किसानों के ऋण में फर्जीवाड़ा, लिपिक बर्खास्त
राजनांदगांव। सहकारी संस्थाएं विभाग ने छुरिया ब्लाक के बम्हनी चारभांठा सोसाइटी के लिपिक शंकर दास साहू को 6.05 लाख रुपये के फर्जी ऋण के मामले में बर्खास्त किया है। आरोप है कि लिपिक ने पांच किसानों के नाम पर फर्जी तरीके से ऋण निकाला है। शिकायत पर कराई गई जांच में यह सही पाए जाने पर बर्खास्तगी के रूप में बड़ी कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि इस तरह का फर्जीवाड़ा कई समितियों में सैकड़ों किसानों के साथ किया गया है। जांच में बड़े खुलासे हो सकते हैं।
चुनावी वर्ष में कर्ज माफी की आस में किसानों ने तो खरीफ फसलों के लिए ऋण लिया ही, उनकी आड़ में सहकारी समितियों के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी बड़ा खेल किया है। इसका खुलासा बुधवार को बम्हनी चारभाठां से हुआ। वहां के किसान बिसलराम कतलाम ने कृषि कार्य के लिए 25 हजार रुपये का ऋण निकाला। चेक में 23 के सामने दो लाख रुपये जोड़कर आरोपित लिपिक ने उसे 2.25 लाख कर दिया। बैंक से राशि निकालने के बाद किसान को 25 हजार देकर भेज दिया और स्वयं दो लाख रुपये रख लिया। किसान को यह खेल तब पता चला जब वे और ऋण लेने समिति पहुंचा।
बताया गया कि ऋण के नाम पर फर्जीवाड़े की शिकायत पर जब सहकारिता विभाग ने जांच शुरू की तो उसके परतें खुलने लगी। एक शिकायत पर की जा रही जांच के दौरान पांच और किसानों के साथ फर्जीवाड़ा सामने आया। किसानों के साथ बैंक को अंधेरे में रखकर उक्त लिपिक चेक में अतिरिक्त राशि भर देता था। शेष राशि खुद रख लेता था। आगे की जांच में इस तरह के मामले और सामने आने सी बात कही जा रही है। जांच अधिकारी देवेंद्रकुमार मिश्रा ने बताया कि जांच के दौरान एक लाख रुपये के गबन की भी जानकारी सामने आई। यह राशि माइक्रो एटीएम की थी जो लिपिक शंकर दास साहू के पास थी। उसे उसने स्वय रख ली। उनके अनुसार उक्त सभी मामलों में आरोपी शंकर दास साहू से कुल छह लाख पांच हजार रुपये की वसूली कर ली गई है। प्रतिवेदन में पुलिस में आपराधिक मामला दर्ज कराने की भी अनुशंसा की गई है।





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