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नयी दिल्ली. जकार्ता में एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली ईशा सिंह के पिता सचिन सिंह ने कहा कि व्यवस्थित प्रशिक्षण और अनुशासन उनकी बेटी की सफलता की कुंजी है। उन्नीस वर्षीय ईशा के लिए सोमवार का दिन यादगार बन गया। उन्होंने व्यक्तिगत के अलावा टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक भी जीता। ईशा ने जब भारत के लिए पेरिस ओलंपिक का 15वां कोटा हासिल किया तो उनके पिता सचिन भी जकार्ता की रेंज में उपस्थित थे। सचिन ने कहा,‘‘मुझे लगता है कि व्यक्तिगत गौरव से अधिक उसने कोटा हासिल करके देश का गौरव बढ़ाया है।'' उन्होंने कहा,‘‘ जब वह 13 वर्ष की थी तब से हमने उसके करियर के लिए बहुत सावधानी से योजना बनाई थी। हमें पूरा विश्वास था कि वह जल्द ही पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल करेगी। उसके व्यवस्थित प्रशिक्षण और अनुशासन ने इसे सुनिश्चित किया। वह 2019 से लगभग हर प्रतियोगिता के लिए भारतीय टीम का हिस्सा रही। इससे पता चलता है कि उसने निरंतर अच्छा प्रदर्शन किया।'' ईशा ने पिछले साल एशियाई खेलों में टीम स्पर्धा के स्वर्ण सहित कुल चार पदक जीते थे।
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नयी दिल्ली. उभरते हुए निशानेबाज वरुण तोमर हमेशा से अपने रिश्ते के भाई ओलंपिक निशानेबाज सौरभ चौधरी के नक्शेकदम पर चलना चाहते थे और 20 साल के इस निशानेबाज ने सोमवार को जकार्ता एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर की पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीतकर भारत के लिए ओलंपिक कोटा हासिल किया। तोमर शुरुआत से कई बार के विश्व कप स्वर्ण पदक विजेता और 2018 एशियाई खेलों के चैंपियन सौरभ के साथ उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में उनकी घरेलू रेंज में अभ्यास करते हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत स्वर्ण पदक उन्हें 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा। तोमर ने बताया, ‘‘ मैंने अपने रिश्ते के बड़े भाई सौरभ को देखकर सात साल पहले निशानेबाजी शुरू की थी। वह मेरी प्रेरणा रहे हैं, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में ही सफलता हासिल की थी। मैं हमेशा उनके जैसा बनना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल करना चाहता था।'' जूनियर विश्व चैंपियनशिप में टीम स्पर्धा के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता वरुण ने कहा, ‘‘ मैंने सौरभ से एक साल बाद निशानेबाजी शुरू की और हम दोनों के पास शुरुआत में बागपत के बेनोली गांव में एक ही कोच (अमित श्योराण) थे।।'' बागपत के गढ़ी कांगरान गांव के रहने वाले वरुण प्रतियोगिता के शुरुआती दिन व्यक्तिगत और टीम दोनों में स्वर्ण पदक जीतकर भारत के लिए 14वां ओलंपिक कोटा हासिल किया। बीस साल के तोमर ने फाइनल में 239.6 अंक के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया जबकि उनके हमवतन अर्जुन चीमा ने 237.3 अंक के साथ रजत पदक जीता। मंगोलिया के देवाखु एंखताइवान (217.2) ने कांस्य पदक अपने नाम किया। इससे पहले तोमर (586), अर्जुन (579) और उज्जवल मलिक (575) की भारतीय टीम कुल 1740 अंक के साथ टीम स्पर्धा में शीर्ष पर रही थी। ईरान और कोरिया ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते। किसान परिवार से आने वाले तोमर ने कहा, ‘‘ मुझे मार्गदर्शन देने के लिए सौरभ जैसा कोई मौजूद था, इससे मुझे काफी मदद मिली। सौरभ के अलावा मेरे परिवार में कोई भी निशानेबाज नहीं है।'' वरुण को लगभग सात साल के प्रशिक्षण के बाद पिछले साल सफलता मिली। उन्होंने भोपाल और काहिरा में विश्व कप में व्यक्तिगत कांस्य पदक जीते। इसके बाद उनका चयन राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) में प्रशिक्षण (कर्णी सिंह निशानेबाजी परिसर) के लिए हुआ। वह अब भारतीय सेना में कार्यरत हैं।
राष्ट्रीय राइफल कोच दीपक दुबे ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा वरुण के शांत स्वभाव की सराहना की है। वह सौरभ की तरह ही है। वह निशानेबाजी परिसर में किसी के साथ बहुत कम बातचीत करता है। वह अभ्यास में कोई कोताही नहीं बरतता है।'' दुबे ने कहा, ‘‘वह अभी जूनियर खिलाड़ी की तरह है लेकिन उसके खेल में तेजी से सुधार हो रहा है। पिछले साल दो विश्व कप में सफलता और आज व्यक्तिगत स्वर्ण पदक इस बात का संकेत है कि उसकी तकनीक और जज्बे में कोई कमी नहीं है। -
रांची. अटैकिंग मिडफील्डर नवनीत कौर ने सोमवार को कहा कि भारतीय महिला टीम लगातार तीसरी बार ओलंपिक कोटा हासिल करने को लेकर आश्वस्त है और यहां की परिस्थितियों की जानकारी आठ टीम के हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर से पहले मेजबान टीम को अच्छी स्थिति में रखेगी। सविता पूनिया के नेतृत्व में भारतीय टीम ने पिछले साल नवंबर में यहां मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंधा एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। मेजबान टीम ने फाइनल में जापान को 4-0 से हराकर प्रतियोगिता में अपना लगातार दूसरा खिताब जीता था।
नवनीत ने हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति में कहा, ‘‘रांची में जल्दी पहुंचने से हमें मुख्य पिच (मैदान) पर कुछ सत्र अभ्यास का मौका मिला और इससे हमें मौसम के अनुकूल ढलने में भी मदद मिली।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भी इस स्थल पर खेल चुके हैं इसलिए हम पिच से अच्छी तरह वाकिफ हैं।'' तोक्यो ओलंपिक खेलों में ऐतिहासिक चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम ने परिस्थितियों को समझने के लिए लगभग एक सप्ताह बिताया। भारतीय टीम ने खूंटी जिले के कुछ और स्थलों पर भी प्रशिक्षण लिया। नवनीत ने कहा, ‘‘हमने खूंटी जिले में भी जाकर प्रशिक्षण लिया जो हमारे कुछ साथियों का घर है और उन बच्चों के चेहरे पर उत्साह देखना अविश्वसनीय था जो हमारी हौसलाअफजाई करने आए थे।'' भारत को पूल बी में रखा गया है और वह अपना अभियान शनिवार को अमेरिका के खिलाफ शुरू करेगा और इसके अगले दिन न्यूजीलैंड से भिड़ेगा। एक दिन के आराम के बाद 16 जनवरी को भारत का मुकाबला इटली से होगा। पूल ए में विश्व नंबर पांच जर्मनी, एशियाई खेलों के पूर्व चैंपियन जापान, चिली और चेक गणराज्य को जगह मिली है। प्रत्येक पूल से शीर्ष दो टीम सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करेंगी और शीर्ष तीन में रहने वाली टीमों को पेरिस ओलंपिक 2024 में जगह मिलेगी। सेमीफाइनल 18 जनवरी को होंगे जबकि फाइनल और कांस्य पदक का प्ले ऑफ मुकाबला 19 जनवरी को होगा।
यह टूर्नामेंट शुरुआत में से चीन में होना था लेकिन चीन की महिलाओं के पेरिस ओलंपिक के लिए सीधे क्वालीफाई करने के बाद हॉकी इंडिया ने एफआईएच से प्रतियोगिता को भारत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था।
