छत्तीसगढ़ को टेक्नोलॉजी हब बनाने की दिशा में तेजी से काम - तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब
दुर्ग / कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री श्री खुशवंत साहेब आज श्री शंकराचार्य तकनीकी परिसर, भिलाई में आयोजित संविद 2025 एवं हैकाथॉन नवाचार एवं प्रौद्योगिकी उत्सव में शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं शंकराचार्य विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की है और यहां के अनुभवों ने उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने छात्रों को मेहनत और योजनाबद्ध कार्य करने की सलाह देते हुए कहा कि इंजीनियरिंग छात्र मल्टी-टैलेंटेड होते हैं जो हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि भिलाई में नवाचार के अनगिनत अवसर है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य समूह ने नवाचार के लिए एक सशक्त मंच प्रदान किया है। छत्तीसगढ़ में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय युवाओं की सोच को ध्यान में रखकर तकनीक आधारित अनेक विकास कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर मंत्री ने बताया कि नया रायपुर में 13.5 एकड़ में एआई सेंटर विकसित किया जा रहा है, जिससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और छत्तीसगढ़ को तकनीक के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से तकनीक के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और संस्कारों को भी शिक्षा प्रणाली से जोड़ा गया है।उन्होंने कहा कि विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है।
समारोह में श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी भिलाई के कुलाधिपति आई. पी. मिश्रा ने प्रेरणादायी संबोधन देते हुए कहा कि यह अत्यंत गर्व का विषय है कि संस्थान के दो विद्यार्थी आज उच्च पदों पर प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त कर चुके हैं. छत्तीसगढ़ राज्य के कैबिनेट एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री गुरु खुशवंत साहेब जी तथा राजस्व निरीक्षक श्री रामजी वर्मा। उन्होंने संदेश दिया कि विद्यार्थियों को नौकरी खोजने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनने का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने परिश्रम को ही सफलता की कुंजी बताया।
इस अवसर पर विधायक ग्रामीण श्री ललित चंद्राकर, शंकराचार्य विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर श्री ए.के. झा, डायरेक्टर श्री पी.वी. देशमुख, चेयरमैन श्री आई.पी. मिश्रा, आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर श्री राजीव प्रकाश, जया मिश्रा तथा विद्यार्थी, शोधार्थी, प्राध्यापक, विशिष्ट नागरिक उपस्थित थे।











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