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- नयी दिल्ली। विराट कोहली की इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के बाकी मैचों के लिए भारतीय टीम में वापसी पर स्थिति अब भी अस्पष्ट बनी हुई है और बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी पूर्व कप्तान से उनकी योजनाओं के बारे में जल्द से जल्द बात करने पर विचार कर रहे हैं। कोहली इस समय देश से बाहर हैं। समझा जा सकता है कि चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर या बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी अधिक स्पष्टता के लिए उनसे बात करेंगे ताकि पता चल सके कि वह टीम में शामिल होने की स्थिति में हैं या नहीं। कोहली ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों से हटने का फैसला किया था। कोहली का टेस्ट से बाहर होने का व्यक्तिगत कारण उनके दूसरे बच्चे के जन्म का इंतजार है जिसका खुलासा उनके करीबी मित्र और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर टीम के पूर्व साथी एबी डिविलियर्स ने अपने यूट्यूब चैनल पर किया। डिविलियर्स ने कहा कि कोहली ने ब्रेक लेकर बिल्कुल सही काम किया है।उन्होंने कहा, ‘‘ हां, उनके दूसरे बच्चे का जन्म होने वाला है। यह परिवार का समय है और यह समय उनके लिए महत्वपूर्ण हैं। मुझे लगता है कि ज्यादातर लोगों की प्राथमिकता परिवार है। आप इसके लिए विराट को नहीं आंक सकते। हां, हमें उसकी कमी खल रही है। लेकिन उन्होंने बिल्कुल सही फैसला किया है। '' शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर को इंग्लैंड के खिलाफ चल रहे टेस्ट की दूसरी पारी में अच्छा खेलना होगा क्योंकि केएल राहुल 14 फरवरी से राजकोट में शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट के लिए समय पर फिट हो सकते हैं। इंग्लैंड के खिलाफ बचे हुए तीन टेस्ट मैच के लिए टीम की घोषणा दूसरे टेस्ट के खत्म होने के बाद अगले हफ्ते की जायेगी।
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नयी दिल्ली. भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कहा है कि 13 महीने पहले हुए भयावह कार हादसे के बाद उन्हें अपना दाहिना पैर गंवाने का डर था । पंत दिसंबर 2022 में दिल्ली से अपने परिवार के पास अपने शहर रूड़की जा रहे थे जब उनकी कार सड़क के बीच डिवाइडर से टकरा गई । वह उस समय मीरपुर टेस्ट में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाकर बांग्लादेश से लौटे ही थे ।
उन्होंने स्टार स्पोटर्स की सीरिज ‘बिलीव : टू डैथ एंड बैक' में कहा ,‘‘ अगर कोई नस क्षतिग्रस्त होती तो पैर गंवाने का डर था । मैं उस समय डर गया था ।'' पंत ने कहा ,‘‘ मैंने एसयूवी ली थी लेकिन वह बाद में सेडान लग रही थी । हादसे को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनके दाहिने घुटने की हड्डी खिसक गई थी और उन्हें काफी दर्द हो रहा था । उन्होंने कहा ,‘‘ वहां आसपास कोई था तो मैने पूछा कि पैर को वापिस जगह पर लाने में मदद कर सकता है । उसने मेरे घुटने को सही जगह पर पहुंचाने में मदद की ।'' दो व्यक्तियों रजत कुमार और निशु कुमार ने पंत को उनकी एसयूवी से निकाला जो बाद में आग की लपटों में थी । पंत ने कहा ,‘‘ जीवन में पहली बार ऐसा महसूस हुआ । हादसे के समय चोट के बारे में तो पता था लेकिन मैं खुशकिस्मत था क्योंकि यह और गंभीर हो सकती थी ।'' पंत का शुरूआती इलाज देहरादून में हुआ जिसके बाद उन्हें हवाई जहाज से मुंबई ले जाया गया जहां बीसीसीआई ने विशेषज्ञ से उनका इलाज कराया । दाहिने घुटने के सभी तीनों लिगामेंट के आपरेशन के बाद पंत ने बेंगलुरू में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में रिहैबिलिटेशन शुरू किया । पंत मार्च में आईपीएल के जरिये वापसी कर सकते हैं ।
उन्होंने कहा कि हर कोई उन्हें गाड़ी चलाने के लिए मना कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अब मुझे कहा जा रहा है कि ‘यार बिलकुल गाड़ी नहीं चलाना'। लेकिन कोई भी मुझसे ज्यादा डरा नहीं था। मैं अब भी गाड़ी चलाऊंगा क्योंकि मुझे गाड़ी चलाना पसंद है। एक हादसा हो गया तो इसका मतलब यह नहीं कि तुम इन चीजों को फिर दोबारा नहीं करोगे। '' पंत ने कहा कि वह करीब एक महीने तक बिस्तर पर रहे और सामान्य चीजें करने के लिए परेशान थे। उन्होंने धीरे धीरे घूमना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे अपने दांत साफ करना इतना अच्छा लगेगा। जब मैं नहाने गया तो मैं ‘बाथ टब' से निकलना ही नहीं चाह रहा था। इन छोटी छोटी चीजों में मुझे खुशी मिली क्योंकि मैं भाग्यशाली था कि मुझे दूसरी जिंदगी मिली। हर कोई दूसरी जिंदगी मिलने के लिए भाग्यशाली नहीं होता। '' पंत ने कहा, ‘‘डॉक्टरों ने भी कहा कि दुर्घटना के बाद कोई फ्रेक्चर नहीं था। वे मुझे हमेशा कहते कि मैं भाग्यशाली हूं। निश्चित रूप से यह इतना भयानक हादसा था और लोगों को बुरा लगता है कि यह मेरे साथ हुआ। मैं भाग्यशाली कैसे हो सकता हूं? लेकिन इसका दूसरा पक्ष है कि हादसे के बाद भी मैं जीवित था। '' -
मुंबई. सचिन तेंदुलकर ने अपने मित्रों को ‘अपने जीवन का पहला मैच' देखने के लिए आमंत्रित किया था लेकिन उन्हें निराश होकर घर लौटना पड़ा क्योंकि दुनिया का सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाज पहली ही गेंद पर आउट हो गया। अपनी कॉलोनी के मुख्य बल्लेबाज तेंदुलकर ने अपने समर्थकों के समूह के सामने कुछ बहाने बनाए और उन्हें मना लिया कि उनके आउट होने में उनकी गलती नहीं थी। उनके वही मित्र उनके दूसरे मैच के लिए भी मैदान में पहुंचे लेकिन इस बार भी तेंदुलकर उन्हें निराश करते हुए पहली ही गेंद पर आउट हो गए। तेंदुलकर ने अपने तीसरे मैच के लिए अपने मित्रों को मैदान पर नहीं बुलाया। उन्हें किस्मत में बदलाव की उम्मीद थी लेकिन इस बार भी भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया और वह एक रन बनाकर सिर्फ खाता ही खोल पाए। तेंदुलकर हालांकि यह ‘एक रन' बनाकर राहत महसूस कर रहे थे और मैदान से खुश होकर घर लौटे क्योंकि उन्होंने उस सफर की शुरुआत कर दी थी जिसे क्रिकेट का चेहरा हमेशा के लिए बदलना था। तेंदुलकर ने बुधवार को कहा, ‘‘अपने जीवन के पहले मैच में मैंने साहित्य सहवास के अपने सभी मित्रों को बुलाया था। मैं अपनी कॉलोनी का मुख्य बल्लेबाज था और मैंने उन्हें मैच देखने के लिए बुलाया था। मेरे सभी मित्र आए और मैं पहली गेंद पर आउट हो गया जो काफी निराशाजनक था।