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जकार्ता. भारतीय निशानेबाजों ने सोमवार को यहां एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर में अपने अभियान की शानदार शुरुआत करते हुए पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। वरूण तोमर (586), अर्जुन सिंह चीमा (579) और उज्जवल मलिक (575) की भारतीय टीम कुल 1740 अंक के साथ शीर्ष पर रही। ईरान और कोरिया ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते। वरूण और अर्जुन ने व्यक्तिगत फाइनल में भी जगह बनाई।
इस प्रतिष्ठित महाद्वीपीय प्रतियोगिता में पेरिस ओलंपिक के लिए कुल 16 कोटा स्थान दांव पर लगे हैं। पुरुषों और महिलाओं के लिए 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में चार कोटा हैं जिसमें से अधिकतम तीन भारतीय निशानेबाजों को मिल सकते हैं। ईशा सिंह, रिदम सांगवान और सुरभि राव महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में उतरेंगी जहां भारत को अभी पेरिस खेलों का कोटा हासिल करना है। इस प्रतियोगिता में 26 देशों के लगभग 385 निशानेबाज पेरिस कोटा हासिल करने के अलावा 256 पदक (84 स्वर्ण, 84 रजत और 88 कांस्य पदक) जीतने के लिए जकार्ता की सेनायन निशानेबाजी रेंज में चुनौती पेश करेंगे। भारत पहले ही राइफल, पिस्टल और शॉटगन स्पर्धाओं में 13 ओलंपिक कोटा स्थान हासिल कर चुका है। राइफल में जहां सभी कोटा स्थान सुरक्षित हो गए हैं वहीं पिस्टल में तीन कोटा हासिल हुए हैं। -
जकार्ता. भारत के उभरते हुए निशानेबाज वरूण तोमर ने सोमवार को यहां एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर की पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीतकर भारत के लिए 14वां ओलंपिक कोटा हासिल किया। भारत ने इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता के पहले दिन टीम स्वर्ण पदक सहित कुल तीन पदक के साथ अपने अभियान का आगाज किया। बीस साल के तोमर ने फाइनल में 239.6 अंक के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया जबकि उनके हमवतन अर्जुन चीमा ने 237.3 अंक के साथ रजत पदक जीता। मंगोलिया के देवाखु एंखताइवान (217.2) ने कांस्य पदक अपने नाम किया। इससे पहले तोमर (586), अर्जुन (579) और उज्जवल मलिक (575) की भारतीय टीम कुल 1740 अंक के साथ टीम स्पर्धा में शीर्ष पर रही थी। ईरान और कोरिया ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते। इस प्रतिष्ठित महाद्वीपीय प्रतियोगिता में पेरिस ओलंपिक के लिए कुल 16 कोटा स्थान दांव पर लगे हैं। पुरुषों और महिलाओं के लिए 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में चार कोटा हैं जिसमें से अधिकतम तीन भारतीय निशानेबाजों को मिल सकते हैं। ईशा सिंह, रिदम सांगवान और सुरभि राव महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में उतरेंगी जहां भारत को अभी पेरिस खेलों का कोटा हासिल करना है। इस प्रतियोगिता में 26 देशों के लगभग 385 निशानेबाज पेरिस कोटा हासिल करने के अलावा 256 पदक (84 स्वर्ण, 84 रजत और 88 कांस्य पदक) जीतने के लिए जकार्ता की सेनायन निशानेबाजी रेंज में चुनौती पेश करेंगे। भारत इस प्रतियोगिता से पहले राइफल, पिस्टल और शॉटगन स्पर्धाओं में 13 ओलंपिक कोटा स्थान हासिल कर चुका है। राइफल में जहां सभी कोटा स्थान सुरक्षित हो गए हैं वहीं पिस्टल में तीन कोटा हासिल हुए हैं।
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कोलकाता. तीरंदाज अदिति स्वामी के माता-पिता अपनी बेटी के अर्जुन पुरस्कार समारोह में शामिल होने के लिए सोमवार सुबह को कड़ाके की सर्दी के बीच दिल्ली पहुंचने के बाद ‘सूट (कार्यक्रम के लिए औपचारिक पोशाक)' ढूंढने के लिए पालिका बाजार गये। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में एक औपचारिक समारोह में वार्षिक राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्रदान करेंगी।। दिल्ली पहुंचने के बाद महाराष्ट्र के सतारा की इस तीरंदाज के पिता गोपीचंद और माता शैला स्वामी को एहसास हुआ कि वे राष्ट्रपति की उपस्थिति में राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह में पहनने के लिए बिना औपचारिक पोशाक के आए हैं। ऐसे में वे अपने जीवन के ‘सबसे खास दिन' के लिए औपचारिक कपड़े खरीदने के लिए कनॉट प्लेस के पालिका बाजार पहुंचे। गोपीचंद ने बताया, ‘‘हम अपने सामान्य कपड़ों के साथ आए हैं लेकिन यहां आने के बाद अदिति ने मुझसे कहा कि हमें इस अवसर के लिए कुछ औपचारिक पोशाक चाहिये।'' सतारा में कन्हेर गांव के प्राथमिक विद्यालय के गणित के शिक्षक गोपीचंद ने कहा, ‘‘हमारे बच्चे को राष्ट्रपति से अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करते देखना हमारे लिए गर्व का एक अद्वितीय क्षण होगा। यह एक माता-पिता के लिए सबसे यादगार पल होगा। इसके लिए हमें तैयार रहना चाहिए।'' अदिति पिछले साल सबसे कम उम्र की विश्व तीरंदाजी चैम्पियन बनी थी। इसके बाद से उनकी जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आये। अदिति की अब तक के सफर पर गौरवान्वित होते हुए गोपीचंद ने कहा, ‘‘ विश्व कप पदक, विश्व चैंपियन, एशियाई खेलों के पदक और अब अर्जुन पुरस्कार। हमने कभी नहीं सोचा था कि वह इतनी तेजी से आगे बढ़ेगी। जिंदगी तेजी से आगे बढ़ रही है और हम यहां राष्ट्रपति भवन के निमंत्रण पर आए हैं। यह एक सपने जैसा लगता है।'' अदिति को 2023 के लिए विश्व खेलों के साल की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया है। विजेता का फैसला बुधवार से शुरू होने वाले सार्वजनिक मतदान से किया जाएगा। यह मतदान जनवरी के आखिर तक चलेगा लेकिन 22 जनवरी को शुरुआती कट ऑफ के बाद मुकाबले में शीर्ष 10 खिलाड़ी ही रहेंगे।
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नयी दिल्ली. अमेच्योर गोल्फ की विश्व रैंकिंग में शीर्ष 50 में शामिल इकलौती भारतीय अवनि प्रशांत के लिए अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में देश का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात है। सत्रह साल की अवनि इस महीने दो अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत की अगुवाई करेंगी। वह नौ से 12 जनवरी तक तक दक्षिणी गोल्फ क्लब में वार्षिक ऑस्ट्रेलियाई मास्टर्स ऑफ एमेच्योर चैम्पियनशिप में भाग लेगी। इसमें चार सदस्यीय भारतीय टीम में दो पुरुष और दो महिला खिलाड़ी शामिल हैं। इसके बाद चारों खिलाड़ी 16 से 19 जनवरी 2024 तक ऑस्ट्रेलियाई एमेच्योर चैंपियनशिप में खेलेंगे।
हीना कांग टीम की दूसरी महिला खिलाड़ी है जबकि संदीप यादव और रोहित पुरुष वर्ग में चुनौती पेश करेंगे। भारतीय टीम में सबसे कम उम्र की खिलाड़ी अवनि ने इन टूर्नामेंटों में भाग लेने के लिए पेशेवर बनने की अपनी योजना को रोकने का फैसला किया है। अमेच्योर वर्ग की दो बार की राष्ट्रीय विजेता अवनि ने कहा, ‘‘भारत के लिए खेलना हमेशा सम्मान की बात है। 2023 मैं कुछ अच्छे परिणाम हासिल करने में सफल रही।'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरा दीर्घकालिक लक्ष्य पेशेवर गोल्फ खेलना है, लेकिन अभी ऑस्ट्रेलिया में होने वाले दोनों आयोजन बहुत प्रतिष्ठित हैं। मेरा पूरा ध्यान इसी पर है। उम्मीद है कि यह साल मेरे लिए पिछले साल से बेहतर होगा। -
