पहली बार भारत आईं राम बनने वाली श्रीयानी
रायगढ़। बाली की कलाकार श्रीयानी पहली बार भारत आईं हैं। श्रीयानी ने आगे कहा, वह पहली बार भारत आई हैं। यहां आकर बहुत अच्छा लगा। यह श्रीराम का देश है। मुझे बताया गया कि रामकथा में वर्णित अरण्यकांड का स्थल दंडकारण्य यहीं है। यह छत्तीसगढ़ ही है जहां मैं आई हूं। ये सोचकर ही मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। हम सब छत्तीसगढ़ में आकर अभिभूत हूं।
श्रीयानी और पद्मा ने अपने देश की संस्कृति के बारे में बताया। श्रीयानी कई सालों से राम का किरदार मंचों पर अदा कर रही हैं। वाल्मीकि की रामायण कथा बाली द्वीप में आज ही उसी तरह से सुनी सुनाई जाती है। पद्मा ने बताया कि हमारे यहां बिल्कुल वैसे ही पूजा होती है। जैसे भारत में होती है। श्रीयानी ने बताया कि लक्ष्मी जो विष्णु जी की पत्नी हैं। उनकी विशेष पूजा बाली द्वीप में होती है। और इसी वजह से बहुत सारी लड़कियों के नाम श्री से हैं जैसे श्रीयानी या पद्मा।
श्रीयानी ने बताया, उनके दल द्वारा मंचित की गई राम कथा केवल इंडोनेशिया में ही नहीं सुनाई जाती, इसका मंचन आसपास के देशों जैसे सिंगापुर आदि में भी होता है। यही नहीं वह यूरोपियन यूनियन और अमेरिका में भी अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं। उन्होंने बताया कि बाली में रामकथा से जुड़ी हुई सामग्री बनाने का कुटीर उद्योग है। यहां न केवल कलाकारों के लिए मुकुट तैयार होते हैं, बल्कि यहां पर उनके लिए सुंदर वस्त्र भी तैयार होते हैं।
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