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कुछ बहाने बनाए जो आमतौर पर गली क्रिकेट में स्वीकार्य होते थे। मैंने कहा कि गेंद नीची रह गई थी और वे सभी मान गए। मैंने अगले मैच में उन्हें फिर बुलाया और मैं फिर पहली गेंद पर आउट हो गया।'' मास्टर ब्लास्टर के नाम से मशहूर तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मैंने फिर बहाना बनाया और कहा कि गेंद थोड़े अधिक उछाल के साथ आई थी और यह पिच की गलती थी, मेरी नहीं। लेकिन तीसरे मैच में मैंने कहा कि मैं उन्हें नहीं बुलाऊंगा क्योंकि मैं उनका समय बर्बाद कर रहा हूं। (मैंने सोचा) मैं अकेला जाऊंगा।'' तेंदुलकर ने कहा कि तब उन्होंने एक रन बनाने की अहमियत समझी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं गया और मैंने एक रन बनाया। मुझे याद है कि मैंने पांच-छह गेंद खेली और एक रन बनाकर आउट हुआ। लेकिन कहीं मैं खुश था, मैंने एक रन बनाया था। मैं शिवाजी पार्क से बांद्रा वापस गया। बस का यह सफर सुखद था क्योंकि मैंने एक रन बनाया था। '' अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक जड़ने वाले इस एकमात्र बल्लेबाज ने कहा, ‘‘मैंने एक रन बनाने की अहमियत महसूस की क्योंकि बाद में सभी कहते थे कि एक रन आप पर भारी पड़ सकता है, आप जीत सकते हैं या हार सकते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह इतना बड़ा बदलाव था। शुरुआती दो मैच में मैंने शून्य बनाया और फिर एक रन बनाया और घर चला गया। उस एक रन ने मेरा मूड बदल दिया।'' इस महान बल्लेबाज ने साथ ही खुलासा किया कि शहर में अपने पहले घर बांद्रा के साहित्य सहवास में स्ट्रेट ड्राइव खेलने से उन्हें इस शॉट में माहिर बनने में मदद मिली और बाद में उनके कोच रमाकांत आचरेकर ने इसे और निखारा। तेंदुलकर ने यहां इंडियन स्ट्रीट प्रीमियर लीग (आईएसपीएल) के कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘मेरा पसंदीदा शॉट गेंदबाज के पीछे स्ट्रेट ड्राइव था। मैंने साहित्य सहवास में यह शॉट खेलना शुरू किया क्योंकि वहां (गेंदबाज के पीछे) कोई क्षेत्ररक्षक नहीं होता था।'' उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं शिवाजी पार्क गया और आचरेकर सर के साथ अभ्यास शुरू किया तो वह मुझे कहते थे कि मुझे बिलकुल सीधे बल्ले के साथ खेलना चाहिए और यह गेंद को खेलने का सबसे सुरक्षित तरीका है।'' -
मस्कट. मोहम्मद राहील की हैट्रिक के बावजूद भारत को एफआईएच हॉकी5 पुरूष विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में मंगलवार को नीदरलैंड ने 7 . 4 से हरा दिया । राहील (पहला, सातवां और 25वां मिनट) के अलावा मनदीप मोर (11वां मिनट) ने भारत के लिये गोल दागे ।
नीदरलैंड के लिये सैंडर डे विज्न (चौथा और 15वां) और अलेक्जेंडर शॉप (10वां और 26वां) ने दो गाल किये जबकि लुकास मिडेनडोर्प (12वां), जैमी वान आर्ट (13वां) और पेपिन रेयेंगा (20वां) ने एक एक गोल किया । मैच की शुरूआत काफी अच्छी रही और भारत के लिये राहील ने पहले ही मिनट में गोल दागा ।
इसके बाद नीदरलैंड को सैंडर ने बराबरी दिलाई । भारत ने जवाबी हमले तेज किये और सातवें मिनट में राहील ने दूसरा गोल दाग दिया । इसे शॉप ने दसवें मिनट में उतारा । मनदीप ने अगले मिनट भारत को फिर बढत दिलाई । नीदरलैंड ने तेजी से मिले बोलना जारी रखा जिसमें मिडेनडोर्प और वान आर्ट ने गोल दाग दिये । हाफटाइम से ठीक पहले सैंडर ने दूसरा गोल करके नीदरलैंड को अच्छी बढत दिला दी । दूसरे हाफ में रेयेंगा और शॉप ने बढत में इजाफा किया । राहील ने 25वें मिनट में हैट्रिक पूरी की लेकिन भारत को जीत नहीं दिला सके । अब भारत का सामना पांचवें से आठवें स्थान के मुकाबले में कीनिया से होगा । -
विशाखापत्तनम. भारत को पांच मैचों की श्रृंखला के पहले मुकाबले में 28 रन से हराने वाले इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने इस दौरे से पहले ही कहा था कि टीम में जिन खिलाड़ियों का चयन हुआ है, वे भारत को उसकी धरती पर मात देने का हमें सर्वश्रेष्ठ मौका देने में सक्षम हैं । टॉम हार्टले ने अपने पहले टेस्ट में ही भारत की दूसरी पारी में सात विकेट लेकर इंग्लैंड को 28 रन से यादगार जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इंग्लैंड की टीम हैदराबाद में खेले गये पहले टेस्ट में सिर्फ एक तेज गेंदबाज मार्क वुड के साथ मैदान में उतरी और उसकी यह रणनीति कामयाब रही। स्टोक्स ने भारत के खिलाफ पांच मैचों की श्रृंखला के शुरुआती मुकाबले से पहले ‘जियो सिनेमा' को दिये साक्षात्कार में कहा था, ‘‘ मुझे लगता है कि कभी-कभी अनुभवहीनता को ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है। इसमें हालांकि कोई संदेह नहीं है कि अनुभवी खिलाड़ी खास कर इन परिस्थितियों में अधिक सहज महसूस करता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ इस दौरे के लिए हमने जिन स्पिनरों को चुना है, हमें लगता है कि वे हमें भारत को हराने का सबसे अच्छा मौका देंगे। मेरे लिए, यह सिर्फ स्पिनरों के बारे में नहीं है। यह उनके पास मौजूद प्रतिभा को समझना और उन्हें वहां जाकर उस प्रतिभा को व्यक्त करने की छूट देने के बारे में है। हम चाहते हैं कि वे परिणाम के बारे में ज्यादा चिंता किये बिना अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करें।'' इस श्रृंखला से पहले इंग्लैंड के खेमें में स्पिन गेंदबाजों की अनुभवहीनता की चर्चा हो रही थी लेकिन स्टोक्स ने कहा कि वह ऐसी बातों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एक गेंदबाज के तौर पर आपका का विकेट लेना होता है। एक बल्लेबाज के तौर पर आपका काम रन बनाना होता है। इसके बारे में इससे ज्यादा सोचने से चीजें जटिल होने लगती है। मैं खिलाड़ियों के मन से नतीजे को लेकर डर और चिंता को दूर कर रहा हूं।'' भारत को 2012 में एलिस्टेयर कुक की कप्तानी वाली इंग्लैंड की टीम के बाद टेस्ट श्रृंखला में किसी ने नहीं हराया है। भारत को उसकी सरजमीं पर हरने की चुनौती के बारे में पूछे जाने पर स्टोक्स ने कहा, ‘‘ भारत एक ऐसी जगह है जहां आकर एक भी टेस्ट जीतना मुश्किल है, पांच मैचों की श्रृंखला की तो बात ही छोड़ दीजिए। जो भी टीम यहां आई है उसके लिए यह एक मिशन रहा है कि वह भारत को मात दे। हम इसे समझते हैं और इसका सम्मान करते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ यह हमारे लिए एक मौके की तरह है। हमारे पास शानदार मौका है। हमने जो टीम में जिन स्पिनरों, तेज गेंदबाजों और बल्लेबाजों के चुना, मुझे लगता है कि यह हमें भारत में श्रृंखला जीतने का सबसे अच्छा मौका देगा।''