डरबन. दक्षिण अफ्रीका के महान बल्लेबाज एबी डिविलयर्स इस बात से खफा हैं कि हाल में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच समाप्त हुई श्रृंखला में केवल दो टेस्ट मैच ही खेले गये जिसके लिए उन्होंने दुनिया भर में धड़ल्ले से चल रही टी20 लीग को जिम्मेदार ठहराया। डिविलियर्स ने बड़ी श्रृंखला की वकालत करते हुए कहा कि अगर दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम का पता करना है तो ‘कुछ तो बदलना होगा'। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली गयी टेस्ट श्रृंखला 1-1 से बराबरी पर छूटी जिसमें मेजबान टीम ने सेंचुरियन में शुरुआती टेस्ट पारी और 32 रन से जीता जबकि मेहमान टीम ने केप टाउन में सात विकेट से दूसरा टेस्ट मैच जीता। डिविलियर्स ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘‘मैं इससे खुश नहीं हूं कि श्रृंखला में तीसरा टेस्ट नहीं था। आपको इसके लिए टी20 क्रिकेट को जिम्मेदार ठहराना होगा जो दुनिया भर में खेली जा रही हैं। '' उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि किसे दोषी ठहराया जाये लेकिन मैं समझता हूं कि कुछ तो गलत है। अगर आप सभी टीमों को प्रतिस्पर्धा करते हुए देखना चाहते हो और दुनिया में कौन सर्वश्रेष्ठ टीम है, यह देखना चाहते तो कुछ तो बदलाव करना होगा। '' दक्षिण अफ्रीका अब फरवरी में न्यूजीलैंड का दौरा करेगी जो भी दो टेस्ट मैच की श्रृंखला के लिए ही होगा। लेकिन जब क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने इस श्रृंखला के लिए दूसरे दर्जे की टीम की घोषणा की तो सभी काफी हैरान हो गये क्योंकि इसमें ‘अनकैप्ड' (जिसने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला हो) नील ब्रांड टीम की अगुआई करेंगे। इस श्रृंखला की तारीखें एसए20 लीग (दक्षिण अफ्रीका टी20 लीग) के दूसरे चरण के साथ पड़ रही हैं जो 10 जनवरी से 10 फरवरी के बीच खेली जायेगी जिसमें दक्षिण अफ्रीका के ज्यादातर खिलाड़ी खेल रहे हैं। डिविलियर्स को लगता है कि टेस्ट क्रिकेट दबाव में है और उन्हें स्वीकार किया कि खिलाड़ी और कोच उन्हीं टूर्नामेंट को चुनेंगे जिसमें अच्छी धनराशि मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे दुनिया भर के क्रिकेट में हलचल मचा दी है और स्पष्ट कर दिया है कि टेस्ट क्रिकेट दबाव में है और यहां तक कि वनडे क्रिकेट भी क्योंकि पूरी प्रणाली ही टी20 क्रिकेट की ओर झुक रही है। '' डिविलयर्स ने कहा, ‘‘खिलाड़ी, बोर्ड और कोच उसी ओर झुकेंगे जहां ज्यादा धनराशि होगी। आप उन्हें दोषी नहीं ठहरा सकते क्योंकि वे अपने परिवार के साथ भविष्य के बारे में सोच रहे हैं।
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नयी दिल्ली. हॉकी इंडिया ने बेंगलुरु में भारतीय खेल प्राधिकरण (साईं) परिसर में सोमवार से शुरू होने वाले जूनियर महिला राष्ट्रीय कोचिंग शिविर के लिए रविवार को 41 सदस्यीय टीम घोषित की। हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति के अनुसार खिलाड़ियों का चयन 2023 में घरेलू चैंपियनशिप के प्रदर्शन के आधार पर किया गया। एक महीने तक चलने वाले इस शिविर में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को कोच तुषार खांडेकर के पास रिपोर्ट करनी होगी। शिविर छह फरवरी को समाप्त होगा। खांडेकर ने कहा,‘‘खिलाड़ियों का चयन हॉकी इंडिया जूनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप, क्षेत्रीय चैंपियनशिप के अलावा जूनियर महिला अकादमी राष्ट्रीय चैंपियनशिप और क्षेत्रीय चैंपियनशिप में प्रदर्शन के आधार पर किया गया है।'' उन्होंने कहा,‘‘मेरा शुरू से मानना है कि भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है। मैं इन नए खिलाड़ियों के साथ काम करने को लेकर उत्सुक हूं। इन्हें अगले जूनियर विश्व कप को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा।'' शिविर के लिए चुने गए खिलाड़ी इस प्रकार हैं:
गोलकीपर: विद्याश्री वी, अदिति माहेश्वरी, निधि, एंगिल हर्षरानी मिंज
डिफेंडर: लालथंटलुआंगी, नीरू कुल्लू, ममिता ओरम, थौंजाओजम निरुपमा देवी, ज्योति सिंह, अंजलि बरवा, पवनप्रीत कौर, पूजा साहू मिडफील्डर: प्रियंका डोगरा, रजनी करकेट्टा, एफ लालबी अक्सियामी, मनीषा, निराली कुजूर, हिना बानो, क्षेत्रमयुम सोनिया देवी, अनिशा साहू, प्रियंका यादव, खैदेम शिलेमा, सुप्रिया कुजूर, जयसिकदीप कौर, बिनिमा धान, हुदा खान, साक्षी राणा फॉरवर्ड: सोनम , संजना होरो, देचम्मा पीजी, इशिका, हिमांशी शरद गवांडे, कनिका सिवाच, निशा मिंज, यमुन्ना, गीता यादव, गुरमेल कौर, लालरिनपुई, मुनमुनी दास, अश्विनी पंजाब कोलेकर, सुनेलिता टोप्पो। स्टैंडबाय: लखीमोनी मजुवार (गोलकीपर), ममतेश्वरी लहरे (डिफेंडर), सेजल (फॉरवर्ड)। - मुंबई.। छह बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज एमसी मेरीकोम का मानना है कि खिलाड़ियों की नयी पीढ़ी में उनकी तरह सफलता हासिल करने का जज्बा नहीं है और वे सिर्फ एक बड़ी उपलब्धि से संतुष्ट हो जाते हैं। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता ने यह भी कहा कि वह 41 साल की उम्र में भी ‘सुपर फिट' हैं और उनमें ‘अधिक से अधिक हासिल करने' की ललक बरकरार है। मेरीकोम आने वाले समय में पेशेवर बनने के विकल्प पर विचार कर रही है। उन्होंने शनिवार को एक कार्यक्रम के इतर कहा, ‘‘मैं लड़ूंगी (मुक्केबाजी), वह लड़ने (खेलने) की भावना केवल मेरीकोम में है। मेरे पास अन्य खेल सितारों से कुछ अनोखा है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं 41 साल की हूं, मैं इस साल से कोई भी अंतरराष्ट्रीय (एमेच्योर) प्रतियोगिता में नहीं उतर सकती क्योंकि उम्र सीमा है। मैं हालांकि अपने खेल को एक, दो या तीन साल तक जारी रखना चाहती हूं।'' इस दिग्गज ने कहा कि जब उन्होंने मुक्केबाजी शुरू की थी तब की तुलना में खेलों में अधिक सुविधाएं और विकल्प होने के बावजूद वर्तमान पीढ़ी में पर्याप्त जज्बा नहीं है। छह बार की विश्व चैम्पियनशिप विजेता खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ मैं सुपर फिट हूं, मैं और अधिक हासिल करना चाहता हूं, वह भूख मुझमें है। मौजूदा समय की युवा पीढ़ी एक बार चैंपियन बन कर संतुष्ट हो जाती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर मेरी तरह उनमें भी वह जज्बा और वह भूख हो तो हमारे देश में और अधिक पदक आयेंगे।
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सिडनी. आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेविड वॉर्नर ने शनिवार को यहां अपने घरेलू मैदान एससीजी पर पाकिस्तान के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट में 75 गेंद में 57 रन बनाकर अपने शानदार करियर का अंत किया। आस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान पर आठ विकेट की जीत से श्रृंखला में 3-0 से क्लीन स्वीप किया।
