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जिंदल ने फिर मारी बाजी

समय पूर्व 126604 टन पटरियों की उत्पादन कर की रेलवे को सप्लाई
रायपुर/नई दिल्ली। उद्योगपति नवीन जिंदल के नेतृत्व वाली जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) उन विरले कंपनियों में से है, जिसका तय समय के अंदर अपनी जिम्मेदारियां निभाने का शानदार रिकॉर्ड है। कंपनी ने भारतीय रेलवे को 1,26,604 टन रेल पटरियों की सप्लाई कर अपनी इस परंपरा को बखूबी अंजाम दिया है। इनमें से 97,400 टन पटरियों की सप्लाई लक्ष्य से चार महीने पहले 22 अप्रैल 2019 को ही की जा चुकी है। जेएसपीएल के प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे के अंतरराष्ट्रीय टेंडर में विश्व स्तरीय 7 शीर्ष कंपनियों को परास्त कर जुलाई 2018 में कंपनी ने पहली बार रेल पटरियों की सप्लाई का ऑर्डर हासिल किया था। इस टेंडर का कुल मूल्य 732 करोड़ रुपए था। अपनी सफलता से उत्साहित जेएसपीएल को उम्मीद है कि उसे रेल विकास निगम लिमिटेड और इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड से प्रतिवर्ष 2 लाख टन 13/26 मीटर की रेल पटरियों के ऑर्डर मिलने लगेंगे।
जेएसपीएल ने हाल में रेल विकास निगम की आगामी परियोजनाओं के लिए यूआईसी 60 केजी आईआरएस टी-12 880 ग्रेड की 13 मीटर लंबी रेल पटरियों की सप्लाई का ऑर्डर हासिल किया है, जिसका मूल्य लगभग 665 करोड़ रुपये है। 8 मई 2019 को रेल विकास निगम ने इस सप्लाई का आशय पत्र जेएसपीएल को भेज दिया है। जेएसपीएल 22 अरब अमेरिकी डॉलर वाले ओपी जिंदल समूह का एक हिस्सा है जो स्टील, ऊर्जा, खनन और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रही है। कंपनी ने अपने रायगढ़ प्लांट में 2003 में ही आधुनिक रेल मिल लगाई और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बाद दूसरी भारतीय रेल पटरी निर्माण कंपनी बन गई। जेएसपीएल दुनिया की सबसे लंबी पटरियों का निर्माण करने वाली कंपनियों में शामिल है। वह फ्लैश बट वेल्डिंग के जरिये फैक्टरी में ही 260 मीटर लंबी रेल पटरी के उत्पादन में सक्षम है। देश में बुलेट ट्रेन, मोनो रेल और मेट्रो रेल जैसी अंतर-नगरीय और नगरीय सुविधाओं के तेजी से विस्तार को देखते हुए जेएसपीएल रायगढ़ प्लांट में ही एसएमएस-मीर जर्मनी के सहयोग से अत्याधुनिक और अति सुरक्षित हेड हार्डेंड रेल का उत्पादन कर रही है। तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के लिए इन पटरियों के निर्माण की तकनीक भारत लाने का श्रेय जेएसपीएल को जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने के लिए कंपनी सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय रेलवे और उसकी सहयोगी कंपनियों- इरकॉन और आरवीएनएल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। इसी के साथ कंपनी क्वालिटी रेल उत्पादन के लिए अपने रायगढ़ प्लांट की उत्पादन क्षमता में इजाफा कर रही है।
 

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