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हैदराबाद. घरेलू क्रिकेट में पिछले एक दशक से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे वामहस्त स्पिनर सौरभ कुमार ने इंग्लैंड के खिलाफ दो फरवरी से विशाखापत्तनम में होने वाले दूसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने के बाद कहा कि यह सपने के सच होने जैसा है। तीस साल का यह स्पिनर 2022 में श्रीलंका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के लिए राष्ट्रीय टीम में जगह बना चुका है लेकिन उन्हें अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली थी। सौरभ को उम्मीद है कि इंग्लैंड के खिलाफ उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। इस बात की हालांकि कोई गारंटी नहीं है कि उत्तर प्रदेश के इस खिलाड़ी को विशाखापत्तनम में कुलदीप यादव या वाशिंगटन सुंदर से पहले पदार्पण का मौका मिलेगा। उनके पास कम से कम रोहित शर्मा या रविचंद्रन अश्विन जैसे भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने का मौका होगा। सौरभ ने कहा, ‘‘भारतीय टीम का हिस्सा बनना हमेशा से एक सपना रहा है। मेरा मतलब है कि कौन सा क्रिकेटर ऐसा नहीं चाहेगा? इसके लिए बहुत सारी चीजों को एक साथ आने की जरूरत है, लेकिन मेरे पास थोड़ा अनुभव है।'' वह जिस अनुभव का जिक्र कर रहे थे वह 2021 में इंग्लैंड के भारत के पिछले दौरे के बारे में था जब वह भारतीय टीम में नेट गेंदबाज थे। उन्होंने कहा, ‘‘ आपको विराट कोहली या रोहित शर्मा को गेंदबाजी करने का ज्यादा मौका नहीं मिलता है। वे राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के कारण रणजी ट्रॉफी या अन्य घरेलू मैचों में शायद ही खेलते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ यह मेरे लिए एक मौका था। इससे उन पर करीब से नजर डालने और अध्ययन करने का मौका मिलता है। कुछ शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों को गेंदबाजी करना और उनके साथ बातचीत करना एक शानदार अनुभव था। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला।'' भारतीय क्रिकेट प्रणाली में आम तौर पर 30 की उम्र के पास पहुंचने पर खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम के लिए पदार्पण का सपना छोड़ने लगते है लेकिन दिवंगत बिशन सिंह बेदी को आदर्श मानने वाले सौरभ कभी हार नहीं मानना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ बिशन सर मुझसे कहते थे कि कड़ी मेहनत करते रहो और जब भी मौका मिले अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहो।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं वास्तव में कभी भी खुद को नेट या गेंदबाजी से दूर नहीं रखता।''
वह अपने कौशल को निखारने के लिए दिल्ली में बेदी के ग्रीष्मकालीन शिविरों में नियमित तौर पर भाग लेते थे। भारत के पूर्व बाएं हाथ के गेंदबाज और उत्तर प्रदेश के मौजूदा कोच सुनील जोशी ने कहा, ‘‘ सौरभ (कुमार) एक शानदार क्रिकेटर हैं, खेल और परिस्थिति को अच्छे से समझते हैं। वह जानते हैं कि अपनी लाइन और लेंथ को कैसे समायोजित करना है। उन्हें इन परिस्थितियों में और घरेलू क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा और मयंक अग्रवाल जैसे कुछ अच्छे खिलाड़ियों के खिलाफ गेंदबाजी करने का काफी अनुभव है।'' जोशी ने कहा, ‘‘ सौरभ ने अब अपनी बल्लेबाजी में भी सुधार किया है और वह निचले क्रम में बल्ले से भी योगदान दे सकते है।'' - नयी दिल्ली। दो बार की विश्व चैंपियन निकहत जरीन और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन उन 19 मुक्केबाजों में शामिल है जो एक फरवरी से बुल्गारिया के सोफिया में शुरू होने वाले ‘स्ट्रैंड्जा मेमोरियल' मुक्केबाजी टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। ‘स्ट्रैंड्जा मेमोरियल' में भाग लेने वाली टीम फरवरी के आखिर में ओलंपिक क्वालीफायर में प्रतिस्पर्धा करने वाली टीम से अलग है। निकहत, प्रीति और लवलीना पहले ही ओलंपिक कोटा हासिल कर चुकी हैं जबकि कोई भी पुरुष मुक्केबाज अभी तक ऐसा नहीं कर पाया है। विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता अमित पुरुष टीम का नेतृत्व करेंगे।भारतीय टीम:एलीट पुरुष: बरुण सिंह शगोलशेम (48 किग्रा), अमित (51 किग्रा), सचिन (57 किग्रा), आकाश रमेश गोरखा (60 किग्रा), वंशज (63.50 किग्रा), रजत (67 किग्रा), आकाश (71 किग्रा), दीपक (75 किग्रा), अभिमन्यु लौरा (80 किग्रा), जुगनू (86 किग्रा), नवीन कुमार (92 किग्रा), (सागर 92 किग्रा से अधिक)। एलीट महिला: निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीति (54 किग्रा), साक्षी (57 किग्रा), मनीषा (60 किग्रा), अरुंधति चौधरी (66 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा)।---
- - रोमांचक मुकाबले में जीएसटी चेन्नई ने गंगपुर हॉकी को 3-2 गोल से हरायाराजनांदगांव । मेजबान जिला हॉकी संघ को आज मेजर ध्यानचंद स्पोट्र्स कालेज सैफई इटावा के हाथों 3 के मुकाबले 6 गोल से पराजित होकर 80वीं महंत राजा सर्वेश्वर दास स्मृति अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता के उद्घाटन मैच में ही प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा। एक अन्य मैच में जीएसटी चेन्नई ने गंगपुर हॉकी उड़ीसा को रोमांचक मुकाबले में 3-2 गोल से पराजित किया।दिग्विजय स्टेडियम समिति एवं आयोजन समिति के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में आज से प्रारम्भ हुई 80वीं महंत राजा सर्वेश्वर दास अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता के उद्घाटन मैच एकतरफा रहा। जिसमें मेजबान हॉकी राजनांदगांव को मेजर ध्यानचंद स्पोट्र्स कालेज सैफई इटावा के हाथों 3 गोल के मुकाबले 6 गोल से पराजय का सामना करना पड़ा। मैच के प्ररांभ के पहले क्वाटर में 10वें मिनट में सैफई के कप्तान इरफान मोहम्मद ने गोल कर 1-0 से बढ़त बना ली। लेकिन 15वें मिनट में राजनांदगांव के प्रांजल यादव ने गोल कर स्थिति 1-1 गोल पर ला दी। इसके बाद दुसरे क्वाटर में राजनांदगांव के पियूष साहू के गोल से 2-1 की बढ़त बना दी। लेकिन इसके बाद मेजबान टीम के खिलाड़ी बिखरे-बिखरे से खेलने लगे, इसका फायदा सैफई के खिलाडिय़ों ने उठाते हुए एक के बाद एक 4 गोल जल्दी-जल्दी कर दिए। ये गोल 28वें मिनट में नितिश यादव 40वें मिनट में रोमिल पॉल 50वें मिनट में नितिश यादव व 53वें मिनट में प्रदीप यादव ने व 54वें मिनट में रोमिल पॉल ने गोल कर मैच 6-2 गोल पर ला दिया। वहीं मैच के अंतिम क्षणों में राजनांदगाव के प्रवीण यादव ने गोल करके अपनी टीम के हार के अंतर को 6-3 गोल पर ला लिया, मगर मेजबान को इस हार से स्पर्धा से बाहर होना पड़ा।इसके पूर्व खेले गये पहले रोमांचक व संघर्षपूर्ण मैच में जीएसटी चेन्नई ने गंगपुर हॉकी एसोसिएशन उड़ीसा को 2 गोल के मुकाबले 3 गोल से पराजित किया। मैच में शुरूवाती दो क्वार्टर में दोनों टीमें गोल नहीं कर सकी थी। तीसरे क्वार्टर में गंगपुर की टीम 24वें मिनट में मुकेश टेटे व 37वें मिनट में संदीप लकरा के गोल से 2-0 गोल से बढ़त बना ली थी। लेकिन इसके बाद जीएसटी चेन्नई के खिलाडिय़ों ने एक के बाद एक गंगपुर पर आक्रमण प्रारम्भ कर दिया और 43वें मिनट में जोसवा ने 54वें मिनट में सेल्वा कुमार ने गोल कर अपनी टीम को 2-2 गोल की बराबरी पर ला खड़ा किया। मैच का निर्णायक गोल मैच समाप्ति के 10 सेंकेड पूर्व 60वें मिनट मे चेन्नई के बालाजी ने गोल करते हुए अपनी टीम को 3-2 गोल से विजयश्री दिला दी।आज के खेले पहले मैच में श्री राजेश जैन द्वारा प्रदत्त मैन-ऑफ-द-मैच का पुरस्कार जीएसटी चेन्नई के अरविंदर को और दूसरे मैच में नितीश यादव सेफई उत्तर प्रदेश को नगद पुरस्कार राशि प्रदान की गई।
- हैदराबाद। तेज गेंदबाज मार्क वुड का मानना है कि स्पिन की अनुकूल पिच पर इंग्लैंड का परेशान होना पहले से तय निष्कर्ष नहीं है और पहले टेस्ट में हार ने भारतीय टीम को दूसरे टेस्ट से पहले सोच-विचार करने के लिए काफी कुछ दिया है। इंग्लैंड ने उप कप्तान ओली पोप के शानदार 196 रन और बाएं हाथ के नवोदित स्पिनर टॉम हार्टले के चौथी पारी में सात विकेट की बदौलत रविवार को यहां शुरुआती टेस्ट में 28 रन की यादगार जीत दर्ज की। वुड ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो' से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि वे (दूसरे टेस्ट के लिए) कैसी (पिच) तैयार करेंगे। भारत के पास यहां कोई भी विकेट बनाने की क्षमता है। मैंने विश्व कप के मुकाबले और आईपीएल के मैच खेले हैं जहां तेज गेंदबाजी की अनुकूल, सपाट पिच, स्पिन के अनुकूल विकेट होते हैं। उनमें अपनी इच्छानुसार किसी भी तरह का विकेट तैयार करने की क्षमता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब हमने उन्हें सोचने के लिए कुछ दिया है। यह कोई पहले से तय निष्कर्ष नहीं है कि हम यहां आने वाले हैं और वे हमें स्पिन से पछाड़ देंगे।'' पोप ने इंग्लैंड की दूसरी पारी में रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल की भारतीय स्पिन तिकड़ी के खिलाफ दबदबा बनाया। वुड ने कहा, ‘‘ओली पोप ने शानदार पारी खेली है, उन्हें अब विश्लेषण करना होगा, जैसे हम तब करते हैं जब चीजें अच्छी नहीं होतीं और विश्लेषण करना होगा कि वे कैसे मुकाबला करेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक मैच जीता है। यह एक बड़ी उपलब्धि है लेकिन मुझे नहीं लगता कि हमें काफी आगे के बारे में सोचने की जरूरत है।'' चौंतीस साल के वुड पहले टेस्ट की इंग्लैंड की अंतिम एकादश में एकमात्र तेज गेंदबाज थे और उन्होंने कहा कि जब कप्तान बेन स्टोक्स ने उन्हें सूचित किया कि वह संक्षिप्त स्पैल डालेंगे तो उन्हें अजीब लगा। उन्होंने कहा, ‘‘जब हम मैदान पर थे तो उन्होंने (स्टोक्स) शायद एक या दो कहा। मेरा मतलब है, मैंने सोचा था कि मैं दूसरी पारी में गेंदबाजी की शुरुआत भी नहीं कर पाऊंगा। लेकिन यह ‘एक ओवर, बस इतना ही' जैसा था।'' वुड ने अंततः मैच में 25 ओवर फेंके लेकिन उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। इसके विपरीत भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने छह विकेट लिए जिसमें दूसरी पारी में 41 रन देकर चार विकेट भी शामिल थे। वुड ने कहा, ‘‘बुमराह ने जीनियस की तरह गेंदबाजी करके मेरी राह आसान नहीं की।''उन्होंने कहा, ‘‘यह कठिन था। यह थोड़ा अजीब था, कभी-कभी थोड़ा अजीब। मैच के दौरान मैं सोचता था कि ‘मैं यहां गेंदबाजी कर सकता हूं' लेकिन स्पिन नुकसान पहुंचा रही थी।''
- मस्कट। मनिंदर सिंह के चार गोल की मदद से भारत ने जमैका को तीसरे और आखिरी पूल मैच में 13 . 0 से हराकर एफआईएच हॉकी 5 पुरूष विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया । मनिंदर ने दूसरे मिनट में दो गोल करने के बाद 28वें और 29वें मिनट में गोल दागे । ये चारों फील्ड गोल थे । इसके अलावा मनजीत (पांचवां और 24वां), राहील मोहम्मद (16वां और 27वां) और मनदीप मोर (23वां और 27वां) ने दो- दो गोल किये जबकि उत्तम सिंह (पांचवां), पवन राजभर (नौवां) और गुरजोत सिंह (14वां) ने एक एक गोल किया । भारत ने पहले ही मिनट से आक्रामक हॉकी दिखाई और मनिंदर सिंह ने लगातार दो गोल दाग दिये । इसके बाद उत्तम और मनजीत के एक एक गोल से पहले छह मिनट में स्कोर 4 . 0 हो गया । अच्छी बढत बनाने के बाद भी भारतीय खिलाड़ियों ने हमले बोलना बंद नहीं किया । पवन ओर गुरजोत ने गोल करके हाफटाइम तक स्कोर 6 . 0 कर दिया । दूसरे हाफ में भी यही कहानी रही और गेंद पर नियंत्रण के मामले में भारत काफी आगे रहा । राहील, मनदीप , मनजीत और मनिंदर ने गोल करके भारत को बड़ी जीत दिलाई । भारत ने पूल बी में स्विटजरलैंड केा हराया था लेकिन मिस्र से हार गया था । इस जीत के साथ भारत ने अंतिम आठ में जगह बना ली ।
- हैदराबाद। भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले का मानना है कि खराब फॉर्म से जूझ रहे शुभमन गिल के पास टीम में जिस तरह की सुरक्षा है, वह कभी चेतेश्वर पुजारा को नहीं मिली और इस युवा बल्लेबाज को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करना होगा वरना काफी दबाव में आ जायेगा । 24 वर्ष के गिल ने पिछली 11 टेस्ट पारियों में अर्धशतक नहीं लगाया है । उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले साल मार्च में पहली पारी में 128 रन बनाये थे लेकिन उसके बाद से उनका सर्वोच्च स्कोर 36 रन रहा है । उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ यहां पहले टेस्ट में पहली पारी में 23 रन बनाये जबकि दूसरी पारी में खाता भी नहीं खोल सके । भारत को पहले मैच में 28 रन से पराजय झेलनी पड़ी । कुंबले ने ‘जियो सिनेमा' से कहा ,‘‘ गिल को जो सुरक्षा मिली हुई है वह चेतेश्वर पुजारा को भी नहीं मिली थी जबकि उसने (पुजारा) 100 से अधिक टेस्ट खेले हैं ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मैं बार -बार पुजारा की बात करता हूं क्योंकि वह कुछ समय पहले तक तीसरे नंबर पर उतरते थे । पुजारा ने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल खेला और उसके बाद से शुभमन गिल तीसरे नंबर पर उतर रहा है।'' 36 वर्ष के पुजारा ने जून 2023 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल खेला था जिसके बाद से वह टीम में नहीं हैं । इस महीने की शुरूआत में रणजी मैच में उन्होंने नाबाद 243 रन बनाये । कुंबले ने कहा कि गिल को अपनी मानसिकता पर काम करना होगा और तकनीक में भी सुधार करना होगा ।उन्होंने कहा ,‘‘ अगर आप भारत में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करना चाहते हैं तो तकनीक पर काम करना होगा । उसके पास हुनर है और वह युवा है , सीख रहा है लेकिन उसे दूसरे टेस्ट में अच्छा खेलना होगा वरना उस पर दबाव आ जायेगा ।'' लेकिन अगले टेस्ट से चार दिन पहले क्या वह अपनी शैली में बदलाव कर सकते हैं, यह पूछने पर कुंबले ने कहा ,‘‘ यह मानसिकता की बात है । उसके पास बताने के लिये सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति कोच (राहुल द्रविड़) के रूप में है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ भारतीय बल्लेबाजों को स्पिन को बेहतर ढंग से खेलना होगा । कुछ बल्लेबाजों का रवैया सकारात्मक नहीं था और फुटवर्क भी खराब था ।''
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तवांग. अरूणाचल प्रदेश में चीन की सीमा के पास तवांगचू नदी पर छह दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कयाकिंग टूर्नामेंट अगले महीने आयोजित किया जायेगा । इस नदी में तिब्बत की दो नदियां मिलती है जो बाद में तिब्बत से होकर ब्रहमपुत्र में मिल जाती है ।
