ब्रेकिंग न्यूज़

 कलेक्टर ने जिले की खदानों में सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने दिए निर्देश

 - दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु खदान क्षेत्रों में तत्काल सुरक्षा उपाय लागू करें
 - खतरनाक स्थलों पर नहीं करेंगे सुरक्षा तो खर्चे एवं मुआवजे की होगी वसूली 
 दुर्ग / जिले में पूर्व में संचालित रही लेकिन अब परित्यक्त खदानों तथा वर्तमान में चालू खदानों में सुरक्षा व्यवस्था के अभाव के चलते आए दिन दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं। आम जनता, जनप्रतिनिधियों एवं समाचार माध्यमों के माध्यम से लगातार ऐसी शिकायतें जिला प्रशासन को प्राप्त हो रही हैं। खदानों में पानी भर जाने से बड़े-बड़े गहरे तालाब बन जाते हैं, जिनमें लोगों एवं मवेशियों के डूबने से मृत्यु की घटनाएं भी हो जाती है। जिला प्रशासन द्वारा ऐसी दुर्घटनाओं में मृत व्यक्तियों के परिजनों को आपदा राहत अंतर्गत आरबीसी-6-4 के तहत मुआवजा राशि दी जाती है। 
इसके अलावा कई खदान क्षेत्रों में वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका भी बनी रहती है। इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने खनन कार्य संचालित करने वाले सभी पट्टेदारों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। जिसमें खदानों में समुचित सुरक्षा व्यवस्था हेतु खदानों के चारों तरफ फेसिंग/बाड़ निर्माण करें ताकि कोई भी व्यक्ति या पशु दुर्घटनाग्रस्त न हो सके। उत्खनन पट्टा अनुबंध की शर्तों के अनुसार पट्टेदार समस्त गड्ढों तथा खदानों को अच्छी तरह से तथा पर्याप्त रूप से सुरक्षित रखेगा।  
कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने दुर्ग, धमधा, पाटन एवं भिलाई-3 के अनुविभागीय अधिकारी(रा.) को पत्र जारी कर अवगत कराया है कि छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम-2015 के तहत उत्खन्न योजना एवं जारी पर्यावरण स्वीकृति के शर्ताें के अनुसार पर्याप्त सुरक्षा के उपाय हेतु खदानों के चारों ओर 7.5 मीटर पट्टी/बैरियर रखते हुए वृक्षारोपण किया जाना अनिवार्य होगा। छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम-2015 के उप नियम 24 के तहत उत्खनन योजना एवं आवश्यकतानुसार अतिरिक्त बेंचेस (खाईनुमा रहित) का निर्माण कराया जाए। स्वीकृत उत्खनन योजना में माईनिंग क्लोजर प्लान के तहत सुरक्षा मानक का ध्यान में रखकर खनन संक्रिया/आवश्यकतानुसार बेकफिलिंग/जल संग्रहण क्षेत्र का विकास करना होगा। जल एवं वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों के तहत सभी मानकों का पालन सुनिश्चित करना होगा।
 कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व का ध्यान भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 152 से 163 तक की ओर भी आकृष्ट किया है, जो जनसुरक्षा एवं लोक व्यवस्था बनाए रखने हेतु बनाए गए हैं। धारा 152 की उपधारा (ङ) के अनुसार “जहां ऐसे किसी मार्ग या लोक स्थान के पार्श्वस्थ किसी तालाब, कुएं या उत्खात को इस प्रकार बाड़ लगा दी जानी चाहिए कि जनता को होने वाले खतरे का निवारण हो सके“ ऐसी परिस्थिति में उपखण्ड मजिस्ट्रेट ऐसे तालाब या उत्खनन पर कब्जा रखने वाले व्यक्ति से बाड़ लगाने की अपेक्षा करते हुए सशर्त आदेश समय-सीमा तय करते हुए दे सकता है। यदि संबंधित व्यक्ति आदेश का पालन नहीं करता या उचित कारण नहीं दर्शाता, आदेश के अंतिमीकरण अवज्ञा के परिणाम तथा पुनरावृत्ति के प्रतिषेध संबंधी प्रावधान है। धारा 160 के अंतर्गत यदि कोई लोक न्यूसेंस (सार्वजनिक असुविधा/खतरा) हटाने की कार्यवाही नहीं करता है, तो मजिस्ट्रेट स्वयं उस कार्य को करवा सकता है, और उसमें लगे संपूर्ण खर्च की वसूली संबंधित व्यक्ति से की जा सकती है।

Related Post

Leave A Comment

Don’t worry ! Your email address will not be published. Required fields are marked (*).

Chhattisgarh Aaj

Chhattisgarh Aaj News

Today News

Today News Hindi

Latest News India

Today Breaking News Headlines News
the news in hindi
Latest News, Breaking News Today
breaking news in india today live, latest news today, india news, breaking news in india today in english