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- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को (स्थानीय समयानुसार) अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में एक विशेष सम्मान से नवाजा गया। उन्हें शहर की ‘Key to the City’ (शहर की चाबी) भेंट की गई, जो भारत और अर्जेंटीना के बीच गहरी मित्रता और विश्वास का प्रतीक है। यह सम्मान उन्हें ब्यूनस आयर्स के सिटी गवर्नमेंट के प्रमुख जॉर्ज मैकरी ने सौंपा। यह सम्मान विश्व के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को ही दिया जाता है जो किसी शहर के साथ विशेष संबंध बनाते हैं या उस शहर में सांस्कृतिक, राजनीतिक या आर्थिक जुड़ाव बढ़ाते हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान के प्रति आभार जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “ब्यूनस आयर्स के सिटी गवर्नमेंट प्रमुख जॉर्ज मैकरी से ‘Key to the City of Buenos Aires’ प्राप्त करना मेरे लिए गौरव की बात है।” इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ व्यापक वार्ता की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार को विविधता देने और रक्षा, खनिज, ऊर्जा, फार्मास्युटिकल और खनन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई।गौरतलब है कि अर्जेंटीना, प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा का तीसरा चरण है। इससे पहले वे घाना और त्रिनिदाद एवं टोबैगो की यात्रा कर चुके हैं। इसके बाद वे ब्राजील में होने वाले 17वें BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और फिर नामीबिया जाएंगे। पीएम मोदी की यह यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति को नई दिशा देने और दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। डॉ. मुखर्जी के महान योगदान को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने देश के सम्मान, गरिमा और गौरव की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। पीएम मोदी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें “राष्ट्र का अमर सपूत” बताया तथा भारत की एकता, गौरव और विकास के लिए उनके आजीवन समर्पण की सराहना की।मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा,”राष्ट्र के अमर सपूत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जन्म-जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि। देश की आन-बान और शान की रक्षा के लिए उन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनके आदर्श और सिद्धांत विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में बहुमूल्य हैं।” प्रधानमंत्री ने डॉ. मुखर्जी के जीवन, मूल्यों और भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर प्रकाश डालने वाली एक वीडियो क्लिप भी साझा की। पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल के सपूत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी कहते थे कि कोई भी राष्ट्र अपनी ऊर्जा से ही सुरक्षित रह सकता है।उन्हें देश के संसाधनों और देश के सामर्थ्यवान लोगों पर अटूट विश्वास था।पीएम मोदी ने भी डॉ. मुखर्जी के दूरदर्शी दृष्टिकोण की प्रशंसा की, उन्होंने कहा, “महिला सशक्तीकरण, शिक्षा और भारत की परमाणु नीति को आकार देने में उनका योगदान अपने समय से बहुत आगे था। मैं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अपनी गहरी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनकी स्मृति को नमन करता हूं।”भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी आज की भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक पूर्ववर्ती हैं। उनको को एक कट्टर राष्ट्रवादी, दूरदर्शी राजनीतिक नेता और भारत की संप्रभुता और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध शिक्षाविद् के रूप में याद किया जाता है।
- मुंबई,। महाराष्ट्र में प्याज उत्पादकों ने राज्य सरकार से किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के बजाय सीधे कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) के माध्यम से प्याज खरीदने का आग्रह किया। किसानों ने मौजूदा तंत्र में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने इस संबंध में और ‘गड़बड़ी' को रोकने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप तथा एपीएमसी-आधारित खरीद को प्राथमिकता देने के लिए प्याज खरीद दिशानिर्देशों को संशोधित करने की भी मांग की। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) जैसी केंद्रीय एजेंसियां पंजीकृत संगठनों के माध्यम से प्याज खरीदती हैं। किसान संगठनों ने महाराष्ट्र सरकार को संबोधित करते हुए एक बयान में कहा, “किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से प्याज खरीदने से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। कई वास्तविक किसान उचित मूल्य से वंचित हैं। इस प्रणाली से किसानों के बजाय बिचौलियों को लाभ होता है।”संगठनों ने यह भी दावा किया कि किसान उत्पादक संगठन-आधारित मॉडल अपने इच्छित उद्देश्य को पूरा करने में विफल रहा है, जिससे वास्तविक किसानों को उचित मूल्य से वंचित होना पड़ रहा है। संगठन ने कहा कि कृषि उपज बाजार समितियों के माध्यम से सीधी खरीद से खुले बाजार में मूल्य निर्धारण सुनिश्चित होगा, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और अधिक पारदर्शिता आएगी, जिससे अंततः किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर भुगतान प्राप्त करने में मदद मिलेगी। किसान संगठनों ने कहा, “किसान उत्पादक संगठन आधारित मॉडल अपने इच्छित उद्देश्य को पूरा करने में विफल रहा है। केंद्र सरकार को गड़बड़ी रोकने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और कृषि उपज बाजार समिति आधारित खरीद को प्राथमिकता देने के लिए प्याज खरीद दिशानिर्देशों को संशोधित करना चाहिए।”
- मुंबई। शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि वह और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ‘‘एकसाथ रहने के लिए साथ आए हैं।'' उद्धव ने लगभग 20 वर्ष बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख के साथ राजनीतिक मंच साझा किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह और राज मिलकर मुंबई नगर निगम और महाराष्ट्र की सत्ता पर कब्जा करेंगे।उद्धव ने कहा, ‘‘हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं।''दो दशकों के बाद उद्धव और राज ने सार्वजनिक मंच साझा किया और ‘आवाज मराठीचा' नामक एक विजय सभा आयोजित की जो राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करने के लिए सरकार द्वारा पहले जारी किए गए दो सरकारी आदेशों को वापस लेने का जश्न मनाने के लिए की गई।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिवसीय यात्रा पर ब्राजील पहुंचे। इस दौरान वे 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और एक राजकीय यात्रा भी करेंगे। ब्राजील के रियो डी जेनेरियो पहुंचने पर भारतीय प्रवासी ने पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया।
ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को यहां पहुंचे पीएम मोदी का पारंपरिक नृत्य, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और देशभक्ति से भरे चित्रों से स्वागत किया गया। लोगों ने हाथों में तिरंगा लिए प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस स्वागत में सबसे खास बात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रस्तुति रही। यह भारत की ओर से पाकिस्तान स्थित आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे एक निर्णायक अभियान पर आधारित प्रस्तुति थी, जिसे नृत्य और चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया।प्रवासी भारतीयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत पेंटिंग और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आधारित नृत्य के साथ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वागत समारोह में प्रस्तुति देने वाली भारतीय महिला नर्तकियों से मुलाकात की।नर्तकियों में से एक ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी हमारे लिए बड़े भाई जैसे हैं। हमारे लिए यह बहुत गर्व की बात है कि वे यहां आए। हमारी प्रस्तुति को उन्होंने बहुत धैर्यपूर्वक देखा, हमसे बातचीत की और इसकी बहुत सराहना की। हमने अपने बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने और भारत माता का सम्मान करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अपनी थीम के रूप में चुना था।”आपको बता दें, प्रधानमंत्री मोदी चार दिवसीय यात्रा पर ब्राजील पहुंचे हैं। अपनी यात्रा के दौरान, 6 और 7 जुलाई को वह रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, उसके बाद एक राजकीय यात्रा करेंगे। यह लगभग छह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ब्रासीलिया जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य और लोगों के बीच संपर्क सहित आपसी हित के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने पर द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। -
आणंद. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि गुजरात में सहकारी क्षेत्र के लिए बनने वाला देश का पहला राष्ट्रीय विश्वविद्यालय भाई-भतीजावाद को समाप्त करने का काम करेगा क्योंकि भविष्य में इस क्षेत्र में केवल प्रशिक्षित व्यक्तियों को ही नौकरी मिलेगी। शाह आणंद कृषि विश्वविद्यालय के परिसर में जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान के परिसर में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय (टीएसयू) की आधारशिला रखने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय का नाम दिवंगत त्रिभुवनदास किशीभाई पटेल के नाम पर रखा गया है, जो भारत में सहकारी आंदोलन के अग्रणी नेताओं में से एक थे और जिन्होंने अमूल की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। टीएसयू का निर्माण 500 करोड़ रुपये की लागत से 125 एकड़ पर किया जाएगा। 22 अक्टूबर 1903 को आणंद के खेड़ा में जन्मे पटेल का निधन तीन जून 1994 को हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में लगने वाले भाई-भतीजावाद के आरोपों को दूर करने का काम करेगा। अतीत के विपरीत भविष्य में केवल प्रशिक्षित लोगों को ही इस क्षेत्र में नौकरी मिलेगी। पहले लोगों को काम पर रखा जाता था और फिर प्रशिक्षित किया जाता था।'' शाह ने कहा कि विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में प्रशिक्षण की कमी को पूरा करेगा जिससे देश का हर चौथा व्यक्ति या कहें कि लगभग 30 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में सहकारी क्षेत्र में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और देश को अब प्रशिक्षित जनशक्ति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि टीएसयू इस "विशाल शून्यता" को भरेगा जिसने इस क्षेत्र की प्रगति को रोक दिया है। शाह ने विश्वविद्यालय का नाम श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के नाम पर न रखे जाने संबंधी कुछ लोगों की टिप्पणियों पर कहा कि सहकारी क्षेत्र में उनकी भूमिका को कभी नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘पटेल साहब (त्रिभुवन पटेल) ने सहकारी आंदोलन की अलख जगाई... यह उनका ही दृष्टिकोण था कि यह क्षेत्र आज मजबूती से खड़ा है।'' शाह ने कहा कि पटेल ने ही कुरियन को नीदरलैंड में पढ़ने के लिए भेजा था। उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि इस क्षेत्र में कुरियन के योगदान को मान्यता नहीं दी जा रही है, वे वही लोग हैं जिन्होंने उनकी जन्म शताब्दी मनाने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि अमूल ही उनकी विरासत का जश्न मना रहा है। शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेता जो इस तरह के सवाल उठा रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि पटेल उनकी पार्टी से ही थे और उस समय भाजपा का अस्तित्व ही नहीं था। शाह ने कहा कि टीएसयू न केवल प्रतिभाशाली कार्यबल तैयार करेगा, बल्कि सहकारी क्षेत्र के लिए पटेल जैसे नेता भी तैयार करेगा।
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नयी दिल्ली. मध्य दिल्ली के करोल बाग स्थित विशाल मेगा मार्ट में शुक्रवार शाम लगी आग में दो लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, कुमार धीरेंद्र प्रताप (25) के रूप में पहचाने गए व्यक्ति का शव लिफ्ट के अंदर मिला। पुलिस ने आशंका जतायी है कि आग के दौरान फंस जाने के कारण उसकी मौत दम घुटने से हुई। दूसरे पुरुष का झुलसा हुआ शव इमारत में आग बुझाने के दौरान मिला। पुलिस ने कहा कि दूसरे शव की पहचान अभी नहीं की जा सकी है। अग्निशमन विभाग और पुलिस के अनुसार, शुक्रवार शाम 6:44 बजे पदम सिंह रोड पर स्थित चार मंजिला व्यावसायिक इमारत की दूसरी मंजिल से आग लगने की सूचना मिली। पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगने के समय कम से कम 50 लोग परिसर के अंदर मौजूद थे। एक सुरक्षा गार्ड ने धुआं देखा और अलार्म बजाकर सभी को तुरंत बाहर निकलने के लिए कहा। घटना के दौरान मौजूद 32 वर्षीय अभिषेक ने कहा, ‘‘वहां अफरा-तफरी मच गई। गार्ड शोर मचाता रहा कि ‘भागो भागो, आग लग गई है'। लोग सीढ़ियों का उपयोग करके बाहर भागे और कुछ आपातकालीन द्वार से बाहर निकलने में कामयाब रहे।'' हालांकि, धीरेंद्र ने लिफ्ट के जरिये गया और अंदर फंस गया। उसके अंतिम क्षण उसके बड़े भाई को भेजे गए हताश भरे लिखित संदेश में दर्ज हैं। शाम 6:51 बजे उसने सबसे पहले लिखा, ‘‘भैया... हम लिफ्ट में हैं। गैस के बीच फंस गये हैं। करोल बाग मेगा मार्ट।'' उसका अंतिम संदेश था, ‘‘अब सांस फूल रही है। कुछ करो।'' इसके बाद कोई संदेश नहीं भेजा गया। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि आग ने मुख्य रूप से दूसरी मंजिल को प्रभावित किया, जहां काफी मात्रा में ज्वलनशील पदार्थ का भंडार था। एक अग्निशमन अधिकारी ने कहा, ‘‘बड़ी मात्रा में कपड़े और पैकेजिंग सामग्री की उपस्थिति के कारण आग तेजी से फैल गई। परिसर में धुआं भर गया, जिससे बचाव कार्य और भी मुश्किल हो गया।'' आग पर काबू पाने के लिए 13 दमकल गाड़ियां और करीब 90 अग्निशमन कर्मियों को तैनात किया गया। आग बुझाने का काम कई घंटों तक चला जो शनिवार की सुबह तक जारी रहा। अधिकारियों ने कहा कि इमारत के अंदर अपर्याप्त वेंटिलेशन ने आग बुझाने के प्रयास को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया और अंदर धुआं लंबे समय तक बना रहा। हालांकि आग लगने का सही कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को संभावित कारण बताया जा रहा है। दिल्ली अग्निशमन सेवा और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की एक टीम ने साक्ष्य एकत्र करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया। जांच में शामिल एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रारंभिक जांच में एक इलेक्ट्रिक पैनल के पास जलने के निशान दिखाई दिए हैं। हालांकि, हम स्रोत की पुष्टि करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि लापरवाही से संबंधित धाराओं सहित भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि घटना के समय सुरक्षा प्रोटोकॉल- जैसे कि कार्यात्मक अग्नि निकास, बुझाने वाले यंत्र और अलार्म- मौजूद थे या नहीं। सूत्रों के अनुसार, अधिकारी मॉल प्रबंधन और इमारत के मालिक से अग्नि सुरक्षा अनुपालन के बारे में पूछताछ कर सकते हैं। फिलहाल धीरेंद्र प्रताप का परिवार गमगीन है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले धीरेंद्र खुदरा स्टोर में काम करते थे और दिल्ली में रिश्तेदारों के साथ रह रहे थे। उनके भाई को जब उनका संदेश मिला तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्हें समय पर कोई मदद नहीं मिल पाई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मॉल के अंदर, आस-पास की दुकानों और यातायात चौराहों के सीसीटीवी फुटेज को जांचा जा रहा है। ऐसा न केवल अंदर मौजूद लोगों की गतिविधियों का पता लगाने के लिए, बल्कि यह भी जानने के लिए किया जा रहा है कि कहीं इसका संबंध किसी आपराधिक लापरवाही या दुर्भावना पूर्ण कृत्य से तो नहीं है।
