ब्रेकिंग न्यूज़

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से बढ़ेगी जवाबदेही, रोजगार की स्थिति में होगा सुधार : उद्योग जगत

नई दिल्ली। उद्योग जगत के शीर्ष कार्यकारियों का कहना है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी प्राप्त नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति से कौशल आधारित शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, शिक्षा को बेहतर बनाने के लिये ठोस डिजिटल संरचना तैयार होगी और जवावदेही व रोजगार प्राप्ति में सुधार होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी। इसके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों के लिये एकल नियामक, डिग्री पाठ्यक्रमों में बीच में शामिल होने व छोडऩे का विकल्प, एमफिल को समाप्त करने आदि समेत कई सुधार किये गये हैं। इससे पहले 1986 में बनी शिक्षा नीति में आखिरी बार 1992 में संशोधन किया गया था। एनआईआईटी लिमिटेड के चेयरमैन एवं सह-संस्थापक तथा एनआईआईटी यूनिवर्सिटी के संस्थापक राजेंद्र एस पवार ने कहा, भारत की बहुप्रतीक्षित नयी शिक्षा नीति (एनईपी), दिशात्मक परिवर्तन और क्षेत्रीय सुधारों की एक अग्रदूत है। इससे 21वीं सदी में भारत के शिक्षा क्षेत्र में नये आयामों के खुलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का छह प्रतिशत खर्च करने का इरादा निर्णायक बदलाव लायेगा। टीमलीज सर्विसेज की वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीति शर्मा ने कहा कि यह भारत में सीखने को बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह पारिस्थितिकी तंत्र में समग्र जवाबदेही में सुधार करेगा। अपग्रैड के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं सह-संस्थापक मयंक कुमार ने कहा, मुझे उम्मीद है कि यह ऑनलाइन शिक्षा के लिये एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जैसा कि अभी शिक्षा और ऑनलाइन शिक्षा समानार्थी हो गये हैं। स्किल मॉन्क्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रामेश्वर मंडली ने कहा कि नयी नीति वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनने के भारत के दृष्टिकोण को एक गति प्रदान करेगी। एजुकेशनल इनिशिएटिव्स के सह-संस्थापक एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी श्रीधर राजगोपालन ने कहा कि कम से कम 5 वीं कक्षा तक मातृभाषा या स्थानीय भाषा में शिक्षा प्रदान करने के दृष्टिकोण के बहुत सारे लाभ हैं। उन्होंने कहा, शैक्षणिक अनुसंधान ने यह स्थापित किया है कि बच्चे प्राथमिक कक्षाओं में अपनी मातृभाषा (या स्थानीय भाषा) में सीखते हैं तो सबसे अच्छा सीखते हैं। स्कूलगुरु एडुसर्व के संस्थापक एवं सीईओ शांतनु रूज ने कहा कि एनईपी ने एक ठोस डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया है जो शिक्षा को व्यापक बनाने और जवाबदेही में सुधार करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, परीक्षा प्रणाली में परिवर्तन के साथ-साथ सीखने के परिणाम पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।'' जे सागर एसोसिएट्स के पार्टनर नितिन पोद्दार ने कहा कि नया नियम देश की मानव पूंजी का उपयोग करने में मदद करेगा। साएंट के कार्यकारी अध्यक्ष बी वी आर मोहन रेड्डी ने कहा कि ज्ञान-चालित और नवाचार से प्रेरित विश्व व्यवस्था में सफलता बहुत हद तक लोगों की क्षमताओं पर निर्भर करता है, और शिक्षा (स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों) अपेक्षित क्षमताओं के निर्माण की कुंजी है। उन्होंने कहा, नयी नीति शिक्षा के लिये सार्वभौमिक पहुंच और छात्रों के बेहतर समावेश का मार्ग प्रशस्त करने के लिये कई दूरंदेशी पहल प्रस्तुत करती है। ग्लोबल यूनिवर्सिटी सिस्टम्स के एशिया प्रशांत क्षेत्र के मुख्य अधिशासी अधिकारी शरद मेहरा ने शीक्षा नीति को कायाकल्प करने वाली बताते हुए कहा कि इस नीति को पैने वैश्विक दृष्टिकोण से तैयार किया गया है। इसमें शिक्षा पर कोण से ध्यान दिया गया है ताकि कौशल और प्रतिभा का उन्नयन एवं सृजन हो। मेहरा ने मानव संसाधन का नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय किए जाने की तारीफ की और कहा कि शिक्षा मानव विकास का अभिन्न अवयव है।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english