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- नयी दिल्ली। देश के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में अगस्त में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। निम्न तुलनात्मक आधार तथा विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन में अच्छी बढ़ोतरी हुई है। इन क्षेत्रों का उत्पादन कोविड-पूर्व स्तर को पार कर गया है। औद्योगिक उत्पादन में विनिर्माण क्षेत्र का भारांश 77.63 प्रतिशत है।राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि दर 9.7 प्रतिशत रही। इस दौरान खनन क्षेत्र का उत्पादन 23.6 प्रतिशत तथा बिजली क्षेत्र का 16 प्रतिशत बढ़ा। अगस्त, 2020 में औद्योगिक उत्पादन 7.1 प्रतिशत घटा था।अगस्त, 2021 में आईआईपी 131.1 अंक रहा, जो पिछले साल समान महीने में 117.2 अंक रहा था। अगस्त, 2019 में यह 126.2 अंक था। आंकड़ों से पता चलता है कि औद्योगिक उत्पादन सुधरा है और यह महामारी पूर्व के अगस्त, 2019 के स्तर को पार कर गया है। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह अप्रैल-अगस्त में आईआईपी में 28.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में आईआईपी में 25 प्रतिशत की गिरावट आई थी। कोरोना वायरस महामारी की वजह से पिछले साल मार्च से औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हुआ है। उस समय इसमें 18.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। अप्रैल, 2020 में लॉकडाउन की वजह से औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित होने से औद्योगिक उत्पादन 57.3 प्रतिशत घटा था। आर्थिक गतिविधियां खुलने के बाद सितंबर, 2020 में कारखाना उत्पादन एक प्रतिशत बढ़ा था। अक्टूबर में इसमें 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। नवंबर, 2020 में इसमें 1.6 प्रतिशत की गिरावट आई थी, जबकि दिसंबर, 2020 में यह 2.2 प्रतिशत बढ़ा था। इसके बाद जनवरी में आईआईपी में 0.6 प्रतिशत तथा फरवरी में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई। मार्च में यह 24.2 प्रतिशत बढ़ा। अप्रैल में एनएसओ ने आईआईपी के आंकड़ों को रोक लिया था। मई, 2021 में आईआईपी 27.6 प्रतिशत तथा जून में 13.6 प्रतिशत बढ़ा था।इस साल जुलाई में आईआईपी में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सरकार ने 25 मार्च, 2020 को कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी स्तर पर लॉकडाउन लगाया था। अगस्त, 2020 में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में 7.6 प्रतिशत तथा खनन क्षेत्र के उत्पादन में 8.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। अगस्त, 2020 में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 1.8 प्रतिशत घटा था। निवेश का संकेतक माने जाने वाले पूंजीगत सामान क्षेत्र का उत्पादन अगस्त, 2021 में 19.9 प्रतिशत बढ़ा है। एक साल पहले समान महीने में यह 14.4 प्रतिशत घटा था। अगस्त, 2021 में टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र का उत्पादन आठ प्रतिशत बढ़ा जबकि अगस्त, 2020 में यह 10.2 प्रतिशत घटा था। इसी तरह गैर-टिकाऊ सामान क्षेत्र का उत्पादन 5.2 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एक साल पहले समान महीने में इसमें तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी।
- मुंबई। बैंक, वाहन और टिकाऊ उपभोक्ता सामान कंपनियों के शेयरों में लिवाली से सेंसेक्स मंगलवार को 149 अंक की बढ़त के साथ 60,284 अंक के अपने नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। सेंसेक्स में लगातार चौथी कारोबारी सत्र में तेजी का सिलसिला जारी रहा। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 148.53 अंक यानी 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 60,284.31 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया। कारोबार के दौरान यह 60,332 अंक से 59,885 अंक के दायरे में रहा।इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 46 अंक यानी 0.26 प्रतिशत के लाभ से 17,991.95 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी का भी यह नया रिकॉर्ड है। सेंसेक्स की कंपनियों में टाइटन का शेयर सबसे अधिक पांच प्रतिशत से ज्यादा चढ़ गया। बजाज ऑटो, बजाज फिनसर्व, एसबीआई, नेस्ले इंडिया, आईटीसी, एक्सिस बैंक तथा टाटा स्टील के शेयर भी लाभ में रहे। वहीं दूसरी ओर एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, टीसीएस तथा सन फार्मा के शेयरों में गिरावट आई। पिछले चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 1,095 अंक या 1.84 प्रतिशत चढ़ चुका है। वहीं निफ्टी 345 अंक या 1.95 प्रतिशत के लाभ में रहा है। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप 0.65 प्रतिशत तक चढ़ गए।एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ‘‘दिन में कारोबार के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयरों में काफी गतिविधियां देखने को मिलीं। दोपहिया वाहनों तथा टिकाऊ उपभोक्ता कंपनियों के शेयर भी मांग में रहे। हालांकि, आईटी कंपनियों के शेयरों में मुनाफावसूली का सिलसिला चला। कारोबार के अंतिम घंटे में एल्युमीनियम की अगुवाई में धातु शेयरों में लिवाली से बाजार को समर्थन मिला।'' जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘तिमाही नतीजों के सत्र की कमजोर शुरुआत से आईटी शेयरो में बिकवाली रही। इसके लिए कमजोर वैश्विक रुख से भी यहां धारणा प्रभावित हुई। इससे घरेलू बाजार ज्यादातर समय नकारात्मक दायरे में रहा।'' उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा टिकाऊ उपभोक्ता सामान कंपनियों के शेयरों को मिले जबर्दस्त समर्थन से बाजार अंतत: सकारात्मक रुख के साथ बंद हुआ। अन्य एशियाई बाजारों में चीन के शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग के हैंगसेंग, जापान के निक्की तथा दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में गिरावट आई। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजारों में भी गिरावट का रुख था। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल 0.26 प्रतिशत की बढ़त के साथ 83.87 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 16 पैसे टूटकर 75.52 प्र्रति डॉलर पर बंद हुआ।
