प्राईस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत खरीफ एवं रबी फसलों का समर्थन मूल्य पर किया जायेगा उपार्जन
राजनांदगांव । प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान योजना के तहत प्राईस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) अंतर्गत खरीफ में अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली एवं सोयाबीन फसल तथा रबी में चना, मसूर, एवं सरसों फसल का उपार्जन न्यूनतम समर्थन मूल्य में किया जायेगा, जिसके लिए जिले में प्राथमिक कृषि सहकारी समिति के 15 उपार्जन केन्द्र को अधिसूचित किया गया है। इससे जिले के कृषकों को खरीफ के साथ-साथ रबी मौसम में बोए जाने वाले फसलों का सीधा मुनाफा उनके बैंक खाते में प्राप्त होगा, जिससे न केवल रबी फसलों का क्षेत्र विस्तार होगा, बल्कि ऐसे क्षेत्र जहां केवल खरीफ में धान लेकर रबी के लिए पड़ती छोड़ दिया जाता था, उन क्षेत्रों के किसानों को भी इस योजना से सीधा लाभ होगा। शासन द्वारा भी किसानों को रबी में दलहन-तिलहन फसल हेतु प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग के माध्यम से विभिन्न केन्द्र एवं राज्य पोषित योजनाएं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, नेशनल मिशन ऑन-ऑयलसीड, द्वि-फसलीय क्षेत्र विस्तार व आत्मा योजना के माध्यम से इन फसलों के उत्पादन पर प्रोत्साहन एवं अनुदान सहायता राशि प्रदान किया जाता है। प्राईस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) अंतर्गत राजनांदगांव विकासखंड के सेवा सहकारी समिति घुमका, पदुमतरा एवं सोमनी, छुरिया विकासखंड के सेवा सहकारी समिति छुरिया, कुमरदा, गैंदाटोला एवं गहिराभेड़ी, डोंगरगांव विकासखंड के सेवा सहकारी समिति डोंगरगांव, तुमढ़ीबोड, कोकपुर एवं खुर्सीपार, डोंगरगढ़ विकासखंड के सेवा सहकारी समिति अछोली, मुसरा, मोहारा तथा लाल बहादुर नगर को अधिसूचित किया गया है।
राज्य में अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, सरसों, चना एवं मसूर फसलों के उपार्जन हेतु नाफेड को प्रापण संस्था (प्रोक्योरमेंट एजेंसी) रहेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड) को योजना के क्रियान्वयन हेतु नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है, जो राज्य स्तरीय एजेंसी ग्रुप में कार्य करते हुए प्राथमिक कृषि सहकारी समिति के माध्यम से फसलों का उपार्जन करेगी। फसलों के उपार्जन के लिए शासन द्वारा फसलवार अधिकतम उपार्जन मात्रा प्रति एकड़ क्विंटल की दर से निर्धारित किया गया है। जिसमें अरहर, मूंग एवं उड़द के लिए 3 क्विंटल प्रति एकड़, मूंगफली के लिए 7 क्विंटल एवं सोयाबीन के लिए 5 क्विंटल प्रति एकड़ है। इसी प्रकार चना के लिए 6 क्विंटल, मसूर के लिए 2 क्विंटल एवं सरसों 5 क्विंटल प्रति एकड़ अधिकतम सीमा निर्धारित किया गया है। पंजीयन हेतु किसानों को कृषि विभाग द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल पर इन सभी फसलों का पंजीयन कराया जायेगा, जो डेटा नाफेड द्वारा उनके ई-पोर्टल पर प्रदर्शित होगा। इन डेटा के आधार पर ही कृषकों से फसल उपार्जन एवं कृषकों को भुगतान आदि की कार्रवाई की जायेगी। कृषकों की बोई गई फसल का रकबा विवरण व सत्यापन राजस्व विभाग के अमले द्वारा किया जायेगा। किसानों को उपार्जित मात्रा पर त्वरित भुगतान किये जाने हेतु उपज खरीदी के रशीद प्राप्ति के 3 दिवस के भीतर किसानों को डीबीटी, पीएफएमएस के माध्यम से सम्पूर्ण राशि संबंधित बैंकों के माध्यम से किया जायेगा।




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