संविलियन देने वाली सरकार का शालेय शिक्षक संघ ने किया अभिनंदन


-मुख्यमंत्री को बताई कर्मचारियों की आस, शिक्षक समस्या के अंत का जताया विश्वास
-मुख्यमंत्री से किया अनुरोध, पदोन्नति और संशोधन पीडि़त शिक्षकों का खत्म हो अवरोध
-आत्मानंद स्कूलों की हो समीक्षा,विद्यार्थियों से न हो भेदभाव, खत्म हो आबंटन वाली व्यवस्था
रायपुर। प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व में प्रदेश के शिक्षक संवर्ग का एक बड़ा संगठन शालेय शिक्षक संघ, अपने प्रांतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ राजधानी में नवपदस्थ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय,पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह,पूर्व गृह एवं पंचायत मंत्री राम विचार नेताम, पूर्व गृहमंत्री बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व शिक्षामंत्री विक्रम उसेंडी तथा बेमेतरा विधायक दीपेश साहू से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने उनकी प्रचंड जीत पर बधाई देते हुए प्रदेश के समस्त शिक्षकों की ओर से अभिनंदन किया तथा शिक्षकों व कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओ से अवगत कराया और नई सरकार से इन समस्याओं के शीघ्र निराकरण करने का आग्रह किया।
शालेय शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल में प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी, प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंन्द्र शर्मा, मुंगेली जिलाध्यक्ष दीपक वेंताल,प्रदीप पाण्डेय, विक्रम राजपूत, द्वारिका भारद्वाज, कृष्णराज पाण्डेय, अब्दुल आसिफ खान, शशि अग्रवार, भगवती प्रसाद कोसरिया,चंद्रशेखर राजपूत एवं नेमीचंद भास्कर आदि सम्मलित थे।
छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ ने कहा कि शिक्षकों को अब नई सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं कि वह भेदभाव और भ्रष्ट्राचार से ग्रस्त शिक्षा विभाग को पुन: पटरी पर लाने का कार्य करेगी व शिक्षकों की समस्याओं का भी उचित समाधान किया जायेगा।
छग शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कर्मचारियों व शिक्षकों की निम्नांकित समस्याएं व उनका निदान की ओर नई सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया -
-संशोधन निरस्त कर प्रताडऩा- संशोधन समस्त विभाग की होने वाली नियमित प्रक्रिया के बावजूद प्रदेश के लगभग 4000 शिक्षकों व उनके परिवार जनों को संशोधन निरस्तीकरण के नाम पर प्रताडि़त किया गया। अत: समस्त प्रभावित शिक्षकों को उनके संशोधित शाला में कार्यभार ग्रहण कराकर उनका लंबित वेतन तत्काल जारी किया जाए।
- केंद्र के बराबर डीए देने की बाध्यता के बावजूद पिछली सरकार द्वारा समस्त कर्मचारियों को उनके मौलिक अधिकार से वंचित रखा गया। अत: केंद्र के बराबर,देय् तिथि से ही डीए/एचआरए प्रदान किया जाए तथा एरियर्स राशि प्रदान की जाए।
- प्राचार्य /व्याख्याता/मिडिल प्रधान पाठक/शिक्षक/प्राथमिक प्रधान पाठक के हजारों पद अभी भी रिक्त पड़े हंै जिन पर पदोन्नति नहीं हो पाई। अत: गैर जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर उचित कार्यवाही कर पारदर्शी अविलम्ब पदोन्नति प्रदान किया जाए।
-स्कूल खुलने का समय सुबह 9:45 अव्यवहारिक है। इसी तरह शिक्षकों से कई गैर शैक्षणिक कार्य कराए जाने पर रोक लगाई जाए। .
- आत्मानंद स्कूलों में प्रतिनियुक्ति के नाम पर होने वाले भ्रष्ट्राचार की जांच और समीक्षा की जाए।
-सेवा अवधि की गणना करते हुए पुरानी पेंशन, क्रमोन्नति व वेतन निर्धारण किया जाए जिससे सभी वर्गो की वेतन विसंगतियां दूर हो।
छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी तथा प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि पिछली सरकार द्वारा उपरोक्त समस्याओं का उचित समाधान न करना ही शिक्षकों व कर्मचारियों के आक्रोश का प्रमुख कारण रहा है। अब नई सरकार से बड़ी उम्मीदें प्रदेश के शिक्षकों व कर्मचारियों को है।
प्रदेश में नए मुखिया के रूप मे विष्णु देव साय का अभिनंदन संगठन की ओर से करते हुए उन्हे शुभकामनाएं दी गर्इं कि उनके नेतृत्व मे छत्तीसगढ़ सफलता और प्रगति के नए सोपान गढ़ेगा।
शालेय शिक्षक संघ के प्रांतीय पदाधिकारी सुनील सिंह,विष्णु शर्मा,डॉ सांत्वना ठाकुर,सत्येंद्र सिंह,विवेक शर्मा,गजराज सिंह,राजेश शर्मा,शैलेन्द्र सिंह,प्रह्लाद जैन,सन्तोष मिश्रा,सन्तोष शुक्ला,शिवेंद्र चंद्रवंशी,दीपक वेंताल,यादवेंद्र दुबे,सर्वजीत पाठक,मंटू खैरवार,पवन दुबे,भोजराम पटेल,विनय सिंह,आशुतोष सिंह,भानु डहरिया,रवि मिश्रा,जितेंद्र गजेंद्र,अजय वर्मा,कृष्णराज पांडेय,घनश्याम पटेल,बुध्दहेश्वर शर्मा,प्रदीप पांडेय,जोगेंद्र यादव,देवव्रत शर्मा,अब्दुल आसिफ खान, कैलाश रामटेके,अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत,सुशील शर्मा, विजय बेलचंदन, अशोक देशमुख,तिलक सेन आदि पदाधिकारियों ने सरकार से उपरोक्त मांगों पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है।





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