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मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को लघु वित्त बैंक (एसएफबी) के लिए विशेष दीर्घकालिक रेपो परिचालन (एसएलटीआरओ) योजना के संबंध में संशोधित परिचालन दिशानिर्देश जारी किए। पिछले सप्ताह घोषित मौद्रिक नीति में केंद्रीय बैंक ने एसएलटीआरओ योजना को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाने की बात कही थी। इससे पहले योजना 31 अक्टूबर 2021 तक ही थी। आरबीआई ने कहा कि लघु वित्त बैंक आम लोगों और छोटे व्यवसायों को कर्ज देने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं और इसलिए रेपो दर पर तीन वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपये की एसएलटीआरओ सुविधा उन्हें 31 दिसंबर 2021 तक जारी रहेगी। इसके तहत प्रति कर्जदार 10 लाख रुपये तक के नए ऋण दिये जा सकते हैं। आरबीआई ने सोमवार को एक बयान में कहा कि तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत पात्र सभी एसएफबी इस योजना में भाग ले सकते हैं।
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इंदौर। जीवनरक्षक दवाओं की मांग में उछाल से मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 में अप्रैल से सितंबर के दौरान इंदौर के विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) से निर्यात करीब 12.25 प्रतिशत वृद्धि के साथ लगभग 6,359 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इस बहुउत्पादीय सेज से 5,665 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया था। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया,“इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच इंदौर सेज से हुए निर्यात में करीब 60 फीसद भागीदारी दवाओं, खासकर जीवनरक्षक औषधियों की रही।” उन्होंने बताया कि फिलहाल इंदौर सेज में फार्मा, पैकेजिंग सामग्री, इंजीनियरिंग, वस्त्र निर्माण और खाद्य प्रसंस्करण समेत अलग-अलग क्षेत्रों के 60 संयंत्र चल रहे हैं। इनमें से 20 इकाइयां अकेले फार्मा क्षेत्र की हैं। यह सेज हालांकि इंदौर के पास धार जिले की औद्योगिक नगरी पीथमपुर में स्थित है। लेकिन 1,100 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में फैली इस जगह को आधिकारिक तौर पर "इंदौर सेज" के नाम से ही जाना जाता है। - नई दिल्ली। मोटर वाहन उद्योग में इस समय बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। हालांकि, जापान की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी टोयोटा ने अपने फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन मिराई के साथ एक जबरदस्त कारनामा कर दिया है। हाइड्रोजन से चलने वाली 2021 टोयोटा मिराई ने बिना दोबारा ईंधन भरे फ्यूल सेल वाहन द्वारा सबसे लंबी दूरी तय करने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।टोयोटा की हाइड्रोजन से चलने वाली मिराई ने दक्षिणी कैलिफोर्निया के राउंडट्रिप दौरे के दौरान एक सिंगल, पांच मिनट की पूरी फिलिंग पर 1360 किमी की यात्रा पूरी की। इस रिकॉर्ड को पूरा करने में दो दिन का समय लगा। रिकॉर्ड बनाने की कोशिश के दौरान गिनीज वर्ल्ड रिकॉड्र्स द्वारा बारीकी से निगरानी की गई। 5 मिनट में फुल टैंक ईंधन भरने के बाद, मिराई के टैंक को सील कर दिया गया और यात्रा की शुरुआत और आखिर दोनों में अधिकारी द्वारा इसकी पुष्टि की गई।दो दिवसीय यात्रा 23 अगस्त, 2021 को कैलिफोर्निया के गार्डेना में टोयोटा टेक्निकल सेंटर (टीटीसी) में शुरू हुई। यहां टोयोटा का फ्यूल सेल डेवलपमेंट ग्रुप मौजूद है। पहले दिन, इस कार ने दक्षिण को ओर सैन य्सिड्रो के लिए यात्रा की और फिर उत्तर में सांता बारबरा के निकली। इस दौरान इसने प्रशांत तट राजमार्ग से सांता मोनिका और मालिबू समुद्र तट होते हुए सफर तय किया। चालकों ने जीपीएस द्वारा 761 किमी की यात्रा दर्ज की और फिर टोयोटा टेक्निकल सेंटर (टीटीसी) लौट आए।दूसरे दिन इस कार के जरिए स्थानीय ड्राइविंग की गई और ईंधन खत्म होने तक 600 किमी की यात्रा पूरी की गई। इस दौरान कार को लॉस एंजिल्स और ऑरेंज काउंटी के बीच सैन डिएगो फ्रीवे पर सुबह और दोपहर में भीड़-भाड़ वाले समय में चलाया गया। ईंधन खत्म होने से पहले कार टीटीसी पर वापस लौट आई और कुल 1360 किमी की दूरी तय किया।टोयोटा मोटर उत्तरी अमेरिका के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट बॉब कार्टर ने कहा कि, "2016 में, टोयोटा मिराई उत्तरी अमेरिका में खुदरा बिक्री के लिए उपलब्ध पहला प्रॉडर्शन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहन था और अब नेक्स्ट जेनरेशन मिराई ड्राइविंज रेंज के लिए रिकॉर्ड बना रही है। इस रोमांचक टेक्नोलॉजी में लीडर बनने पर हमें गर्व है, जो हमारे पोर्टफोलियो में जीरो-उत्सर्जन वाहनों की बढ़ती लाइनअप में से एक है।"
- नयी दिल्ली। सरकार ने घाटे में चल रही एयर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा समूह को 18,000 करोड़ रुपये में बेचने की पुष्टि को लेकर सोमवार को आशय पत्र जारी किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले हफ्ते टाटा समूह की स्वामित्त्व वाली कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2,700 करोड़ रुपये नकद भुगतान करने और एयरलाइन के ऊपर कर्ज में से 15,300 करोड़ रुपये की जिम्मेदारी लेने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। उसके बाद, अब टाटा को एक आशय पत्र (एलओआई) जारी किया गया है जिसमें सरकार की एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की इच्छा की पुष्टि की गई है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा, ‘‘आज आशय पत्र जारी कर दिया गया है।'' आशय पत्र के बाद शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। टाटा समूह को एयर इंडिया के संचालन को संभालने से पहले लेन-देन से जुड़ी शर्तों को पूरा करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, ‘‘आम तौर पर एलओआई की स्वीकृति के 14 दिनों के भीतर, शेयर खरीद समझौते (एसपीए) पर हस्ताक्षर किए जाते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि एसपीए पर जल्द हस्ताक्षर किए जाएंगे।'' पांडेय ने कहा कि सौदा दिसंबर के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है। एसपीए पर हस्ताक्षर के बाद, नियामक मंजूरी दी जाएगी जिसके बाद संचालन हस्तांतरण प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पांडेय ने कहा, ‘‘जब वे स्वीकृति पत्र देंगे, तो वे ईवी (उपक्रम मूल्य) के 1.5 प्रतिशत की भुगतान सुरक्षा देंगे जो कि 270 करोड़ रुपये है। 270 करोड़ रुपये बैंक गारंटी के तौर पर भुगतान सुरक्षा के रूप में होगा जो हमें स्वीकृति पत्र के साथ प्राप्त होगा।'' उन्होंने कहा कि सौदे का नकद हिस्सा नियंत्रण सौंपे जाने के दिन आएगा जो दिसंबर के अंत तक होगा।
- नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने सोमवार को ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत तक की कटौती की। बैंक के इस कदम से आवास, वाहन ऋण और अन्य कर्ज सस्ते होंगे। बैंक ने एक बयान में कहा कि रेपो से संबद्ध ब्याज दर (आरएलएलआर) को 6.90 प्रतिशत से घटाकर 6.80 प्रतिशत कर दिया गया है। नयी दर 11 अक्टूबर, 2021 से प्रभाव में आ गयी हैं। बयान में कहा गया है, ‘‘इसके अलावा कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में भी 0.10 प्रतिशत की कटौती की गयी है। इस कटौती के बाद एक दिन के लिये एमसीएलआर आधारित ब्याज दर 6.70 प्रतिशत, एक महीने के लिये 6.80 प्रतिशत, तीन महीने के लिये 7.10 प्रतिशत और छह महीने के 7.15 प्रतिशत होगी। एक साल के लिये एमसीएलआर 0.05 प्रतिशत कम कर 7.25 प्रतिशत कर दिया गया है।'' इससे पहले, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने त्योहारों के दौरान आवास, कार और सोने पर कर्ज के लिये प्रसंस्करण शुल्क से छूट देने की घोषणा की थी। रेपो दर आधारित ब्याज दर कम होने से आवास ऋण पर ब्याज कम होकर 6.8 प्रतिशत, कार ऋण के लिये 7.05 प्रतिशत और स्वर्ण ऋण पर 7.0 प्रतिशत हो गया है।
- नई दिल्ली। विद्युत मंत्रालय ने आज विद्युत वितरण कंपनियों पर नियमित अवधि के बाद विद्युत लेखा तैयार कराए जाने का आज्ञा पत्र जारी किया। ऊर्जा कुशलता ब्यूरो ने विद्युत मंत्रालय की अनुमति से इस बारे में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम-2001 के प्रावधानों के अंतर्गत विनियम जारी किया है। अधिसूचना के अनुसार 60 दिन के भीतर प्रमाणित ऊर्जा प्रबंधक के जरिए विद्युत वितरण कंपनियों को त्रैमासिक आधार पर ऊर्जा का लेखा तैयार करना होगा। इसके अलावा, स्वतंत्र अधिकृत ऊर्जा अंकेषक (ऑडिटर) द्वारा वार्षिक ऊर्जा ऑडिट भी कराना होगा। इन दोनों की रिपोर्ट सार्वजनिक क्षेत्र में प्रकाशित की जाएंगी। ऊर्जा लेखांकन रिपोर्ट में विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली की खपत और विभिन्न क्षेत्रों में संप्रेषण और वितरण हानि की विस्तृत सूचना प्रदान करनी होगी। यह अधिक नुकसान और बिजली चोरी वाले क्षेत्रों की पहचान करेगा और सुधारात्मक कार्रवाई किए जाने के कदमों की जानकारी भी देगा। नुकसान और चोरी के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। रिपोर्ट में दिया गया डेटा, बिजली के नुकसान में कमी लाने के समुचित उपाय करने के लिए विद्युत वितरण कंपनियों को मददगार होगा। विद्युत वितरण कंपनियां प्रभावी रूप से समुचित अवसंरचना को उन्नत बनाने और मांग के प्रबंधन की योजना बना सकेंगी। ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि इस पहल से पेरिस समझौता लक्ष्य हासिल करने में भारत की जलवायु कार्रवाइयों में योगदान मिलेगा।
- मुंबई। घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्रों में तेजी रही और दोनों सूचकांक रिकार्ड ऊंचाई पर बंद हुए। मुख्य रूप से वाहन, बिजली और बैंक शेयरों में तेजी से बाजार को मजबूती मिली। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स एक समय कारोबार के दौरान 60,476.13 के रिकार्ड स्तर तक चला गया था। अंत में यह 76.72 अंक यानी 0.13 प्रतिशत की बढ़त के साथ 60,135.78 की रिकार्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50.75 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की तेजी के साथ अबतक के रिकार्ड स्तर 17,945.95 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 18,041.95 अंक तक चला गया था। सेंसेक्स के शेयरों में करीब 4 प्रतिशत की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में मारुति का शेयर रहा। इसके अलावा पावर ग्रिड, आईटीसी, एनटीपीसी, एसबीआई, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक बैंक और एचडीएफसी बैंक में भी प्रमुख रूप से तेजी रही। दूसरी तरफ, टीसीएस को सर्वाधिक 6 प्रतिशत का नुकसान हुआ। कंपनी का दूसरी तिमाही का परिणाम बाजार उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने से शेयर नीचे आया। कंपनी ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद वित्तीय परिणाम की घोषणा की थी। उसका एकीकृत शुद्ध लाभ सितंबर 2021 को समाप्त तिमाही में 14.1 प्रतिशत बढ़कर 9,624 करोड़ रुपये रहा। एमके ग्लोबल की रिपोर्ट के अनुसार टीसीएस का दूसरी तिमाही का परिणाम बाजार की उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा। कंपनी की कर पूर्व आय और कमाई उम्मीद के मुकाबले कम रही। टीसीएस के अलावा टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, एचसीएल टेक और रिलायंस इंडस्ट्रीज 2.76 प्रतिशत तक नीचे आये। आनंद राठी के इक्विटी शोध प्रमुख (बुनियादी) नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख के साथ घरेलू बाजार में शुरूआत अच्छी रही। कोविड संक्रमण के मामलों में कमी के साथ आठ देशों में टीका ले चुके लोगों के लिये यात्रा से जुड़े नियमों में ढील से धारणा को बल मिला। उन्होंने कहा, ‘‘दोपहर कारोबार में भी बाजार अच्छी स्थिति में थी। ब्याज दर से संबद्ध वाहन, रियल्टी और जन उपयोगी सेवाओं से संबद्ध शेयरों में तेजी रही। कारोबारियों की धारणा देश के निर्यात में अच्छी वृद्धि के आंकड़े से भी बल मिला। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान निर्यात 197 अरब डॉलर पहुंच गया है।'' सोलंकी के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की अक्टूबर में अबतक शुद्ध रूप से 1,997 करोड़ रुपये की लिवाली की खबर से भी धारणा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग और तोक्यो लाभ में रहें जबकि शंघाई नुकसान में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में ज्यादातर में दोपहर कारोबार में गिरावट का का रुख रहा। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.12 प्रतिशत बढ़कर 84.14 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 37 पैसे टूटकर 75.36 डॉलर प्रति बैरल पर आ गयी।--
