वित्तमंत्री ने कहा-केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का पूंजीगत व्यय आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण
नई दिल्ली। वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारामन ने रविवार को कहा कि केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का पूंजीगत व्यय आर्थिक वृद्धि का महत्वपूर्ण संचालक है और इसे वित्त वर्षों 2020-21 और 2021-22 में बढ़ाने की जरूरत है। वे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा कोयला मंत्रालय के सचिवों और 14 केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित कर रही थीं।
श्रीमती सीतारामन ने इस इस दौरान मौजूदा वित्त वर्ष में केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के पूंजीगत व्यय की समीक्षा की। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ चल रही वित्त मंत्री की बैठकों में आज यह चौथी बैठक थी। केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का 2020-21 के लिए पूंजीगत व्यय का लक्ष्य एक लाख 15 हजार नौ सौ 93 करोड़ रुपये है।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कार्य निष्पादन की समीक्षा करते हुए वित्त मंत्री ने सचिवों से उपक्रमों के कार्य निष्पादन पर निगरानी रखने को कहा, ताकि वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही के अंत तक 75 प्रतिशत तक पूंजीगत व्यय सुनिश्चित हो सके। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि केन्द्रीय पूंजीगत व्यय के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशकों तथा संबंधित मंत्रालयों के सचिवों के बीच और अधिक समन्वित प्रयासों की जरूरत है।
देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में सार्वजनिक उपक्रमों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने उपक्रमों को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए बेहतर कार्य निष्पादन के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने उपक्रमों से यह सुनिश्चित करने केा कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पूंजीगत व्यय पर्याप्त रूप से और समय पर खर्च हो। वित्त मंत्री ने कहा कि उपक्रमों के बेहतर कार्य निष्पादन से अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के असर से उबरने में बल मिलेगा। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के पूंजीगत व्यय की समीक्षा आर्थिक मामलों और सार्वजनिक उपक्रमों के विभाग द्वारा संयुक्त रूप से की जाती है।
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