोतरी का दावा किया गया है, लेकिन स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) के आंकड़ों को भारतीयों द्वारा स्विट्जरलैंड में जमा राशि के विश्लेषण के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में राज्यसभा को बताया कि एसएनबी के आंकड़ों में ग्राहक जमाओं, अन्य देनदारियों और बैंकों को देय राशि सहित कई श्रेणियों की जानकारी शामिल होती है, जिनमें स्विस बैंकों की विदेशी शाखाओं से जुड़ी राशि भी शामिल होती है। उनके अनुसार, स्विस अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि एसएनबी की वार्षिक बैंकिंग सांख्यिकी का भारतीयों द्वारा स्विट्जरलैंड में रखी गई जमाओं के आकलन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। मंत्री ने यह भी बताया कि स्विट्जरलैंड सरकार 2018 से भारतीयों से जुड़ी वित्तीय जानकारी प्रत्येक वर्ष साझा कर रही है। यह प्रक्रिया ‘ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन' (एईओआई) फ्रेमवर्क के तहत की जाती है। उन्होंने कहा कि इस ढांचे के अंतर्गत भारत को पहली बार सितंबर 2019 में वित्तीय जानकारी प्राप्त हुई थी और तब से यह आदान-प्रदान नियमित रूप से जारी है।
- नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को बताया कि भारतीय रेलवे में 'कैंसर ट्रेन' नाम से किसी ट्रेन का परिचालन नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनके अनुसार, रेल मंत्रालय ने सूचित किया है कि ‘कैंसर ट्रेन' नाम की कोई ट्रेन भारतीय रेलवे के तहत नहीं चलाई जा रही है। मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार देशभर में कैंसर उपचार सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए ‘तृतीयक कैंसर देखभाल सुविधाओं को मजबूत करने' संबंधी योजना चला रही है। इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) और तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र (टीसीसीसी) की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। जाधव ने बताया कि प्रति राज्य कैंसर संस्थान के लिए अधिकतम 120 करोड़ रुपये और प्रति तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र के लिए 45 करोड़ रुपये की सहायता दी जाती है। उन्होंने बताया कि अब तक इस योजना के तहत कुल 39 संस्थानों (19 एससीआई और 20 टीसीसीसी) को मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें से पंजाब के अमृतसर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में एससीआई और फजिल्का के सिविल अस्पताल में टीसीसीसी शामिल हैं। मंत्री ने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेज, अमृतसर में रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी सेवाएं उपलब्ध हैं, जबकि फजिल्का के सिविल अस्पताल में कीमोथेरेपी सेवाएं दी जा रही हैं। उनके अनुसार, परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत टाटा मेमोरियल सेंटर ने पंजाब के संगरूर में सिविल अस्पताल परिसर में होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एचबीसीएच) और न्यू चंडीगढ़ में होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (एचबीसीएच एंड आरसी) की स्थापना की है, जो कार्यरत हैं। पंजाब सरकार की मुख्यमंत्री पंजाब कैंसर राहत कोष योजना (एमएमपीसीआरकेएस) के अंतर्गत भी कैंसर उपचार सेवाएं फजिल्का, पटियाला, फरीदकोट और बठिंडा में उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- नयी दिल्ली. मेलबर्न का भारतीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफएम) अगले महीने अपनी विशेष ‘प्राइड सेलिब्रेटरी नाइट' में भारत की पहली एलजीबीटीक्यू (समलैंगिक) फिल्म ‘बदनाम बस्ती' प्रदर्शित करेगा। यह फिल्म 1971 में रिलीज हुई थी और इसका निर्देशन प्रेम कपूर ने किया था। नितिन सेठी, अमर कक्कड़ और नंदिता ठाकुर अभिनीत यह फिल्म सरनाम नाम के एक डाकू की कहानी है जो बांसुरी को हमले से बचाता है। बाद में वह मंदिर के कर्मचारी शिवराज को काम पर रखता है, जिससे तीनों के बीच एक गहरा रिश्ता बनता है। ऐसा माना जा रहा था कि कई फिल्म महोत्सव में कुछ समय के लिए दिखाए जाने के बाद फिल्म का प्रिंट कहीं खो गया, लेकिन बर्लिन