- नयी दिल्ली। सेमीकंडक्टर के संकट के बीच वाहन विनिर्माता डीलरों को पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं। इसके चलते इस त्योहारी सीजन में डीलरों को भारी नुकसान होने का अंदेशा है। वाहन डीलरों के संघों के महासंघ (फाडा) के अध्यक्ष विन्केश गुलाटी ने यह राय जताई है। गुलाटी ने कहा, ‘‘चिप का संकट जारी है। ऐसे में विनिर्माताओं को उत्पादन के मुद्दों से जूझना पड़ रहा है। वे अपने डीलर भागीदारों को आपूर्ति घटा रहे हैं।'' नवरात्रि के पहले दिन से वाहन डीलरों के लिए 42 दिन के व्यस्त सत्र की शुरुआत हुई है। आपूर्ति की कमी की वजह से डीलर अपने ग्राहकों को उनकी पसंद के वाहन की आपूर्ति के लिए इंतजार करने को लेकर भरोसा नहीं दिला पा रहे हैं। कई मॉडलों की भारी मांग के बीच डीलरों के पास बुकिंग रद्द हो रही हैं। वहीं डीलरों के पास पर्याप्त स्टॉक नहीं होने की वजह से मौके पर खरीद में भी कमी आ रही है। गुलाटी ने कहा, ‘‘बिक्री के लिहाज से त्योहारी सत्र हमारे लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है। औसतन इन दो माह में हम अपनी सालाना बिक्री का 40 प्रतिशत हासिल करते हैं। यह वह समय होता है जबकि हम शेष साल के परिचालन के लिए कमाई और बचत कर पाते हैं। इस साल हमें पर्याप्त संख्या में वाहन नहीं मिल रहे। ऐसे में हमें नुकसान का अंदेशा है।'' उन्होंने कहा कि यात्री वाहन खंड में ज्यादातर मॉडलों के लिए ‘इंतजार की अवधि' पूर्व के एक से तीन माह की तुलना में काफी अधिक बढ़ चुकी है। डीलरशिप पर वाहन नहीं होने से मौके पर बिक्री भी प्रभावित हुई है। गुलाटी ने कहा, ‘‘हमारे आंकड़ों के अनुसार 50 से 60 प्रतिशत खरीदार पहले से बुकिंग कराते हैं। वहीं शेष 40 प्रतिशत शोरूम पर आकर तत्काल वाहन खरीदते हैं। लेकिन अभी हमारे लिए यह अध्याय बंद है।'' पूरी स्थिति को काफी चुनौतीपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि यदि इन 42 दिन में उद्योग सामान्य बिक्री हासिल कर पाया, तो उसे काफी भाग्यशाली माना जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें बड़े नुकसान का अंदेशा है। त्योहारी सीजन में हमारी खुदरा बिक्री 4 से 4.5 लाख इकाइयां रहती है। लेकिन इस बार इसके 3 से 3.5 लाख इकाई रहने का ही अनुमान है। यदि हम यह आंकड़ा भी हासिल कर पाए, तो काफी भाग्यशाली होंगे।
- नयी दिल्ली। वाहन ईंधन कीमतों में वृद्धि का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। पेट्रोल के दाम 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल के 35 पैसे प्रति लीटर और बढ़ गए हैं। इससे गांधीनगर और लेह जैसे स्थानों पर डीजल का दाम 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया है। इससे पहले शनिवार को मुंबई में डीजल ने शतक लगाया था। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल के दाम 30 पैसे प्रति लीटर और बढ़ाए गए हैं। वहीं डीजल की कीमतों में 35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। वाहन ईंधन कीमतों में लगातार छठे दिन वृद्धि हुई है। इससे वाहन ईंधन के दाम नयी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 104.14 रुपये प्रति लीटर के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है। वहीं मुंबई में पेट्रोल अब 110.12 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है। मुंबई में अब डीजल 100.66 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं दिल्ली में यह 92.82 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। स्थानीय करों की वजह से विभिन्न राज्यों में वाहन ईंधन के दाम भिन्न होते हैं।मुंबई और हैदराबाद के बाद अब गुजरात की राजधानी गांधीनगर तथा संघ शासित प्रदेश लेह में डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के पार निकल गया है। गांधीनगर में अब डीजल 100.21 रुपये प्रति लीटर और लेह में 100.06 रुपये प्रति लीटर हो गया है। भोपाल, रायपुर और जयपुर जैसी अन्य राज्यों की राजधानियों में डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक बिक रहा है। लगातार मूल्यवृद्धि के बाद अब एक राज्य की राजधानी को छोड़कर अन्य स्थानों पर पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर चुका है। देहरादून, चंडीगढ़ और गुवाहाटी भी इस सूची में शामिल हो गए हैं। सिर्फ रांची एकमात्र राजधानी है जहां पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से कम है। लगातार पांच दिन से पेट्रोल के दाम 30 पैसे प्रति लीटर बढ़ रहे हैं। वहीं डीजल कीमतों में 35 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो रही है। ओपेक प्लस ने उत्पादन में चार लाख बैरल प्रतिदिन से अधिक की बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रेंट कच्चा तेल 82 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है। एक महीने पहले ब्रेंट कच्चे तेल का दाम 72 डॉलर प्रति बैरल था। शुद्ध आयातक होने की वजह से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत अंतरराष्ट्रीय दरों के अनुरूप होती है।
- नयी दिल्ली। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने कहा है कि एयर इंडिया के निजीकरण के बाद सरकार अब अलायंस एयर सहित उसकी चार अन्य सहायक कंपनियों और 14,700 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि-भवन जैसी गैर-प्रमुख संपत्ति के मौद्रिकरण पर काम शुरू करेगी। सरकार ने आठ अक्टूबर को घोषणा की थी कि टाटा संस ने 18,000 करोड़ रुपये में कर्ज से लदी राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीती है। इसमें 2,700 करोड़ रुपये का नकद भुगतान और 15,300 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज शामिल है। इस सौदे के दिसंबर अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। पांडेय ने कहा, ‘‘दीपम अब एयर इंडिया की सहायक कंपनियों के मौद्रिकरण के लिए एक योजना पर काम करेगा। ये सहायक कंपनियां भारत सरकार की एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) के पास हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘अनुषंगियों कंपनियों की बिक्री शुरू नहीं हो सकी क्योकि ये सभी एक-दूसरे से जुड़ी हैं। जब तक एयर इंडिया की बिक्री नहीं हो जाती, हम अन्य चीजों पर आगे नहीं बढ़ सकते।'' एयर इंडिया की बिक्री के लिए सरकार ने 2019 में एयर इंडिया समूह के कर्ज और गैर-प्रमुख संपत्तियों को रखने के लिए एक विशेष उद्देश्यीय कंपनी एआईएएचएल का गठन किया था। एयर इंडिया की चार अनुषंगी कंपनियां - एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, एयरलाइन एलाइड सर्विसेज लिमिटेड, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड हैं।
