शेषन ने छोड़ी दुनिया, 6 घंटे में हुआ था 6 बार तबादला फिर भी डिगे नहीं
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त का निधन
नई दिल्ली। तिरुनेलै नारायण अइयर शेषन (टी.एन. शेषन) ने 84 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। वे भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त थे। शेषन 12 दिसंबर 1990 से 11 दिसंबर 1996 तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर रहे। उनको भारत का सबसे प्रभावशाली मुख्य चुनाव आयुक्त माना जाता था। शेषन को चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए याद किया जाता है। इसके लिए टी.एन. शेषन का तत्कालीन सरकार और नेताओं को साथ कई बार टकराव भी हुआ, लेकिन शेषन कभी डिगे नहीं।
हैली के. अस्मेरोम और एलिसा पी. रीस द्वारा संपादित किताब डेमोक्रेटाइजेशन एंड ब्यूरोक्रेटिक न्यूट्रेलिटी में टी.एन. शेषन के संघर्ष की कहानी का जिक्र है। इस किताब में पेज नंबर 275 पर लिखा है कि 1962 में टी.एन. शेषन का एक ही दिन में सुबह 10.30 बजे से 5 बजे शाम तक 6 बार ट्रांसफर किया गया था। टी.एन. शेषन ने एक ग्रामीण अफसर को 3000 रुपए का घपला करने के लिए रोका था, इसलिए उनका ट्रांसफर हुआ था। इतना नही नहीं, रेवेन्यू मंत्री की बात न मानने पर टी.एन. शेषन को तमिलनाडु में मंत्री ने अपनी गाड़ी से ऐसी जगह उतार दिया था, जहां सुनसान इलाका था। टी.एन. शेषन इतने संघर्षशील और ईमानदार थे कि नेता और कई अधिकारी उनसे डरते थे। अपनी इसी व्यवहार के चलते उन्होंने बतौर मुख्य चुनाव आयुक्त बेहद पारदर्शिता और निष्पक्षता से चुनाव कराने के कानून का पालन किया। केरल के पलक्कड़ जिले के तिरुनेलै में जन्मे टी. एन. शेषन तमिलनाडु कैडर से 1955 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी थे।
1996 में रमन मैग्सेसे अवॉर्ड
टी. एन. शेषन ने भारत के 18वें कैबिनेट सचिव के रूप में 27 मार्च 1989 से 23 दिसंबर 1989 तक सेवा दी। सरकारी सेवाओं के लिए उनको साल 1996 में रमन मैग्सेसे अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। साल 1997 में टी.एन. शेषन ने राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उनको जीत नहीं मिली थी। टी. एन. शेषन को के.आर. नारायण के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। रिटायर होने के बाद टी.एन. शेषन देशभक्त ट्रस्ट की स्थापना की और समाज सुधार में सक्रिय भूमिका निभाते रहे।
कुछ समय के लिए लेक्चरर भी रहे
शेषन ने मद्रास के क्रिश्चियन कॉलेज से ग्रेजुएट की पढ़ाई की थी, वहीं पर कुछ समय के लिए लेक्चरर भी रहे। टी.एन. शेषन ने ऊर्जा मंत्रालय के डायरेक्टर, अंतरिक्ष विभाग के संयुक्त सचिव, कृषि विभाग के सचिव, ओएनजीसी के सदस्य समेत अन्य पदों पर अपनी सेवाएं दी। भारतीय नौकरशाही के लगभग सभी महत्वपूर्ण पदों पर काम करने के बावजूद वो चेन्नई में यातायात आयुक्त के रूप में बिताए गए दो वर्षों को अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ समय मानते थे। -साभार
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