उम्र के साथ हमारा सिस्टम भी स्लो हो जाता हैः डॉ. आनंद जोशी
महाराष्ट्र मंडल और वरिष्ठ नागरिक मंच ‘सहयोग’ ने आयोजित किया ‘स्वास्थ्य चिंतन शिविर’
रायपुर। वृद्धावस्था में हड्डियों में दर्द की परेशानी होनी आम बात है, ऐसा नहीं कि यह सिर्फ हमारी लापरवाही के कारण होता है। समय के साथ यह होना स्वाभाविक प्रक्रिया है। क्योंकि एक उम्र के बाद हमारा सिस्टम स्लो हो जाता है। इंग्लैड की रिटायरमेंट व्यवस्था के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वहां रिटायरमेंट के बाद शासन की ओर से तीन चीजें मिलती है। पहला पेंशन, दूसरा बस का फ्री ट्रैवल पास और वो बड़े से बंगलो में शिफ्ट हो जाते है। ऐसा इसलिए कि जीवन चलाने के लिए पेंशन चाहिए। वहां की सरकार का मानना है कि कि रिटायरमेंट के बाद आपको वाहन नहीं चलाना चाहिए सुरक्षित रहने के लिए आप बस में सफर करें। और बंगला इसलिए क्योंकि बंगले में स्टेय़र यानी सीढ़ी नहीं होती। सबकुछ बुजुर्गों के अनुसार होता है। बड़ा कमरा, बड़ा हाल, बड़ा गार्डन। वहां के बच्चों को स्कूल छोड़ने माता-पिता जाते है और उन्हें लेने के लिए दादा-दादी या नाना-नानी आते है। ताकि वो अपना अनुभव बच्चों के साथ बांट सके। उक्ताशय के विचार वीवाय हॉस्पिटल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद जोशी ने व्यक्त किए। वे महाराष्ट्र मंडल और वरिष्ठ नागरिक मंच ‘सहयोग’ के संयुक्त तत्वावधान में मंडल में आयोजित ‘स्वास्थ्य चिंतन शिविर’ को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. आनंद जोशी ने आगे कहा कि रिटायरमेंट बाद अगर आप घर पर अकेले रहते है तो घर में थोड़े बदलाव जरूर कीजिए। जैसे हाल में अनावश्यक चीजों को हटा दें। क्योंकि उम्र के साथ हमारे घुटनों में दर्द होता है, इसलिए हेंडल वाली कुर्सियों का इस्तेमाल करें, ताकि उठने में परेशानी न हो। बाथरूम में पर्याप्त लाइट होनी चाहिए। क्योंकि उम्र के साथ आंखों भी कमजोर हो जाती है। बाथरूम में अधिक पानी का इस्तेमाल मत कीजिए। नहाने के लिए सीटिंग शावर का इस्तेमाल करें।
डॉ. आनंद जोशी ने आगे कहा कि उम्र के इस पड़ाव में नींद न आने बड़ी समस्या होती है। पश्चिम के देशों में सुबह के बजाए शाम को नहाने का प्रचलन है। वे लोग शाम को गुनगुने पानी में नहाते है। ताकि नींच अच्छी आए। अपने कमरे में टीवी बिल्कुल न रखें। अगर फिर भी नहीं नहीं आती है कि पुस्तक पढ़े। थोड़ी देर में नींद आ जाएगी। सुबह उठने के बाद तत्काल फुर्ती के साथ बाथरूम न जाए। बेड पर ही 10 तक गिनती गिने या वैदिक मंत्रों का पाठ करें फिर धीरे से उठकर लाइट जलाकर ही बाथरूम जाए। उम्र के इस पड़ाव में बाथरूम में गिरने के मामले ज्यादा आते है। कमोड के पास हैंडल लगवाए ताकि उठन में परेशानी न हो। अपने दैनिक दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव कर हम अपने दिनचर्या को बेहतर बना सकते हैं।



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