- नयी दिल्ली। सरकार ने घरेलू बाजार में कीमतों में नरमी के लिए रविवार को खाद्य तेलों के व्यापारियों पर 31 मार्च तक स्टॉक या भंडारण की सीमा लगा दी है। हालांकि, कुछ आयातकों-निर्यातकों को इससे छूट दी गई है। एनसीडीईएक्स मंच पर आठ अक्टूबर से सरसों तेल के वायदा कारोबार पर पहले ही रोक लगा दी गई है।सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल के दौरान घरेलू खुदरा बाजारों में खाद्य तेलों के दाम 46.15 प्रतिशत तक चढ़े हैं। वैश्विक कारकों के अलावा घरेलू बाजार में आपूर्ति प्रभावित होने की वजह से खाद्य तेलों के दाम बढ़ रहे हैं। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘केंद्र के इस फैसले से घरेलू बाजार में खाद्य तेल कीमतों में नरमी आएगी। इससे देशभर में उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।'' सभी राज्यों को जारी आदेश के अनुसार, राज्य सरकारें तथा संघ शासित प्रदेश उपलब्ध स्टॉक तथा उपभोग के रुख के आधार पर खाद्य तेलों तथा तिलहनों के भंडारण की सीमा पर फैसला करेंगे। हालांकि, कुछ आयातकों तथा निर्यातकों को स्टॉक की सीमा से छूट दी गई है। यह छूट उन निर्यातकों को होगी जिनके पास विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी आयातक-निर्यातक कोड होगा और वे यह बता सकेंगे कि उनके पास पूरा या कुछ स्टॉक निर्यात के उद्देश्य से है। मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा ऐसे आयातकों को इससे छूट मिलेगी जो यह बताने में सक्षम होंगे कि खाद्य तेलों तथा तिलहनों के संदर्भ में उनके भंडार का कुछ हिस्सा आयात किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंची कीमतों से घरेलू बाजार में भी खाद्य तेलों के भाव बढ़े हैं। उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सोया तेल का औसत दाम इस साल नौ अक्टूबर को 154.95 रुपये किलो था, जो एक साल पहले की समान अवधि के 106 रुपये से 46.15 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह सरसों तेल का दाम 129.19 रुपये से 43 प्रतिशत बढ़कर 184.43 रुपये पर प्रति किलो पर पहुंच गया है। इस अवधि में वनस्पति का दाम 43 प्रतिशत बढ़कर 95.5 रुपये से 136.74 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है।सूरजमुखी का तेल 38.48 प्रतिशत बढ़कर 170.09 रुपये प्रति किलो तथा पाम तेल 38 प्रतिशत बढ़कर 132.06 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है। भारत अपनी 60 प्रतिशत खाद्य तेल जरूरत को आयात से पूरा करता है।
- मुंबई। भारतीय रोजगार बाजार में सितंबर में सालाना आधार पर 57 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। नौकरी जॉबस्पीक की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रोजगार बाजार का रिकॉर्ड बनाने का सिलसिला सितंबर में लगातार तीसरे महीने जारी रहा। कुल 2,753 रोजगार नियुक्ति के साथ यह सूचकांक कोविड-पूर्व के स्तर सितंबर, 2019 की तुलना में 21 प्रतिशत बढ़ा है। नौकरी जॉबस्पीक एक मासिक इंडेक्स है जो माह-दर-माह नौकरी डॉट कॉम वेबसाइट पर रोजगार सूची के आधार पर नियुक्ति गतिविधियों की गणना और उसे रिकॉर्ड करता है। नौकरी जॉबस्पीक का उद्देश्य विभिन्न उद्योगों, शहरों और अनुभव के स्तर पर भर्ती गतिविधि को मापना है। साल-दर-साल आधार पर अधिकांश क्षेत्रों ने आईटी (138 प्रतिशत) और आतिथ्य (82 प्रतिशत से अधिक) के नेतृत्व में महत्वपूर्ण वार्षिक वृद्धि प्रदर्शित की। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारतीय संगठनों के बीच डिजिटल रूपांतरण की हालिया लहर से तकनीकी पेशेवरों की मांग बढ़ी है। आईटी-सॉफ्टवेयर / सॉफ्टवेयर सेवा क्षेत्र में साल-दर-साल आधार पर सितंबर, 2021 में 138 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि आतिथ्य यानी होटल (82 प्रतिशत) और खुदरा (70 प्रतिशत से अधिक) जैसे क्षेत्र महामारी से सबसे अधिक प्रभावित थे। सितंबर में देशभर में कई होटल और स्टोरों के फिर से खुलने के साथ वार्षिक आधार पर महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई। सितंबर, 2020 की तुलना में शिक्षा (53 प्रतिशत), बैंकिंग/वित्तीय सेवाओं (43 प्रतिशत) और दूरसंचार/आईएसपी (37 प्रतिशत से अधिक) क्षेत्रों में भी नियुक्ति गतिविधि बढ़ी हैं। सितंबर में महानगरों ने 88 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज की, जिसने दूसरी श्रेणी के शहरों को पीछे छोड़ दिया। इन शहरों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई। नौकरी जॉबस्पीक की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त के 2,673 की तुलना में सितंबर नियुक्तियों में तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई है। नौकरी डॉट कॉम के मुख्य कारोबार अधिकारी, पवन गोयल ने कहा, ‘‘भारत में नियुक्ति में कई गतिविधियां ऐसी हो रही हैं जो पहले कभी नहीं देखी गईं। आईटी पेशेवरों की मांग के कारण त्योहारी सत्र की शुरुआत में उद्योगों में सुधार होते देखना वास्तव में खुशी की बात है।
- नयी दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में शनिवार को फिर वृद्धि हुई। इससे मुंबई में डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के पार हो गया है। मुंबई पहला ऐसा महानगर बन गया है, जहां डीजल ने शतक लगाया है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल के दाम 30 पैसे प्रति लीटर और बढ़ाए गए हैं। वहीं डीजल की कीमतों में 35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। वाहन ईंधन कीमतों में लगातार पांचवें दिन वृद्धि हुई है। इससे वाहन ईंधन के दाम नयी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। मुंबई में अब डीजल 100.29 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं दिल्ली में यह 92.47 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 103.84 रुपये प्रति लीटर के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया है। वहीं मुंबई में पेट्रोल अब 109.83 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है। स्थानीय करों की वजह से विभिन्न राज्यों में वाहन ईंधन के दाम भिन्न होते हैं। बुधवार से पेट्रोलियम विपणन कंपनियां लागत में वृद्धि का बड़ा बोझ उपभोक्ताओं पर डाल रही हैं। लगातार चार दिन से पेट्रोल के दाम 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल कीमतों में 35 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो रही है। ओपेक प्लस ने उत्पादन में चार लाख बैरल प्रतिदिन से अधिक की बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रेंट कच्चा तेल 82 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है। एक महीने पहले ब्रेंट कच्चे तेल का दाम 72 डॉलर प्रति बैरल था। शुद्ध आयातक होने की वजह से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत अंतरराष्ट्रीय दरों के अनुरूप होती है।