में आर्सेनल इंस्टीट्यूट फॉर फिल्म एंड वीडियो आर्ट के अभिलेखागार में दो अमेरिकी ‘क्यूरेटर' - सिमरन भल्ला और माइकल मेट्जगर को 2019 में गलती से इसका 35 मिलीमीटर का प्रिंट मिल गया। दिसंबर 2024 में ‘द गार्डियन' के एक लेख के अनुसार, वे उसी उपनाम वाले एक अन्य निर्देशक की फिल्म तलाश रहे थे, तभी ‘बदनाम बस्ती' का प्रिंट उनके हाथ लग गया। यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, समलैंगिक-कामुक पहलुओं के हिसाब से फिल्म अपने समय के हिसाब से लिए काफी आगे थी। फिल्म को अब इस महोत्सव में प्रदर्शित किया जाएगा। इसके बाद निर्माता ओनिर की एक समलैंगिक प्रेम कहानी ‘वी आर फहीम एंड करुण' का ऑस्ट्रेलिया में प्रीमियर होगा। इस साल, आईएफएफएम में लगभग 75 फिल्में दिखाई जाएंगी।आईएफएफएम की निदेशक मीतू भौमिक लांगे ने कहा, ‘‘आईएफएफएम में, हमारा मानना है कि सिनेमा में लोगों को जोड़ने और संवाद स्थापित करने की शक्ति है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम जिस दुनिया में रहते हैं, उसकी सभी खूबसूरत विविधताओं को प्रतिबिंबित करें। यह ‘प्राइड नाइट' न केवल ‘क्वीर' पहचान का जश्न मनाने के बारे में है, बल्कि उस स्थान को पुनः प्राप्त करने के बारे में भी है जिससे भारतीय सिनेमा में ‘एलजीबीटीक्यू प्लस' समुदाय की कथाओं को लंबे समय से वंचित रखा गया है। ‘बदनाम बस्ती' और ‘वी आर फहीम एंड करुण' जैसी फिल्मों के माध्यम से हम समावेशी कहानी कहते हैं।'' महोत्सव का 16वां संस्करण 14 से 24 अगस्त तक आयोजित होने वाला है। ‘एलजीबीटीक्यू प्लस प्राइड नाइट' 22 अगस्त को निर्धारित है।
- लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 27 जुलाई को होने वाली समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षाओं पर पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) और खुफिया एजेंसियों की पैनी नजर रहेगी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक एसटीएफ और पुलिस को समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी की भर्ती परीक्षाओं में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होने देने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। ये परीक्षाएं 27 जुलाई को राज्य के सभी 75 जिलों में एक ही पाली में पूर्वाह्न साढ़े नौ बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक आयोजित की जाएंगी। परीक्षा में 10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के शामिल होने की उम्मीद है। राज्य भर में 2,382 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। सभी व्यवस्थाओं की निगरानी और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित निर्णय लेने के लिए हर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि एसटीएफ को परीक्षा से पहले चिन्हित किए गए संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर विशेष रूप से नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। बयान के अनुसार राज्य सरकार ने परीक्षाओं की शुचिता को भंग करने वाले व्यक्तियों पर नज़र रखने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। परीक्षा संबंधी अपराधों में पूर्व में शामिल और वर्तमान में जमानत पर बाहर रहने वालों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। एसटीएफ सोशल मीडिया मंचों-- व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे निजी मैसेजिंग ऐप पर कड़ी नजर रखेगी।परीक्षा अवधि के दौरान समर्पित टीम कोचिंग संस्थानों पर भी नजर रखेंगी और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित एजेंसियों को त्वरित कार्रवाई के लिए दी जाएगी। हर परीक्षा केंद्र पर पुलिस बल तैनात किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी प्रतिबंधित वस्तु अंदर न ले जाई जाए। गोपनीय परीक्षा पत्रों को कोषागार से बाहर निकालने से लेकर परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाएं भेजने तक पूरी प्रक्रिया के दौरान सशस्त्र गार्ड और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। परीक्षा के दिन चयन आयोग और एसटीएफ के बीच समन्वय के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा हर जिले में एक पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक सीधे व्यवस्थाओं की निगरानी करेंगे।
- भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार ने मंगलवार को एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल के तहत अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और जिलाधिकारी स्तर के 49 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। सामान्य प्रशासन और लोक शिकायत विभाग की ओर से जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। अधिसूचना के मुताबिक, राज्य के 30 में से 16 जिलों को नये जिलाधिकारी मिलेंगे, जिनमें जाजपुर, कंधमाल, कोरापुट, गंजाम, मल्कानगिरी, पुरी, खुर्दा और नबरंगपुर समेत अन्य शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1995 बैच के अधिकारी और अपर मुख्य सचिव हेमंत शर्मा को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अपर मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वह आईपीआईसीओएल के अध्यक्ष भी बने रहेंगे। अधिसूचना के अनुसार, संजय कुमार सिंह का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार समाप्त कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि संजीव कुमार मिश्रा को वित्त विभाग का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है और वह आईडीसीओ के अध्यक्ष बने रहेंगे, जबकि 2006 बैच की आईएएस अधिकारी रूपा रोशन साहू, जो बरहामपुर के दक्षिणी संभाग में राजस्व संभागीय आयुक्त (आरडीसी) के रूप में कार्यरत हैं, को राज्यपाल का आयुक्त-सह-सचिव नियुक्त किया गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि राज्यपाल के प्रमुख सचिव एनबीएस राजपूत को लोक उद्यम विभाग का प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, उन्हें ओएसआरटीसी के सीएमडी का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। इसमें कहा गया है कि खेल एवं युवा सेवा विभाग के प्रमुख सचिव तथा ओपीटीसीएल के सीएमडी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे 1999 बैच के आईएएस अधिकारी भास्कर ज्योति शर्मा को आबकारी विभाग का प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया है। वह ओपीटीसीएल के सीएमडी का अतिरिक्त प्रभार भी संभालते रहेंगे। अधिसूचना के मुताबिक, ज्योति शर्मा के कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से आबकारी विभाग के आयुक्त-सह-सचिव के रूप में गुहा पूनम तपस कुमार की अतिरिक्त नियुक्ति समाप्त हो जाएगी।
- नयी दिल्ली. दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में दूर-दराज से इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों के तीमारदारों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने के वास्ते ‘आओ साथ चलें' संस्था ने मंगलवार को ‘प्रसादम वैन' शुरू की। संस्था की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि यहां पंचकुइयां रोड स्थित वाल्मीकि मंदिर में महामंडलेश्वर संत कृष्ण शाह विद्यार्थी महाराज ने पूजन-अर्चन कर वैन को सेवा के लिए रवाना किया। संस्था के संयोजक एवं भाजपा की दिल्ली इकाई के महासचिव विष्णु मित्तल ने बताया कि यह वैन उन परिवारों के लिए है, जो दूर-दराज से इलाज के लिए दिल्ली आते हैं और भोजन की व्यवस्था नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि ‘प्रसादम वैन' मरीजों के तीमारदारों को निशुल्क भोजन वितरित करेगी।
- नयी दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्य 79 लाख और लाभार्थियों को शामिल कर सकते हैं। खाद्यान्न का कानूनी अधिकार प्रदान करने वाले राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) को 2013 में संसद ने मंजूरी दी थी। इसके तहत ग्रामीण आबादी के 75 प्रतिशत और शहरी आबादी के 50 प्रतिशत तक को कवर करने का प्रावधान है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री निमुबेन जयंतीभाई बंभानिया ने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि यह देश की कुल आबादी के लगभग दो-तिहाई हिस्से को कवर करता है, जो 2011 की जनगणना के आधार पर 81.35 