पांच फरवरी से होने वाले ‘तवांगचू टाइड्स' टूर्नामेंट में प्रतिभागियों को रोमांच की पूरी सौगात मिलेगी । आयोजकों द्वारा जारी बयान के अनुसार दुनिया भर के 130 कयाकर्स इसमें भाग लेंगे । इसका आयोजन अरूणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू के मार्गदर्शन में हो रहा है जो इसी प्रदेश से हैं । तवांगचू तवांग की प्रमुख नदी है और कीब 10000 फीट की ऊंचाई पर चीन की सीमा के करीब स्थित है । अरुणाचल प्रदेश तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के साथ 1,129 किलोमीटर लंबी एलएसी साझा करता है। आयोजकों ने कहा कि प्रतियोगियों को आला दर्जे के टेंटों में ठहराया जायेगा जिसमें बिजली, गर्म खाना और स्वच्छ टॉयलेट की सुविधायें रहेंगी ।
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केपटाउन. भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने दक्षिण अफ्रीका का दौरा रविवार को यहां नीदरलैंड के हाथों मिली 1-5 की निराशाजनक हार से समाप्त किया। भारतीय टीम के लिए एकमात्र गोल अभिषेक ने 39वें मिनट में किया।
नीदरलैंड के लिए जिप जानसेन (10वें और 28वें) ने दो गोल दागे जबकि विश्व की शीर्ष रैंकिंग टीम के लिए डुको टेलजेनकैम्प (16वें), जेप होडरमेकर्स (21वें) और कोएन बिजेन (35वें) ने एक एक गोल किये। नीदरलैंड ने जानसेन के गोल से शुरू में ही बढ़त बना ली। भारतीय टीम लगातार हमलों के बावजूद पहले क्वार्टर के अंत तक गोल नहीं कर सकी। दूसरे क्वार्टर में नीदरलैंड ने 16वें और 21वें मिनट में दो गोल कर भारत पर दबाव बना दिया। फिर जानसेन ने 28वें मिनट में अपना दूसरा गोल दाग दिया और नीदरलैंड की टीम पहले हाफ में 4-0 से आगे हो गयी। दूसरे हाफ में भारत ने गोल करने की तमाम कोशिशें कीं लेकिन बिजेन ने एक और गोल कर नीदरलैंड को 5-0 से बढ़त दिला ली। फिर अभिषेक ने तीसरे क्वार्टर में गोल कर स्कोर 1-5 किया। अंतिम 15 मिनट में नीदरलैंड की रक्षात्मक पंक्ति ने भारतीयों के सभी हमलों को नाकाम किया। भारत ने भी इसके बाद अपने खिलाफ कोई गोल नहीं होने दिया। -
काहिरा. रिदम सांगवान और उज्जवल की जोड़ी ने शनिवार को यहां 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा के फाइनल में एलमिरा कारापेयन और बेनिक खलघाटयान की अर्मेनियाई जोड़ी को 17-7 से हराकर भारत को आईएसएसएफ विश्व कप में पहला स्वर्ण पदक दिलाया। इससे पहले अर्जुन बबुता और सोनम उत्तम मस्कर की जोड़ी ने 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया। भारतीय निशानेबाजों ने अभी तक एक स्वर्ण और दो रजत पदक जीत लिये हैं।
पदार्पण कर रही निशानेबाज अनुराधा देवी ने रियो ओलंपिक चैम्पियन अन्ना कोराकाक्की को पछाड़ते हुए महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में रजत पदक जीतकर भारत का खाता खोला। रिदम का यह लगातार दूसरा विश्व कप मिश्रित टीम स्वर्ण पदक है। रिदम और उज्जवल की जोड़ी ने 580 अंक से अर्मेनिया की जोड़ी से एक अंक पीछे दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। अर्जुन और सोनम की जोड़ी क्वालीफिकेशन में शीर्ष पर रही थी लेकिन फाइनल में ब्रिटेन के डीन बेल और सियोनेड मैकिंतोश से पिछड़कर दूसरे स्थान पर रहे। अनुराधा (33 वर्ष) ने आठवें और अंतिम क्वालीफाइंग स्थान से फाइनल में जगह बनायी। उन्होंने शुक्रवार को स्वप्निल फाइनल में दूसरा स्थान हासिल किया। अनुराधा की इस उपलब्धि ने भारत को ओलंपिक वर्ष के पहले (छह में से पहला) आईएसएसएफ विश्व कप चरण में पहला पदक दिलाया। इससे पहले सागर डंगी भी पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचे थे लेकिन वह छठे स्थान पर रहे। पेरिस ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली रिदम सांगवान भी महिलाओं के फाइनल में पहुंची लेकिन चौथे स्थान पर रहीं। अनुराधा ने 575 अंक से फाइनल के लिये क्वालीफाई किया। फाइनल में उन्होंने कजाखस्तान की इरिना युनुस्मेतोवा को पछाड़कर दूसरा स्थान हासिल किया। अनुराधा 239.9 के स्कोर से कोराकाक्की से 1.2 अंक पीछे रहीं।
अन्य भारतीयों में मनु भाकर महिलाओं की पिस्टल स्पर्धा में 15वें स्थान पर रहीं। उज्जवल मलिक और रविंदर सिंह भी शीर्ष आठ से बाहर रहे। पुरुषों की ट्रैप स्पर्धा में कोई भी भारतीय फाइनल तक नहीं पहुंच सका। जोरावर संधू 12वें स्थान पर रहे। महिलाओं की ट्रैप स्पर्धा में राजेश्वरी कुमारी 13वें स्थान पर थीं। -
नयी दिल्ली. भारतीय महिला हॉकी टीम की डिफेंडर और पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ दीप ग्रेस एक्का ने शनिवार को अपने अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास की घोषणा की। दो ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली दीप ग्रेस ने 2011 में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘मैं बेहद कृतज्ञता और विनम्रता के साथ आधिकारिक तौर पर आज अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा करती हूं। 2011 से 2023 तक की यात्रा मेरे जीवन का मुख्य आकर्षण रही है, और मैं खेल के शिखर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं।'' इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने 2016 रियो ओलंपिक में भारत को क्वालीफाई कराने में भूमिका निभाई थी। उन्होंने तोक्यो ओलंपिक में टीम की रक्षा पंक्ति में अहम भूमिका निभाई थी, जहां भारत चौथे स्थान पर रहा था। एक्का 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम की भी सदस्य थी। उन्होंने 2014 और 2018 एशियाई खेलों में पदक जीतने वाली भारतीय टीमों का भी प्रतिनिधित्व किया था। वह 2016 महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और 2017 एशिया कप में खिताब जीतने वाली भारतीय टीमों की सदस्य भी थी।
एक्का ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी में अपनी यात्रा 17 साल की उम्र में 2011 में शुरू की जब उन्होंने अर्जेंटीना में चार देशों के टूर्नामेंट में पदार्पण किया। इसके बाद वह बैंकॉक,(थाईलैंड) में अंडर 18 महिला एशिया कप में खेलने गईं। इसमें दमदार प्रदर्शन के कारण वह राष्ट्रीय शिविर में नियमित तौर पर जगह बनाने में सफल रही। एक्का ने कहा, ‘‘ मैं साथी खिलाड़ियों, सभी कोच, सलाहकारों और सभी सहयोगी स्टाफ से कहना चाहूंगी कि आपकी उपस्थिति मेरे लिए बेहद खास रही है। मैं अपनी आकांक्षाओं को वास्तविकता में बदलने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए आभारी हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं हॉकी इंडिया, ओडिशा हॉकी संघ, ओडिशा सरकार, भारत सरकार और भारतीय खेल प्राधिकरण को उनके अटूट समर्थन के लिए हार्दिक धन्यवाद देती हूं।''
ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के लुलकिडीही गांव की रहने वाली एक्का ने जर्मनी में 2013 महिला जूनियर हॉकी विश्व कप में भारत को कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने एक्का को शानदार करियर के लिए बधाई देते हुए कहा, ‘‘एक दशक से अधिक समय से दीप ग्रेस एक्का महिला हॉकी में एक घरेलू नाम रही हैं। हॉकी में उनकी सफलता न केवल ओडिशा में बल्कि पूरे देश में युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘उसने अपने पूरे करियर में शानदार खेल कौशल दिखाया है और पिछले दशक में टीम के विकास में बहुत योगदान दिया है। हॉकी इंडिया की ओर से मैं उसे भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं और उसके शानदार करियर के लिए बधाई देता हूं।