- नई दिल्ली। भारत में सबसे ज्यादा टू-व्हीलर बेचने वाली देसी कंपनी हीरो मोटोकार्प जल्द ही अपनी एक बेहद पॉपुलर बाइक को नए अवतार में पेश करने वाली है, जिसका नाम New Hero Xtreme 160R Stealth Edition है। कंपनी ने टीजर वीडियो में झलक दिखलाई है अपकमिंग बााइक्स में कई ऐसे खास फीचर्स और बेहतरीन लुक देखने को मिलेंगे कि लोग देखकर खुश हो जाएंगे। हालांकि, कंपनी ने फिलहाल ये नहीं बताया है कि उसकी किस बाइक का स्टील्थ एडिशन आ रहा है, लेकिन लीक रिपोट्र्स की मानें तो हीरो एक्सट्रीम को ही बेहतर लुक और फीचर्स के साथ नई हीरो एक्सट्रीम स्टील्थ एडिशन के रूप में पेश करने की तैयारी है।आने वाली हीरो एक्सट्रीम स्टील्थ एडिशन को मौजूदा मॉडल के मुकाबले कई कॉस्मेटिक बदलाव के साथ पेश किया जाएगा, जो कि वाकई बेहद शानदार होने वाली है। Stealth Mode, coming soon’ और Go Boom in Stealth Mode जैसे टैगलाइन के साथ पेश टीजर वीडियो में अपकमिंग बाइक के हेडलैंप और फ्रंट प्रोफाइल की कंपनी ने झलक दिखलाई है। माना जा रहा है कि इसमें धांसू दिखने वाली एलईडी हेडलाइट्स होंगी। इसे डार्क मेट कलर ऑप्शंस के साथ पेश किया जाएगा।इस बाइक में बड़ा इंस्ट्रूमेंट कंसोल देखने को मिलेगा, जो कि ब्लूटूथ सपोर्ट करेगा और इसमें स्मार्टफोन नोटिफिकेशंस भी आएंगे। साथ ही आपको टर्न-बाई-टर्न नैविगेशन समेत कई खास खूबियां दिखेंगी। हालांकि, मैकेनिकल बदलाव की बात करें तो कंपनी इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं करना चाहती है और इसमें मौजूदा मॉडल की तरह 163 सीसी का सिंगल सिलिंडर 2 वी इंजन देखने को मिलेगा, जो कि 15 बीपीएच की पावर और 14 एनएस का टॉर्क जेनरेट कर सकता है।इस बाइक की कीमत एक लाख 3 हजार 900 से शुरू होती है, लेकिन नए एडिशन की कीमत क्या होगी, इसका अभी कंपनी ने खुलासा नहीं किया है।
- नई दिल्ली। भारत में कभी हैचबैक सेगमेंट में मारुति सुजुकी का बोलबाला था और लोग इसके लुक और फीचर्स के दीवाने थे। लेकिन समय के साथ कार मार्केट में इसकी चमक थोड़ी फीकी हो गई, लेकिन अब भी यह कार टॉप 10 बेस्ट सेलिंग कारों की लिस्ट में छठे नंबर पर है। लंबे समय से आप सुन रहे होंगे कि जल्द ही भारत में नेक्स्ट जनरेशन मारुति सुजुकी बलेनो लॉन्च होने वाली है। अब इस पॉपुलर हैचबैक के न्यू जेनरेशन मॉडल की पहली झलक दिखी है, जिसमें इसके इंटीरियर की खूबियों के बारे में पता चल रहा है।मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक न्यू जेनरेशन मारुति बलेनो के एक्सटीरियर के साथ ही इंटीरियर में भी काफी सारे बदलाव देखने को मिलेंगे। एक यूट्यूबर ने हाल ही में 2022 मारुति बलेनो की इंटीरियर इमेज लीक की है। हालांकि, कंपनी ने अपकमिंग बलेनो के एक्सटीरियर-इंटीरियर को लेकर किसी तरह की जानकारी नहीं दी है।अपकमिंग मारुति बलेनो की लीक इंटीरियर इमेज के मुताबिक इसमें मल्टी फंक्शनल स्टीयरिंग व्हील, बड़ा सा फ्लोटिंग टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम, लाइव ट्रैफिक अपडेट्स के साथ नैविगेशन सिस्टम, क्रूज कंट्रोल, नई अपहॉल्स्ट्री, वॉयस कमांड, स्मार्टप्ले स्टूडियो ऐप, कीलेस एंट्री, ओआरवीएम, पुश स्टार्ट/स्टॉप बटन, ऑटोमैटिक एसी, डुअल एयरबैग्स, हाई स्पीड अलर्ट, एबीएस, ईबीडी, रिवर्स पार्किंग सेंसर और कैमरा समेत कई लेटेस्ट स्टैंडर्ड और सेफ्टी फीचर्स देखने को मिल सकते हैं। माना जा रहा है कि अपकमिंग बलेनो के एक्सटीरियर में भी काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जिसके बारे में जल्द ही पता चल जाएगा।फिलहाल इस समय मारुति सुजुकी बलेनो की कीमत 5.63 लाख रुपये से शुरू होती है, वहीं बलेनो टॉप मॉडल की प्राइस 8.96 लाख रुपये (एक्स-शोरूम, दिल्ली) है। इस मारुति कार के डेल्टा सीवीटी, ज़ेटा सीवीटी और अल्फा सीवीटी (टॉप लाइन वेरिएंट) की कीमत क्रमश: 7.76 लाख रुपये, 8.33 लाख रुपये और 8.96 लाख रुपये हैं।
- नई दिल्ली। चीनी कार निर्माता वूलिंग होंगगुआंग अपनी मिनी इलेक्ट्रिक कार की भारी सफलता के बाद, अब एक नई कार पेश की है। कंपनी की मिनी इलेक्ट्रिक कार साल 2020 में 119,255 यूनिट्स की बिक्री के साथ दूसरी सबसे ज्यादा बिकने वाली ईवी थी। कंपनी ने अपनी किफायती नई इलेक्ट्रिक कार का नाम वूलिंग नैनो रखने का फैसला किया है। वूलिंग नैनो न सिर्फ सबसे छोटी इलेक्ट्रिक कार होगी, बल्कि रिपोट्र्स की मानें तो यह दुनिया की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार भी बन सकती है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस कार को 20,000 युआन से ज्यादा कीमत पर नहीं बेचा जाएगा। भारतीय मुद्रा के हिसाब से यह राशि लगभग 2.30 लाख रुपये होगी। इसका मतलब है कि नैनो ईवी की कीमत वास्तव में मारुति ऑल्टो से भी कम हो सकती है। अगर यह सच है, तो नैनो निश्चित रूप से चीन में सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रिक कार वूलिंग होंगगुआंग मिनी ईवी से सस्ती होगी।दुनिया के सबसे बड़े ईवी बाजार में कार निर्माताओं के बड़े एसएआईसी-जीएम-वूलिंग समूह का हिस्सा वूलिंग होंगगुआंग ने 2021 तियानजिन इंटरनेशनल ऑटो शो में नई इलेक्ट्रिक कार नैनो ईवी पेश की। यह मॉडल बाओजुन ई200 के एक वैकल्पिक वर्जन की तरह दिखता है, जिसे वूलिंग द्वारा भी निर्मित किया गया है। शहरी इस्तेमाल के लिए डिजाइन की गई इस नैनो ईवी में सिर्फ दो सीटें हैं। इस कार का टर्निंग रेडियस चार मीटर से कम है।इस छोटी इलेक्ट्रिक कार की बैटरी को एक बार चार्ज करने पर यह 305 किमी की दूरी तय कर सकती है। वूलिंग के अनुसार, रेगुलर 220-वोल्ट घरेलू सॉकेट का इस्तेमाल कर बैटरी को फुल चार्ज करने में 13.5 घंटे का समय लगता है। कार को सिर्फ 4.5 घंटों में फुल चार्ज किया जा सकता है।साइज में छोटी और किफायती होने के बावजूद, नैनो ईवी में सेफ्टी फीचर्स की कोई कमी नहीं की गई है। इस कार में ईबीडी, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक, आइसोफिक्स चाइल्ड सीट माउंट के साथ एबीएस ब्रेक के इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल सिस्टम (ईएससी) जैसे सुरक्षा फीचर्स मिलते हैं। इस कार में लो-स्पीड पैदल यात्री वार्निंग सिस्टम भी दिया गया है। नैनो ईवी में रिवर्सिंग कैमरा, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, एयर कंडीशनिंग, कीलेस एंट्री सिस्टम, टेलीमैटिक्स सिस्टम, एलईडी हेडलाइट्स और 7-इंच की डिजिटल स्क्रीन जैसे फीचर्स भी मिलते हैं।