वॉर्नर जानते हैं कि वह ‘हर किसी के पसंदीदा' नहीं रहे हैं और उनका कहना है कि अगर उन्हें यह सब फिर से शुरू करना होता तो वह शायद थोड़ा और धैर्य दिखाते। वॉर्नर ने मेजबान प्रसारक ‘फॉक्स क्रिकेट' से कहा, ‘‘इतने वर्षों में, मैं हर किसी का पसंदीदा खिलाड़ी नहीं रहा हूं। लेकिन मैंने जितना हो सके उतना अच्छा खेल खेला और टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की। '' उन्होंने कहा, ‘‘अगर मेरे पास फिर से यही समय होता और मुझे यह पता होता, तो मैं शायद थोड़ा और धैर्य दिखाता। '' वॉर्नर को आक्रामक खिलाड़ी के तौर पर देखा जाता है जो हमेशा छींटाकशी के लिए तैयार रहता। हमेशा प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों से शब्दों की जंग में शामिल रहते जो विशेषकर उनके करियर के शुरूआती हिस्से में हुआ। वह दक्षिण अफ्रीका में 2018 में गेंद से छेड़छाड़ विवाद का भी केंद्र में रहे थे जिसके लिए उन पर प्रथम श्रेणी क्रिकेट से एक साल का निलंबन लगा और आस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी से उन्हें आजीवन प्रतिबंध झेलना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने शुरूआत की थी तो टीम में मेरी भूमिका यही थी कि प्रतिद्वंद्वी टीम को उकसाऊं। पर ये शुरूआती दिन थे और पहली धारणा को बदलने का दूसरा मौका नहीं मिलता। लेकिन मैंने वह भरोसा फिर से बनाने की कोशिश की है। '' वॉर्नर ने कहा कि वह बाद के वर्षों में शीर्ष स्तर के क्रिकेट में अपने रवैये में बदलाव करने में सफल रहे जिसमें उन्होंने शराब पीना भी बंद कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जुनून से खेल रहा था और मैं थोड़ा शांत हो गया हूं और असल में मैं ऐसा ही हूं। ''
वॉर्नर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि खेल भी बहुत बदल गया है। आप कई खिलाड़ियों के साथ और खिलाफ खेल रहे हो। आपको आक्रामक होने की कोई जरूरत नहीं है, ऐसा करने के अन्य तरीके भी हैं। '' वॉर्नर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में महान रिकी पोंटिंग (27368) के बाद सभी प्रारूपों में 18612 रन के साथ आस्ट्रेलिया के दूसरे सबसे सफल बल्लेबाज के तौर पर खेल को अलविदा कहा। उन्होंने टेस्ट में 44.49 की औसत से 8786 रन बनाये जिनमें 26 शतक और 37 अर्धशतक जड़े थे। उन्होंने 161 वनडे में 45.30 की औसत से 6932 रन जोड़े जिसमें 22 शतक और 33 अर्धशतक शामिल रहे। वह पहले ही वनडे से संन्यास की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन दुनिया भर में टी20 अंतरराष्ट्रीय और घरेलू टी20 लीग के लिए उपलब्ध रहेंगे। - भुवनेश्वर. रेलवे की जिम्नास्ट प्रणति दास के लिए गुरुवार का दिन यादगार रहा जब उन्होंने यहां कलात्मक जिम्नास्टिक सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में ‘पैरलल बार' और ‘फ्लोर एक्सरसाइज' स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते जबकि ऑल-अराउंड महिला वर्ग में दूसरे स्थान पर रहीं। प्रणति की टीम की साथी प्रणति नायक के लिए भी दिन अच्छा रहा। उन्होंने वॉल्ट में स्वर्ण और बैलेंस बीम में कांस्य पदक जीता। त्रिपुरा का प्रतिनिधित्व करते हुए ओलंपियन दीपा करमाकर ने ऑल-अराउंड श्रेणी में स्वर्ण सहित तीन पदक जीते। 30 वर्षीय स्टार जिमनास्ट ने ‘वॉल्ट अनईवन बार्स' में भी रजत पदक जीता। ओडिशा के राकेश कुमार पात्रा ने ऑल-अराउंड और रिंग्स में दो स्वर्ण पदक के अलावा पैरलल बार्स में रजत और हॉरिजेंटल बार्स में कांस्य पदक जीता। सेना के गौरव कुमार ने भी फ्लोर एक्सरसाइज में एक स्वर्ण सहित चार पदक जीते। उन्हें पास पैरलल बार और हॉरिजेंटल बार्स में रजत पदक और ऑल-अराउंड श्रेणी में कांस्य पदक भी जीते। रेलवे के सिद्धार्थ वर्मा वॉल्ट में स्वर्ण और पॉमेल हॉर्स में रजत पदक जीतने के अलावा ऑल-अराउंड में दूसरे स्थान पर रहे। हरियाणा के योगेश्वर ने हॉरिजेंटल बार्स में स्वर्ण और पॉमेल हॉर्स में कांस्य पदक जीता।
- जोहानिसबर्ग. बायें हाथ के तेज गेंदबाज नमन तिवारी के चार विकेट की बदौलत भारत ने गुरुवार को यहां अफगानिस्तान को नौ विकेट से हराकर तीन देशों के अंडर-19 टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया। टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला करने के बाद भारत ने अफगानिस्तान को 33 ओवर में 88 रन पर समेट दिया जिसमें तिवारी ने सात ओवर में एक मेडन से 11 रन देकर चार विकेट झटके। उन्हें साथी तेज गेंदबाजों धनुष गौड़ा और अराध्य शुक्ला का पूरा साथ मिला जिन्होंने दो दो विकेट चटकाये। ऑफ स्पिनर प्रियांशु मोलिया को भी दो विकेट मिले।सलामी बल्लेबाज आदर्श सिंह ने 39 गेंद में नाबाद 52 रन (छह चौके, दो छक्के) की पारी खेली जिससे भारत ने 227 गेंद रहते जीत हासिल की। यह भारत की तीन मैच में तीसरी जीत थी।भारत अब शनिवार को अंतिम राउंड रॉबिन मैच में मेजबान टीम से भिड़ेगा।फाइनल बुधवार को खेला जायेगा।
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नवी मुंबई. भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने गुरुवार को कहा कि क्षेत्ररक्षण और फिटनेस विभाग में त्वरित सुधार संभव नहीं है लेकिन उनकी टीम हाल ही में नियुक्त पूर्णकालिक सहयोगी स्टाफ की मदद से उन कमियों को दूर कर लेगी। टीम लंबे समय से क्षेत्ररक्षण और फिटनेस की समस्या से जूझ रही है। भारतीय टीम शुक्रवार से यहां शुरू होने वाली तीन मैचों की टी20 श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ने की तैयारी कर रही है और ध्यान इस बात पर है कि नौ मैच में से छह में दोहरे अंक में पहुंचने में नाकाम रही हरमनप्रीत इससे कैसे उबरती हैं। इसके अलावा भारत ने ऑस्ट्रेलिया की मजबूत टीम के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला में 0-3 की हार के दौरान अंतिम दो मैच में कुल आठ कैच छोड़े जिसमें से सात दूसरे मैच में टपकाए। हरमनप्रीत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर हम टीम के प्रदर्शन के बारे में बात करें तो हम टुकड़ों में बहुत अच्छा क्रिकेट खेल रहे हैं। क्षेत्ररक्षण और फिटनेस ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में हम लंबे समय से बात कर रहे हैं। हम इस पर काम भी कर रहे हैं।'' अक्टूबर के अंत में टीम के मुख्य कोच नियुक्त किए गए अमोल मजूमदार ने इंग्लैंड के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला से पूर्व अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि मुनीष बाली (क्षेत्ररक्षण) और ट्रॉय कूली (गेंदबाजी) सहयोगी स्टाफ के सदस्य होंगे। हरमनप्रीत ने कहा, “सबसे अच्छी बात यह है कि अब हमारे पास नियमित सहायक स्टाफ है। बीच में हमारे पास कई कोच थे जिनके क्षेत्ररक्षण और फिटनेस पर अपने विचार थे।'' उन्होंने कहा, ‘‘अभी हमारे पास मुनीष सर हैं, उन्हें समय देना होगा। वह बहुत अनुभवी कोच हैं और उन्होंने कई खिलाड़ियों के साथ काम किया है। वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन एक महीने में परिणाम मिलना मुश्किल है।'' हरमनप्रीत ने कहा कि भारत को समग्र प्रदर्शन में सुधार के लिए मैदान पर गलतियों को कम करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छी बात है कि हमें अच्छी टीम (ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड) के खिलाफ खेलने और उनके खिलाफ खुद को परखने का मौका मिल रहा है। अगर हम दिन-ब-दिन गलतियां कम करने में सफल रहे, तो टीम का प्रदर्शन बेहतर होगा।'' अपनी स्वयं की फॉर्म पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अच्छी शुरुआत मिल रही है लेकिन मैं उसे बड़े स्कोर में नहीं बदल पा रही हूं। मुझे लगता है कि किस्मत भी अहम भूमिका निभाती है क्योंकि मैं कुछ बार अजीब तरीके से आउट हुई।'' हरमनप्रीत ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं था कि मैंने खराब शॉट खेले या उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की लेकिन वे आउट होने के अजीब तरीके थे। मैं कड़ी ट्रेनिंग और बल्लेबाजी का अभ्यास कर रही हूं ताकि ऐसा न लगे कि मेरी फॉर्म खराब है।'' हरमनप्रीत ने कहा कि भले ही वर्तमान में भारतीय टीम के पास कोई मानसिक अनुकूलन कोच नहीं है लेकिन मजूमदार काफी अनुभवी हैं और खिलाड़ियों को चुनौतियों से निपटने में मदद करते हैं।
