भारत डब्ल्यूटीओ की बैठक में ई-कॉमर्स व्यापार पर सीमा शुल्क स्थगन जारी रखने का विरोध करेगा
नयी दिल्ली। भारत अगले महीने जिनेवा में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक में ई-कॉमर्स व्यापार पर सीमा शुल्क स्थगन जारी रखने का कड़ा विरोध करेगा। एक अधिकारी ने कहा कि सीमा शुल्क पर रोक से विकासशील देशों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अधिकारी ने आगे कहा कि विकासशील देशों के लिए अपनी डिजिटल उन्नति, आयात को विनियमित करने और सीमा शुल्क के जरिए राजस्व अर्जित करने के लिए स्थगन को खत्म करना महत्वपूर्ण है। डब्ल्यूटीओ के सदस्य 1998 से इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण पर सीमा शुल्क नहीं लगाने पर सहमत हुए थे और मंत्रिस्तरीय सम्मेलनों (एमसी) में इस स्थगन को समय-समय पर क्रमिक रूप से आगे बढ़ाया गया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘अगले महीने 12वीं मंत्रिस्तरीय बैठक में कई डब्ल्यूटीओ सदस्य स्थगन को 13वीं बैठक तक अस्थायी रूप से बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन भारत नहीं चाहता कि इसे और जारी रखा जाए। भारत इस मामले पर कड़ा रुख अपनाएगा।'' भारत और दक्षिण अफ्रीका ने कई मौकों पर डब्ल्यूटीओ से इस मुद्दे पर फिर से विचार करने के लिए कहा है। उन्होंने यह भी बताया है कि इस स्थगन से किस तरह विकासशील देशों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। डब्ल्यूटीओ को सौंपे गए एक संयुक्त पत्र में दोनों देशों ने कहा था कि ई-कॉमर्स स्थगन के सभी मुद्दों पर तत्काल विचार करने की आवश्यकता है। दोनों देशों के अनुसार इससे विकासशील देशों को संभावित राजस्व हानि सालाना 10 अरब अमेरिकी डॉलर तक होने का अनुमान है। भारत ने यह भी कहा है कि वस्तु व्यापार परिषद, सेवा व्यापार परिषद और ट्रिप्स परिषद को ई-कॉमर्स पर चर्चा करनी चाहिए।
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