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मुंबई/ केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को ‘गरीबों की बढ़ती संख्या' पर चिंता जताते हुए कहा कि धन कुछ अमीर लोगों के हाथों में केंद्रित हो रहा है। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा कि धन के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता है, जहां उन्होंने कृषि, विनिर्माण, कराधान और बुनियादी ढांचे के विकास में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) सहित कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा, “धीरे-धीरे गरीब लोगों की संख्या बढ़ रही है और धन कुछ अमीर लोगों के हाथों में केंद्रित होता जा रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए।” अर्थव्यवस्था को इस तरह से विकसित होना चाहिए कि रोजगार पैदा हो और ग्रामीण क्षेत्रों का उत्थान हो।
उन्होंने कहा, “हम एक ऐसे आर्थिक विकल्प पर विचार कर रहे हैं जो रोजगार पैदा करेगा और अर्थव्यवस्था की वृद्धि को बढ़ावा देगा। धन के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता है और इस दिशा में कई बदलाव हुए हैं।” वरिष्ठ भाजपा नेता ने उदार आर्थिक नीतियों को अपनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों पी वी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह को भी श्रेय दिया, लेकिन अनियंत्रित केंद्रीकरण के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “हमें इसके बारे में चिंतित होना चाहिए।”
भारत की आर्थिक संरचना का उल्लेख करते हुए उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में क्षेत्रीय योगदान में असंतुलन की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, "विनिर्माण क्षेत्र 22-24 प्रतिशत, सेवा क्षेत्र 52-54 प्रतिशत योगदान देता है, जबकि कृषि, ग्रामीण आबादी के 65-70 प्रतिशत हिस्से को शामिल करने के बावजूद, केवल 12 प्रतिशत योगदान देती है।” उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) की उभरती भूमिका पर प्रकाश डाला। गडकरी ने कहा, “सीए अर्थव्यवस्था के वृद्धि इंजन हो सकते हैं। हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बदल रही है। यह केवल आयकर रिटर्न दाखिल करने और जीएसटी जमा करने तक ही सीमित नहीं है।” बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में बात करते हुए, गडकरी ने परिवहन क्षेत्र में अपनी पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने दावा किया, “मैंने ही सड़क निर्माण के लिए ‘निर्माण-परिचालन-हस्तांतरण' तंत्र की शुरुआत की थी।” गडकरी ने कहा कि सड़क विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, “कभी-कभी मैं कहता हूं कि मेरे पास धन की कमी नहीं है, बल्कि मेरे पास काम की कमी है।” उन्होंने कहा, “अभी हम टोल बूथों से करीब 55,000 करोड़ रुपये कमाते हैं और अगले दो साल में हमारी आय 1.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी। अगर हम इसे अगले 15 साल तक मौद्रिकृत करते हैं तो हमारे पास 12 लाख करोड़ रुपये होंगे। नए टोल से हमारे खजाने में और पैसा आएगा।” -
पालघर. राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कर्मचारी ने लोकल ट्रेन में 3.2 लाख रुपये से भरा बैग भूल गए एक व्यक्ति की पहचान कर इसे वापस किया। एक अधिकारी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। जीआरपी द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि, अभिषेक शुक्ला (30) शुक्रवार को सुबह करीब आठ बजे चर्चगेट जाने वाली ट्रेन से उतरते समय बोईसर स्टेशन पर अपना बैग भूल गए। अभिषेक ने तत्काल पुलिस नियंत्रण कक्ष में कॉल कर इसकी जानकारी दी। सफाले रेलवे स्टेशन पर जीआरपी कर्मियों को इसकी सूचना दी गई और जब ट्रेन वहां पहुंची तो उन्होंने बैग बरामद कर लिया। विज्ञप्ति में कहा गया कि उचित प्रक्रिया पूरी करने के बाद बैग शुक्ला को लौटा दिया गया, उन्होंने त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिसकर्मियों को धन्यवाद दिया।
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पटना. बिहार के जाने-माने व्यवसायी गोपाल खेमका की यहां उनके आवास के निकट मोटरसाइकिल सवार हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। सात साल पहले हाजीपुर में बदमाशों ने उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 11 बजकर 40 मिनट पर गांधी मैदान इलाके में गोपाल खेमका की हत्या कर दी गयी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की और उस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को गोपाल खेमका हत्याकांड की जांच शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया। पुलिस अधीक्षक (पटना मध्य) दीक्षा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय थाने के अधिकारी एवं गश्ती वाहनों में सवार पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक विशेषज्ञ साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं। जांच जारी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही हैं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गोपाल खेमका को मोटरसाइकिल सवार एक अज्ञात हमलावर ने गोली मारी।'' मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कानून व्यवस्था राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और लापरवाही बरतने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।'' बयान में कहा गया, ‘‘नीतीश ने संबंधित अधिकारियों को खेमका की हत्या के मामले की जांच जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश दिया।'' उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने व्यवसायी के शोकाकुल परिजनों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ हत्या नहीं है, बल्कि कानून व्यवस्था को चुनौती देने का प्रयास है। दुख की इस घड़ी में हम सभी पीड़ित परिवार के साथ हैं। इस जघन्य कृत्य में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। कानून को अपने हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जरूरत पड़ी तो मुठभेड़ का सहारा लिया जाएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में फरार अपराधियों की संपत्ति भी ध्वस्त की जा रही है। पुलिस और प्रशासन को अपराधियों से निपटने के लिए खुली छूट दी गई है।'' गोपाल खेमका के कुछ रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी घटना के करीब दो घंटे बाद मौके पर पहुंचे। हालांकि, बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने इस आरोप से इनकार किया। कुमार ने कहा, ‘‘पुलिस कार्रवाई में देरी का कोई सवाल ही नहीं है। दरअसल, घटना की जानकारी शुक्रवार देर रात करीब 12.30 बजे पुलिस तक पहुंची। शुक्रवार रात 11 बजकर 40 मिनट पर गोलीबारी होने के बाद परिवार के सदस्य उन्हें (खेमका) कंकड़बाग इलाके में एक निजी अस्पताल ले गए, जिसमें करीब 30 से 35 मिनट लगे। अस्पताल के अधिकारियों ने ही पुलिस को सूचना दी। वरिष्ठ अधिकारी रात करीब 12 बजकर 40 मिनट पर घटनास्थल पर पहुंचे।'' उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी रात करीब 12.40 बजे अपराध स्थल पर पहुंचे।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि व्यवसायी की हत्या मामले की जांच की निगरानी के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें विशेष कार्य बल और मध्य पुलिस जिले के अधिकारी शामिल हैं। कुमार ने कहा कि हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों के विश्लेषण और जांच के आधार पर पुलिस को हत्यारे और उससे जुड़े लोगों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। जांच चल रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘गोपाल खेमका के बेटे की भी 2018 में हाजीपुर में जमीन से जुड़े एक विवाद के कारण हत्या कर दी गई थी। इसके मद्देनजर गोपाल खेमका को भुगतान के आधार पर सुरक्षा प्रदान की गई थी। अप्रैल 2024 में इसे वापस ले लिया गया और उसके बाद उन्होंने कभी सुरक्षा की मांग नहीं की। कल की घटना के बाद पुलिस ने उनके दूसरे बेटे को सुरक्षा प्रदान की है, जो पेशे से डॉक्टर है।'' बिहार वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के उपाध्यक्ष आशीष शंकर ने कहा, ‘‘यह घटना गंभीर चिंता का विषय है। यह राज्य की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाती है। गोलीबारी गांधी मैदान थाने से कुछ मीटर की दूरी पर हुई, लेकिन पुलिस को मौके पर पहुंचने में कई घंटे लग गए।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह घटना हमें उन सालों की याद दिलाती है, जब ऐसी घटनाओं को आम बात माना जाता था।''