- मेलबर्न ।ताईवान की सेह सू वेई ग्रैंडस्लैम युगल खिताब जीतने वाली दूसरे सबसे उम्रदराज महिला बन गई जिन्होंने बेल्जियम की एलिसे मर्टेंस के साथ आस्ट्रेलियाई ओपन महिला युगल खिताब अपने नाम किया ।दूसरी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी ने 11वीं वरीयता प्राप्त लाटविया की येलेना ओस्टापेंको और यू्क्रेन की लिउडमाइला किचेनोक को 6 . 1, 7 . 5 से हराया । यह सू वेई का सातवां महिला युगल ग्रैंडस्लैम खिताब था जबकि मर्टेंस ने चौथी बार जीता है ।
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मेलबर्न. रोहन बोपन्ना ने शनिवार को यहां मैथ्यू इबडेन के साथ मिलकर सिमोन बोलेली और आंद्रिया वावासोरी की जोड़ी पर शानदार जीत से आस्ट्रेलियाई ओपन पुरुष युगल खिताब अपने नाम किया। इससे वह ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने की उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बन गये। दूसरी वरीय बोपन्ना-इबडेन की जोड़ी ने एक घंटे 39 मिनट तक चले फाइनल में इटली की गैर वरीयता प्राप्त जोड़ी पर 7-6(0) 7-5 से जीत दर्ज की। इससे पहले लिएंडर पेस और महेश भूपति ही भारत के लिए पुरुष टेनिस में मेजर खिताब जीत पाये हैं जबकि सानिया मिर्जा ने महिला टेनिस में यह उपलब्धि हासिल की है। बोपन्ना का यह दूसरा ग्रैंडस्लैम खिताब है। उन्होंने 2017 में कनाडा की गैब्रिएला दाब्रोवस्की के साथ मिलकर फ्रेंच ओपन मिश्रित युगल खिताब जीता था। बोपन्ना 43 साल की उम्र में पुरुष टेनिस में ग्रैंडस्लैम चैम्पियन बनने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बन गये। उन्होंने जीन जूलियन रोजर का रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने 2022 में मार्सेलो अरेवोला के साथ मिलकर फ्रेंच ओपन पुरुष युगल ट्राफी जीती थी। बोपन्ना अपना तीसरा पुरुष युगल फाइनल खेल रहे थे। वह अमेरिकी ओपन में दो बार (2013, 2023) में उप विजेता रहे थे। बोपन्ना ने कहा, ‘‘दो साल पहले मैंने एक वीडियो संदेश में कहा था कि मैं संन्यास लेने जा रहा हूं क्योंकि मैं मैच नहीं जीत रहा था। मैंने पांच महीने तक एक भी मैच नहीं जीता था। मैंने सोचा कि मेरे सफर का अंत हो गया है लेकिन मेरी अंदर की भूख और दृढ़ संकल्प ने मुझे जारी रखा। '' उन्होंने कहा, ‘‘इससे वास्तव में काफी चीजें बदल गयीं और मुझे एक शानदार जोड़ीदार मिला जिससे मैं यह उपलब्धि हासिल कर पाया। ''
बोपन्ना सोमवार को जारी होने वाली एटीपी रैंकिंग में नंबर एक खिलाड़ी बन जायेंगे। 43 की उम्र में वह शीर्ष रैंकिंग पर पहुंचने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बन जायेंगे। बोपन्ना ने अपनी सफलता के लिए अपने आस्ट्रेलियाई जोड़ीदार इबडेन और अमेरिकी कोच स्कॉट डेविडोफ के योगदान का धन्यवाद करते हुए कहा, ‘‘अगर मेरे साथ यह शानदार आस्ट्रेलियाई जोड़ीदार नहीं होता तो यह संभव नहीं हो पाता। मैटी तुम्हें धन्यवाद। पिछला साल शानदार रहा और मेरे लिए मेरा पहला पुरुष ग्रैंडस्लैम पुरुष युगल खिताब जीतना विशेष है। '' उन्होंने कहा, ‘‘स्कॉट एक दशक से मेरे शानदार कोच रहे हैं। यह मुश्किल यात्रा थी और इस जीत के आप भी उतने ही हकदार हूं जितना मैं हूं। '' बोपन्ना ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘मेरे सास ससुर भी यहां पर हैं। पिछली बार जब वे मेरा मैच देखने आये थे तो मैंने अपना पहला मिश्रित युगल खिताब जीता था। पता नहीं वे अकसर मेरे मैच देखने क्यों नहीं आते हैं। '' इबडेन ने भी भारतीय खिलाड़ी की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘इस खिलाड़ी के लिए उम्र वास्तव में कोई संख्या ही नहीं है। वह चैम्पियन है, वह योद्धा है। मैं हमेशा तुम्हारा और तुम्हारी शानदार टीम का शुक्रगुजार रहूंगा। '' रॉड लीवर अरीना में यह इतना कड़ा मुकाबला था कि इसमें बस एक बार सर्विस ब्रेक हुई जब वावासोरी ने दूसरे सेट के 11वें गेम में अपनी सर्विस गिराई। इसमें ज्यादा ब्रेक प्वाइंट भी नहीं थे। दूसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी को मुकाबले के शुरू में लगातार गेम में ब्रेक प्वाइंट मिले। लेकिन इटली के खिलाड़ियों ने दोनों को बचा लिया। दूसरे गेम में बोलेली की सर्विस पर वावासोरी ने 30-30 पर वॉली लगायी लेकिन बोपन्ना ने लंबा रिटर्न लगा दिया। चौथे गेम में इटली के खिलाड़ी फिर एक ब्रेक प्वाइंट से पिछड़ गये जब 30-30 पर बोपन्ना का रिटर्न शॉट ‘नेट कोर्ड' से उछलकर नीचे गिर गया जिससे दूसरी वरीय जोड़ी को किस्मत के सहारे अंक मिल गया। लेकिन वावासोरी ने अच्छी सर्विस से इस प्वाइंट को भी बचा लिया।
बोलेली 4-5 पर सर्विस करते हुए ‘30-ऑल' पर दबाव में दिख रहे थे। लेकिन उन्होंने ताकतवर क्रॉस कोर्ट फोरहैंड शॉट मारा जो बोपन्ना की पहुंच से दूर निकल गया और फिर स्कोर 5-5 से बराबर हो गया। 11वें गेम में इबडेन पर दबाव बन गया जिसमें उन्हें ब्रेकप्वाइंट का सामना करना पड़ा लेकिन ड्यूस प्वाइंट खेलने के बाद आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने ऐस लगाकर यह गेम खत्म किया। फिर टाई ब्रेकर में बोलेली की सर्विस दो बार टूटी और बोपन्ना-इबडेन की जोड़ी ने अपनी सर्विस पर एक भी अंक गंवाये बिना 5-0 से बढ़त बना ली। वावासोरी छह सेट प्वाइंट पर अपनी सर्विस गंवा बैठे। उन्होंने पहली को अंक में बदला लेकिन इबडेन ने लाइन के नीचे फोरहैंड शॉट से जीत हासिल की। बोलेली ने 2015 में फैबियो फोगनिनी के साथ मिलकर आस्ट्रेलयाई ओपन पुरुष युगल खिताब जीता था। -
मोहाली. कप्तान हिम्मत सिंह ने आक्रामक शतकीय पारी (नाबाद 109) खेल कर उत्तराखंड के खिलाफ रणजी ट्रॉफी ग्रुप डी मैच के दूसरे दिन शनिवार को यहां दूसरी पारी में दिल्ली को शर्मसार होने से बचा लिया जिसके शीर्ष छह में से पांच बल्लेबाज खाता खोले बगैर पवेलियन लौटे। हिम्मत ने 91 गेंद की नाबाद पारी में 16 चौके और एक छक्का जड़ने के अलावा छठे विकेट के लिए लक्ष्य थरेजा (नाबाद 36) के साथ नाबाद 134 रन की साझेदारी की जिससे टीम ने दूसरी पारी में पांच विकेट पर 145 रन बनाकर 53 रन की बढ़त हासिल की। हिम्मत जब क्रीज पर आये तो टीम ने बिना खाता खेले तीन विकेट गंवा दिया था जबकि 11 रन तक आधी टीम पवेलियन में थी। उत्तराखंड के लिए दीपक धपोला ने 43 रन देकर चार विकेट लिये।
