सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टेलीविजन रेटिंग एजेंसियों के लिए 2014 में जारी नीति दिशा-निर्देशों में संशोधन का प्रस्ताव किया
नई दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टेलीविजन रेटिंग एजेंसियों के लिए 2014 में जारी नीति दिशा-निर्देशों में संशोधन का प्रस्ताव किया है। प्रस्तावित मसौदे में मीडिया घरानों के लिए कुछ प्रतिबंधात्मक प्रावधानों को हटा दिया गया है, ताकि देश में टेलीविजन दर्शकों की माप प्रणाली को लोकतांत्रिक और आधुनिक बनाया जा सके। वर्तमान में टीवी रेटिंग प्रदान करने वाली एक मात्र एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल – बार्क है। प्रस्तावित संशोधनों का उद्देश्य टीवी रेटिंग के क्षेत्र में कई एजेंसियों के माध्यम से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, नई तकनीक लाने और विशेष रूप से कनेक्टेड टीवी प्लेटफ़ॉर्म के लिए अधिक विश्वसनीय और प्रतिनिधि डेटा प्रदान करने की अनुमति देना है।
मंत्रालय ने ड्राफ्ट जारी होने के 30 दिन के भीतर हितधारकों और आम जनता से सुझाव मांगे हैं।मौजूदा नियम 2014 के हैं, जो अब पुराने हो चुके हैं। भारत में लगभग 23 करोड़ घरों में टेलीवीजन हैं, लेकिन केवल 58 हज़ार घरों से डाटा लिया जाता है, जो कुल टीवी घरों का केवल दशमलव शून्य दो-पांच प्रतिशत है। यह डाटा स्मार्ट टीवी, स्ट्रीमिंग डिवाइस और मोबाइल एप्लिकेशन जैसे आधुनिक प्लेटफार्मों पर दर्शकों की संख्या को पूरी तरह से नहीं दर्शाता है।मंत्रालय ने उल्लेख किया कि यह सीमित पैमाना विभिन्न क्षेत्रों और जनसांख्यिकी में विविधता देखने की प्राथमिकताओं का पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है। इन बदलावों को पहचानते हुए, मीडिया जगत में मनोरंजन की वर्तमान सामग्री उपभोग की आदतों को सही ढंग से दर्शाने के लिए टेलीविजन रेटिंग प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता है।
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