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘पटना में थाने से चंद कदम की दूरी पर बिहार के एक बड़े व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बिहार में हर महीने सैकड़ों व्यवसायी/कारोबारी मारे जा रहे हैं, लेकिन लोग इसे जंगलराज नहीं कह रहे हैं। इसे सरकार की ‘मीडिया मैनेजमेंट' और छवि निर्माण की कवायद कहा जाता है।'' कांग्रेस की बिहार इकाई के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर राज्य में कानून-व्यवस्था की दयनीय स्थिति को उजागर कर दिया है। राठौड़ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार बिगड़ती कानून-व्यवस्था को रोकने में विफल रही है।'' पूर्णिया से निर्दलीय लोकसभा सदस्य राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने ‘एक्स' पर लिखा, “कोई भी सुरक्षित नहीं है। राज्य में मौजूदा राजग सरकार द्वारा अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। नीतीश जी, कृपया बिहार को बख्श दीजिए।”
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नयी दिल्ली. अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम-4 मिशन के अन्य यात्रियों ने एक दिन के अवकाश के बाद शनिवार को अध्ययन किया कि हड्डियां सूक्ष्मगुरुत्व स्थितियों पर किस प्रकार प्रतिक्रिया करती हैं। यह एक ऐसा प्रयोग है, जिससे पृथ्वी पर ऑस्टियोपोरोसिस के बेहतर इलाज की संभावना बढ़ सकती है। शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत 26 जून को आईएसएस पर पहुंचे थे। उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन पर एक सप्ताह पूरा कर लिया है और एक दिन का अवकाश लिया था, जिसे उन्होंने धरती पर अपने परिवार और दोस्तों के साथ बातचीत कर बिताया। उड़ान के दसवें दिन, शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर विकिरण जोखिम की निगरानी के लिए एक प्रयोग में भी हिस्सा लिया, जो पृथ्वी से दूर लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों पर अंतरिक्ष यात्रियों की बेहतर सुरक्षा में मदद कर सकता है। एक्सिओम-4 (एक्स-4) चालक दल में शुक्ला (39) और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। इस मिशन में अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेग्गी व्हिटसन कमांडर हैं, शुक्ला पायलट हैं तथा पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कापू मिशन विशेषज्ञ हैं। एक्सिओम स्पेस ने एक बयान में कहा, ‘‘शुक्ला ने अंतरिक्ष सूक्ष्म शैवाल जांच के लिए नमूने तैनात किये। ये छोटे जीव एक दिन अंतरिक्ष में जीवन को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, भोजन, ईंधन और यहां तक कि सांस लेने योग्य हवा भी प्रदान कर सकते हैं। लेकिन पहले हमें यह समझना होगा कि ये सूक्ष्मगुरुत्व में कैसे विकसित होते हैं और कैसे अनुकूलित होते हैं।'' इन अंतरिक्ष यात्रियों ने आईएसएस पर हड्डियों के प्रयोग में हिस्सा लिया, जिससे यह जानकारी मिली कि अंतरिक्ष में हड्डियां किस प्रकार खराब होती हैं और पृथ्वी पर वापस आने पर वे किस प्रकार ठीक हो जाती हैं। एक्सिओम स्पेस ने कहा कि हड्डियों के निर्माण, सूजन और वृद्धि से संबंधित जैविक मार्कर का विश्लेषण करके, शोधकर्ता एक ‘डिजिटल ट्विन' का निर्माण कर रहे हैं। ‘डिजिटल ट्विन' एक भौतिक वस्तु, प्रक्रिया, या प्रणाली का एक आभासी, डिजिटल रूप है। यह वास्तविक दुनिया की वस्तु के साथ वास्तविक समय में डेटा का आदान-प्रदान करके, उसके व्यवहार को समझने, समस्याओं का पता लगाने और भविष्य की योजना बनाने में मदद करता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक अलग बयान में कहा कि शुक्ला ने आईएसएस पर ‘टार्डिग्रेड्स' से जुड़े सूक्ष्मगुरुत्व प्रयोग को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसरो ने कहा कि अध्ययन अंतरिक्ष में उनके अस्तित्व, पुनरुत्थान और प्रजनन व्यवहार पर केंद्रित था।
शुक्ला इसरो-नासा की संयुक्त परियोजना के तहत आईएसएस पर 14 दिवसीय मिशन पर हैं।
- पुरी। अपनी मौसी के घर श्री गुंडिचा मंदिर गए भगवान जगन्नाथ शनिवार को औपचारिक रूप से बड़े भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ वापसी के लिए ‘बहुड़ा यात्रा' पर रवाना हुए। वापसी यात्रा में हजारों भक्तों ने ‘पोहंडी' के बाद भगवान बलभद्र के ‘तलध्वज' के रथ को खींचा और गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब ने ‘छेरा पोहरा' (बुहारना) अनुष्ठान किया। कार्यक्रम के अनुसार रथ खींचने की शुरुआत शाम चार बजे होनी थी लेकिन यह तय समय से काफी पहले अपराह्न 2.45 बजे ‘जय जगन्नाथ', ‘हरिबोल' के जयघोष और झांझ-मंजीरों की ध्वनि के बीच शुरू हो गयी। देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथ भगवान बलभद्र के तालध्वज के पीछे चलें । इससे पहले, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के विग्रहों को क्रमशः ‘तालध्वज', ‘दर्पदलन' और ‘नंदीघोष' रथों पर ले जाया गया, जिसे ‘पोहंडी' कहा जाता है। ‘पोहंडी' शब्द संस्कृत शब्द ‘पदमुंडनम' से आया है, जिसका अर्थ है पैर फैलाकर धीमी गति से चलना। तीनों देवताओं की ‘पोहंडी' की शुरुआत चक्रराज सुदर्शन से हुई, उसके बाद भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और अंत में भगवान जगन्नाथ की ‘पोहंडी' की रस्म हुई। हालांकि ‘पोहंडी' की रस्म पहले दोपहर 12 बजे शुरू होनी थी, लेकिन यह बहुत पहले यानी पूर्वाह्न 10 बजे शुरू हो गई। इस रस्म में करीब दो घंटे लगे, जिसके बाद देव विग्रहों को रथों पर बैठाया गया। भव्य रथ - तलध्वज (बलभद्र), दर्पदलन (सुभद्रा) और नंदीघोष (जगन्नाथ) को श्रद्धालु श्री गुंडिचा मंदिर से खींचकर 12वीं शताब्दी के मंदिर, भगवान जगन्नाथ के मुख्य स्थान, तक ले जाया गया, जो लगभग 2.6 किलोमीटर की दूरी है।ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने बहुड़ा यात्रा के शुभ अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। माझी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बहुड़ा यात्रा के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं। भगवान की कृपा से सभी का जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भरा हो।'' घंटियों, शंखों और झांझों की ध्वनि के बीच पोहंडी अनुष्ठान संपन्न हुआ। भगवान बलभद्र के विग्रह को ‘धाड़ी पोहंडी' नामक पंक्ति में रथ पर ले जाया गया, जबकि भगवान जगन्नाथ की बहन देवी सुभद्रा के विग्रह को सेवादारों द्वारा ‘सूर्य पोहंडी'(रथ पर ले जाते समय देवी आकाश की ओर देखती हैं) नामक विशेष अनुष्ठान के साथ उनके ‘दर्पदलन' रथ पर लाया गया। जब भगवान जगन्नाथ का विग्रह अंततः श्री गुंडिचा मंदिर से बाहर लाया गया तो विशाल सड़क पर लोगों की भावनाएं उमड़ पड़ीं और भक्तों ने ‘जय जगन्नाथ' और ‘हरिबोल' नारों का जयघोष किया। ‘पोहंडी' से पूर्व, मंदिर के गर्भगृह से मुख्य देव विग्रहों के बाहर लाने से पहले, ‘मंगला आरती' और ‘मैलम' जैसे कई पारंपरिक अनुष्ठान किए गए। पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्यसिंह देब ने सभी रथों पर सुनहरे झाड़ू से रथों के फर्श को साफ करने की रस्म ‘छेरा पोहरा' निभाई। यह रस्म अपराह्न 1.35 बजे शुरू हुई। गजपति ने ‘छेरा पोहरा' रस्म की शुरुआत भगवान बलभद्र के तलध्वज रथ से शुरू की और उसके बाद भगवान जगन्नाथ के रथ पर और अंत में देवी सुभद्रा के रथ पर यह रस्म निभाई।