- नयी दिल्ली। पेट्रोल की कीमतों में शुक्रवार को 30 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गयी जिसके साथ देश में ईंधन की कीमतों में लगातार वृद्धि का संभवत: यह सबसे लंबा दौर बन गया है।सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत रिकॉर्ड 103.54 रुपये प्रति लीटर और मुंबई में 109.54 रुपये प्रति लीटर हो गयी।डीजल की कीमतें भी दिल्ली में 92.12 रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर को छू गयीं और मुंबई में यह 100 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गयीं। मुंबई में इस समय इसकी कीमत 99.92 रुपये प्रति लीटर है।स्थानीय करों के आधार पर कीमतें एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न होती हैं।लगातार तीसरे दिन ईंधन की कीमतों में वृद्धि के साथ यह मूल्य वृद्धि का सबसे लंबा दौर है।ओपेक प्लस (तेल उत्पादक देशों) द्वारा उत्पादन में वृद्धि को प्रति दिन चार लाख बैरल पर सीमित करने से अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 82 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गयी है जिसकी वजह से ईंधन की कीमतों में बड़े अनुपात में वृद्धि की जा रही है।एक महीने पहले ब्रेंट की कीमत लगभग 72 डॉलर प्रति बैरल थी।तेल का शुद्ध आयातक होने के नाते, भारत पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुसार रखता है।सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों - इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने क्रमश: 24 सितंबर और 28 सितंबर से डीजल एवं पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने का सिलसिला फिर से शुरू कर दिया जिसके साथ ही उससे पिछले कुछ समय से मूल्य वृद्धि पर लगी रोक समाप्त हो गयी। तब से डीजल के दाम 3.50 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल के दाम 2.35 रुपये प्रति लीटर बढ़े हैं।
- नई दिल्ली । टाटा संस ने घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के लिए बोली जीत ली है। अब टाटा ग्रुप एयर इंडिया का नया मालिक होगा। एयर इंडिया के लिए टाटा संस ने 18 हजार करोड़ की बोली लगाई, जबकि स्पाइसजेट के अजय सिंह ने 15 हजार करोड़ की बोली लगाई थी। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि यह ट्रांजैक्शन दिसंबर 2021 तक पूरा हो जाएगा। टाटा के हाथ एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की कमान आएगी। Talace Pvt Ltd के जरिए टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाई थी। इस कंपनी की स्थापना मुख्य रूप से इसी काम के लिए अगस्त 2020 में की गई थी।एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (AISAM) पैनल ने एयर इंडिया की वित्तीय बोली पर फैसला लिया है। इस पैनल में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई महत्वपूर्ण मंत्री और अधिकारी शामिल हैं। पांडे ने कहा कि एयर इंडिया पर टोटल डेट 46262 करोड़ का है। यह आंकड़ा मार्च 2021 तक का है। अगस्त के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर 61562 करोड़ पर पहुंच गया। सरकार को इस डील में 2,700 करोड़ रुपये का कैश मिलेगा। मौजूदा समय में एयर इंडिया 4400 घरेलू उड़ानें और विदेशों में 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट को कंट्रोल करती है।एयर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया जनवरी 2020 में ही शुरू कर दी गई थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें लगातार देरी हुई। अप्रैल 2021 में सरकार ने एक बार फिर योग्य कंपनियों से बोली लगाने को कहा। 15 सितंबर बोली लगाने का आखिरी दिन था। साल 2020 में भी टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के अधिग्रहण को लेकर रुचि पत्र दिया था। दरअसल सरकार ने 2017 से ही एयर इंडिया की नीलामी के प्रयास शुरू कर दिए थे, लेकिन तब कंपनियों ने रुचि ही नहीं दिखाई थी। इसके बाद सरकार ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओएल) के नियमों में ढील दी जिसके बाद कर्ज में डूबे एयर इंडिया को खरीदने में कुछ कंपनियों ने रुचि दिखाई। नए नियमों के तहत ही कर्ज के प्रावधानों में नरमी बरती गई ताकि स्वामित्व वाली कंपनी को पूरा कर्ज न वहन करना पड़े।विमानन कंपनी की 68 साल बाद 'घर वापसी' हुई है। टाटा समूह ने अक्तूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी। वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई। ऐसे में भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया। इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉर्पोरेशन एक्ट पास किया और फिर टाटा समूह से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली।
- नयी दिल्ली । केंद्र ने बृहस्पतिवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए 40,000 करोड़ रुपये जारी किए। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष में अब तक कुल 1.15 लाख करोड़ रुपये ऋण के रूप में जारी किए गए हैं।एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘वित्त मंत्रालय ने जीएसटी मुआवजे में कमी को पूरा करने के लिए ऋण सुविधा के तहत राज्यों और विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों को आज 40,000 करोड़ रुपये जारी किए।'' विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘इससे पहले 15 जुलाई 2021 को राज्यों और विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों को 75,000 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी। मौजूदा राशि के साथ चालू वित्त वर्ष में जीएसटी मुआवजे के बदले ऋण के रूप में जारी की गई कुल राशि 1.15 लाख करोड़ रुपये हो चुकी है।'' बयान में कहा गया कि अब तक कुल अनुमानित कमी के 72 प्रतिशत से अधिक की राशि जारी की जा चुकी है और शेष राशि यथासमय जारी कर दी जाएगी।