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केपटाउन। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गुरुवार को श्रृंखला बराबर करने वाली सात विकेट की जीत को भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट प्रारूप में सर्वश्रेष्ठ में से एक करार दिया और इसे 2021 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा में मिली ऐतिहासिक जीत के बराबर रखा। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने मिलकर दक्षिण अफ्रीका के 20 में से 15 विकेट झटके जिससे भारत ने पांच सत्र के अंदर मेजबानों को हराकर शानदार वापसी की। भारत को पहले टेस्ट में सेंचुरियन में पारी और 32 रन से हार मिली थी। टेस्ट इतिहास के सबसे छोटे मैच के खत्म होने के बाद रोहित ने कहा, ‘‘यह हमारी सर्वश्रेष्ठ टेस्ट जीत में से एक है। हम यहां कभी नहीं जीते थे, यह हमारी सभी जीत के साथ सबसे ऊपर है। '' वह किसी अन्य टेस्ट की जीत से इसकी तुलना नहीं करना चाहते लेकिन रोहित को लगता है कि ब्रिसबेन में मिली जीत भी इतनी ही महत्वपूर्ण थी क्योंकि 33 साल में आस्ट्रेलिया को दौरा करने वाली टीम वहां नहीं हरा सकी थी। रोहित ने कहा, ‘‘कहीं और मिली टेस्ट जीत से तुलना करना मुश्किल है। इन टेस्ट को रैंकिंग देना मुश्किल है। प्रत्येक टेस्ट मैच की अपनी अहमियत होती है। मुझे लगता है कि गाबा में आस्ट्रेलिया पिछली बार 1988 में हारा था। तो यह उनका गढ़ बन गया था और हमने जिस तरह से टेस्ट जीता, वह महत्वपूर्ण था। '' उन्होंने कहा, ‘‘आप टेस्ट को रैंक नहीं कर सकते। हालांकि यह जीत ऊपर ही होगी। यह दिखाता है कि यह कितना महत्वपूर्ण स्थल है और यह आकर जीतने का श्रेय टीम को जाता है। '' रोहित ने हालांकि घुमा फिराकर कहा कि वह तीन मैच की टेस्ट श्रृंखला खेलना पंसद करेंगे लेकिन इस ड्रा को 2024 की अच्छी शुरूआत कहेंगे। उनसे जब पूछा गया कि क्या तीन मैच की टेस्ट श्रृंखला आदर्श होती तो कप्तान ने कहा, ‘‘यह हमारे हाथ में नहीं है। मैं मैच के कार्यक्रम का फैसला नहीं कर सकता, मैं कुछ और ही करूगा। जो है, वही खेलना है। हमें इस श्रृंखला में खेलने पर गर्व है। '' उन्होंने कहा, ‘‘हमने पहला मैच गंवा दिया, वे अच्छा खेले। हम यहां जीते, हम अच्छा खेले। हम यहां कभी नहीं जीते थे तो इस युवा टीम के लिए यह गर्व का पल है। इस श्रृंखला से हमारा आत्मविश्वास बढ़ेगा। '' भारत विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप अंक तालिका में शीर्ष पर पहुंच गया है और कप्तान ने कहा कि धीमी ओवर गति से अंक गंवाने के बाद इस मैच को जीतना महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा, ‘‘टेस्ट मैच जीतना महत्वपूर्ण है। नये साल की यह शुरूआत अच्छी है। हमने ओवर गति के कारण कुछ अंक गंवा दिये थे इसलिये यह जीत महत्वपूर्ण थी।
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नयी दिल्ली. भारत में कुश्ती का संचालन कर रहे तदर्थ पैनल ने बुधवार को अगले छह सप्ताह के अंदर अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की घोषणा की। इससे पहले जूनियर पहलवानों ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया और भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा गठित पैनल को भंग करने की मांग की। पैनल ने युवा पहलवानों की चिंता को समझा, जिनका करियर पिछले एक साल से शीर्ष पहलवानों के विरोध के कारण अधर में लटका हुआ है। जनवरी 2023 के बाद राष्ट्रीय शिविर या जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन नहीं किया गया है। तीन सदस्यीय पैनल के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा ने जूनियर पहलवानों को आश्वासन दिया कि सब जूनियर और जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप जल्द ही ग्वालियर में आयोजित की जाएगी। बाजवा ने बयान में कहा,‘‘पैनल युवा पहलवानों की चिताओं को समझता है और उनका समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। समिति अगले छह सप्ताह के अंदर ग्वालियर में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की योजना बना रही है।
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केपटाउन. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने मंगलवार को यहां कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में लचर प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा की क्षमता पर उन्हें पूरा भरोसा है। कृष्णा ने सेंचुरियन में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्होंने 20 ओवर में 93 रन दिए। भारत इस मैच में पारी और 32 रन से हार गया था। रोहित से जब गेंदबाजी में संभावित बदलाव और मुकेश कुमार को मौका दिए जाने के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा,,‘‘हमारी टीम प्रबंधन के साथ संक्षिप्त बातचीत हुई कि हम इस टेस्ट मैच के लिए कैसे गेंदबाज चाहते हैं। हमने अभी तक अपनी अंतिम एकादश तय नहीं की है। हमारे सभी खिलाड़ी फिट और चयन के लिए उपलब्ध हैं। हम अभी इस पर अंतिम फैसला करेंगे।'' उन्होंने कहा,‘‘मैं जानता हूं कि हमारी गेंदबाजी थोड़ा अनुभवहीन है और जब ऐसा होता है तो आपको उन पर भरोसा दिखाना होता है। ऐसा किसी भी टीम के साथ हो सकता है। पिछले मैच के बाद मैंने कहा था की प्रसिद्ध अपना पहला मैच खेल रहा है। जब आप अपना पहला मैच खेल रहे होते हैं तो हर कोई नर्वस होता है। '' रोहित ने भले ही कहा कि प्रत्येक खिलाड़ी फिट और चयन के लिए उपलब्ध है लेकिन लगता है कि ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर के टखने में कुछ परेशानी है क्योंकि उन्होंने पिछले दो अभ्यास सत्र में गेंदबाजी नहीं की। भारतीय कप्तान को इसके साथ ही लगता है कि न्यूलैंड्स की पिच से भी सेंचुरियन की तरह तेजी और उछाल मिलेगी। उन्होंने कहा,‘‘पिच काफी हद तक सेंचुरियन जैसी ही लग रही है। हो सकता है कि इसमें सेंचुरियन की तरफ बहुत ज्यादा घास नहीं हो लेकिन परिस्थितियां काफी मायने रखती हैं क्योंकि सेंचुरियन की तुलना में यहां काफी गर्मी है।
