राष्ट्रीय रामायण महोत्सव: कर्नाटक के कलाकारों ने यक्षगान नृत्य की दी मनमोहक प्रस्तुति
रायगढ़। रायगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के पहले दिन कर्नाटक से आए कलाकारों ने यक्षगान नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। कन्नड़ में यक्षगान नृत्य की सुंदर परंपरा सदियों से चली आ रही है।
विजयनगर साम्राज्य के दौर में राम कथा का मंचन अपने शीर्ष में पहुंचा। रामकथा की प्रस्तुति में शास्त्रीय परंपरा के साथ ही स्थानीय स्तर पर चल रही कला परंपरा को शामिल किया गया। कन्नड़ प्रस्तुति में संस्कृत का गहरा प्रभाव नजर आया। साथ ही दक्षिण भारत का संगीत अपने विशिष्ट रूप में लोगों के दिलों में उतर गया। जितना सुंदर मंच पर कलाकार प्रदर्शन कर रहे थे,, उतनी ही सुंदर प्रस्तुति वाद्ययंत्रों पर बैठे कलाकारों ने भी की। लगा जैसे इससे एक विशिष्ट कला की सृष्टि हो रही है।
यक्षगान एक पारंपरिक लोक नृत्य है जो कर्नाटक के तटीय जिलों में लोकप्रिय है । यह भारत की पौराणिक और ऐतिहासिक कहानियों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक विशिष्ट नृत्य रूप है। यक्षगान नृत्य के प्रदर्शन में बहुत प्रयास और विवरण लगता है। यह कलाकारों के विस्तृत चेहरे के श्रृंगार पर बहुत जोर देता है।
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