- नयी दिल्ली । खरपतवार नाशक रसायन सहित विभिन्न कषि रसायन उत्पाद बनाने वाली कंपनी, सेफेक्स को चालू वित्त वर्ष में अपनी आय 35 प्रतिशत बढ़कर 950 करोड़ हो जाने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी की आय 700 करोड़ रुपये थी। सेफेक्स केमिकल्स के संस्थापक निदेशक, एस के चौधरी ने बताया, सेफेक्स की उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कृषि रसायन बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है और लगभग सभी राज्यों में मौजूदगी के कारण सेफेक्स केमिकल को चालू वित्त वर्ष में अपनी आय 35 प्रतिशत बढ़कर 950 करोड़ हो जाने की उम्मीद है। कंपनी की वृद्धि दर पिछले 10 साल में औसतन 18 प्रतिशत रही है।'' उन्होंने कहा कि कंपनी के पास खरपतवार नाशक रसायन समेत कृषि रसायन उत्पादों की पूरी श्रृंखला उपलब्ध है। सेफेक्स नई तकनीक, कारोबार के विस्तार और नए कारखाने लगाने की योजना की वजह से राजस्व में तेज वृद्धि की उम्मीद कर रही है। सेफेक्स के पास मौजूदा समय में पांच संयंत्र हैं। इनमें से दो जम्मू-कश्मीर में, एक हिमाचल में, एक राजस्थान में और एक महाराष्ट्र में है। महाराष्ट्र का संयंत्र, कंपनी ने वित्तवर्ष 2020-21 में खरीदा है। उनका दावा है कि सेफेक्स इस उद्योग में सबसे तेज विकास करने वाला ब्रांड है। कृषि में सबसे आगे रहने वाले राज्य पंजाब में कंपनी पहले स्थान पर है। चौधरी ने कहा कि सेफेक्स ने हाल ही महाराष्ट्र में जो कंपनी खरीदी है उसका नाम शोगुन है। इसमें घरेलू उत्पाद जैसे गुडनाइट में डाला जाने वाला रसायन बनाया जाता है। इसकी सबसे बड़ी खरीदार गोदरेज है। इस सौदे के साथ कंपनी ने इस रसायन के 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है। यह पूछे जाने पर कि हाल के वर्षो में जैविक खाद्य पदार्थो का चलन बढ़ने का कृषि रसायन उद्योग पर असर पड़ेगा, उन्होंने कहा कि ‘‘ क्या दवा दुकानें बंद हो जाए तो हमारा काम चलेगा। उसी तरह कषि रसायन फसल की सुरक्षा कर भोजन उपलब्ध कराने और आपको स्वस्थ रखने में मदद करता है।'' उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना संकट के दौरान सेफेक्स के कारोबार पर असर नहीं पड़ा क्योंकि कंपनी कृषि से जुड़े उत्पाद बनाती है जिसकी खपत निर्बाध जारी थी।
- नयी दिल्ली। महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसकी नई पेशकश एक्सयूवी 700 के लिये बुकिंग प्रक्रिया शुरू होने के केवल 57 मिनट में 25,000 वाहन की बुकिंग हो गयी। कंपनी ने नए उत्पाद की पहली 25,000 इकाइयों के लिए शुरुआती कीमतों की घोषणा की थी। इसके अनुसार यह 11.99 लाख रुपये से 22.89 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) के बीच थी। नए मूल्य के साथ अगले दौर की बुकिंग अब आठ अक्टूबर को सुबह 10 बजे खुलेगी।वाहन की कीमत अब 12.49 लाख रुपये से 22.99 लाख रुपये के बीच रखी गई है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के सीईओ (वाहन इकाई) विजय नाकरा ने कहा, ‘‘हमने आज सुबह 10 बजे बुकिंग खोली। हम प्रतिक्रिया के लिए आभारी हैं, वास्तव में हम रोमांचित हैं कि हमें इसके शुरू होने से 57 मिनट के रिकॉर्ड समय में 25,000 एक्सयूवी 700 के लिए बुकिंग प्राप्त हुई हैं।'' एक्सयूवी 700 डीजल और पेट्रोल इंजन के साथ आता है। यह मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों ट्रांसमिशन के साथ और पांच और सात सीटर क्षमता में उपलब्ध है।
- नयी दिल्ली। दोपहिया वाहनों और ट्रैक्टर की बिक्री में कमी के साथ सितंबर में देश में वाहन क्षेत्र की खुदरा बिक्री में सालाना आधार पर पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। ऑटोमोबाइल डीलरों के संगठन फाडा के अनुसार, पिछले महीने कुल खुदरा बिक्री सितंबर 2020 की 13,68,307 इकाइयों की तुलना में 5.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 12,96,257 इकाई रही। जहां दोपहिया वाहनों और ट्रैक्टरों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गयी, वहीं यात्री वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों एवं तिपहिया वाहनों जैसे अन्य खंडों में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में पिछले महीने खुदरा बिक्री में वृद्धि देखी गयी। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने 1,562 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में से 1,357 से वाहन पंजीकरण का आंकड़ा एकत्र किया और उसके आधार पर यह जानकारी दी। फाडा के मुताबिक दोपहिया वाहनों की बिक्री पिछले महीने 9,14,621 इकाई रही, जो सितंबर 2020 की 33,895 इकाइयों से 11.54 प्रतिशत कम है। इसी तरह, ट्रैक्टर की खुदरा बिक्री पिछले महीने 23.85 प्रतिशत घटकर 52,896 इकाई रह गयी, जो एक साल पहले इसी अवधि में 69,462 इकाई थी। दूसरी ओर, यात्री वाहनों की बिक्री सितंबर में 2,33,308 इकाई रही, जो पिछले साल के इसी महीने की 2,00,576 इकाई से 16.32 प्रतिशत अधिक है। वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री सितंबर 2021 में सितंबर 2020 की 40,112 इकाइयों की तुलना में 46.64 प्रतिशत बढ़कर 58,820 इकाई रही। तिपहिया वाहनों की बिक्री पिछले महीने 50.9 प्रतिशत बढ़कर 36,612 इकाई हो गयी। एक साल पहले इसी अवधि में यह 24,262 इकाई थी। फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने एक बयान में कहा, "एंट्री लेवल वर्ग में अभी तक स्वस्थ वृद्धि ना होने की वजह से दोपहिया वाहन क्षेत्र का खराब प्रदर्शन जारी है। इस क्षेत्र का प्रदर्शन अब पूरे वाहन क्षेत्र के सुधार के रास्ते पर लौटने के लिहाज से महत्वपूर्ण होता जा रहा है क्योंकि अच्छे त्योहारी सीजन की उम्मीद में डीलर के पास पहले का बचा माल 30-35 तक बढ़ गया है।" उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर की कमी ने भी 150 सीसी से अधिक के वर्ग को प्रभावित करना शुरू कर दिया है।
- नयी दिल्ली । अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी के साथ राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोना 65 रुपये की तेजी के साथ 46,012 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 45,947 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 490 रुपये की तेजी के साथ 60,172 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई। पिछले कारोबारी सत्र में यह 59,682 रुपये प्रति किलो के भाव पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लाभ के साथ 1,766 डॉलर प्रति औंस हो गया जबकि चांदी 22.74 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ''न्यूयॉर्क स्थित जिंस एक्सचेंज, कॉमेक्स में गुरुवार को सोने की हाजिर कीमत तेजी के साथ 1,766 डॉलर प्रति औंस हो गयी जिससे यहां सोने की कीमतें मजबूत रही।''