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नई दिल्ली। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने शनिवार को अपने उत्तराधिकारी को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह अगले 30 से 40 साल और जीवित रहेंगे और लोगों की सेवा करते रहेंगे।यह बात उन्होंने अपने 90वें जन्मदिन से एक दिन पहले मैकलोडगंज स्थित मुख्य मंदिर त्सुगलाखांग में एक दीर्घायु प्रार्थना समारोह के दौरान कही। दलाई लामा, जिनका मूल नाम तेनज़िन ग्यात्सो है, ने कहा कि उन्हें “स्पष्ट संकेत” मिल रहे हैं कि अवलोकितेश्वर (करुणा के बौद्ध देवता) की कृपा उनके साथ है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह स्वस्थ हैं और लगातार लोगों की सेवा करने का प्रयास कर रहे हैं। इस बयान को उनके उत्तराधिकारी की घोषणा को लेकर चल रही चर्चाओं के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा है कि उन्हें अवलोकितेश्वर (बौद्ध करुणा के देवता) का आशीर्वाद प्राप्त है और अब तक उन्होंने लोगों की भलाई के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों की प्रार्थनाओं का असर अब तक दिखा है और वे आगे 30-40 साल और जीने की आशा रखते हैं।दलाई लामा ने कहा, “हमने अपना देश खो दिया है और अब भारत में निर्वासन में रह रहे हैं। लेकिन इसी भारत में, खासतौर पर धर्मशाला में, मुझे बहुत से लोगों के कल्याण के लिए काम करने का अवसर मिला है।” उन्होंने यह भी कहा, “मैं आगे भी लोगों की सेवा और उनके हित में कार्य करता रहूंगा।” - नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्जेंटीना की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर भारतीय प्रवासियों के साथ अर्जेंटीना के लोगों में भी उत्साह दिखाई दे रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर खुशी जाहिर की और कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हम पीएम मोदी को इतने करीब से देख पाएंगे।भारतीय समुदाय की एक महिला सदस्य ने बताया कि “हमारे लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हम प्रधानमंत्री मोदी को इतने करीब से देख पाएंगे। उन्हें इतने करीब से देखना पिछले जन्म का आशीर्वाद जैसा लगता है। मुझे लगता है कि पीएम मोदी के रहते हम सुरक्षित हैं।” एक अन्य भारतीय प्रवासी मनोज कुमार ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि प्रधानमंत्री यहां आए हैं। मैं उनसे मिला हूं और यह बहुत अच्छी बात है। मैं उनसे सात साल पहले भी मिला था, जब वे यहां आए थे।”प्रधानमंत्री मोदी की अर्जेंटीना यात्रा पर एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमें अपने देश में पीएम मोदी का स्वागत करके और उनसे मिलकर बहुत खुशी है। हमें उनका यहां स्वागत करके बहुत खुशी हुई है और हमें यहां आमंत्रित किया जाना हमारे लिए सम्मान की बात है।”भारतीय प्रवासी समुदाय के एक सदस्य ने बताया कि “हम भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और गर्व के साथ पीएम मोदी का यहां स्वागत कर रहे हैं। इतने लंबे समय के बाद उन्हें देखना खुशी की बात है। हम भारत से बहुत दूर रहते हैं और उनकी यात्रा हमें समुदाय से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है और हमें एक साथ लाती है।”एक अन्य भारतीय प्रवासी ने कहा, “आज हमें प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का शानदार अवसर मिला और हम यहां आकर बहुत खुश हैं।” एक बुजुर्ग महिला ने कहा, “मुझे अच्छा लग रहा है और बहुत खुशी हो रही है। ऐसा लग रहा है कि जैसे मैंने भगवान के दर्शन कर लिए हों, जैसे ही पीएम मोदी यहां पहुंचे और उनको देखकर ऐसा लगा कि जैसे मेरे लिए किसी मंदिर के दरवाजे खुल गए हों।
- नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा के लिए आज जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से चौथा जत्था भोले बाबा के दर्शन के लिए रवाना हुआ। सुबह के शांत और भक्ति भरे माहौल में “बम बम भोले” और “बोले बाबा की जय” के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। इसके साथ ही श्रद्धालु ‘इंडियन आर्मी जिंदाबाद’ और ‘भारतीय सेना जिंदाबाद’ के नारे लगाते दिखे। यात्रा के दौरान कुछ श्रद्धालु अपने हाथों में गमले लिए हुए थे, जिनमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का स्टीकर लगा हुआ था। बातचीत में कुछ यात्रियों ने कहा, “सभी देशवासियों से यहीं कहना चाहते हैं कि इंडियन आर्मी पर भरोसा करें और जितना हो सके उतना हुजूम में अमरनाथ यात्रा पर आएं और यात्रा का आनंद उठाएं।”हजारों श्रद्धालुओं की आंखों में बाबा बर्फानी के दर्शन की ललक और मन में अपार श्रद्धा साफ झलक रही थी। इस जत्थे में देश के कोने-कोने से आए भक्त शामिल थे, जिनमें बुजुर्ग, युवा और महिलाएं सभी उत्साह से भरे हुए थे। यात्रा शुरू होने से पहले भगवती नगर बेस कैंप में भक्ति का अनोखा नजारा देखने को मिला। जैसे ही बसों और अन्य वाहनों का काफिला रवाना हुआ, माहौल में एक अलग ही जोश और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार देखने को मिला। कुछ श्रद्धालुओं ने बताया कि वे कई साल से इस पवित्र यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं, और हर बार यह अनुभव उनके लिए नया और अविस्मरणीय होता है। इसके साथ ही श्रद्धालु ‘जय-जय श्रीराम’ के नारे लगाते नजर आए। एक बुजुर्ग श्रद्धालु रामप्रसाद ने भावुक होकर कहा, “हम हर साल बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए आते हैं। उनके सामने सिर झुकाने का सुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। जम्मू-कश्मीर के बारे में पहले कुछ गलत धारणाएं थीं, लेकिन यहां आकर देखा तो सब कुछ शांत और व्यवस्थित है।” उन्होंने आगे कहा, “प्रशासन ने श्रद्धालुओं लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की है। खाने-पीने से लेकर रहने और सुरक्षा तक, हर चीज का पूरा ध्यान रखा गया है।” प्रशासन ने यात्रियों के लिए मेडिकल कैंप, लंगर और विश्राम स्थलों की भी व्यवस्था की है, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। स्थानीय लोग भी श्रद्धालुओं का गर्मजोशी से स्वागत कर रहे हैं।
- नई दिल्ली। हैदराबाद की कंपनी अनंत टेक्नोलॉजीज भारत की पहली निजी कंपनी बनने जा रही है, जो स्वदेशी सैटेलाइट के जरिए सैटेलाइट कम्युनिकेशन (सैटकॉम) सर्विस देगी। भारत के अंतरिक्ष और टेलीकॉम सेक्टर के लिए यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) ने अनंत टेक्नोलॉजीज को 2028 से देश में ब्रॉडबैंड-फ्रॉम-स्पेस सर्विस शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले के साथ कंपनी अब स्टारलिंक, यूरोप की यूरोसैट वनवेब और अमेजन के प्रोजेक्ट काइपर जैसे बड़े इंटरनेशनल प्लेयर्स के साथ सीधे मुकाबला कर सकेगी।अनंत टेक्नोलॉजीज 4 टन वजन वाले एक जियोस्टेशनरी (GEO) सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी कर रही है, जो 35,000 किलोमीटर की ऊंचाई पर तैनात होगा। यह सैटेलाइट पूरे भारत में 100 गीगाबिट प्रति सेकंड की डेटा स्पीड देगा। कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के लिए शुरुआती तौर पर 3,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। जरूरत पड़ने पर और फंडिंग की जाएगी।GEO सैटेलाइट का फायदा यह है कि एक ही सैटेलाइट पूरे भारत को कवर कर सकता है, जबकि स्टारलिंक जैसे लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स को पूरी तरह कवरेज के लिए कई सैटेलाइट्स की जरूरत पड़ती है। हालांकि, GEO सैटेलाइट्स में लेटेंसी (डेटा ट्रांसफर में देरी) LEO की तुलना में ज्यादा होती है।इधर, भारत में सैटकॉम सर्विस के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को जल्द ही भारत में काम शुरू करने की अंतिम मंजूरी मिलने वाली है। IN-SPACe ने स्टारलिंक को ड्राफ्ट लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया है, जिसके बाद औपचारिक मंजूरी मिल जाएगी। स्टारलिंक को मई में ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस मिल चुका है, जिसके बाद वह भारत में कमर्शियल सर्विस देने वाली तीसरी सैटकॉम कंपनी बन गई है। दूसरी ओर, वोडाफोन आइडिया ने अमेरिकी कंपनी AST स्पेसमोबाइल के साथ साझेदारी की है, ताकि स्मार्टफोन्स में सीधे सैटेलाइट फोन सर्विस दी जा सके। AST स्पेसमोबाइल ने हाल ही में अंतरिक्ष से पहला वॉयस और वीडियो कॉल करके अपनी तकनीक का लोहा मनवाया है। यह साझेदारी भारत के उन इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर केंद्रित है, जहां अभी नेटवर्क नहीं पहुंचा है।
- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वाहन चालकों को बड़ी राहत देते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों के कुछ हिस्सों पर टोल रेट्स में 50 प्रतिशत तक की कमी की है। इन हिस्सों में सुरंग, पुल, फ्लाईओवर और एलिवेटेड रोड जैसे स्ट्रक्चर शामिल हैं। इस कदम का उद्देश्य यात्रा की लागत को कम करना और सड़क यात्रा को लोगों के लिए अधिक किफायती बनाना है।सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 में संशोधन किया है और टोल चार्ज की गणना के लिए एक नया फॉर्मूला अधिसूचित किया है। नए नियम के अनुसार, अब टोल की गणना इस तरह से की जाएगी कि राजमार्ग के उन हिस्सों पर शुल्क में कमी आएगी, जिनमें मुख्य रूप से महंगे इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। अधिसूचना के अनुसार, अगर राष्ट्रीय राजमार्ग के किसी हिस्से में फ्लाईओवर या सुरंग जैसे स्ट्रक्चर शामिल हैं तो टोल की गणना या तो स्ट्रक्चर की लंबाई का दस गुना या राजमार्ग खंड की कुल लंबाई का पांच गुना दोनों में से कम मूल्य के आधार पर की जाएगी।मंत्रालय ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर राजमार्ग का 40 किलोमीटर का हिस्सा पूरी तरह से पुल या फ्लाईओवर जैसे स्ट्रक्चर से बना है तो टोल की गणना स्ट्रक्चर की लंबाई का 10 गुना (400 किमी) या कुल लंबाई का 5 गुना (200 किमी) में से कम मूल्य आधार यानी 200 किमी के आधार पर की जाएगी, जिससे प्रभावी रूप से दर आधी हो जाएगी। इससे पहले, वाहन चालकों को ऐसे स्ट्रक्चर के प्रत्येक किलोमीटर के लिए नियमित टोल दर से दस गुना अधिक भुगतान करना पड़ता था, क्योंकि इस प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और रखरखाव अधिक महंगा होता है।इस बीच, परेशानी मुक्त राजमार्ग यात्रा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले महीने निजी वाहनों के लिए एक नए फास्टैग-आधारित वार्षिक पास की घोषणा की। 3,000 रुपए की कीमत वाला यह पास इस साल 15 अगस्त से उपलब्ध होगा। विशेष रूप से गैर-वाणिज्यिक निजी वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए डिजाइन किया गया यह वार्षिक पास एक्टिवेशन की तारीख से एक वर्ष तक या 200 यात्रियों तक, जो भी पहले हो, तक वैलिड रहेगा।
- मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में लोगों से मराठी बोलने की अपेक्षा करना गलत नहीं है, लेकिन इसके लिए हिंसा का सहारा लेना अस्वीकार्य है और इस बारे में कोई भी हठधर्मिता नहीं अपना सकता। उन्होंने इस मुद्दे पर कानून को अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी। मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी हाल में हुई एक घटना के जवाब में आई है, जिसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने ठाणे जिले के भयंदर में एक ‘फूड स्टॉल’ मालिक पर मराठी न बोलने के कारण हमला किया था। इसके अलावा, मुंबई में एक व्यवसायी ने बयान जारी कर कहा था कि वह कई वर्षों से शहर में रहने के बावजूद मराठी नहीं बोलेगा।फडणवीस ने यहां विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘आप महाराष्ट्र में लोगों से मराठी बोलने के लिए कह सकते हैं, लेकिन आप मराठी को लेकर हठी नहीं हो सकते।’ उन्होंने कहा, ‘मराठी लोगों में अन्य भाषाओं के प्रति इतनी नफरत नहीं हो सकती।’ भाषाई श्रेष्ठता के प्रति आगाह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं भी मराठी हूं। अन्य राज्यों में भी मराठी लोग काम कर रहे हैं। अगर वहां भी उनके साथ ऐसा ही व्यवहार होता है तो यह उचित नहीं होगा। जो कोई भी कानून अपने हाथ में लेगा, उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।’उन्होंने भाषाओं को लेकर चुनिंदा तरीके से आक्रोश व्यक्त किए जाने की आलोचना की और कहा, ‘मुझे कभी-कभी आश्चर्य होता है कि ये लोग अंग्रेजी को कैसे अपना लेते हैं, लेकिन हिंदी को लेकर विवाद पैदा करते हैं। यह किस तरह की सोच है?’
- नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सांस्कृतिक संबंधों के लिए दूरी कोई बाधा नहीं है। यह बात उन्होंने अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में अल्वियर पैलेस होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे और पारंपरिक स्वागत के बाद कही।प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “सांस्कृतिक जुड़ाव के मामले में दूरी कोई बाधा नहीं है! ब्यूनस आयर्स में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए शानदार स्वागत से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह देखना वाकई बहुत अच्छा है कि कैसे घर से हज़ारों किलोमीटर दूर, भारत की भावना हमारे भारतीय समुदाय के माध्यम से चमकती है।”अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स स्थित अल्वियर पैलेस होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से ‘मोदी-मोदी’, ‘जय हिंद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। इस दौरान पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन किया गया, जिसमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की छाप दिखी। वहां मौजूद लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी से ऑटोग्राफ भी लिया।बता दें कि पीएम मोदी की यह अर्जेंटीना यात्रा 57 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती है। पीएम मोदी राष्ट्रपति जेवियर माइली के निमंत्रण पर अर्जेंटीना पहुंचे हैं। दोनों नेताओं के बीच आखिरी मुलाकात नवंबर 2024 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी अर्जेंटीना के राष्ट्रीय नायक जनरल जोस डी सैन मार्टिन की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा और राष्ट्रपति माइली के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी, जिसके बाद उनके सम्मान में दोपहर का भोजन आयोजित किया जाएगा। यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के साथ संबंधों को गहरा करना है। अर्जेंटीना की यात्रा के बाद पीएम मोदी ब्राजील जाएंगे, जहां वे ब्रासीलिया की द्विपक्षीय यात्रा करने से पहले रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद वे नामीबिया जाएंगे, जो उनकी यात्रा का अंतिम पड़ाव होगा।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर द्वारा आयोजित रात्रिभोज के दौरान अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति, सरयू और प्रयागराज के महाकुंभ का पवित्र जल भेंट किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत और कैरिबियाई राष्ट्र के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रिश्तों को उजागर किया।