दिल्ली की पहली पारी में 147 रन के जवाब में उत्तराखंड ने 239 रन बनाये थे। ग्रुप के अन्य मैचों में कटक में हिमाचल प्रदेश के खिलाफ ओडिशा ने संदीप पटनायक के 78 रन के दम पर अपनी दूसरी पारी में तीन विकेट पर 157 रन बनाये। इससे पहले ओडिशा के 138 रन के जवाब में हिमाचल प्रदेश की पहली पारी 176 रन पर सिमट गयी थी। मध्यप्रदेश ने सारांश जैन (22 रन पर पांच विकेट) और कुमार कार्तिकेय (32 रन पर चार विकेट) की शानदार गेंदबाजी से पुडुचेरी की पहली पारी को 100 रन पर समेट दिया। पहली पारी में 238 रन बनाने वाले मध्यप्रदेश ने दिन का खेल खत्म होने तक दो विकेट पर 49 रन बनाकर मैच पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। वडोदरा में जम्मू कश्मीर के 457 रन के जवाब में बड़ौदा ने 177 रन पर चार विकेट गंवा दिये हैं। - मस्कट। भारतीय महिला हॉकी टीम ने गुरुवार को यहां हॉकी 5 महिला विश्व कप में नामीबिया को 7-2 से हराकर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया। यह भारतीय टीम की पूल सी में लगातार तीसरी जीत थी। टीम अब सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए पूल डी में दूसरे स्थान पर काबिज न्यूजीलैंड से भिड़ेगी। भारतीय टीम ने पहले पोलैंड को 5-4 से और फिर अगले मैच में अमेरिका को 7-3 से मात दी।भारतीय खिलाड़ियों ने शुरू में ही दो गोल कर नामीबिया को बिना समय लगाये ‘बैकफुट' में पहुंचा दिया।उप कप्तान महिमा चौधरी ने तीसरे मिनट में गोल दागा और एक मिनट बाद ही दीपिका सोरेंग ने बढ़त दोगुनी कर दी। पहले हाफ में और कोई गोल नहीं हुआ लेकिन यह साफ था कि भारतीयों ने मैच में दबदबा बनाया हुआ था।नामीबिया ने मैच का पहला गोल दूसरे हाफ में जिवांका क्रुगर (18वें) की बदौलत किया। लेकिन भारत ने महिमा चौधरी (19वें) के दूसरे गोल से बढ़त 3-1 कर दी। इसके बाद दो मिनट के अंदर रूताजा दादासो पिसाल (22वें) और अक्षता अबासो ढेकाले (23वें) ने गोल दाग दिये। दीपिका ने भी 26वें मिनट में दूसरा गोल कर स्कोर 6-1 कर दिया।अजमिना कुजुर (28वें) ने भी भारत के लिए एक गोल किया। जिसके बाद अंथिया कोएत्जी (30वें) ने नामीबिया के लिए दूसरा गोल किया लेकिन यह काफी नहीं था। इससे पहले मरियाना कुजूर और दीपिका सोरेंग के दो दो गोल की मदद से भारत ने पूल सी के दूसरे मैच में अमेरिका को 7 . 3 से हराया । भारत के लिये महिमा चौधरी (17वां मिनट), मरियाना कुजूर (20वां और 22वां), दीपिका सोरेंग (23वां और 25वां), मुमताज खान (27वां) और अजमिना कुजूर (29वां) ने गोल दागे । अमेरिका के लिये जैकलीन समफेस्ट (चौथा , 18वां) और कप्तान लिनीया गोंजालेस (14वां) ने गोल किया ।समफेस्ट ने रिवर्स शॉट पर अमेरिका को बढत दिलाई जबकि कप्तान लिनीया ने दूसरा गोल करके भारतीय खेमे में खलबली बचा दी । दूसरे हाफ में भारतीयों ने जवाबी हमले बोलकर दबाव बनाया और महिला ने 17वें मिनट में पहला गोल कर दिया । अमेरिका के लिये अगले ही मिनट समफेस्ट ने दूसरा गोल किया । इसके बाद से भारतीयों ने लगातार गोल दागे । मरियाना ने 20वें और 22वें मिनट में गोल करके भारत को बराबरी दिलाई । इसके बाद दीपिका के गोल से भारत ने बढत बना ली । दीपिका ने 25वें मिनट में एक और गोल किया । मुमताज और अजमिना ने एक एक गोल करके अमेरिका की हार तय कर दी ।
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नयी दिल्ली. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की तकनीकी समिति ने गुरुवार को सीनियर राष्ट्रीय महिला टीम के मुख्य कोच पद के लिए पूर्व भारतीय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी लैंगम चाओबा देवी के नाम की सिफारिश की। चाओबा दो एएफसी महिला चैम्पियनशिप और 1998 एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वह पहले सीनियर महिला टीम की सहायक कोच भी थीं। अभी वह किकस्टार्ट एफसी की मुख्य कोच हैं।
एआईएफएफ की 2023 में साल की सर्वश्रेष्ठ महिला कोच चुनी गयी प्रिया पीवी के नाम की सिफारिश सहायक कोच के लिए की गयी है। पिछले साल वह भारत की अंडर-17 टीम की मुख्य कोच थीं जिसने पहली बार एएफसी अंडर-17 महिला एशियाई कप क्वालीफायर के दूसरे दौर में जगह बनायी थी। समिति ने सिफारिश की कि लौरेमबाब रोनीबाला चानू को भारतीय सीनियर महिला टीम की गोलकीपिंग कोच की भूमिका में बरकरार रहना चाहिए। फीफा महिला अंतरराष्ट्रीय मैच विंडो के दौरान भारत की सीनियर महिला टीम के तुर्की में 19 से 18 फरवरी तक 2024 तुर्किश महिला कप में भाग लने की उम्मीद है। -
हैदराबाद. भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन इस बात से हैरान हैं कि अपना पांचवां टेस्ट खेल रहे यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ 76 रन की पारी के दौरान एक भी गलती नहीं की और पांच दिवसीय प्रारूप के अनुरूप प्रदर्शन किया। इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के शुरुआती दिन जायसवाल 70 गेंद में नौ चौके और तीन छक्के लगाकर नाबाद हैं। कप्तान रोहित शर्मा (24) के साथ उन्होंने पहले विकेट के लिए 80 रन की साझेदारी की जिससे इंग्लैंड के 246 रन के जवाब में भारत ने स्टंप तक अपनी पहली पारी में एक विकेट पर 119 रन बना लिये। शुभमन गिल दूसरे छोर पर 14 रन बनाकर खेल रहे हैं।
अश्विन ने मैच खत्म होने के बाद कहा, ‘‘उसने (जायसवाल) आईपीएल में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी शानदार शुरुआत की। मैं उनकी बल्लेबाजी का लुत्फ उठा रहा हूं। मैं वहां पर ऋषभ पंत को देख रहा हूं। उनका निर्भिक क्रिकेट उनके लिए कारगर हो रहा है। '' इस सीनियर स्पिनर ने कहा, यशस्वी ने कोई गलती नहीं की है। उसने टेस्ट क्रिकेट की परिस्थितियों के अनुरूप बल्लेबाजी की। अश्विन ने कहा, ‘‘पहले सत्र का खेल काफी दिलचस्प था। पिच पर शायद थोड़ी नमी थी। शुरुआती नमी के कारण काफी रफ्तार भी थी। लेकिन फिर पिच धीमी हो गयी। -
मेलबर्न. रोहन बोपन्ना पहला ग्रैंडस्लैम खिताब अपने नाम करने से अब बस एक जीत दूर है जिन्होंने आस्ट्रेलिया के मैथ्यू एबडेन के साथ यहां आस्ट्रेलियाई ओपन पुरूष युगल फाइनल में प्रवेश कर लिया । दूसरी वरीयता प्राप्त बोपन्ना और एबडेन की जोड़ी ने थॉमस माचाक और झांग झिंझेन की जोड़ी को बृहस्पतिवार को तनावपूर्ण सेमीफाइनल में 6 . 3, 3 . 6, 7 . 6 (10 . 7) से हराया । करीब दो घंटे तक चले मैच में सुपर टाइ ब्रेकर्स में उनका अनुभव काम आया । झांग विश्व रैंकिंग में 54वें और माचाक 75वें स्थान पर हैं । दोनों एकल रैंकिंग में शीर्ष 100 में होने के साथ बेहद शानदार खिलाड़ी है और उन्होंने बोपन्ना तथा एबडेन को कड़ी चुनौती दी । एक दिन पहले ही बोपन्ना ने विश्व युगल रैंकिंग में शीर्ष स्थान सुनिश्चित किया था । उन्होंने मैच में दमदार सर्विस और स्ट्रोक्स का प्रदर्शन किया । वह 2013 और 2023 में अमेरिकी ओपन फाइनल में पहुंचे हैं लेकिन ग्रैंडस्लैम खिताब नहीं जीत सके । अब 43 वर्ष की उम्र में वह अपना यह सपना पूरा करने से एक जीत दूर हैं । मैच के बाद बोपन्ना ने कहा ,‘‘ सर्किट पर हमने कई सुपर टाइब्रेकर खेले हें । हमारे प्रतिद्वंद्वियों का रिटर्न बेहतरीन था जिससे हमें सर्विस मजबूत रखनी थी । एबडेन के साथ मेरा तालमेल अच्छा रहा है ।'' इस उम्र में भी सफलता के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ पर्दे के पीछे काफी तैयारियां चलती रहती है । मेरे साथ एक बड़ी टीम है । मैने अपना फोकस बनाये रखा और फिटनेस पर पूरा ध्यान दिया । मैं सिर्फ योग करता हूं और मुझे लगता है कि मानसिक मजबूती से मदद मिली ।'' एबडेन ने कहा कि घरेलू दर्शकों के सामने जीतना खास है । उन्होंने कहा ,‘‘ मैं बहुत खुश हूं । घरेलू दर्शकों के सामने जीतना खास रहा । प्रतिद्वंद्वी काफी खतरनाक थे । युगल विशेषज्ञों का सामना एकल विशेषज्ञों से था और दर्शकों को मजा आया होगा । हम काफी मेहनत कर रहे हैं और अब एक मैच बाकी है ।'' पहले दो सेट में बराबरी के बाद तीसरे सेट के पहले गेम में बोपन्ना और एबडेन 0 . 