करोड़ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, 81.35 करोड़ के लक्षित कवरेज के मुकाबले, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 80.56 करोड़ लोगों की पहचान की है। एनएफएसए के तहत 0.79 करोड़ और लाभार्थियों की पहचान की गुंजाइश है। उन्होंने बताया कि कानून की धारा नौ में प्रावधान है कि राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कवर किए जाने वाले कुल व्यक्तियों की संख्या की गणना प्रकाशित जनगणना के अनुसार जनसंख्या अनुमानों के आधार पर की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसलिए, कवरेज में कोई भी संशोधन अगली जनगणना के प्रासंगिक आंकड़ों के प्रकाशित होने के बाद ही संभव हो सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि लाभार्थियों की पहचान और उनके राशन कार्ड जारी करने की ज़िम्मेदारी राज्यों की है।
- नयी दिल्ली। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को 10वीं कक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने वाले 1,200 मेधावी विद्यार्थियों को मुफ्त आई7 लैपटॉप देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, सरकार द्वारा संचालित 175 स्कूलों में आईसीटी लैब स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने यह जानकारी दी। सूद ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ये ऐतिहासिक निर्णय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए। मुख्यमंत्री डिजिटल शिक्षा योजना के तहत, दिल्ली सरकार के स्कूलों के उन छात्रों को आई7 लैपटॉप दिए जाएंगे, जिन्होंने दसवीं कक्षा की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। मंत्री ने कहा कि यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप उनकी भविष्य की डिजिटल शिक्षा आवश्यकताओं को पूरा करेगा। उन्होंने बताया कि इस योजना पर 8 करोड़ रुपये का व्यय होगा।सूद ने पिछली आप सरकार के "शिक्षा में क्रांति" के दावे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 1,074 सरकारी स्कूलों में से किसी में भी कार्यात्मक कंप्यूटर लैब नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में चालू सत्र में 175 स्कूलों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। सूद ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के मापदंडों के अनुसार स्थापित प्रत्येक आईसीटी लैब में 40 कंप्यूटर होंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व योजना के तहत 100 सरकारी स्कूलों में 100 आईसीटी लैब स्थापित करने के लिए एक निजी संगठन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। सूद ने यह भी दावा किया कि आम आदमी पार्टी की पिछली सरकार ने स्कूलों में एक भी कंप्यूटर लैब स्थापित नहीं किए और सर्व शिक्षा अभियान के तहत बनी लैब को भी नहीं चला सकी। दिल्ली में आप सरकार के दौरान 2015 से 2019 तक 907 सरकारी स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत केंद्र द्वारा उपलब्ध कराए गए धन से कंप्यूटर लैब स्थापित किए गए। हालांकि, सूद ने दावा किया कि ये सभी प्रयोगशालाएं अभी काम नहीं कर रही हैं।आम आदमी पार्टी (आप) ने सूद के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि उन्हें पिछली सरकार के बारे में "बार-बार शिकायत करने" की आदत हो गई है। पार्टी ने एक बयान में कहा, "यदि इस बयान में कोई दम है तो उन्हें (सूद को) एक और जांच का आदेश देना चाहिए तथा इस मामले को जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को भेजना चाहिए।
- शिमला/ हिमाचल प्रदेश में बहुपति प्रथा (एक महिला के कई पति होना) कोई नई बात नहीं है। इस परंपरा से जुड़े कई जानकारों का कहना है कि राज्य के कुछ हिस्सों में यह प्रथा इसलिए चली आ रही है ताकि परिवार एकजुट रहे और ज़मीन का बंटवारा न हो। यह पुरानी परंपरा एक बार चर्चा में तब आई जब सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी क्षेत्र के शिलाई गांव में हाटी जनजाति के दो भाइयों ने हाल ही में एक ही महिला से शादी की। राजस्व, बागवानी और जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा, ‘‘यह कोई नई परंपरा नहीं है। बहुपति प्रथा प्राचीन जनजातीय परंपरा और संस्कृति का हिस्सा रही है, जिसका उद्देश्य जमीन को बंटने से बचाना है। यह प्रथा किन्नौर और सिरमौर जिले के कुछ हिस्सों में आज भी प्रचलित है।'' नेगी किन्नौर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं।सुनीता चौहान नामक महिला ने प्रदीप और कपिल नेगी से शादी की और कहा कि उन्हें इस परंपरा पर गर्व है और उन्होंने यह निर्णय संयुक्त रूप से लिया है। शिलाई विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘यह परंपरा पुरानी है और शिलाई में शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहां ऐसी शादी नहीं हुई होगी।'' हिमाचल प्रदेश के राजस्व कानून इस परंपरा को मान्यता देते हैं, जिसे ‘‘जोड़ीदारा'' कहा जाता है। इस परंपरा को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 494 और 495 के तहत भी मान्यता प्राप्त है। हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री वाई.एस. परमार ने इस परंपरा पर शोध किया था। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से ‘‘हिमालय में बहुपति प्रथा: सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि'' विषय पर पीएच.डी की थी। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में डॉ. वाई एस परमार पीठ के पूर्व अध्यक्ष ओ पी शर्मा ने बताया, ‘‘वाई.एस. परमार के शोध के अनुसार, बहुपति प्रथा हिमालय के सभी पांच खंडों कश्मीर से लेकर नेपाल तक प्रचलित थी। इस प्रथा के पीछे मनोवैज्ञानिक, जैविक और आर्थिक कारण थे।'' शर्मा ने कहा कि योद्धा समुदाय के कुछ वर्ग विशेषकर खासू और टोड यह मानते हैं कि महाभारत के पांडव उनके पूर्वज हैं और वे स्वेच्छा से इस परंपरा को आज भी निभाते हैं। उन्होंने कहा कि परमार ने बिगड़े लिंगानुपात के आंकड़ों का हवाला दिया था, जिसमें दिखाया गया था कि लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में कम थी। शर्मा ने कहा, ‘‘छोटी जमीनों को एकसाथ बनाए रखना और शादियों में कम खर्च होना इस परंपरा के पीछे के आर्थिक कारण थे।'' विधि के छात्र कृष्ण प्रताप सिंह ने कहा, ‘‘अगर सह-जीवन साथी संबंध को स्वीकार किया जा सकता है तो फिर सदियों पुरानी परंपराओं से दिक्कत क्यों? मेरे गांव कोटी (सिरमौर ज़िला) में 15-20 ऐसे परिवार हैं, जहां एक महिला की शादी एक से ज़्यादा पुरुषों से हुई है और हम चाहते हैं कि यह परंपरा आगे भी बनी रहे।'' बलमा देवी ने कहा, ‘‘ऐसे विवाह में परिवार के रिश्ते मजबूत रहते हैं और ज़मीन भी बंटने से बची रहती है।'' संत राम ने कहा, ‘‘बहुपति प्रथा एक पुरानी परंपरा है जिसमें भाईचारा बना रहता है और खर्चे भी ठीक से संभाले जा सकते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम चार भाइयों की शादी दो महिलाओं से हुई है।''हाटी समुदाय हिमाचल प्रदेश-उत्तराखंड सीमा पर रहने वाला एक सघन समुदाय है, जिसे तीन साल पहले अनुसूचित जनजाति घोषित किया गया था। इस जनजाति में बहुपति प्रथा सदियों से प्रचलित थी, लेकिन अब महिलाओं में बढ़ती साक्षरता और समुदाय की आर्थिक स्थिति में सुधार के चलते इसके मामले पहले की तरह सामने नहीं आते, क्योंकि यह एक बेहद साधारण रस्म हुआ करती थी। हाटी समुदाय की प्रमुख संस्था केंद्रीय हाटी समिति के महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री ने कहा कि यह परंपरा हजारों साल पहले इसलिए शुरू की गई थी ताकि परिवार की खेती की जमीन का आगे विभाजन न हो सके। उन्होंने बताया कि इस परंपरा का एक और उद्देश्य संयुक्त परिवार में भाईचारा और आपसी समझ को बढ़ावा देना था, जहां कभी-कभी अलग-अलग माताओं से जन्मे दो या अधिक भाइयों की शादी भी एक ही दुल्हन से कराई जाती थी। इस प्रथा का तीसरा कारण सुरक्षा की भावना है।शास्त्री ने कहा, ‘‘यदि आपका परिवार बड़ा है और उसमें अधिक पुरुष हैं तो आप आदिवासी समाज में अधिक सुरक्षित हैं।'' उन्होंने कहा कि यह परंपरा दूर-दराज़ के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में बिखरी हुई कृषि ज़मीन की देखभाल और खेती के लिए मददगार होती है, क्योंकि ऐसी ज़मीन को संभालने के लिए लंबे समय तक पूरे परिवार की आवश्यकता होती है।



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