इस संबंध में पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर द्वारा आयोजित रात्रिभोज में मैंने राम मंदिर की प्रतिकृति, सरयू नदी का पवित्र जल और महाकुंभ का जल भेंट किया। ये भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच गहरे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों का प्रतीक हैं।”उन्होंने एक अन्य पोस्ट में बताया, “रात्रिभोज में भोजन सोहारी के पत्ते पर परोसा गया, जो त्रिनिदाद और टोबैगो, खासकर भारतीय मूल के लोगों के लिए बहुत सांस्कृतिक महत्व रखता है। यहां त्योहारों और विशेष अवसरों पर इस पत्ते पर भोजन परोसने की परंपरा है।”पोर्ट ऑफ स्पेन में रात्रिभोज के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राणा मोहिप से मुलाकात की, जिन्होंने कुछ साल पहले महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भारत में ‘वैष्णव जन तो’ गाया था। उन्होंने भारतीय संगीत और संस्कृति के प्रति उनके जुनून की सराहना की।इससे पहले, गुरुवार को अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो तथा भारत के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को साझा किया।उन्होंने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में लिखा, “पोर्ट ऑफ स्पेन में भोजपुरी चौताल प्रदर्शन देखकर बहुत खुशी हुई। त्रिनिदाद एंड टोबैगो और भारत, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों के बीच का संबंध अद्भुत है। प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर लोगों में उत्साह दिखाई दिया और वे ढोल की थाप पर थिरकते नजर आए। इस दौरान पारंपरिक संगीत व प्रदर्शन के साथ स्थानीय और भारतीय संस्कृति का मिश्रण देखने को मिला।यह प्रधानमंत्री मोदी की 8 महीनों में कैरिबियाई क्षेत्र की दूसरी यात्रा है। इससे पहले नवंबर 2024 में उन्होंने गुयाना का दौरा किया था। यह दर्शाता है कि भारत कैरिबियाई देशों को कितना महत्व देता है और कैरिबियाई समुदाय के साथ भारत की बढ़ती साझेदारी को दर्शाता है। -
नई दिल्ली। स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें नमन किया है। पीएम मोदी ने उनके विचारों को मार्गदर्शन करने वाला बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स हैंडल पर स्वामी विवेकानंद की 123वीं पुण्यतिथि पर भावनाएं व्यक्त कीं। लिखा, “मैं स्वामी विवेकानंद जी को उनकी पुण्यतिथि पर नमन करता हूं। उनके विचार और समाज के लिए उनकी दृष्टि हमारे लिए मार्गदर्शक प्रकाश बनी हुई है। उन्होंने हमारे इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर में गर्व और आत्मविश्वास की भावना जगाई। उन्होंने सेवा और करुणा के मार्ग पर चलने पर भी जोर दिया।”
बता दें, पीएम मोदी ने यह पोस्ट शुक्रवार सुबह किया। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में नरेंद्र नाथ दत्त के रूप में हुआ था। श्री रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बनने के बाद, उन्होंने आध्यात्मिकता और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया।स्वामी विवेकानंद ने हमें सिखाया कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर हमारी ताकत है, और इसे गर्व के साथ अपनाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने मानवता की सेवा को जीवन का परम लक्ष्य बताया। उनकी शिक्षाएं आज भी हमें एकजुटता, करुणा और आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाती हैं।स्वामी जी ने 1893 में शिकागो के विश्व धर्म संसद में उनके ऐतिहासिक भाषण ने विश्व मंच पर भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म की गौरवगाथा को प्रस्तुत किया। उनके इस भाषण ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में लोगों को प्रभावित किया। स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जो आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य और मानव सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।उन्होंने भारतीय युवाओं को आत्मविश्वास और सांस्कृतिक गर्व का संदेश दिया। उनका कथन, “उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो,” आज भी लोगों को प्रेरित करता है। उन्होंने धर्म को केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं माना, बल्कि इसे जीवन के हर क्षेत्र में लागू करने की वकालत की। उनके लिए सेवा और करुणा सच्चे धर्म के आधार थे।उनके विचारों ने भारतीय समाज में राष्ट्रवाद की भावना को बल दिया और युवाओं को देश के पुनर्निर्माण के लिए प्रेरित किया। उनकी जयंती, 12 जनवरी, भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है, जो उनकी युवा शक्ति के प्रति अटूट विश्वास को दर्शाता है। - नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घाना का सर्वोच्च सम्मान दिए जाने की परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के महाराज चिदानंद मुनि ने सराहना की। सरकार की विदेश नीति की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि जैसे भगवान राम सभी को लेकर आगे बढ़े थे, वैसे ही पीएम मोदी भी सबको साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी चाहते हैं कि देश की पहचान बने, उनकी खुद की नहीं। मुझे लगता है कि भारत भाग्यशाली है कि हमारे पास ऐसा प्रधानमंत्री है। जहां भी जाते हैं, पूरे भारत का सम्मान होता है। पीएम मोदी 140 करोड़ लोगों को साथ लेकर चलते हैं। वहीं, भारतीय जहां भी गए देश के झंडे गाड़े। विदेश में मौजूद भारतीयों ने अपने देश का सम्मान बढ़ाया।चिदानंद मुनि ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने कई प्रधानमंत्री देखे, लेकिन नरेंद्र मोदी जैसा कोई नहीं देखा। पीएम मोदी ने भारत को सम्मान दिलाया, नई ऊंचाई प्रदान की, भारत के नाम को पूरे विश्व में ऊंचा स्थान दिलाया है। यही कारण है कि आज पूरा विश्व पीएम मोदी का सम्मान करता है। बात सिर्फ इसकी नहीं कि दुनिया के 24 देशों ने उन्हें अपने राष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान दिया, बल्कि ऐसा समय आ रहा है कि हर देश भारत का सम्मान करेगा। पीएम मोदी खुद कहते हैं कि यह उनका नहीं देश की 140 करोड़ जनता का सम्मान है।”भारत सरकार की विदेश नीति की तारीफ करते हुए चिदानंद मुनि ने कहा, “घाना में आज तक भारत के कितने प्रधानमंत्री गए? पिछले 20 साल में जाने वाले नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं। पीएम मोदी छोटे-छोटे देशों को भी महत्व दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि अगर भविष्य में भारत के महत्व को बढ़ाना है तो इन सभी देशों से अच्छा संबंध रखना होगा। जैसे भगवान राम ने शबरी और केवट को गले लगाया और जहां भी गए सबको साथ लिया, ठीक इसी तरह पीएम मोदी भी सबको साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं।”उन्होंने कहा, “करीब 20 साल पहले जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे, उस समय उन्होंने विश्व हिंदू सम्मेलन में भारतीय प्रवासी पर एक घंटे का अद्भुत भाषण दिया था, जिसको सुनने के बाद भारत का जनमानस झूम उठा था। नरेंद्र मोदी की मर्यादा, अनुशासन और राष्ट्र प्रेम का दर्शन हमने उस समय ही कर लिया था, जब वह प्रधानमंत्री नहीं थे। पीएम मोदी राष्ट्रप्रेमी हैं, जिसके कारण उन्हें सप्ताह में सातों दिन चौबीसों घंटे काम करने की ऊर्जा मिलती है, जो अद्भुत और अलौकिक है। साधारण व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता।”चिदानंद मुनि ने कहा, “पीएम मोदी के दौरे पर त्रिनिदाद में पूरे स्कूल, कॉलेज और ऑफिस बंद कर दिए गए हैं, ताकि लोग उन्हें देख, सुन सकें। पूरा देश उनके आने का उत्सव मना रहा है। जब वह घाना में थे, तो सभी ने देखा कि किस तरह से पीएम मोदी का सम्मान हुआ। केवल घाना ही नहीं बल्कि हर देश उन्हें सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित कर रहा है।
