नीर चेतना अभियान: तांदुला नदी को सहेजने 31 दिसंबर को होगा वृहद स्तर पर श्रमदान
बालोद,। नीर चेतना अभियान के तहत जिला मुख्यालय बालोद सहित जिले की जीवनदायिनी ’’तांदुला नदी’’ को उसके पुराने वैभव और स्वच्छता के साथ पुनरूद्धार करने के लिए जिला प्रशासन ने एक बड़ी मुहिम शुरू की है। वर्तमान में जलकुंभियों और गंदगी से प्रभावित हो चुकी इस पवित्र नदी को साफ करने और इसके मूल स्वरूप को निखारने के लिए 31 दिसंबर 2025 को प्रातः 08 बजे से एक वृहद श्रमदान अभियान का शुभारंभ किया जा रहा है।
बालोद जिले में जल के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए निरंतर ’’जल संचय जन भागीदारी’’ के लिए नीर चेतना अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में तांदुला नदी के अस्तित्व को बचाने और उसे सुसज्जित करने, नदी को प्रदूषण मुक्त कर पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने हेतु सामूहिक प्रयास किए जा रहे हैं। इस महा-अभियान में जिला प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ क्षेत्र के सम्मानीय जनप्रतिनिधिगण, बालोद के जागरूक नागरिकगण एवं समीपस्थ ग्रामवासी, समाजसेवी संस्थाएं, खेल संगठन, पेंशनर संगठन, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं, महिला कमाण्डो, राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र, रेडक्रास, एनसीसी, स्काउट गाइड, व्यापारी संगठन, मिलर्स संघ, परिवहन संघ एवं माय भारत के अनेक वालिंटियर्स और युवा शक्ति अपना योगदान देंगे।
जिला प्रशासन बालोद ने नागरिकों से विनम्र अपील करता है कि साल के अंतिम दिन, नए संकल्प के साथ तांदुला नदी को स्वच्छ बनाने के लिए इस श्रमदान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। आपकी एक छोटी सी कोशिश हमारी अपनी जीवनदायिनी तांदुला नदी को फिर से पुनर्जीवित कर देगी। जल है तो कल है, और तांदुला है तो बालोद है का संकल्प के साथ आइए, नीर चेतना अभियान अंतर्गत हाथ से हाथ मिलाएं और अपनी नदी को गंदगी मुक्त बनाकर एक मिसाल पेश करें। आइए इस नववर्ष के लिए संकल्प लें कि जल संरक्षण एवं जल को स्वच्छ रखने के साथ साथ जल का उचित उपयोग करेंगे, हम सभी मिलकर पानी बचाएंगे, व्यर्थ बहते जल को रोकेंगे, गंदे जल का सोख्ता गढ्ढा के माध्यम से उचित निपटान करेंगे, निस्तार के तालाब, जल स्त्रोतों, जलीय जीवों इत्यादि को गंदगी से बचाएंगे।
‘‘जल है तो कल है- तांदुला है तो बालोद है‘‘

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