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नयी दिल्ली..भारतीय पुरुष हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक की तैयारियों के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका में 14 जनवरी से शुरू होने वाले चार देशों के टूर्नामेंट में भाग लेगी जिसमें उसका सामना मेजबान देश के अलावा फ्रांस और नीदरलैंड से होगा। हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति के अनुसार इस टूर्नामेंट से पहले 39 सदस्यीय कोर ग्रुप राष्ट्रीय कोचिंग शिविर में भाग लेगा जो बुधवार से भारतीय खेल प्राधिकरण के बेंगलुरू स्थित परिसर में शुरू होगा। पेरिस ओलंपिक के लिए पहले ही क्वालीफाई कर चुकी भारतीय टीम 11 दिन के शिविर के बाद केपटाउन रवाना होगी। दक्षिण अफ्रीका में 28 जनवरी तक चलने वाले टूर्नामेंट से भारतीय टीम को फरवरी में ओडीशा में होने वाले प्रो लीग की तैयारी करने का भी मौका मिलेगा। भारत को प्रो लीग में ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, स्पेन और आयरलैंड का सामना करना है।
भारतीय हॉकी टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ने कहा,‘‘हमारे खिलाड़ी अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के बाद तरोताजा होकर वापसी कर रहे हैं। हम दक्षिण अफ्रीका के दौरे से हॉकी सत्र की शुरुआत करेंगे। यहां से पेरिस ओलंपिक तक हमारा कार्यक्रम बेहद व्यस्त रहेगा। हमारे कोर ग्रुप में अनुभवी खिलाड़ी शामिल हैं।'' कोर ग्रुप के लिए चुने गए खिलाड़ी इस प्रकार हैं:
गोलकीपर: कृष्ण बहादुर पाठक, श्रीजेश पीआर, सूरज करकेरा, पवन, प्रशांत कुमार चौहान।
डिफेंडर: जरमनप्रीत सिंह, सुरेंदर कुमार, हरमनप्रीत सिंह, वरुण कुमार, अमित रोहिदास, गुरिंदर सिंह, जुगराज सिंह, मनदीप मोर, नीलम संजीप ज़ेस, संजय, यशदीप सिवाच, दिपसन टिर्की, मंजीत। मिडफील्डर: मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद, मोइरांगथेम रबीचंद्र सिंह, शमशेर सिंह, नीलकंठ शर्मा, राजकुमार पाल, सुमित, आकाशदीप सिंह, गुरजंत सिंह, मोहम्मद राहील मौसीन, मनिंदर सिंह। फॉरवर्ड: एस कार्ति, मनदीप सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, अभिषेक, दिलप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, सिमरनजीत सिंह, शिलानंद लाकड़ा, पवन राजभर। -
सिडनी. संन्यास ले रहे दिग्गज सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर ने सोमवार को कहा कि 2018 के गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के बाद उनके कप्तानी करने पर लगे आजीवन प्रतिबंध से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता था लेकिन वह इस मामले से आगे बढ़ गए हैं। टीम के साथी कैमरन बैनक्रॉफ्ट के पैंट की जेब में सैंडपेपर (रेगमाल) के साथ पकड़े जाने के बाद वार्नर के कप्तानी करने पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया था और ऑस्ट्रेलिया ने 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केप टाउन टेस्ट के दौरान गेंद से छेड़छाड़ की बात स्वीकार की थी। जिन तीन क्रिकेटरों को सजा दी गई थी उनमें तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ और बैनक्रॉफ्ट भी शामिल थे। वार्नर को सबसे कड़ी सजा मिली थी। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ियों और कर्मचारियों के लिए आचार संहिता में 2022 में हुए संशोधन के बाद बाएं हाथ के बल्लेबाज वार्नर को प्रतिबंध के खिलाफ अपील करनी थी लेकिन बाद में उन्होंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया क्योंकि उन्हें पता चला कि समीक्षा पैनल की सुनवाई सार्वजनिक रूप से की जानी थी। इस हफ्ते एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने वाले वार्नर ने कहा, ‘‘जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो इससे (गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण) अलग तरीके से निपटा जा सकता था लेकिन मुझे लगता है कि निक (हॉकले, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी) ने इसे बोर्ड के सामने रखने की पूरी कोशिश की और फैसला किया गया और मैं इससे खुश हूं। मैं उससे आगे बढ़ चुका हूं।'' वार्नर से पूछा गया था कि क्या अब भी उनके मन में आजीवन नेतृत्व प्रतिबंध और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा समीक्षा के तरीके को लेकर कोई कड़वाहट है। इस 37 वर्षीय आक्रामक सलामी बल्लेबाज ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ बुधवार से एससीजी में शुरू होने वाले तीसरे और अंतिम टेस्ट के बाद सबसे लंबे प्रारूप से संन्यास ले लेंगे। आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद और दिल्ली कैपिटल्स का नेतृत्व कर चुके वार्नर ने कहा कि उन्होंने टी20 लीग में नेतृत्व करने का लुत्फ उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आईपीएल, आईएलटी20 में नेतृत्व करने के अवसर मिले हैं। मैंने अपनी नेतृत्व भूमिकाओं का आनंद लिया है।'' वार्नर ने कहा, ‘‘लेकिन हाल के वर्षों में मैंने सीखा है कि नेतृत्व का मतलब कप्तान या उप-कप्तान बनना नहीं है। मेरे लिए, मैं इस टीम में नेतृत्व करता हूं। आपको अपने नाम के आगे कप्तान या उप कप्तान लिखवाने की जरूरत नहीं है।'' गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण से क्या सीखा इस बारे में पूछने पर वार्नर ने कहा, ‘‘उस पूरे दौर में अपने पूरे करियर पर विचार करते हुए मुझे कोई पछतावा नहीं है क्योंकि जब आप आगे बढ़ेंगे तो आपके सामने बहुत सारी बाधाएं आएंगी। रास्ते में बाधाएं आएंगी लेकिन आपको आगे बढ़ना होगा और मैंने सम्मान के साथ ऐसा किया है।'' वार्नर ने यह भी खुलासा किया कि अगर उन्होंने रन नहीं बनाए होते तो वह लॉर्ड्स में 2023 एशेज श्रृंखला के दूसरे मैच के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के लिए तैयार थे। चयनकर्ताओं ने पहले केवल शुरुआती दो टेस्ट मैच के लिए एशेज टीम का चयन किया था और वार्नर तब फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहे थे। वार्नर ने कहा कि मौजूदा श्रृंखला में पाकिस्तान का सूपड़ा साफ करना शानदार होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इस अंत तक पहुंचना शानदार है लेकिन यह मेरे बारे में नहीं है, यह हमारे बारे में है। हमने (पाकिस्तान के खिलाफ) श्रृंखला जीत ली है, लेकिन 3-0 से जीतना और यहां एससीजी (सिडनी क्रिकेट ग्राउंड) में सूपड़ा साफ करना बहुत अच्छी बात होगी। हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि यह टीम पिछले 18 महीनों में कितना अच्छा खेल रही है।'' भारत में 50 ओवर के विश्व कप की जीत के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘हम जिस स्थिति में थे वहां से जीतना बेहद शानदार था। टीम के अंदर सब कुछ बहुत शांत था। हम अपनी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग करके खुद को तैयार करते थे और फिर मैदान पर प्रदर्शन करते थे।'' उन्होंने कहा, ‘‘कभी भी कोई अतिरिक्त दबाव नहीं था। जब हम भारत में (विश्व कप में) लगातार दो मैच हार गए तो एक-दूसरे के साथ संबंध मजबूत हो गए। हम संयोग से वहां (खिताब जीतना) नहीं पहुंचे।'' वार्नर ने कहा कि उन्होंने अपना सर्वश्रेठ दिया है इसलिए उनकी कोई इच्छा नहीं है कि वह कुछ अलग कर पाते। उन्होंने एशेज जीत के अलावा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2014 की टेस्ट सीरीज जीत को अपने करियर का पसंदीदा पल बताया। पाकिस्तान के खिलाफ 2017 में एससीजी में एक सत्र में उनके 100 रन और 2019 में पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 335 रन वार्नर की पसंदीदा पारियां हैं। उन्होंने अपने करियर में सबसे कठिन गेंदबाज के रूप में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज डेल स्टेन को चुना। वार्नर ने यह भी संकेत दिया कि निकट भविष्य में राष्ट्रीय टीम के और भी साथी संन्यास ले सकते हैं। -
