वित्त मंत्रालय ने बैंकों से पहली जनवरी के बाद इलेक्ट्रोनिक माध्यमों से हुए लेनदेन पर वसूला गया शुल्क रिफंड करने को कहा
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने बैंकों से कहा है कि आईटी अधिनियम के तहत दिये गये इलेक्ट्रोनिक माध्यमों से हुए लेनदेन पर इस वर्ष पहली जनवरी के बाद वसूले गये शुल्क तुरंत रिफंड करें।
वित्त मंत्रालय ने बैंकों से यह भी कहा कि भविष्य में इलेक्ट्रोनिक माध्यम से किये गये किसी भी लेनदेन पर कोई शुल्क न लगाएं। मंत्रालय ने कहा कि प्रत्यक्ष कर केंद्रीय बोर्ड ने इस बारे में पिछले वर्ष तीस दिसम्बर को अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना के अनुसार यदि यह लेन देन रुपे कार्ड, भीम-यूपीआई, यूपीआई क्यू आर कोड और भीम-यूपीआई क्यू आर कोड द्वारा किया जाता है तो कोई भी बैंक या सिस्टम प्रदाता कोई शुल्क नहीं लगायेगा। मंत्रालय ने कहा कि पेमेंट और सेटेलमेंट सिस्टम्स, पीएसएस अधिनियम में एक नया प्रावधान डाला गया है जिसके अनुसार इलेक्ट्रोनिक माध्यम द्वारा किसी भी पेमेंट अदा किये जाने या प्राप्त करने पर कोई भी बैंक या सिस्टम प्रदाता कोई शुल्क नहीं वसूलेगा।
मंत्रालय ने कहा कि जानकारी मिली है कि कुछ बैंक यूपीआई द्वारा किये जा रहे लेनदेन पर शुल्क लगा रहे हैं और वसूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा ऐसा करना पीएसएस अधिनियम और आईटी अधिनियम का उल्लंघन है।
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