30 से पीछे थे लेकिन बोपन्ना ने अपनी दमदार सर्विस बरकरार रखी । झांग और माचाक के बीच से क्रॉसकोर्ट पर उनका शानदार विनर देखने लायक था । उन्होंने प्रतिद्वंद्वी की सर्विस तोड़कर बढत बना ली । बोपन्ना की खेल भावना एक बार फिर देखने को मिली जब सातवें गेम में उन्होंने नेट छूने के बाद खुद बताया कि एक अंक गंवा दिया है । बोपन्ना का बैकहैंड शॉट लंगा जाने के बाद वे 15 . 30 से पीछे हो गए और झांग ने क्रॉसकोर्ट पर फोरहैंड विनर लगाया जिससे बोपन्ना को दो ब्रेक प्वाइंट का सामना करना पड़ा । उनका बैकहैंड शॉट बाहर चला गया जिससे विरोधी टीम ने वापसी की । अगले गेम में बोपन्ना और एबडेन को तीन मैच प्वाइंट मिले जो उन्होंने बचाये । चीनी खिलाड़ियों ने हालांकि वापसी करते हुए एक समय स्कोर 5 . 5 कर लिया । 11वें गेम में करीबी मुकाबले के बाद एबडेन ने सर्विस बरकरार रखते हुए 6 . 5 की बढत दिलाई जिसके बाद एक और ब्रेक प्वाइंट से वे मैच जीत जाते लेकिन तीसरा सेट टाई रहने पर सुपर टाइब्रेकर हुआ । सुपर टाइब्रेकर में एबडेन ने रिटर्न विनर लगाकर बढत बनाई और बोपन्ना ने झांग के रिटर्न पर जबर्दस्त वॉली विनर लगाकर स्कोर 7 . 5 कर दिया । बोपन्ना ने ऐस के साथ मैच खत्म किया ।
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बेंगलुरू. भारतीय पुरूष हॉकी टीम मस्कट में पहले एफआईएच हॉकी 5 विश्व कप में पूल बी में रविवार को स्विटजरलैंड के खिलाफ अपने अभियान का आगाज करेगी । सिमरनजीत सिंह की कप्तानी वाली भारतीय टीम का सामना रविवार को ही मिस्र से होगा । आखिरी ग्रुप मैच में टीम सोमवार को जमैका से खेलेगी । पूल ए में नीदरलैंड, नाइजीरिया, पाकिस्तान और पोलैंड की टीमें हैं । पूल सी में आस्ट्रेलिया, कीनिया, न्यूजीलैंड और त्रिनिदाद एवं टोबैगो हैं जबकि पूल डी में फीजी, मलेशिया, ओमान और अमेरिका हैं । हर पूल से शीर्ष दो टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंचेगी । सेमीफाइनल भी उसी दिन होगा और फाइनल बुधवार को खेला जायेगा । भारत ने 2023 पुरूष एशियाई हॉकी 5 विश्व कप क्वालीफायर के फाइनल में पाकिस्तान को शूटआउट में हराया था । भारतीय टीम के कप्तान तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता टीम में रहे सिमरनजीत सिंह हैं जबकि मनदीप मोर उपकप्तान हैं । सूरज करकेरा और प्रशांत कुमार गोलकीपर हैं । डिफेंस में मनदीप और मनजीत रहेंगे जबकि मिडफील्ड में मोहम्मद राहील मौसीन और मनिंदर सिंह जिम्मा संभालेंगे । फॉरवर्ड पंक्ति में सिमरनजीत, पवन राजभर, गुरजोत सिंह और उत्तम सिंह होंगे ।
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मेलबर्न. भारत के रोहन बोपन्ना अपने जोड़ीदार मैथ्यू एबडेन के साथ आस्ट्रेलियाई ओपन के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं और पुरूष युगल रैंकिग में नंबर एक पर काबिज होने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी होंगे । 43 वर्ष के बोपन्ना टूर्नामेंट से पहले विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर थे । उन्होंने आस्ट्रेलिया के एबडेन के साथ छठी वरीयता प्राप्त अर्जेंटीना के मैक्सिमो गोंजालेस और आंद्रेस मोल्तेनी को करीब पौने दो घंटे तक चले क्वार्टर फाइनल में 6 . 4, 7 . 6 से हराया । अब उनका सामना थॉमस माचाक और झिंझेन झांग की गैर वरीय जोड़ी से होगा ।
टूर्नामेंट के आखिर में सोमवार को बोपन्ना युगल रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच जायेंगे । इससे पहले अमेरिका के राजीव राम अक्टूबर 2022 में 38 वर्ष की उम्र में शीर्ष रैंकिंग पर पहुंचे थे । एबडेन रैंकिंग में दूसरे स्थान पर पहुंचेंगे । बोपन्ना 2013 में पहली बार विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंचे थे । वह युगल रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने वाले लिएंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्जा के बाद तीसरे भारतीय होंगे । वह अमेरिका के आस्टिन क्राइजेक से शीर्ष स्थान लेंगे जो क्रोएशिया के इवान डोडिज के साथ दूसरे दौर में हार गए थे । बोपन्ना ने 2017 में कनाडा की गैब्रियला डाब्रोवस्की के साथ फ्रेंच ओपन मिश्रित युगल खिताब जीता । वह पुरूष युगल में 2010 अमेरिकी ओपन में पाकिस्तान के ऐसाम उल हक कुरैशी के साथ और 2023 में एबडेन के साथ उपविजेता रहे थे । बोपन्ना मास्टर्स 1000 टूर्नामेंट में पुरूष युगल खिताब जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी रहे । उन्होंने पिछले साल एबडेन के साथ इंडियन वेल्स टूर्नामेंट जीता था । -
दुबई. भारत के आक्रामक बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को लगातार दूसरे साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने वर्ष का सर्वश्रेष्ठ टी20 क्रिकेटर चुना है ।आईसीसी ने उन्हें इस प्रारूप में भारत के मध्यक्रम की रीढ कहा है । यादव ने 2023 में 50 के करीब औसत और 150 से अधिक की स्ट्राइक रेट से टी20 क्रिकेट में रन बनाये । वह फिलहाल जर्मनी में ग्रोइन की सर्जरी के बाद रिहैबलिटेशन में हैं । वह मार्च में आईपीएल में वापसी कर सकते हैं जिसमें वह मुंबई इंडियंस के लिये खेलेंगे । आईसीसी ने कहा ,‘‘ भारतीय मध्यक्रम की रीढ इस बल्लेबाज ने कई मैच जिताये हैं । लगातार दूसरी बार उन्हें यह पुरस्कार दिया जा रहा है ।'' यादव ने साल की शुरूआत श्रीलंका के खिलाफ सात रन बनाकर की लेकिन उसके बाद लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है । आईसीसी ने कहा ,‘‘ वह लगातार 20 . 40 में रन बनाते रहे और वेस्टइंडीज के खिलाफ 44 गेंद में 83 रन बनाये । उन्होंने फ्लोरिडा में वेस्टइंडीज के खिलाफ 45 गेंद में 61 रन बनाये ।साल के आखिर में कप्तानी का बोझ होने पर भी उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की ।'' उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 42 गेंद में 80 और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 36 गेंद में 56 रन बनाये । इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आखिरी टी20 में 56 गेंद में 100 रन की पारी खेली । उन्होंने जनवरी में श्रीलंका के खिलाफ 51 गेंद में 112 रन बनाये । यह टी20 क्रिकेट में किसी भारतीय बल्लेबाज का दूसरा सबसे तेज शतक था । रोहित शर्मा ने 2017 में श्रीलंका के खिलाफ 35 गेंद में शतक जड़ा था ।