मुंबई. भारतीय महिला टीम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पिछले 16 साल से ऑस्ट्रेलिया को अपने घरेलू मैदान पर नहीं हरा पाई है लेकिन ऑफ स्पिनर दीप्ति शर्मा ने सोमवार को कहा कि उनकी टीम अपने इस प्रतिद्वंद्वी के विजय अभियान पर रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत ने घरेलू धरती पर ऑस्ट्रेलिया से लगातार नौ वनडे मैच गंवाए हैं जिनमें वर्तमान श्रृंखला के पहले दो मैच भी शामिल है। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को वनडे में आखिरी बार अपने मैदान पर 23 फरवरी 2007 को चेन्नई में हराया था। दीप्ति ने तीसरे और अंतिम वनडे मैच की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कहा,‘‘जीत और हार खेल का हिस्सा हैं, लेकिन एक टीम के रूप में हमने काफी सुधार किया है फिर चाहे वह गेंदबाजी हो या बल्लेबाजी। हम जल्द से जल्द उनका विजय अभियान थामने का प्रयास करेंगे।'' उन्होंने कहा,‘‘हमारी टीम में बहुत सुधार हुआ है। इससे पहले जब भी हम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते थे तो मैच इतने करीबी नहीं होते थे। पिछले मैच में यह हमारे लिए सकारात्मक पहलू रहा कि हम मैच को आखिर तक ले गए।'' दीप्ति ने कहा कि टीम पिछले मैच के सकारात्मक पहलुओं के साथ अगले मैच में उतरेगी। उन्होंने कहा,‘‘हमने गेंदबाजी में अच्छा प्रदर्शन किया। स्पिनर और तेज गेंदबाजों ने उन्हें बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया। बल्लेबाजों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। बीच के ओवरों में बल्लेबाजों ने अच्छी साझेदारियां निभाई।
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ब्रिस्बेन. विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी नाओमी ओसाका ने मां बनने के बाद टेनिस कोर्ट पर सफल वापसी करते हुए सोमवार को यहां ब्रिस्बेन इंटरनेशनल टूर्नामेंट के पहले दौर में जीत दर्ज की। जर्मनी की तमारा कोरपात्श के खिलाफ ओसाका दूसरे सेट में 5-3 पर मैच के लिए सर्विस कर रही थी लेकिन उन्होंने अपनी सर्विस गंवा दी। यह सेट आखिर में टाइब्रेकर तक खिंचा जिसमें ओसाका ने 6-3, 7-6 (9) ने जीत दर्ज करके अगले दौर में जगह बनाई। ऑस्ट्रेलियाई ओपन और अमेरिकी ओपन की पूर्व विजेता ओसाका गर्भवती होने के कारण पिछले साल ऑस्ट्रेलियाई ओपन से हट गई थी। जुलाई में उन्होंने बिटिया को जन्म दिया था। ओसाका ने मैच के बाद कहा,‘‘पूरे मैच के दौरान मैं वास्तव में काफी नर्वस थी। मैं सभी दर्शकों का आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने मेरा हौसला बढ़ाया।'' ओसाका अगले दौर में विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी और ब्रिस्बेन इंटरनेशनल में तीन बार की चैंपियन कैरोलिना प्लिस्कोवा से भिड़ेंगी। लगातार बारिश के कारण बाहरी कोर्ट पर होने वाले मैच स्थगित करने पड़े। मुख्य कोर्ट पर छत होने के कारण उसी पर मैच संभव हो पाए। पुरुष वर्ग में शीर्ष वरीयता प्राप्त होल्गर रूने ने ऑस्ट्रेलिया के मैक्स परसेल को 4-6, 6-4, 6-2 से हराया, लेकिन पिछले साल अमेरिकी ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले अमेरिका के 21 वर्षीय खिलाड़ी और यहां तीसरी वरीयता प्राप्त बेन शेल्टन को रोमन सफीउलिन से 6-3, 6-7 (5), 6-3 से हार का सामना करना पड़ा। मेलबर्न में 14 जनवरी से शुरू होने वाले ऑस्ट्रेलियाई ओपन की तैयारी के सिलसिले में ब्रिस्बेन इंटरनेशनल काफी महत्व रखता है।
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सिडनी. आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता नहीं देने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) सहित दुनिया के शीर्ष क्रिकेट बोर्डों की कड़ी आलोचना की है। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने अपनी टी20 लीग को प्राथमिकता देते हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ अगले महीने होने वाली दो टेस्ट मैच की श्रृंखला के लिए कमजोर टीम का चयन किया है। उसने नया कप्तान चुना है और उसकी टीम में सात ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अभी तक अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है। वॉ ने दक्षिण अफ्रीका के इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए अन्य क्रिकेट बोर्ड और आईसीसी पर भी निशाना साधा। वॉ ने सिडनी मार्निंग हेराल्ड से कहा,‘‘निश्चित तौर पर उन्हें (टेस्ट क्रिकेट की) कोई परवाह नहीं है। अगर दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को स्वदेश में रखकर भविष्य के लिए कोई संकेत दे रहा है तो फिर ऐसा होने वाला है।'' उन्होंने कहा,‘‘अगर मैं न्यूजीलैंड की जगह होता तो मैं श्रृंखला में नहीं खेलता। मैं नहीं जानता कि वह क्यों खेल रहे हैं। अगर आप न्यूजीलैंड क्रिकेट के प्रति सम्मान नहीं दिखाते तो फिर खेलने का क्या मतलब।'' वॉ ने कहा,‘‘क्या यह टेस्ट क्रिकेट के समाप्त होने का निर्णायक क्षण है। निश्चित तौर पर आईसीसी तथा भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट बोर्ड को खेल के इस विशुद्ध प्रारूप को बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए।'' ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ने कहा,‘‘इतिहास और परंपरा भी अपना महत्व रखती हैं। अगर हमने कोई कदम नहीं उठाया और मुनाफा हासिल करने को ही अपना मानदंड माना, तो (सर डॉन) ब्रैडमैन, (डब्ल्यूजी) ग्रेस और (सर गारफील्ड) सोबर्स की विरासत अप्रासंगिक हो जाएगी।'' यह पहला अवसर नहीं है जबकि दक्षिण अफ्रीका ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बजाय अपनी घरेलू टी20 लीग को प्राथमिकता दी। पिछले साल उसने आस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे श्रृंखला के लिए कमजोर टीम का चयन किया था क्योंकि उसके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी लीग में खेल रहे थे। वॉ ने कहा,‘‘अगर आईसीसी या किसी अन्य ने जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया तो टेस्ट क्रिकेट वैसा नहीं रहेगा जैसा उसे होना चाहिए क्योंकि आप सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के सामने खुद को नहीं परख रहे हैं। मैं जानता हूं कि खिलाड़ी इस प्रारूप में क्यों नहीं खेलना चाहते हैं। उन्हें पर्याप्त धनराशि नहीं मिल रही है।'' उन्होंने कहा,‘‘मेरी समझ में नहीं आता कि आईसीसी या अन्य शीर्ष देश जो ढेर सारा पैसा कमा रहे हैं, वह टेस्ट मैच के लिए एक नियमित शुल्क तय क्यों नहीं करते जिससे कि खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