- नई दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टेलीविजन रेटिंग एजेंसियों के लिए 2014 में जारी नीति दिशा-निर्देशों में संशोधन का प्रस्ताव किया है। प्रस्तावित मसौदे में मीडिया घरानों के लिए कुछ प्रतिबंधात्मक प्रावधानों को हटा दिया गया है, ताकि देश में टेलीविजन दर्शकों की माप प्रणाली को लोकतांत्रिक और आधुनिक बनाया जा सके। वर्तमान में टीवी रेटिंग प्रदान करने वाली एक मात्र एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल – बार्क है। प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य टीवी रेटिंग के क्षेत्र में कई एजेंसियों के माध्यम से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, नई तकनीक लाने और विशेष रूप से कनेक्टेड टीवी प्लेटफ़ॉर्म के लिए अधिक विश्वसनीय और प्रतिनिधि डेटा प्रदान करने की अनुमति देना है।मंत्रालय ने ड्राफ्ट जारी होने के 30 दिन के भीतर हितधारकों और आम जनता से सुझाव मांगे हैं।मौजूदा नियम 2014 के हैं, जो अब पुराने हो चुके हैं। भारत में लगभग 23 करोड़ घरों में टेलीवीजन हैं, लेकिन केवल 58 हज़ार घरों से डाटा लिया जाता है, जो कुल टीवी घरों का केवल दशमलव शून्य दो-पांच प्रतिशत है। यह डाटा स्मार्ट टीवी, स्ट्रीमिंग डिवाइस और मोबाइल एप्लिकेशन जैसे आधुनिक प्लेटफार्मों पर दर्शकों की संख्या को पूरी तरह से नहीं दर्शाता है।मंत्रालय ने उल्लेख किया कि यह सीमित पैमाना विभिन्न क्षेत्रों और जनसांख्यिकी में विविधता देखने की प्राथमिकताओं का पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है। इन बदलावों को पहचानते हुए, मीडिया जगत में मनोरंजन की वर्तमान सामग्री उपभोग की आदतों को सही ढंग से दर्शाने के लिए टेलीविजन रेटिंग प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता है।
- नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अमेरिका की ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट को भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया है। सेबी का आरोप है कि यह फर्म बाजार में हेराफेरी कर रही थी और गैरकानूनी तरीके से भारी मुनाफा कमा रही थी। सेबी ने एक अंतरिम आदेश में Jane Street को 4,844 करोड़ रुपये की अवैध कमाई लौटाने का भी निर्देश दिया है।सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने 105 पेज के आदेश में लिखा है कि, “इस मामले के तथ्यों को देखते हुए तत्काल रोक (cease and desist) के आदेश जरूरी हैं। जब तक जांच पूरी नहीं होती और उससे जुड़े मामले निपट नहीं जाते, सभी एक्सचेंजों को JS Group की सभी गतिविधियों पर लगातार नजर रखनी होगी, ताकि यह फर्म भविष्य में किसी भी तरह की हेराफेरी न कर सके। यह निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए जरूरी है।”सेबी के मुताबिक जेन स्ट्रीट का तरीका कुछ इस तरह था—कंपनी पहले ऑप्शंस सेगमेंट में आक्रामक पोजिशन बनाती थी और फिर शेयर बाजार (cash और futures segment) में बड़ी खरीदारी करके दाम को प्रभावित करती थी। खासकर साप्ताहिक इंडेक्स ऑप्शन की एक्सपायरी वाले दिनों में, जब कैश और फ्यूचर्स सेगमेंट में ट्रेडिंग कम होती है, उस वक्त यह कंपनी भारी ट्रेडिंग करके इंडेक्स को अपनी दिशा में मोड़ देती थी और ऑप्शंस में मोटा मुनाफा कमाती थी। जांच में पाया गया कि जेन स्ट्रीट ने Bank Nifty के 12 स्टॉक्स और उनके फ्यूचर्स में भारी खरीदारी की, जिससे इन शेयरों के दाम ऊपर गए और कंपनी ने ऑप्शंस में बड़ी पोजिशन बनाकर मोटा फायदा उठाया। सेबी के अनुसार,जेन स्ट्रीटने बैंक निफ्टी से जुड़े शेयरों में (कैश और फ्यूचर्स दोनों सेगमेंट में) असामान्य रूप से अधिक संख्या में बाय ऑर्डर दिए, जो आखिरी सौदे की कीमत के बराबर या उससे ऊपर थे। इससे इन शेयरों की कीमतें बढ़ाने या उन्हें ऊंचा बनाए रखने की कोशिश की गई।सेबी का कहना है कि जेन स्ट्रीट ने एक्सपायरी वाले दिन जानबूझकर बाजार को ऐसे बंद करने की रणनीति अपनाई, जिससे उसे उसके बड़े इंडेक्स ऑप्शन पोजिशन में फायदा मिल सके। सेबी के मुताबिक, यह PFUTP (Prohibition of Fraudulent and Unfair Trade Practices) रेगुलेशन का प्राथमिक रूप से उल्लंघन माना जा सकता है।सेबी के ऑर्डर के अनुसार, जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच जेन स्ट्रीट ने ऑप्शंस ट्रेडिंग से 44,358 करोड़ का मुनाफा कमाया। हालांकि, इसी दौरान कंपनी को स्टॉक फ्यूचर्स में ₹7,208 करोड़, इंडेक्स फ्यूचर्स में ₹191 करोड़ और कैश सेगमेंट में ₹288 करोड़ का नुकसान हुआ। कुल मिलाकर, इस अवधि मेंजेन स्ट्रीट को ₹36,671 करोड़ का शुद्ध लाभ हुआ।--
- नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को कहा कि शहरी निकाय लोकतंत्र की बुनियाद हैं और जनता से सीधे जुड़े होते हैं। उन्हें संवाद और आदर्श प्रथाओं के जरिए अधिक उत्तरदायी और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए। सदन नियमित चले, मुद्दों पर चर्चा हो, जवाबदेही सुनिश्चित हो, यही लोकतंत्र की सच्ची परंपरा है, जिसे हमें विकसित करना होगा।ओम बिरला गुरुग्राम के मानेसर में शहरी निकायों के राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने लोकतंत्र की मजबूती और जवाबदेह शासन के लिए शहरी स्थानीय निकायों को संवाद और आदर्श आचरण के जरिए सशक्त बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि निकाय प्रतिनिधि जनता से सीधा संवाद करते हैं और समस्या व संकट की सबसे पहली जानकारी इन्हें मिलती है। ऐसे में संवाद से इनका समाधान निकल सकता है। इसी सोच से संसद की संरक्षक की भूमिका को समझते हुए श्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करने की यह पहल की गई है।उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को उच्च स्तर पर ले जाना सभी की जिम्मेदारी है। शहरी क्षेत्रों में एक उत्तरदायी और पारदर्शी निकाय प्रणाली विकसित होनी चाहिए। सदन में प्रश्नोत्तर हों, मुद्दों पर चर्चा हो, बैठकें नियमित चलें—यह परंपरा विकसित की जानी चाहिए। साथ ही इन निकायों में जनहितधारकों जैसे बुद्धिजीवी वर्ग, पर्यावरणविद को नीतिगत प्रक्रिया और बजट निर्माण में शामिल किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि निकायों में समितियां बनें और संसद की तरह कार्य करें। उन्होंने उल्लेख किया कि 18वीं लोकसभा में सकारात्मक परिवर्तन आया है और सभी दलों ने सदन को चलाने की दिशा में सहयोग दिखाया है। अब रुकावट डालने वाले स्वयं समाज के प्रति उत्तरदायी होंगे। हमें यह सोचकर भी कार्य करना चाहिए कि भविष्य में राजनीतिक नेतृत्व शहरी निकायों से ही निकलेगा।हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि शहरी निकायों की जड़ें जितनी मजबूत होंगी, राष्ट्र उतना ही मजबूत बनेगा। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम निकाय एक विकास मॉडल है जिसे वर्ष 2050 तक 75 लाख की आबादी के लिए तैयार किया जा रहा है। निकायों को पारदर्शी और आधुनिक बनाना ज़रूरी है। स्मार्ट सिटी, स्वच्छता और पर्यावरण को प्राथमिकता दी जा रही है और प्रधानमंत्री का विजन है कि शहर स्लम मुक्त हों।सम्मेलन की जानकारी देते हुए लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि इस आयोजन की प्रेरणा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिली। उनका मानना है कि संसद को अन्य निकायों का संरक्षक बनना चाहिए। यह पहली बार है जब शहरी निकायों के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य यह समझाना है कि शहरी निकाय राष्ट्र निर्माण में कैसे भूमिका निभा सकते हैं। यह अवसर है कि निकाय अपनी जिम्मेदारी को समझें और जनता की जरूरत के अनुसार काम करें। इस सम्मेलन के दूरगामी परिणाम होंगे और हरियाणा में इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।उल्लेखनीय है कि यह दो दिवसीय सम्मेलन 3 से 4 जुलाई तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें देशभर से नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के सभापति भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में शहरीकरण, महिला सशक्तीकरण, विकसित भारत 2047 में योगदान, पारदर्शिता और निकाय शासन के पांच उप विषयों पर गहन चर्चा की जाएगी।













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