सिकलसेल और थैलीसीमिया जैसी बीमारियों के लिए ब्लड बैंक बना वरदान,निःशुल्क मिल रही सुविधा
बलौदाबाजार /जिला अस्पताल बलौदाबाजार में सिकल सेल और थैलीसीमिया जैसी आनुवांशिक बीमारियों के मरीजों के लिए ब्लड बैंक वरदान साबित हो रहा है। यहाँ आने वाले मरीजों को निःशुल्क ब्लड चढ़ाया जा रहा है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार अवस्थी ने बताया कि जिला अस्पताल में सिकल सेल और थैलीसीमिया जैसे आनुवांशिक रोगों के मरीजों को समय-समय पर ब्लड की जरूरत होती है। यह ब्लड ,जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से मरीज को प्राप्त होता है। अस्पताल में मरीजों को फ़िल्टर भी निःशुल्क प्रदान किया जाता है जिसका बाज़ार मूल्य पंद्रह सौ के करीब होता है। ऐसे दो फ़िल्टर प्रतिमाह मरीजों को दिए जाते हैं। वर्तमान में 14 मरीज पंजीकृत हैं जिन्हें फ़िल्टर दिया जाता है।
इसी कड़ी में ग्राम लच्छनपुर के कृषक घनश्याम साहू ने बताया कि, मेरी दो बेटी 11 वर्षीय तामेश्वरी और 8 वर्षीय दीक्षा को सिकल सेल है उन्हें थकान, कमज़ोरी जैसे लक्षण रहते हैं। शरीर में ब्लड की कमी के कारण समय-समय पर बच्चियों को ब्लड चढ़ाने की जरूरत होती है जिसके लिए जिला अस्पताल से निःशुल्क ब्लड मिलता है। बच्चियों को डॉक्टर की देख-रेख में ब्लड चढ़ाया जाता है। ऐसे ही थैलेसीमिया से पीड़ित निवासी बलौदाबाजार के 3 वर्षीय बच्चे अंश के पिता ने बताया कि, उनके बच्चे को जिला अस्पताल से ब्लड मिलता है और वहीं चढ़ाया जाता है।
सिविल सर्जन डॉ.अशोक कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि सिकल सेल में लाल रक्त कोशिकाओं का आकार अनियमित हो जाता है जिससे उनके द्वारा ऑक्सीजन का परिवहन ठीक से नहीं हो पाता। इससे पीड़ित व्यक्ति को थकान, कमज़ोरी,एनीमिया,हड्डियों में दर्द, हाथ पैरों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। जबकि थैलेसीमिया अंतर्गत शरीर में लाल रक्त कण (आर.बी.सी.) नहीं बन पाते है और जो थोड़े बन पाते है वह केवल अल्प काल तक ही रहते हैं। ऐसे में व्यक्ति के शरीर में खून की कमी बनी रहती है जिस कारण समय-समय पर व्यक्ति को रक्त चढ़ाया जाता है। उक्त दोनों ही रोग आनुवांशिक हैं जो माता-पिता से संतान को होते हैं।
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