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नयी दिल्ली. महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने शुभमन गिल से टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी करते हुए अपनी आक्रामकता पर लगाम लगाने की बात कही। गिल सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहे थे जिसमें भारत को पारी और 32 रन से करारी हार मिली थी। गिल ने सुपरस्पोर्ट पार्क में दो और 26 रन बनाये थे जिसमें वह पहली पारी में तेज गेंदबाज नांद्रे बर्गर और दूसरी पारी में मार्को यानसेन का शिकार हो गये थे। गावस्कर ने गिल से सफेद गेंद की तुलना में टेस्ट क्रिकेट की जरूरतों को ध्यान में रखने की सलाह दी।
गावस्कर ने ‘स्टार स्पोर्ट्स' पर कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह टेस्ट क्रिकेट में कुछ ज्यादा ही आक्रामकता से खेल रहा है। जब आप टेस्ट क्रिकेट में खेलते हो तो टी20 अंतरराष्ट्रीय और वनडे की तुलना में इसमें थोड़ा अंतर होता है। '' उन्होंने कहा, ‘‘लाल गेंद हवा में और पिच के बाहर भी सफेद गेंद की तुलना में कुछ ज्यादा ही घूमती है। यह थोड़ा अधिक उछाल लेती है। उसे यह ध्यान में रखना चाहिए। '' गिल ने सीमित ओवर के प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन वह 2023 में खेल के पारपंरिक प्रारूप में 10 पारियों में एक ही 50 रन से ज्यादा का स्कोर और मार्च में आस्ट्रेलिया के खिलाफ एक शतक ही जड़ पाये हैं। गावस्कर ने उम्मीद जतायी कि गिल जल्द ही लय हासिल कर लेंगे।उन्होंने कहा, ‘‘गिल ने अपने करियर की शुरुआत बहुत अच्छी तरह की थी और हमने उनके शॉट्स की प्रशंसा थी। हम केवल उनकी फॉर्म में वापसी की उम्मीद कर सकते हैं। उम्मीद है कि वह कड़ी ट्रेनिंग करेंगे और भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। '' भारत केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन जनवरी से शुरू होने वाले दूसरे और अंतिम टेस्ट में श्रृंखला बराबर करने का लक्ष्य बनाये होगा। - नयी दिल्ली. भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण अफ्रीका के मौजूदा दौरे पर टेस्ट श्रृंखला को जीतने के लिए उनकी टीम को किस्मत की भी थोड़ी जरूरत होगी। भारतीय टीम ने 1992 में पहली बार दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था। टीम हालांकि पिछले 31 साल में उस देश में आठ टेस्ट श्रृंखला में से एक को भी जीतने में सफल नहीं रही है। इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में सफलता का स्वाद चख चुकी भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका में 23 टेस्ट में सिर्फ चार जीत दर्ज की हैं। द्रविड़ ने दो मैचों की श्रृंखला के शुरुआती मुकाबले से पहले ‘स्टार स्पोर्ट्स' से कहा, ‘‘हम कई बार करीब आए हैं और हमने यहां कुछ अच्छी क्रिकेट खेली है। हम कुछ अहम पलों में अपना दबदबा बनाये रखने में सफल नहीं रहे। हमें कई बार ऐसा लगा कि अगर टीम ने यहां 40-50 रन और बनाये होते तो और अधिक चुनौती पेश कर सकते थे।'' इस पूर्व महान बल्लेबाज ने कहा कि दो साल पहले पिछले दौरे पर जिस तरह से भारत ने गेंदबाजी की थी, उससे टीम का आत्मविश्वास काफी बढ़ेगा। भारतीय टीम पिछले दौरे पर 1-0 की बढ़त बनाने के बाद 1-2 से श्रृंखला गंवा बैठी थी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमने पिछले दौरे पर काफी अच्छी गेंदबाजी की थी। इससे हमारा आत्मविश्वास काफी बढ़ेगा कि हमारी गेंदबाजी आक्रमण के पास इन परिस्थितियों में 20 विकेट लेने की क्षमता है।'' द्रविड़ ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में आपको थोड़े से भाग्य की भी जरूरत होती है, बहुत सारे मौके होते हैं जो आपके हाथ से निकल जाते हैं। कई बार ऐसा होता है जब गेंद बल्ले के बेहद करीब से निकल जाती है। आप चाहते हैं कि आपको किस्मत का साथ मिले और गेंद प्रतिद्वंद्वी टीम के बल्लेबाजों के बल्ले का किनारा लेकर निकले।'' द्रविड़ ने कहा, ‘‘ भाग्य का साथ भी हालांकि तभी मिल सकता है जब आप अपने कौशल का अच्छा इस्तेमाल कर यह सुनिश्चित करते हैं कि आप गेंद को सही क्षेत्र में डाल रहे हैं। जब आवश्यक हो तो आप अपना अनुशासन और धैर्य बनाये रखते हैं।'' भारतीय कोच ने पदार्पण कर रहे तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ प्रसिद्ध अच्छा गेंदबाज है लेकिन हमें यथार्थवादी होना होगा कि यह उसका पहला टेस्ट मैच है। कई कारणों से उनके पास प्रथम श्रेणी क्रिकेट का अधिक अनुभव नहीं है। मुझे उम्मीद है कि वह अच्छा प्रदर्शन करेगा और खेल का लुत्फ उठाएगा। यह बहुत ही प्यारा पल होता है जब हम किसी को नई कैप (पदार्पण का मौका) देते हैं।
- नयी दिल्ली। विश्व एथलेटिक्स चैपियनशिप में भारत की पहली पदक विजेता अंजू बॉबी जॉर्ज ने देश में खेलों को बढ़ावा देने और बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने ‘गलत युग में’ प्रतिस्पर्धा की।क्रिसमस के मौके पर प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए लंबी कूद की महान खिलाड़ी अंजू ने कहा, ‘‘एक खिलाड़ी के रूप में मैंने लगभग 25 वर्षों तक प्रतिस्पर्धा की और मैं बहुत सारे बदलाव देख रही हूं। जब मैंने 20 साल पहले भारत को पहला वैश्विक पदक दिलाया था तो मेरा विभाग भी मुझे पदोन्नति देने के लिए तैयार नहीं था।’’उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन नीरज (चोपड़ा) के पदक जीतने के बाद मैंने बदलाव देखे हैं... जिस तरह से हम जश्न मना रहे हैं... मैं उनसे ईर्ष्या करती हूं क्योंकि मैं गलत युग में थी।’’पेरिस में 2003 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की लंबी कूद स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाली अंजू ने महिला सशक्तिकरण के बारे में बात की और यह भी बताया कि कैसे देश अब एथलीटों की उपलब्धियों का भी जश्न मनाता है।उन्होंने कहा, महिला सशक्तिकरण अब सिर्फ एक शब्द नहीं है। हर भारतीय लड़की सपने देखने के लिए तैयार है और उन्हें पता है कि उनके सपने सच होंगे।’’प्रधानमंत्री ने क्रिसमस के मौके पर ईसाई समुदाय के साथ बातचीत की और अंजू इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रमुख लोगों में शामिल थीं।अंजू ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि निकट भविष्य में हम (खेल जगत में) शीर्ष पर होंगे।’’अपनी अन्य उपलब्धियों में अंजू ने 2003 के एफ्रो-एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता और 2004 के एथेंस ओलंपिक खेलों में 6.83 मीटर का अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिससे वह पांचवें स्थान पर रहीं थी। उन्हें 2002 में अर्जुन पुरस्कार, 2003 में खेल रत्न और 2004 में चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया।